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Erotic Quotes
Kiss Day quotes जब भी तुम छूते हो अपनी उंगलियों से सहलाते हो जब मेरे जिस्म को अपने होंठ से सहलाते हो तुम्हारे एहसास से ही गीलापन हो जाता है ©Erotic Quotes #erotica #kamuk
Atul Gupta
चाहने वालो तुमको क्या खूब चाहा है लेकिन हम सा कोई मिल जाए तो जरूर बताना ©Atul Gupta #andhere #Poem #Love #love4life #love❤ #gajal #vichar #Sports #Thriller #kamuk
Chumki Chakraborti
हॉट लड़की कुसुम की हाय दोस्तों मेरा नाम अनिल हे और में एक कम्पनी में जॉब करता हूँ मेरी अच्छी तन्खवाह हे लेकिन मेंरा घर अब भी सुना सुना हे कोई आ जाए इस जिंदगी में शोर मचाने वाली अगर आप किसी को जानते हे तो आप मुझे जरुर बताना में शादी करना चाहता हूँ. पहली बात तो ये हे की दोस्तों में अपने जज्बात और अपने लंड पर काबू नहीं रख रख सकता. मेरा लंड दिन में दो से तिन बार मचल मचल उठता हे और रात में तो पूरी रात ये अटेंनसन रहता हे. रात में दो से तिन बार में मुठ मारकर इसको शांत करता हु तभी तो ये थोडा शांत होकर मुझे सोने देता हे वरना सोने ही नहीं देता ये मेरी नींद ही उड़ा देता हे. दोस्तों में आप सभी के सामने अपनी सेक्स लाइफ खुली कर रहा हूँ में अपनी सेक्सी सेक्सी तमाम रातो की कहानिया आप सभी के सामने रख रहा हूँ मेरी तमाम कहानिया सच्ची और मजेदार हे मुझे आशा हे की आप सभी को मेरी सब कहानिया पसंद आएगी आज की मेरी कहानी कुछ एसी हे. एक दिन में अपनी जॉब पर जा रहा था. की रास्ते में मुझे एक लड़की मिली जो दिखने में बहुत ही खुबसूरत थी और उसके बूब्स बड़े बड़े थे और उसकी गांड भी बहुत बड़ी थी में तो उसकी गांड देखते ही लालच में पड़ गया. में सोच में पड़ गया की में इससे दोस्ती केसे बढ़ाऊ ना जान पहेचान. दोस्तों में तो अभी सोच ही रहा था की वो खुद ही बस का वक्त पूछती हुई मेरे पास आई. वो जहा में जा रहा था वही का पता पूछ रही थी मेने उसे मुझे फॉलो करने को कहा जब बस आई हम दोनों साथ साथ ही उसमे छाडे और साथ साथ ही स्टेशन पर उतरे. हम दोनों ने बातो बातो में एक दुसरे का नाम पूछ लिया था दोस्तों उस गोरी सेक्सी लेडी का नाम कुसुम था. और वो यहाँ इस सहर में एकदम नयी थी. हम ने बातो बातो में एक दुसरे के फोन नंबर भी ले लिए. फिर हम दोनों अलग हुए लेकिन सही बात तो ये हे की हम वह से अलग नहीं एक हुए थे. घर आने के बाद हम लोगो का फोन पर बाते करना सुरु हो गया हम दोनों घंटो तक बाते करते रहते थे. बातो बातो में हम दोनों सेक्स पर आ गए और अब सिर्फ और सिर्फ सेक्स की ही बाते करने लगे थे और बातो बातो में मेरी पेंट गीली हो जाती थी और उसकी चड्डी भी गीली हो जाती थी वो फोन पर बता रही थी जब हम दोनों बात करते हे तो उसकी चूत में कुछ होने लगता हे और फिर एक दम से चूत उसकी फुल्ली फूली हो जाती हे फिर वो मेरे साथ बाते करते करते ही अपनी चूत में उंगलिया करती रहती और अपनी चूत को उंगलियों से छोडती और छोड़ कर शांत करती थी. एक दिन रात को उसका फोन आया की आज तो रहा नहीं जा रहा प्लीज् आकर मेरी चूत को शांत कर दो वो साली भूली भूली बेठी हे. फडफडा रही हे शांत होने का नाम ही नहीं ले रही बहुत उंगलिया कर कर के में थक गई थक गई में उसे छोड़ छोड़ के उसे तो तुम्हारा लंड ही चाहिए तो प्लीज् आप जल्दी से देर किया बिना फ़ौरन आ जाओ में तैयार बेठी हूँ. में तो चाहता ही था में तो निकल गया उसके घर जाने के लिए और ठीक १० हि मिनट में में उसके घर पहोंच गया मेने उसके दरवाजे की डोर बेल बजाई तो उसने १ मीनट में ही दरवाजा खोल दिया मेने देखा की वो पूरी नंगी हे उसने नंगे ही मेरे लिए दरवाजा खोला था में भी अन्दर जाते ही झट से दरवाजा बंद करके उसके ऊपर टूट पड़ा उसको सर से लेकर पौ तक चूमा चाटा और फिर मेने