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Hema Singh
विविधताओं से भरे इस देश में लगी भाषाओं की फुलवारी है, इनमें हमको सबसे प्यारी हिंदी मातृभाषा हमारी है। हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। ©Hema Singh #Hindidiwas#hindidiwasspecial #hindustan#india#hindilanguage
KAUSHAL ADHIKARI
"भाषा -हिंदी" हिंदी-हिंदू हिन्दुस्तान, कहते हैं सब सीना तान, पल भर के लिये जरा सोंचे इन्सान रख पाते हैं हम इसका कितना ध्यान? सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है अपनी हिंदी भाषा का सम्मान! हम सब मिलकर दे सम्मान निज भाषा पर करें अभिमान हिंदुस्तान के माथे की बिंदी जन-जन की आत्मा बने हिंदी!! ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ 💐हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं💐 ©KAUSHAL ADHIKARI #hindustan #bhasha #Language #HindiLanguage #Hindidiwas #hindidivas #HindiLover #Nozoto #Reality #Hindi
XEviL
जिसकी जैसी नियत वो वैसी आबोहवा मैं कहानी गढ़ा करता है , कोई दिल में प्यार तो , कोई दिल में नफरत-ए-खंजर रखा करता है..... ©~XÊviL__👑 जिसकी जैसी नियत वो वैसी आबोहवा मैं कहानी गढ़ा करता है , कोई दिल में प्यार तो , कोई दिल में नफरत-ए-खंजर रखा करता है..... #Nojoto #HindiLanguage #thought #realty #Light
जिसकी जैसी नियत वो वैसी आबोहवा मैं कहानी गढ़ा करता है , कोई दिल में प्यार तो , कोई दिल में नफरत-ए-खंजर रखा करता है..... #HindiLanguage #thought #realty #Light
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काश हो जाये__💓♥️ चल मैं ऐसा क्या लिखूं , जो लफ्ज़ कहूं वो हो जाए , मैं सपने लिखूं वो हो पूरे , मैं खुशियां लिखूं तूं खिल जाए , जब सोचुं तुझे तू सोचें मुझे , मैं तुझे लिखुं तूं आ जाए , बस अश्क कहूं सिर्फ इक आंसु , तेरे सारे दुखों को धों जाएं , मैं आ लिखूं तू आ जाए , मैं बैठ लिखूं तू आ बैठें , मैं गोदी में तेरा सर रखूं , मैं नींद कहूं तू सो जाए , मैं कागज पर तेरे होंठ लिखूं , तेरे होठों पे मुस्कान आये , मैं दिल लिखूं तू थामें दिल , मैं घूम लिखूं तू खों जाएं , पेंसिल से तेरे हाथ लिखूं , फिर हाथों पर तेरे हाथ रखूं , कुछ उल्टा सीधा फर्ज़ करु , कुछ सीधा उल्टा हो जाए , मैं सपना लिखूं तू सोचें मुझे , फिर सीन(seen) लिखूं तेरी नींद खुले , मैं खोफ लिखूं तुझे कुछ कुछ हो , मैं इश्क कहूं तुझे हो जाए , काश मैं तेरा साथ लिखूं , तूं मेरी होके रह जाए , मैं क्या लिखूं कुछ बचा नहीं , जो लिखता हूं वो होता नहीं , काश कुछ ऐसा भी हो , जो लिखा कहा वो हों जाए... ©~XÊviL__👑 चल मैं ऐसा क्या लिखूं , जो लफ्ज़ कहूं वो हो जाए , मैं सपने लिखूं वो हो पूरे , मैं खुशियां लिखूं तूं खिल जाए , जब सोचुं तुझे तू सोचें मुझे , मैं तुझे लिखुं तूं आ जाए , बस अश्क कहूं सिर्फ इक आंसु , तेरे सारे दुखों को धों जाएं ,
चल मैं ऐसा क्या लिखूं , जो लफ्ज़ कहूं वो हो जाए , मैं सपने लिखूं वो हो पूरे , मैं खुशियां लिखूं तूं खिल जाए , जब सोचुं तुझे तू सोचें मुझे , मैं तुझे लिखुं तूं आ जाए , बस अश्क कहूं सिर्फ इक आंसु , तेरे सारे दुखों को धों जाएं ,
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#बदलना.. बदल इंसान जाता है कोष वक्त को दिया जाता है लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है , चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है , आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है , कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं , हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है , क्यूं अब लोग अक्सर बुरा-कमजोर समझ लिया करते हैं , बात जानते नहीं पर कुछ भी बना लिया करते हैं , पता नहीं उन्हें इस अंधविश्वास-अवधारणा से क्या ही मिलता होगा उन्हें इसमें खुशी मिलती है तो मिले क्यूं हंसी आ जाया करती है , जिंदगी दूसरों को क्यूं समझने-समझाने में जाया कर दी जाती है , क्यूं अपने को कम दूसरों को ज्यादा आका करते हैं , ख़ुदको पहचाना नहीं कभी मैं कमजोर हूं क्यू मान लिया करते हैं , मानो या न मानो ये हमारी नासमझी है जल्दी समझ ठीक फिर आगे तुम्हारी मर्जी है..... ©~XÊviL__👑 #बदलना_ज़रूरी_है 🙂✌🏻 बदल इंसान जाता है कोष वक्त को दिया जाता है लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है , चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है , आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है , कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं , हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है ,
#बदलना_ज़रूरी_है 🙂✌🏻 बदल इंसान जाता है कोष वक्त को दिया जाता है लोगों से हंस कर बातें करना और उन्हीं के लफ़्ज़ों से अपनी बुराई सुनना दिल को क्यूं कम बुरा लगा करता है , चलो कोई तो है जो पीठ पीछे न सामने मेरी खामियों को बयां किया करता है , आखिर कोई तो है जो दूसरों को छोड़ मेरी बुरी आदतों से कभी-कभार रू-ब-रू करवा दिया करता है , कौन किसका सब नकाबो में रहा करते हैं आखिर कोई तो है जो समय निकाला करते हैं , हर जगह भटकने के बाद मैंने दुसरो में खुद को ढूंढना सीखा है ,
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#चलो चले कहीं 😍 चलो चले कहीं दूर इन सब से कहीं , चलों चले कहीं दूर इन सब से कहीं क्या पता कल मिलूं की नहीं , बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा , अरे बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा क्या पता ये लम्हा फिर मिलें के नहीं , साथ रहना और छोड़ना नहीं हाथ और कभी जाना नहीं , सच बताऊं की मैं तुम्हें छोर किसी और को चाहता भी तो नहीं , कुछ है ऐसे हालात और कुछ वक़्त है उदास , तुम से मोहब्बत बहुत है पर कैसे करूं इजहार ये समझ आता ही नहीं अगर आता तो तुमसे कभी छुपाता नहीं , अब बोल चुका हूं बहुत अब कुछ बोलूंगा नहीं , दोस्ती हैं हमारे बीच कहीं टूट ना जाए कहीं , अगर सपने में भी खोता हूं तुम्हें आंसू आ जाया करते हैं रुकते क्यों नहीं , ©~XÊviL__👑 #चलो चले कहीं 😍 चलो चले कहीं दूर इन सब से कहीं , चलों चले कहीं दूर इन सब से कहीं क्या पता कल मिलूं की नहीं , बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा , अरे बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा क्या पता ये लम्हा फिर मिलेंगे के नहीं ,
#चलो चले कहीं 😍 चलो चले कहीं दूर इन सब से कहीं , चलों चले कहीं दूर इन सब से कहीं क्या पता कल मिलूं की नहीं , बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा , अरे बातें करो ना मुझसे पकड़ कर हाथ मेरा क्या पता ये लम्हा फिर मिलेंगे के नहीं ,
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#एक _सपना क्या लिखूं तुझपे तू खुदी में ही एक राज हैं , जिसे सब से छुपा सुनता-पढ़ता रहा वो एक एहसास हैं , जो आता है मेरे सपनों में वो पल भर की खुशी , और कैसे टूट जाने पर गम में बदल जाया करा करती है , सपनों से हकीकत वो आखिर बनती क्यूं नहीं , सपना ही क्यों मेरी जिंदगी बनती क्यों नहीं , आखिर हर बार कोशिश में ही क्यूं करूं वो करती ही नहीं , सपनों में आकर क्यूं जिंदगी इस कदर खराब कर चलीं जाया करती हैं , न बनना है जिंदगी तो क्यूं सपनों में आ जाया करा करती हैं " तुझे आज भुला दूंगा और कल पक्का आखिर यह बात खुद ही से रोजाना आखिर कैसे और क्यों किया करता हूं , बस फर्क सिर्फ इतना ही है जनाब अंजाम-ए-मोहब्बत जीते जी मौत से रोज मिला करता हूं " ©~XÊviL__👑 क्या लिखूं तुझपे तू खुदी में ही एक राज हैं , जिसे सब से छुपा सुनता-पढ़ता रहा वो एक एहसास हैं , जो आता है मेरे सपनों में वो पल भर की खुशी , और कैसे टूट जाने पर गम में बदल जाया करा करती है , सपनों से हकीकत वो आखिर बनती क्यूं नहीं , सपना ही क्यों मेरी जिंदगी बनती क्यों नहीं , आखिर हर बार कोशिश में ही क्यूं करूं वो करती ही नहीं , सपनों में आकर क्यूं जिंदगी इस कदर खराब कर चलीं जाया करती हैं ,
क्या लिखूं तुझपे तू खुदी में ही एक राज हैं , जिसे सब से छुपा सुनता-पढ़ता रहा वो एक एहसास हैं , जो आता है मेरे सपनों में वो पल भर की खुशी , और कैसे टूट जाने पर गम में बदल जाया करा करती है , सपनों से हकीकत वो आखिर बनती क्यूं नहीं , सपना ही क्यों मेरी जिंदगी बनती क्यों नहीं , आखिर हर बार कोशिश में ही क्यूं करूं वो करती ही नहीं , सपनों में आकर क्यूं जिंदगी इस कदर खराब कर चलीं जाया करती हैं ,
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मुकम्मले-ए-मुलाकात बड़ी मुद्दतों से होती हैं कोई मिल जाए साथी तो उसे खोना मत , क्योंकि सबकी किस्मते-ए-नसीब एक जैसी नहीं होती है.... ©~XÊviL__👑 मुकम्मले-ए-मुलाकात बड़ी मुद्दतों से होती हैं कोई मिल जाए साथी तो उसे खोना मत , क्योंकि सबकी किस्मते-ए-नसीब एक जैसी नहीं होती है.... #HindiLanguage #thought #Nojoto #LostTracks
मुकम्मले-ए-मुलाकात बड़ी मुद्दतों से होती हैं कोई मिल जाए साथी तो उसे खोना मत , क्योंकि सबकी किस्मते-ए-नसीब एक जैसी नहीं होती है.... #HindiLanguage #thought #LostTracks
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जहां की सरकार ही हो ऐसी वहां क्या ही उम्मीद लगाई जाती है , जहां राजनीति में ही धर्मनिरपेक्षता को आड़े हाथ लिया जाए वहां इंसाफ दिलाने की बात ही क्या कही जाती है , जहां सरकारों की रगों में घूस , खुद्दारी भरी हो , वहां आम आदमी क्या ही उम्मीद लगाए , सब सोचते हैं अपना क्यों ना आम आदमी भूखा ही मर जाए और जहां आम आदमी को भूला दिया जाता है अगर उठाओ उंगली तो दफ्तरों के चक्कर काटते काटते ही आधी उम्र निकाल दी जाती है जहां की सरकारी ही ऐसी हो वहां क्या ही उम्मीद की जाती है जहां आईपीएस ही अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटता है , जहां कुछ चंद लड़कियां झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी बेधड़क, बेहिचक देकर , कैसे रहे जाती है हर बार सरकारी ही थोड़ी , ना इनसे भी क्या उम्मीद लगाई जाती है। बुरे लड़के ही नहीं लड़कियां भी होती हैं। इज्जत , कदर इत्यादि दोनों तरफ से निभाई जाए तो ही अच्छी मानी जाती है "जब तुम सच्चे हो तो इंसाफ से क्यों डरते हों , हां इंसाफ से नहीं डर समय से लगता है किसी को मिल जाता जल्दी है किसी-किसी को मरने के बाद मिलता है ".... ©~XÊviL__👑 जहां की सरकार ही हो ऐसी वहां क्या ही उम्मीद लगाई जाती है , जहां राजनीति में ही धर्मनिरपेक्षता को आड़े हाथ लिया जाए वहां इंसाफ दिलाने की बात ही क्या कही जाती है , जहां सरकारों की रगों में घूस , खुद्दारी भरी हो , वहां आम आदमी क्या ही उम्मीद लगाए , सब सोचते हैं अपना क्यों ना आम आदमी भूखा ही मर जाए और जहां आम आदमी को भूला दिया जाता है अगर उठाओ उंगली तो दफ्तरों के चक्कर काटते काटते ही आधी उम्र निकाल दी जाती है जहां की सरकारी ही ऐसी हो वहां क्या ही उम्मीद की जाती है
जहां की सरकार ही हो ऐसी वहां क्या ही उम्मीद लगाई जाती है , जहां राजनीति में ही धर्मनिरपेक्षता को आड़े हाथ लिया जाए वहां इंसाफ दिलाने की बात ही क्या कही जाती है , जहां सरकारों की रगों में घूस , खुद्दारी भरी हो , वहां आम आदमी क्या ही उम्मीद लगाए , सब सोचते हैं अपना क्यों ना आम आदमी भूखा ही मर जाए और जहां आम आदमी को भूला दिया जाता है अगर उठाओ उंगली तो दफ्तरों के चक्कर काटते काटते ही आधी उम्र निकाल दी जाती है जहां की सरकारी ही ऐसी हो वहां क्या ही उम्मीद की जाती है
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