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Andy Mann

#प्रेम_क्या_है Neel ɴᴀᴅᴀɴ_______ᰔᩚ________√ Bitterone_me Sonia Anand Ravi Ranjan Kumar Kausik

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White जब तुम वासना से किसी को देखते हो, व्यक्ति खो जाता है, वस्तु हो जाती है। इसलिए वासना की आंख को कोई पसंद नहीं करता। जब वासना खो जाती है तो सौंदर्य का अनुभव होता है। और जब सौंदर्य का अनुभव होता है, तो तुम्हारे भीतर प्रेम का आविर्भाव होता है।
प्रेम उस घड़ी का नाम है, जब तुम्हें सब जगह परमात्मा और उसका सौंदर्य दिखाई पड़ने लगता है। तब तुम्हारे भीतर जो ऊर्जा उठती है, जो अहर्निश गीत उठता है–वही प्रेम है।

©Andy Mann #प्रेम_क्या_है  Neel  ɴᴀᴅᴀɴ_______ᰔᩚ________√  Bitterone_me  Sonia Anand  Ravi Ranjan Kumar Kausik

Heer

किसी ने मुझसे पूछा...प्रेम क्या है ? 
मैने कहा...जो किसी और का होकर 
भी मेरा है, वही प्रेम है। 
💕💕

©Heer #प्रेम_क्या_है?

Heer

प्रेम क्या है ? 

रोज़ आंखे खुलने पर जिसकी पहले याद आए,
आवाज़ जिसकी सुनने को सारा दिन इंतजार रहे।

जिससे झगड़ा होने पर भी उसी को मनाने का 
इंतजार रहे, 
जिसकी बातें सोचकर चेहरे पर मुस्कान आ जाए। 

पूरी दुनिया की खुशी में भी जिसकी कमी से 
उदासी छा जाए,
देखे बिना जिसको दिन पूरा ना लगे.....ये है प्रेम!!

©Heer #प्रेम_क्या_है

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

प्रेम क्या है ? एक छलावा या एक चरित्र ? comment में जरूर बताए इश्क व प्यार एक पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप अपने घर में अलग अलग ब्यावहार के रूप में पाते है बचपन से पर बर्बादी वहा सुरु हो जाती है जहा आप एक व्यक्ति विशेस के व्यवहार को ही प्यार समझ बैठते हैं और उम्मीदों की हद खुद तय करने लगते है और भूल जाते है जहा लोभ यानी उम्मीद जहा हद हो वहा प्रेम कहा असली प्रेम चरित्र वो हैं जो बूंद बूंद हर रिस्तो से मिलती हैं परिवार दोस्तो गुरु इत्यादि सभी से इसलिए जब प्रेम परमात्मा से भी लोग करते हैं क्या वो किसी

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प्रेम क्या है ?
एक छलावा या एक चरित्र ?
comment में जरूर बताए 
इश्क व प्यार एक पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप अपने घर में अलग अलग ब्यावहार के रूप में पाते है बचपन से पर बर्बादी वहा सुरु हो जाती है जहा आप एक व्यक्ति विशेस के व्यवहार को ही प्यार समझ बैठते हैं और उम्मीदों की हद खुद तय करने लगते है और भूल जाते है जहा लोभ यानी उम्मीद जहा हद हो वहा प्रेम कहा  असली प्रेम चरित्र वो हैं जो बूंद बूंद हर रिस्तो से मिलती हैं परिवार दोस्तो गुरु इत्यादि सभी से
इसलिए जब प्रेम परमात्मा से भी लोग करते हैं क्या वो किसी को बर्बाद करते हैं कभी नही इसलिए छलावे वाले व्यवहार से जिस पल इंसान बहार आयेगा और विचार करेगा की एक से मिले प्रेम में बर्बाद होना सही हैं या सभी से मिले प्रेम चरित्र को पाना वो सही है  ये आपको खुद समझना होगा सही क्या है
प्रेम त्याग हैं जिसमे आप को पाने की चिंता नही होनी चाहिए बस उस प्रेम में मिलजाना समर्पित होना ही एक मात्र प्रेम पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप बिना हादो में रहकर ही पा सकते है या उसमे मिल सकते है अनंत तक।

©Ankur Mishra प्रेम क्या है ?
एक छलावा या एक चरित्र ?
comment में जरूर बताए 
इश्क व प्यार एक पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप अपने घर में अलग अलग ब्यावहार के रूप में पाते है बचपन से पर बर्बादी वहा सुरु हो जाती है जहा आप एक व्यक्ति विशेस के व्यवहार को ही प्यार समझ बैठते हैं और उम्मीदों की हद खुद तय करने लगते है और भूल जाते है जहा लोभ यानी उम्मीद जहा हद हो वहा प्रेम कहा  असली प्रेम चरित्र वो हैं जो बूंद बूंद हर रिस्तो से मिलती हैं परिवार दोस्तो गुरु इत्यादि सभी से
इसलिए जब प्रेम परमात्मा से भी लोग करते हैं क्या वो किसी

Veena Khandelwal

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#प्रेम_क्या_है

है पहला अनुबंधन प्रीतम ,  पत्र लिखे अरु रीति निभावत।
प्रीत पढ़े मन डोलत है सखि,प्रीत भरे तुम  मीत  कहावत।
माधुरि भाव जगे मन यौवन ,  है मनमंदिर प्रीत बढ़ावत।
सत्य सनातन प्रेम अलौकिक ,पावन शाश्वत भाव जगावत।। 

ये अहसास महान अलौकिक,लौकिक का कछु ज्ञान न अंदर।
अक्षर बाँध सकूं न सखी यह  , भीगि गई रुह,भान न भीतर।
प्रीत सनी हृद बाहर भीतर     ,   प्रेम  सुरंग रची अति सुंदर।
रंग चढ़ा मनभावन सुंदर   ,     काम भि डोल गया उर अंतर।

चंदन सी मनमोहक गंधिल ,जो महकावत है हृद आंगन।
सुंदर सी पुरवाइ चले सखि,जो बहकाय रहे तन औ मन।
प्रेम हि निर्मल निर्झर धार जु, ये हृद में अनुराग जगावत।
प्रीत कि गागर है छलके अति ,  प्रीत बहे रस धार जु सावन।   
 

प्रेम बिना सब शून्य रहे अरु ।जीवन है सखि प्रीत अधारित।
प्रीत सजीव रहे मनवा तब   ,      प्रेम महान सदा अवतारित।
प्रेम अहं न जरा भि सहे सखि, तो करना अभिमान विसर्जित ।
जो हृद से हृद बात करें  सखि , हो रसना बस मौन समर्पित।

Amit kumar jha

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2 Years of Nojoto #प्रेम_क्या_है*

        #इम्प्रेशन_से_शुरू_होकर*

#डिप्रेशन_पर_खत्म_होने_वाली*
   
                #मानवीय_प्रक्रिया*


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