अपने कपडे निकाले और उसके हाथ में लम्बा लंड थमा दिया. वो मेरे लंड से खेलती रही और में उसके बूब्स को काटता रहा एसा हमने ३०-४० मिनट तक किया और फिर में उठा और उसकी बालो से भरी चूत के अन्दर अपना लंड घुसाने लगा ठीक ५ मिनट के बाद मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर घुसा अन्दर घुसते ही क्या मजे देने लगा इसे मजा मुठ मारने में कहा. में तो लंड को अंदर रखते हुए २० मिनट तक इसे ही उसके ऊपर लेता रहा और फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत को चोदने लगा. लंड को उसकी चूत के अन्दर बहार कर करके चोदने लगा क्या मजा आ रहा था उसकी चूत में से पहले से ही सफ़ेद पानी निकल रहा था जो जब में लंड को अन्दर बहार कर रहा था तब वो पच …………………….पच……….पच………….पच……………….पच………….पच…………..पच…..पच…….जो माहोल को और भी सेक्सी बना रही थी. उसकी चूत में लंड को अन्दर बहार करते करते ही में उसकी चूत में ही झड गया. ©vivek Prajapati #snow #kamuk
Chumki Chakraborti
मेरी ऑफिस मेट आपके मेल्स मुझे मिले और उनसे मुझको और लिखने का प्रोत्साहन मिला. बस एक ही दुःख है कि ज्यादातर फीमेल्स ने मुझको जो मेल्स भेजी वो इस तरह थी – मैं आपके शहर आ रही हूँ, अपन सेक्स करेंगे फ़िर मैं वापस अपने शहर चली जाउंगी. हम आपस में कोई लगाव नही रखेंगे. सिर्फ़ सेक्स ही अपना सम्बन्ध होगा. इन मेल्स को पढ़ कर दुःख हुआ. लेंकिन मुझे इस बीच मुझे दो अच्छी सहेलियां मिल गई जो दोनों भी आपस में अच्छी सहेलियां हैं. प्यार यदि हो तो सेक्स उसको बहुत ऊंचाई पर ले जाता है न कि सेक्स के कारण प्यार कम होता है. जिस का प्यार सेक्स करने से कम हो उसको वास्तव में प्यार होता ही नही है. वो सिर्फ़ सेक्स का ही भूखा है. अब मैं एक और कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ. कृपया अपने विचार लिखते रहें. मैं किस तरह का आदमी हूँ ये मेरी कहानी ” डॉक्टर मेरी गुरुआनी” पढने के बाद जान चुके होंगे. डॉक्टर से मिलना कम हो गया था, डॉक्टर साब का ट्रान्सफर अलका के साथ ही हो गया, डॉक्टर साहब और अलका साथ रहने लगे थे और अब खुश भी थे. हम भी खुश हैं, हमारी दोस्ती बिगड़ी नही लेकिन अब मेरी भी शादी हो चुकी थी और हमारी दोस्ती में सेक्स का वो मतलब भी वैसे ही पूरा हो रहा था. फ़िर भी हम खुश हैं क्यूंकि हम बेवफा नही हैं. कुछ साल निकल गए. धीरे धीरे मेरी पत्नी का सेक्स के प्रति लगाव थोड़ा कम हो गया और आश्चर्य कि वो पहले नही शरमाती थी अब कई बातों में शरमाने लगी या यूँ कह लें कि हिचकने लगी. मेरे सेक्स की चाहत अधूरी हो गई. ये बहुत पुरानी बात नही है। मेरा परिचय मेरे खास दोस्त के ऑफिस में इंटरव्यू देने आई एक लड़की से हुआ. मैं ही इंटरव्यू ले रहा था. वो लड़की नमस्ते कर के सामने कुर्सी पर बैठ गई. साधारण शक्ल सूरत की लड़की ५ फुट ६ इंच कद की थी. लेकिन उसका बदन बहुत आकर्षक है. एकदम सुता हुआ. उसने मुझे बहुत इम्प्रेस किया. मैंने उसको जाने के लिए बोला और कहा कि आपके फ़ोन पर कॉल करके आपको बुला लिया जाएगा. मैंने अपने दोस्त को उस लड़की रीना को बुलाने को कह कर आगे के सारे इंटरव्यू कैंसल कर दिए और अपने ऑफिस में चला आया. मेरे दोस्त ने उस लड़की रीना को कॉल करके बधाई दी और ऑफिस जोइन करने के लिए कह दिया. जाने रीना ने मुझमे क्या देखा कि हम दोनों में धीरे धीरे बातचीत शुरू हुई फोन पर और फ़िर वो अपने ऑफिस के बाद मेरे ऑफिस में आने लगी. हम दोनों साथ में ही खाना खाते, नाश्ता करते और शाम को ७ बजे बाद मैं उसको उसके घर के बाहर मेन रोड पर छोड़ भी आता. फ़िर तो हम एक दूसरे से खुलते गए. मैं लगभग रोज ही उसको घर तक छोड़ने लगा. आश्चर्य की बात थी कि आज के जमाने में कोई ऐसी भी लड़की थी जिसको सेक्स की कोई जानकारी नही थी. मेरी उस से कोई ग़लत फायदा उठाने की नीयत नही थी. डॉक्टर की तरह ही उस से भी अच्छी दोस्ती रखना चाहता था. इसलिए मैंने उसको सेक्स की जानकारी देना शुरू किया. हम और एक दूसरे के करीब आते गए इसके बावजूद कि वो जानती थी कि मैं शादी शुदा हूँ हम एक दूसरे को चाहने लगे. हम ने एक दूसरे को वादा किया कि हम एक दूसरे के साथ तब तक बंधे रहेंगे जब तक कि हमारे कोई और रिश्ते इस कारण ही बिगड़ने न लगें. हम एक दूसरे से चिपक कर बैठने लगे. उसको सेक्स चढ़ने लगा. शाम को मेरे ऑफिस में हम दोनों को छोड़ कर कोई नही होता था. एक दिन एकांत पाकर मैंने ऑफिस में ही उसको होटों पर किस किया. हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगा. फ़िर मैंने उसके बोबों पर हाथ रखा तो उसने कसकर मेरे हाथों को पकड़ लिया. उसकी हालत ख़राब होने लगी. थोडी देर रुक कर जब रीना थोड़ा सामान्य हुई तो मैं उसको उसके घर छोड़ आया. फ़िर एक दिन हम कुछ ज्यादा ही फ्री हुए तो मैंने ऑफिस के दरवाजे में चाभी लगा कर बंद किया और वापस कुर्सी पर आकर उसका पायजामा नाड़ा खोल कर थोड़ा नीचे कर दिया और उसकी जांघें सहलाने लगा. रीना को सेक्स चढ़ने लगा. उसकी आँखें मुंदने लगी. मैंने पैंटी में हाथ डालना चाहा तो रीना ने मेरा हाथ पकड़ लिया बोली प्लीज नही. तो मैंने उसकी पैंटी की साइड से ऊँगली उसकी चूत पर छुआई. वो तो जैसे पागल हो गई. उसका सर मेरे सीने से लग गया. मेरा एक हाथ उसकी गर्दन पर लिपट गया और दूसरे हाथ से उसकी चूत साइड से सहलाता रहा. वो सेक्स में पिघलने लगी. फ़िर मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी में दे दिया. वो थोड़ा कसमसाई लेकिन मैंने हाथ नही हटाया. वो लम्बी साँसे लेने लगी. मैंने उसकी चूत सहलाना शुरू किया. और साथ में लिप किस भी शुरू कर दिया. मेरी इच्छा थी उस से आज ही सेक्स करने की. मैंने उसकी चूत में ऊँगली की. मुझे एक झटका सा लगा. वो अभी तक अनछुई थी. मैंने सोच लिया कि कोई बात नही, इस लड़की को लंड अंदर डाल कर नही करूँगा. मैं खडा हो गया. और उसको भी कुर्सी से खडा कर लिया और हम एक दूसरे से होंट मिलाते हुए एक दूसरे की बाँहों में बंध गए. मैंने भी अपने पैंट और अंडरवीयर उतार कर लंड उसको खेलने को दे दिया. उसने लंड अपने हाथों में पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया. मैंने उसके बोबे दबाने शुरू कर दिए. फ़िर थोडी देर में उसका कुरता ऊँचा करके मैंने उसके बोबे ब्रा से बाहर कर लिए और उनको चूसना शुरू कर दिया वो जल उठी. उसने कस कर मुझको बाँहों में ले लिया. मैंने उसकी हिप्स को टेबल टॉप के साथ लगाया और अपने लंड को उसकी चूत की दरार में लगा दिया और जोर से दबा कर धीरे धीरे चूतड़ चला कर उसके कलाईटोरिस को लंड से रगड़ देने लगा. हम एक दूसरे के होंट और जीभ को खूब चूसने लगे. रीना को भी मजा आने लगा. वो भी अपनी गांड चलाने लगी. अब मैंने अपना बायाँ हाथ उसके चूतड़ों के पीछे करके अपनी और भींच रखा था और दायें हाथ से उसके बोबे दबा रहा था. मुँह से मुह मिले हुए थे. उसके हाथ मेरी गर्दन पर लिपटे हुए थे. धीरे धीरे हमारी मंजिल करीब आती गई फ़िर वो और उसके बाद हम दोनों ही झड़ गए. कुर्सी पर बैठ कर एक दूसरे को बाँहों में ले कर सहलाने लगे. फ़िर थोडी देर बाद कपड़े पहन कर सामान्य हो गए. ©shashank Kumar #kamuk #insta #Facebook #youtube_comment
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जवान नौकरानी की मारी ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है। चलिए मैं आपका वक़्त गंवाए बिना अपने कहानी पर आता हूँ। मैं एक सामान्य सा दिखने वाला 5 फीट 10 इंच का लड़का हूँ और मेरा लौड़ा आठ इंच का है.. जो अच्छी से अच्छी चूत को बहुत अच्छे से चोद सकता है। बात एक साल पहले की है.. मेरे यहाँ कपड़ा धोने के लिए बीस साल की एक लड़की आती थी जो दिखने में उतनी अच्छी नहीं थी.. पर फिर भी उसका फिगर बहुत अच्छी थी.. जिसको देख कर किसी का भी लौड़ा खड़ा हो जाएगा। उसका फिगर 36-28-36 का रहा होगा.. वो सलवार-सूट पहन कर आती थी। उसके कुरते का गला इतना अधिक खुला होता था.. कि वो जब भी वो झुकती.. तो उसकी चूचियां पूरी तरह दिख जाती थीं। उसकी मस्त नारंगियों को देख कर.. उसके बारे में मैं सोच कर मुठ मार लेता था। मुझे सेक्स करने का बहुत मन करता था.. पर मैं कुछ कर नहीं सकता था.. क्योंकि मेरे साथ और भी लोग रहते थे। एक बार दीवाली की बात है.. मेरे आजू-बाजू के फ्लैट के लोग.. सब अपने-अपने घर चले गए और मैं फ्लैट में अकेला ही रह गया था। तब मैंने सोचा यह सही वक़्त है, किसी तरह लोहा गर्म करना होगा। मैं दिन भर यही सोचता रहा.. कैसे करूँ.. क्या करूँ और रात को उसके बारे में सोच कर फिर मुठ्ठ मारी और ऐसे ही सो गया। उस रात मैं अपने फ्लैट का गेट भी बंद करना भूल गया था और सुबह जब मेरी आँख़ खुली.. तो मैंने देखा वो काम कर रही थी और जब उसने मुझे देखा.. तो मुस्कुराने लगी। मैं एकदम से डर गया और मैंने पूछा- तुम अन्दर कैसे आईं और क्यों हँस रही हो? तो वो कुछ नहीं बोली.. तो मैं समझ गया था.. कि वो क्यों मुस्कुरा रही है। क्योंकि उसने मेरा लहराता हुआ खुला लौड़ा देख लिया था। मैं वहाँ से चला गया और वो अपना काम करके आई और बोली- क्या बाबू कब से ये सब कर रहे हो? तो मैं बोला- क्या? वो बोली- वही.. जो आप शायद रात में करते हुए सो गए थे.. मैंने बोला- तुम्हें उससे क्या मतलब? तो वो कुछ नहीं बोली.. फिर मैं बोला- तुमने आज तक कभी कोई लौड़ा लिया है? वो कुछ नहीं बोली.. और होंठ काटते हुए अपनी नज़रों को नीचे कर लिया.. मैं समझ गया कि मुझे आज चूत चोदने का मौका मिल सकता है। मैं बिना एक पल गंवाए सीधे उससे पास गया और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगा और धीरे-धीरे वो गर्म होने लगी। मैं उससे किस करने लगा और किस करते हुए उससे मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने और मसलने लगा। मैं एक हाथ से उसकी पीठ को सहला रहा था.. इससे वो और गरम हो रही थी। मैंने किस करते हुए एक हाथ उसके कपड़ों के अन्दर डाल दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा। वो भी कम नहीं थी.. उसने अपना हाथ मेरे लोअर में डाल कर मेरे लौड़े को पकड़ लिया और उससे खेलने लगी। मैंने भी कोई कसर ना दिखाते हुए धीरे-धीरे उसके ऊपर के सूट के बटन खोलने लगा और भी पूरा उतार दिया। अब वो बस ब्रा में थी.. जो लाल रंग की थी.. और उसके चूचियां ब्रा के अन्दर कैद थीं और पूरा कड़ी हो गई थीं और ब्रा से बाहर आने के लिए तड़प रही थी। अब मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था.. फिर धीरे से उसके ब्रा को हटाया और उसके मम्मों को बहुत जोर-जोर से दबाने लगा। वो और गरम हो गई.. और पूरे कमरे में बस उसके ‘आह.. ऊह..’ की आवाज गूंज रही थी। उसकी ये आवाज़ मेरा और जोश बढ़ा रहे थे.. फिर मैं उसके मम्मों को चूसने लगा। वो भी मेरे लौड़ा से खेल रही थी और शायद इस बीच मैं वो एक बार झड़ चुकी थी। मैं उसके मम्मों को भूखे कुत्ते की तरह चूस रहा था.. फिर मैंने उससे अपना लौड़ा मुँह में लेने के लिए कहा.. तो उसने मना कर दिया.. पर मेरे जोर देने पर लेने के लिये तैयार हो गई और मेरे लौड़े को मुँह में ले कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मैं उसकी इस चुसाई के आनन्द से जन्नत की सैर कर रहा था और अब मैं भी झड़ने वाला था। कुछ ही मैं उसके मुँह मैं झड़ गया और उसने मेरे लौड़ा को चूस और चाट कर साफ़ कर दिया। फिर मैंने उसको ऊपर उठाया और उसके सूट का लोअर नीचे कर दिया। अब वो सिर्फ पैन्टी में थी। फिर मैंने उसके पैन्टी नीचे कर दी.. उसकी चूत पर बाल थे। मैंने कहा- रुको पहले तुम्हारी झांटें साफ़ कर देता हूँ। मैंने रेजर से उसकी चूत साफ़ की और जब चूत साफ़ हो गई तो मैं देखता रह गया.. क्योंकि मैंने पहली बार किसी की चूत इतने पास से देखा थी। क्या चूत थी.. उसके गुलाबी दाने को देख कर मुझे और जोश आ गया और मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी कसी हुई चूत में डाल दिया। वो सिहर उठी और बोलने लगी- मुझे और मत तड़पाओ.. पर मैं तो उससे और गर्म करके चोदना चाहता था.. