Find the Best शिमला Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutशिमला मिर्च बनाने की विधि, शिमला मिर्च बेसन की सब्जी, शिमला मिर्च की सब्जी, शिमला की न्यूज़, शिमला की गवरी,
SHAILESH RANA
जब भी देखता हूं तुझे, तो हर गम भूल जाता हूं, खैर क्या दवा है तू दर्द की, मैं अपने गहरे जख्म तक भूल जाता हूं....):- #srtheshayar #zindagi_pahadon_main #मेरी_पहाड़न #शिमला #ठियोग #yqdidi #yqhindi #hindishayari
शैलेश राणा
जब भी देखता हूं तुझे, तो हर गम भूल जाता हूं, खैर क्या दवा है तू दर्द की, मैं अपने गहरे जख्म तक भूल जाता हूं....):- #srtheshayar #zindagi_pahadon_main #मेरी_पहाड़न #शिमला #ठियोग #yqdidi #yqhindi #hindishayari
Kh_Nazim
सैनिक ताशकंद शिमला के मखाने में रो दिए उनकी क़ुरबानी पर क्या ये थी हमारी जिम्मेदारी, गया छोड़ अपना सब कुछ वो , देश की बहाली पर, जाने कितने सपने देखे उसके अपनों ने । खड़ा हिमालय पर वो प्रणा निछावर को होता है जब सघर्ष हत्यारो की बंदूको से गिरा लहू खून का एक । हिमालय की उन चटानो पे, तब कारगिल देखा है मैंने वीरो के हत्यारों से , बॉक्सा हमने एक लाख को अपने उन औजारो से । नहीं खुल रही पिंग की आँखे भी 62 के आभिमानो से ¡¡¡ भूल गया पडोसी का अंजाम 65 से 99 का । मारा पुच-करा था हमने 71 में एक को आजाद किया था हमने अब भी जी रहा है, ताशकंद शिमला के मखानों से भूल गया वो शायद मिन्टो के इस्लामाबाद के अफसानों को माफ किया था तब हमने का पुरुष के अल्फाज़ो से। सैनिक ताशकंद शिमला के मखाने में रो दिए उनकी क़ुरबानी पर क्या ये थी हमारी जिम्मेदारी, गया छोड़ अपना सब कुछ वो , देश की बहाली पर, जाने कितने सपने देखे उसके अपनों ने ।
सैनिक ताशकंद शिमला के मखाने में रो दिए उनकी क़ुरबानी पर क्या ये थी हमारी जिम्मेदारी, गया छोड़ अपना सब कुछ वो , देश की बहाली पर, जाने कितने सपने देखे उसके अपनों ने ।
read morePrince BaBa
#OpenPoetry हानिमून में लोग शिमला घूमने की उम्र में शिमला मिर्च खाकर दिन काट रहा हु मेरे दिल की खून की कलम से
Abhishek Tiwariz
तुम सोनी सेट मैक्स मेरी, मैं तुम्हारा सूर्यवंशम प्रिए, तुम पाकिस्तान का मौका मौका सी, मैं वर्ल्ड कप की जीत प्रिए, तुम दिल्ली वालों के दिल में जल रही हो, भरी जेठ की गर्मी सी, मैं शिमला की ठंड में खा रहा, बलजिस के गर्म गुलाबजामुन प्रिए, भागादौड़ी में तुम दौड़ रहे, मशीनों जैसे मेरे प्रिये, मैं फुर्सत से फुर्सत में बैठा हूं, इन शिमला के इंटरनैशनल लिट fest प्रिए
Deepak Kumar
दो टांगो के बीच से जन्म लेने के बाद वक्षस्थल पर अपनी प्यास भूख मिटाने वाला इंसान, बड़ा होते ही औरतो से इन्ही दो अंगों की चाहत रखता है, और इसी चाहत में बीभत्स तरीकों को इख्तियार करता है....... बलात्कार और फिर हत्या.....? ये कैसी चाहत है औरत से...??? जननी वर्ग के साथ इस तरह की मानसिकता..??
दो टांगो के बीच से जन्म लेने के बाद वक्षस्थल पर अपनी प्यास भूख मिटाने वाला इंसान, बड़ा होते ही औरतो से इन्ही दो अंगों की चाहत रखता है, और इसी चाहत में बीभत्स तरीकों को इख्तियार करता है....... बलात्कार और फिर हत्या.....? ये कैसी चाहत है औरत से...??? जननी वर्ग के साथ इस तरह की मानसिकता..??
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited