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_बेखबर
घर काटने को दौड़ता है यार जब से तू गया है लौट भी आ अब वापस ऐसा भी क्या हो गया है सारा दिन मायूस रहता है दिल का चैन खो गया है ©_बेखबर #Benchawaits shayari on love shayari in hindi alone shayari girl
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read moreAnchal
"On the bench, lost in reverie, the past whispered softly." ©Anchal #raindrops #Benchawaits
Ak
टूटे दिल से मुस्कुरा लेते हैं। तन्हाइयों से भी अपने जख्म छुपा लेते हैं। बयां नहीं करते हाले दिल इस जहान के सामने ऐ सनम। तुझे सोच कर इस तन्हा दिल को बहला लेते है। ©Ak #Benchawaits
मुसाफिर
तेरे प्यार के एहसास में मैंने दिन को ढालते देखा, चांद को भी मुस्कुराते देखा, तेरे प्यार के एहसास में आसमान को भी रंग बदलते देखा। मैंने उसको मुस्कुराहटो के पीछे गम को छुपाते देखा। ©मुसाफिर #Benchawaits
Ak
तकलीफ़ का सबब मुझसे पूछे कोई। तुझे भुलाने की चाह में तुम ओर भी याद आ जाते हो। ©Khushi Amar goap #Benchawaits
GujaratiSahitya
💞 #ગુજરાતી_સાહિત્ય 💞 હોશિયાર રસ્તા પરના કાંટાથી બચીને નીકળી જાય છે, જયારે સમજદાર રસ્તા પરના બધા કાંટાને વીણી લે છે..!! 💐💐 શુભ સવાર 💐💐 🙏 જય શ્રી રાધે કૃષ્ણ 🙏 🌻 આપનો દિવસ શુભ રહે 🌻 ©GujaratiSahitya #Benchawaits
Praveen ji
bench सूना पड़ा है यह जहां बस तेरे साथ का इंतजार है,,, खाली पड़ी है तेरी जगह,,,,, ©Praveen ji #Benchawaits
HUMANITY INSIDE
हाँ मम्मी टिकट कंफर्म हो गयी थी, शीट पर ही बैठ कर आया हूँ। पहुँच गया हूँ। आपने जो खाना पेक करके दिया था वही खाये हैं बाहर का कुछ नहीं खाया। बाहर का तीखा खाना भी नहीं खाया है। रात को भी सादा खाना ही खाऊंगा। हाँ इस बार पिछली बार की तरह बस स्टैंड की बेंच पर नहीं सोया हूँ। होटल में कमरा लिया है,500 में मिल गया है। ज्यादा महंगा नहीं है। ठीक है मम्मी अब में सो रहा हूँ, सुबह पेपर है। ऐसा बोल कर एक 23 - 24 सालिया लड़का 5 रुपये के बिस्कुट खा के पानी गटक कर बैग को सिरहाने रख कर कल रात को पार्क की बेंच पर सो गया। ये लड़के भी न ☺️ ©Khyali Joshi #Benchawaits
गीतेय...
इतवार था,अवकाश था,और तुम आई ना, सो फिर आइना तोड़ डाला मैंने। अब और ऐतबार नहीं इस चेहरे पर, सुकून तो तीरे तस्वीर में है बस। सो निहारता रहा सहर तक , रहा बैठा अकेला उसी बेंच पर, जिसपे दो चार शाम हुई थी हमारी। नीर नही अश्क से भरा था तालाब आज , फिर उसी तालाब में सारी यादें विसर्जन कर आया।। - गीतेय... ©rritesh209 #Benchawaits
آصف نعیم
مجھے چھپن چھپائی کے کھیل سے نفرت ہے ! اکثر لوگ ایسے چھپ جاتے ہیں کہ تمام عمر نہیں ڈھونڈے جا سکتے ۔ ©آصف نعیم #Benchawaits