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। वो फिर जल्दी ही झड़ गई और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत से निकली हुई पूरी मलाई चाट गया और इस बीच मैं भी एक बार झड़ चुका था। अब वो चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी। जब उसने कहा ‘ये मेरा पहली बार है..’ तो मैंने तेल लेकर अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत में भी लगा दिया। चोदने की अवस्था में आकर धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर से धक्का मारा। इस कड़क धक्के से मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया। उसकी झल्ली फट गई और खून आने लगा और वो जोर से चीखने लगी। उसके आखँ में आँसू आ गए.. मैं डर गया और मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और उसे चूमने लगा, उसके दर्द को कम करने के लिए मैं उसके मम्मों को सहलाने और दबाने लगा। थोड़ी देर मैंने इंतजार किया फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो एक और झटका देकर पूरा लंड अन्दर ठेल दिया। वो फिर कराही तो मैंने उसके दर्द को पूरी तरह खत्म जाने के लिए थोड़ी देर फिर इंतजार किया। थोड़ी देर बाद जब वो पूरी शांत हुई तो मैं अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा और उसके बाद वो भी अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी और फिर हम लोग चुदाई की चरम अवस्था में पहुँच गए थे। मैं उसे जोर-जोर से हचक कर चोद रहा था। अब कमरे में बस ‘आह.. ऊह..’ और ‘छप.. छप.. आह.. ऊह..’ की आवाजें गूंज रही थीं.. जो मुझे और जोशीला बना रही थीं। मैं अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था और झड़ने वाला था.. पर मैं चांस नहीं लेना चाहता था.. इसी लिए अपना लंड बाहर निकाल कर झाड़ा और अपना पूरा माल उसकी जांघ पर गिरा दिया। मैंने उसे इतनी जोर से चोदा था कि वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। फिर वो बाथरूम में गई और अपनी चुदी चूत साफ़ करने लगी.. जिस पर खून भिड़ा था। मैं भी बाथरूम गया और अपना लंड साफ़ किया.. उधर उसकी साफ़ चूत को देख कर एक बार मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने फिर उसे पकड़ लिया और बाथरूम में ही चोद डाला। उस दिन के बाद जब कभी भी मौका मिला.. उसको हचक चोदा। उसके 6 महीने बाद उसका शादी हो गई और मैं फिर अकेला हो गया और अभी तक अकेला हूँ.. इंतजार कर रहा हूँ कहीं कोई नई चूत मिल जाए.. जिससे मारने में बहुत मज़ा आए। ©shashank Kumar #alone #kamuk #kahani #Sex
Chumki Chakraborti
Ap biti पड़ोस वाली को दिया हाई गाइस, मैं विशाल पटेल फ्रॉम मुंबई बट माय आल फ्रेंड कॉल में विशु. वैसे तो मैं गुजराती हु, लेकिन रहता मुंबई में हु. पहले तो मैं आप लोगो को अपने बारे में बता दू. मेरी हाइट ५.५ फिट है और अच्छा – खासा हैण्डसम लड़का हु. मेरे टूल का साइज़ ७.२ इंच है लम्बाई में और २.