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अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "

कर रहे मक्कषत जी तोड़ यहाँ
फिर भी कई भूखे नंगे हैं
कोई नोचता नयनों से चेहरे को
यह रोजमर्रे के धंधे हैं
फिदरत नहीं बदलेंगे हम
कभी सोचा क्या सब अंधे हैं

©Anushi Ka Pitara #सोच #सोच_बदलो_देश_बदलो 

#SAD

Sopiya_Uday

#मासिक धर्म#

ये कैसे शिक्षित समाज में रहते हैं हम
मेरी एक फ्रेंड स्कूल लेक्चरर के घर में किराए से रहती है
जब उसको मासिक धर्म की सार्वभौमिक प्रक्रिया होती है तब उसे हिदायत दी जाती है कि वह अपने कपड़े बाथरूम में न धोकर बाहर के नल पर धोए, क्योंकि बाथरूम का जो नल है
वो रसोई घर के पानी के टैंक से जुड़ा हुआ है

हम सोच भी नहीं सकते कि आज के दौर में भी ऐसी थिंकिंग वाले लोग हमारे समाज में रहते हैं और वह भी एक शिक्षक
ऐसी सोच को लेकर अपने विद्यार्थियों को क्या शिक्षा दे सकता है।।
जब तक यह सोच नहीं बदलेगी महिलाओं के प्रति तब तक इस देश का कुछ नहीं हो सकता।।

जय भीम, सामाजिक कुरीतियों में दो ढीम🙏

©Sopiya Uday #सोच_बदलो_देश_बदलो

Swati

सोच बदलो,देश बदलेगा

जिस परिवार, समाज और देश में औरत का सम्मान नही होता है, 
उस परिवार, समाज और देश का पतन निश्चित है।

©Swati #सोच_बदलो_देश_बदलो

Vipendra Singh

जिस समाज मे सिर्फ नारी को ही लाज बचाने के तरीके बताए जाते हैं, वजाय इसके की पुरूषों की ये मानसिकता बदली जाए कि स्त्री उनके लिए कोई खिलौना है। उस समाज का विकास एक बुरी गंदी दुनिया का निर्माण है, जिसमें यदि नवसर्जन भी होगा तो केवल बुराइयों का ही होगा। क्या कोई समाज बिना स्त्री के खड़ा हो सकता है? जिस प्रकार आपके लिए आपकी, माँ, बहन और बेटी प्रिय है, ठीक उसी प्रकार इसी समाज की अन्य स्त्री भी उनके अपने परिवार के लिए प्रिय है। तो फिर भेदभाव क्यों? क्यों आप अपनी को छोड़कर वाकी को अपमानित नजरों से देखते

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 जिस समाज मे सिर्फ नारी को ही लाज बचाने के तरीके बताए जाते हैं, वजाय इसके की पुरूषों की ये मानसिकता बदली जाए कि स्त्री उनके लिए कोई खिलौना है।
उस समाज का विकास एक बुरी गंदी दुनिया का निर्माण है, जिसमें यदि नवसर्जन भी होगा तो केवल बुराइयों का ही होगा।

क्या कोई समाज बिना स्त्री के खड़ा हो सकता है?
जिस प्रकार आपके लिए आपकी, माँ, बहन और बेटी प्रिय है, ठीक उसी प्रकार इसी समाज की अन्य स्त्री भी उनके अपने परिवार के लिए प्रिय है।
तो फिर भेदभाव क्यों? क्यों आप अपनी को छोड़कर वाकी को अपमानित नजरों से देखते


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