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अदनासा-
R K Mishra " सूर्य "
सुख खातिर वन वन फिरूं मिले न सुख का छोर चंचल चित के चकाचौध में पकड़ न पाऊं डोर जाल बिछाई ठगनी माया जित देखूं उत ओर काम क्रोध मद लोभ चौकड़ी इन बिन होत न भोर आनंद कंद हे कृष्ण चंद हे यशुदा नंद किसोर "सूर्य" एक आसरा तिहारो मिल जावे कोई ठोर ©R K Mishra " सूर्य " #भटकाव Ashutosh Mishra Rama Goswami Sethi Ji R Ojha अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर
#भटकाव Ashutosh Mishra Rama Goswami Sethi Ji R Ojha अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर
read moreNidhi Pant
वो पंछी दूर से उड़ान भरकर आएगा, दाना लेकर फिर लौट जाएगा। ये भटकने का दौर है गुजर जाएगा, मंज़िल मिलते ही सब संभल जाएगा। #भटकाव #मंज़िल #beoptimistic #lifelessons 🤘
#भटकाव #मंज़िल #beoptimistic #lifelessons 🤘
read moreK K Joshi
जेठ की दुपहरी! आंगन के एक कोने पर गुलाब की गमजदा पत्तियां! उदास फूल -- जैसे पश्चाताप में पड़ा मन झाड़ता हो धूल अपनी बसंती भूलों से! आंगन के दूसरे कोने पर मरुथल के अनुभव में पका कैक्टस मनाता उत्सव अपनी कांटों की फसल का! धूनी रमाए--- मस्त! न फूलों का लक्ष न भूलों की चिन्ता!! और एक मैं--- इस कोने से उस कोने तक बेवजह टहलता कई जन्मों से !!!! गुलाब, कैक्टस और मै #भटकाव
गुलाब, कैक्टस और मै #भटकाव
read morePushpvritiya
भावो का भटकाव "शब्दों" तक......शब्दों का "मौन" तक..... और मौन को पाया "मोक्ष" तक.....भटकते हुए......... @पुष्पवृतियां . . . ©Pushpvritiya #भटकाव
vibrant.writer
© Vw याद रखो बड़े होने से भटकाव खत्म नहीं हो जाता, मैंने ब्लैकहोल के आसपास घूमते सितारों को देखा है। #भटकाव #Blackhole #सितारे याद रखो बड़े होने से भटकाव खत्म नहीं हो जाता, मैंने ब्लैकहोल के आसपास घूमते सितारों को देखा है। #vibrant_writer कलम बोल रही हैं.... #pritliladabar #yqdidi #yqhindi #twoliner
#भटकाव #blackhole #सितारे याद रखो बड़े होने से भटकाव खत्म नहीं हो जाता, मैंने ब्लैकहोल के आसपास घूमते सितारों को देखा है। #vibrant_writer कलम बोल रही हैं.... #pritliladabar #yqdidi #yqhindi #twoliner
read morevibrant.writer
यह भटकाव भी जरूरी है, इसी भटकाव से थक हार के, कहीं किसी भीड़ में अंदर के वीरानों में उजाले हो जाएंगे। #भटकाव यह भटकाव भी जरूरी है, इसी भटकाव से थक हार के, कहीं किसी भीड़ में अंदर के वीरानों में उजाले हो जाएंगे। #vibrant_writer कलम बोल रही हैं.... #with_beena ji 😊😊
#भटकाव यह भटकाव भी जरूरी है, इसी भटकाव से थक हार के, कहीं किसी भीड़ में अंदर के वीरानों में उजाले हो जाएंगे। #vibrant_writer कलम बोल रही हैं.... #with_beena ji 😊😊
read moreKavita jayesh Panot
बचपन में बस्तों का बोझ ढोते रहे, जवानी में रिश्तों का बोझ , रातों में ख्वाब बुनते रहे, दिन के उजालों में फटे दिल सिलते रहे। सारी उम्र कभी औरो को मनाने में , तो कभी रिझाने में। खुद को खुद से जुदा करते रहे। स्वांसों की चाबी जितनी भरी थी खुदा ने, बस खिलौनों की तरह कभी यहाँ, तो कभी वहाँ न जाने कहाँ कहाँ , सुकूँ की तलाश में भटकते रहे। हम नहीं हारे कभी जीवन की कशमकश में, कभी गिरते तो कभी सम्हलते, कभी टूटकर बिखरते , बस यूँ ही चलते रहे , यू ही चलते रहे। Kavita panot @cosmic power ©Kavita jayesh Panot #जीवन#शान्ति#तलाश#भटकाव