५ इंच है मोटाई में. अब मैं आप को ज्यादा बोर ना करते हुए,स स्टोरी पर आता हु. ये घटना २०१५ की है जो पीछले ही वीक में हुई थी. मैं मुंबई में एक फ्लैट लेकर रहता हु. मेरे पड़ोस में एक फॅमिली रहती है. जिस में भाभी और उसका पति है. उसको पिछले ५ साल से बच्चा नहीं हुआ है. पति की एक किराने की दूकान है और बीवी उसकी घर भी रहती है. वो रोज मोर्निंग में कसरत करती है लॉबी में. टाइट कैपरी और टीशर्ट में. क्या जबरदस्त लगती है वो. उसका फिगर भी बड़ा मस्त है ३२ – ३४ – ३२. थोड़ी दी फेटी है बट उसके बॉल्स बहुत मुलायम और नाजुक है, कि उनके शेप को महसूस करते ही; उनको छुने का मन करने लगे. जब भी कसरत करती, तो उसके बॉल उछल पड़ते और मैं भी उसको देखता रहता. क्योंकि हर सुबह मैं चाय पीने के बाहर जाता था, बिकॉज़ मैं मुंबई में अकेले रहता हु. मैं उसके पति के साथ कभी – कभी बातचीत कर लेता था. उसकी दूकान पर कुछ ना कुछ लेने जाता ही था. कभी – कभी भाभी रहती थी दूकान पर. तो मैं काफी घुलमिल गया था. उसका पति मेरे दोस्त जैसा हो गया था. उसको कुछ फाइनेंस की प्रॉब्लम थी और मुझे उसके बारे में बताता था. एक बार उसने मुझ से कुछ पैसे मांगे. मैंने उसको १ लाख रूपये दे दिए और उसने कमिटमेंट दिया, कि नेक्स्ट मंथ उसका लोन पास होते ही, वो मुझे वापस कर देगा. अभी एक महीने बीत गया और उस ने पैसा नहीं लौटाया. जब मैंने उसको बात की, तो उसने मुझ से १५ दिन का टाइम मांग लिया. अगली बार, फिर से १५ दिन.. फिर से १५.. और इसी तरह से २ महीने बीत गये. और फिर ३, ४ और फिर ६ महीने तक यहीं सिलसिला चलता रहा. तो हुआ कुछ ऐसा, कि एक दिन मैं उसकी दूकान पर कुछ लेने गया और भाभी वहां पर बैठी हुई थी और उसके पति नहीं थे. कुछ काम से बाहर गए हुए थे. मैंने जेसे ही पैसे देकर दूकान से जाने लगा. तो भाभी ने मुझे बुलाया और रोने लगी. वो मुझ से कहने लगी, कि मेरे पति ने आपसे जो पैसे लिए है. वो कैसे वापस कर पाएंगे? उनका लोन पास ही नहीं हो रहा है. मैंने फिर भाभी को दिलासा दिया और कहा – आप निश्चिंत रहिये. मैं यहाँ पैसे मांगने नहीं आया था. आप गलत मत समझिये. फिर जाकर वो थोड़ी शांत हुई. फिर मैं वहां से चले गया. अब बाद में, मैं जब भी उनकी दूकान में कुछ लेने जाता, तो वो मुझे मिलती थी और हम बातें करते थे. कभी – कभी उसका हस्बैंड रहता था दूकान पर और कभी – कभी नहीं. ऐसे ही टाइम बीत गया और वो अब थोड़ी अपनी पर्सनल परेशानी भी मेरे साथ शेयर करने लगी थी. वो कहने लगी, कि मुझे बच्चे का सुख जिन्दगी में नहीं मिला मेरे पति से. इतना कह कर उनकी आँखों में आसू आ गये. मैंने उनको सांत्वना दी और उसको शांत रहने को कहा. फिर मैंने उनको कहा, कि जो भाग्य में लिखा होता है. उसे तुम या मैं बदल नहीं सकते है. जो होने वाला है, वो तो होकर ही रहता है. बाद में, वो शांत हो गयी और उसने अपना सर मेरे शोल्डर पर रख दिया. ५ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद, वो मेरे से बोली – तुमने एक अहसान किया है हम पर. तो मैंने कहा – कौन सा? किस अहसान की बात कर रही हो तुम? तो उसने कहा – वो पैसे वाली बात कर रही है. फिर मैंने कहा – वो तो मैंने एक दोस्त होने के नाते, एक दोस्त की हेल्प की है. अगर एक दोस्त दुसरे दोस्त के काम ना आये, तो दोस्ती का क्या फायदा. उसने वो एक पॉइंट पकड़ लिया और बोलने लगी – एक दोस्त दुसरे दोस्त की हेल्प करता है ना. अब मैं भी तुम्हारी दोस्त हु ना? मैंने सरप्राइज होते हुए हाँ में सिर हिला दिया. उसने कहा – मुझ पर भी एक अहसान कर दो. मैंने उसको देखते हुए कहा – कौन सा अहसान? तो वो बोली – मुझे एक बच्चा चाहिए, जो तुम दे सकते हो. प्लीज मना मत करना, क्योंकि मेरे से तो वो हो नहीं सकता है. वैसा डॉक्टर ने बताया है और मेरे पति को ये बात मालूम नहीं है. प्लीज तुम भी मत बताना, इस बात का मेरे पति को. वो मेरे सामने बहुत सी लज्जित सा महसूस करने लगी थी. उसकी निगाहों में एक कसक थी और तड़प थी और भूख थी. वो मुझे एक ललचाई हुई नजरो से देख रही थी. मैं उनकी हालत को समझ रहा था. लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था. बाद में, मैंने उसे एक साफ़ बात बता दी, कि मैं अभी वर्जिन हु और आज तक मैंने कुछ किया नहीं है. लेकिन करने की इच्छा बहुत है. पर मैं कभी किसी लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता हु. मैं तभी किसी के साथ सेक्स करूँगा, जब वो लड़की पूरी तरह से मेरे साथ सेक्स करने के लिए रेडी हो. जब वो मुझे अल्लो करे, सब कुछ करने के लिए. तभी मैं किसी लड़की को टच करूँगा, क्योंकि मैं एक खानदानी परिवार से हु. बाद में उसने मेरे सामने देखा और मुझे कहा – मैं तुम्हे ये सब करने के लिए अल्लो करती हु और इसको कोई जबरदस्ती या बलात्कार नहीं, बल्कि प्रेम समझा जाएगा. बाद में, उसने बताया, कि उसका पति ये सैटरडे को बाहर जा रहा है और वो घर पर अकेली रहेगी. तो उसने सैटरडे का प्लान फिक्स किया और अब मेरी भी इच्छा सेक्स करने की बढती जा रही थी. आखिरकार वो सैटरडे आ ही गया. उसका पति बाहर चले गया और भाभी ने मुझे कॉल कर दिया और बुला लिया. शाम का टाइम था. मैं उसके घर गया, तो मैं दंग रह गया. उसने बहुत मस्त घर सजाया हुआ था. बाद में वो किचन में चली गयी और मुझे उसने सोफे पर बैठा दिया. हमने नाश्ता किया साथ में और टीवी साथ देखा. उसने मुझ से पहले ही पूछ लिया था, कि कौन सी मूवी देखना पसंद करोगे? मैंने हँसते हुए उसको कह दिया था. आज की शाम जिस काम के नाम है. वैसी ही मूवी. वो समझ गयी, कि मुझे क्या देखना है और उसने एक ब्लू फिल्म लगा दी. मैं तो एकदम से दंग ही रह गया. उसने बताया, कि तुम सबसे भी बी ऍफ़ वो देखती है. बाद में, मेरे तो राजा फव्वारा मारने लगा था. उसकी साइज़ बड़ने लगी थी और लंड पेंट में तम्बू बनाने लगा और वो उसने देख लिया और बोली – बाप रे, इतना बड़ा.. जरा मुझे भी तो दिखाओ. तो मैंने उसको शर्त रखी, कि पहले आप अपना एक एक चीज़ दिखाएंगी और मैं अपनी एक चीज़ दिखाऊंगा. तो वो मान गयी और मुझे अपने बेडरूम में ले गयी. बेड पर रेड रोजेज बिखरे हुए थे और पूरा कमरा उनकी खुशबु से महक रहा था. उसने साड़ी भी रेड कलर की पहनी हुई थी. तो शर्त के मुताबिक उसने मेरा शर्ट उतारा और मैंने उसकी साड़ी. बाद में उसने मेरी पेंट खोली और मैंने उसकी ब्लाउज को उतार दिया. मेरी साँसे तेज हो गयी थी. वो समझ गयी, कि मुझे एक किस किया और बोली – जानू. परेशान मत हो. पहली बार में ऐसा होता है. मैंने एक, दो, टीन करके जैसे ही उसका ब्लाउज खोला. उसके बड़े – बड़े और मुलायम नरम चुधि मेरी छाती को टच करने लगे और मैं बाहर से ही उनको चूसने लगा और एक हाथ से मसलने लगा. बाद में, उसने मेरा अंडरवियर निकाल दिया और मैंने उसका घाघरे का नाडा खोला और वो सर्र्र्रर्र्र करके नीचे गिर गया. फिर मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी और उसको बेड पर लिटा दिया. वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उसको किस कर रहा था. मैंने फिर उसके स्तनों का मर्दन करना शुरू कर दिया. बाद में मैंने उसके पीछे से ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और उसके बड़े – बड़े स्तन मेरे सामने आ गिरे और मैंने उसको एकदम से अपने मुह में भर लिया. क्या बताऊ, यारो.. क्या मस्त फीलिंग थी और क्या मुलायम और नाजुक स्तन थे और मैंने अपने दातो से उसके स्तनों को काट लिया. उसके मुह से एकदम से चीख निकल गयी. उसने मुझे दूसरा स्तन मसलने को बोला. थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा और फिर उसने कहा – जानू. अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है. तो पहले मैंने अपना बड़ा लंड उसकी योनी पर रगडा और वो बहुत ही ज्यादा एक्साइट हो गयी और उसके मुह से कामुक गरम सिस्कारिया निकलने लगी अहहाह अहहाह अहहाह अहहाह अहहाह ओसोसोसो ह्म्म्मम्म हम्म्म्म उम्म्म्म… बहुत मेरे लंड को रगड़ने ने और भी ज्यादा बैचेन हो उठी और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे शरीर में अपने नाख़ून गडा दिए. मुझे लगने लगा, कि अब और ज्यादा देर करना ठीक नहीं है और मैंने अपने लंड को रगड़ते हुए, एक जोर का धक्का मार दिया. मेरा लंड सीधे एकदम अन्दर उसकी चूत में घुसता चला गया. उसके मुह से बहुत जोर की चीख निकल गयी और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया. उसके मुह से सिस्कारिया निकल रही थी. उसकी चीख को सुनकर मैं डर गया और रुक गया. वो मुझसे बोली – मैं कितनी भी जोर से चीखू, या तुम्हे लंड निकालने को बोलू या धक्का मारू. तुम मेरी एक भी मत सुनना और मुझे अपने लंड से पेलते रहना. अपना लंड बाहर बिलकुल भी मत निकलना. बाद में, मैंने एक और धक्का मारा और एक बार मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत के अन्दर चले गया. वो मेरी पीठ को दोनों हाथो को पकड़ कर, मेरे सिर को अपनी नेक के पास दबा रही थी. फिर क्या था? फिर मैंने अपना साइकिल स्टार्ट कर दिया और मेरा ७ इंच का लंड उसकी योनी को फाड़ कर दनादन स्ट्रोक मारे जा रहा था. मेरे लंड के बड़े और मोटे साइज़ के कारण से उसकी योनी फट गयी थी. वो बार – बार चिल्ला रही थी… प्लीज जोर से चोदो.. और जोर से… और जोर से.. हाहाह ऊहोहोह अहहाह अहहाह ऊऊओ मर गयी… जोर से चोदो.. बहुत प्यासी हु मैं… मेरी सारी प्यास बुझा दो आज… अहहः.. उसकी ये आवाज़े मेरा जोश बड़ा रही थी और मैं उसकी चूत में तेजी से धक्को की बरसात कर रहा था. जब भी मैंने अपने लंड को पूरा का पूरा अन्दर डाल कर बाहर निकालता, तो वो एकदम से तड़प उठती और उसकी सिस्कारिया मुझे एकदम से मज़ा दे जाती थी. मैंने उसको आधे घंटे तक पेला और वो एक बार झड़ चुकी थी. मेरे जोश और चुदाई को देख कर वो बोलने लगी – लगता नहीं है, कि तुम पहली बार कर रहे हो? ऐसा लग रहा है, जैसे तुम को सालो का एक्सपीरियंस हो. तुम बहुत ही अच्छा चोदते हो. मैंने उसको बताया, कि ये सब उनके सपोर्ट की वजह से ही मुमकिन हुआ है. बाद में, मैंने पोजीशन चेंज किया और मैं उनके पीछे आ गया और पीछे से उनकी योनी में लंड उसने अपने हाथो से डाला. मैंने उसे पीछे से पेलना चालू किया. वो मुझे पीछे मुद कर किस किये जा रही थी. मेरा एक आठ उसकी योनी पर और अपने दुसरे हाथ से मैं उसके स्तन कर मर्दन कर रहा था. ऐसा लग रहा था, कि इससे अच्छा लाइफ में कुछ हो ही नहीं सकता है. १५ मिनट के बाद, हम दोनों लोग झड गये और एक दुसरे की बाहों में बाहे डाल कर सो गये. मैं पूरी रात उसके घर में ही रहा और मैंने उसको पूरी रात में ३ बार और चोदा. मेरे उस रात की चुदाई के बाद वो माँ बन गयी और वो दोनों पति – पत्नी बहुत ही खुश थे. भाभी ने बाद में मुझे अपनी पड़ोस की भाभी और आंटी से भी मिलवाया और मैंने उन सबकी चुदाई की. अब मैं उन सब का पर्सनल रांड बन चूका था और जिसको भी चुदवाना होता था. वो मुझे अपने पास बुला लेती थी. तो दोस ्तों, कैसी लगी आपको मेरी पहले सेक्स की कहानी. मुझे उम्मीद है, आप सबको पसंद आई होगी. अगर कोई गलती लगे, तो माफ़ कर देना और अपने कमेंट जरुर देना. ©shashank Kumar #kamuk #kahani #Sex #romance
Gayatri Mathur
जब कोई तारीफ में खूबसूरत बोल दे तो आयने में खुद को ढूंढ लेती हूँ उसी आयने की की नज़र न लगे इसलिए थोड़ा काजल लगा लेती हूँ। बिंदी जच लेगी सोचके लगा लेती हूँ और थोड़ा ख़ुद पे ही सही गुरूर कर लेती हूँ क्योंकि आज जिक्र हमारे खूबसूरती का हुआ है इसलिए थोड़ी साड़ी संवार लेती हूँ। #sareelover #erotica #erotica_hindi #sexythoughts #love #kamuk #moansandmoons #YourQuoteAndMine Collaborating with Sarthak
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