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Best बरखा Shayari, Status, Quotes, Stories

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ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

आ भी जा बरखा,न दिखा इतने तेवर।
देख तेरी राह तक रहे,तेरी दीदी के देवर।।
😂😂
Barish 🌧️ the season of love ❤️

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #rain 
#बरखा

Thakur supriya

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Rakesh frnds4ever

#baarish #सावन #बरसे , तरसे दिल, क्यों ना निकले घर से #दिल #बरखा में भी दिल #प्यासा है, #भीगी भीगी सी हर आशा है कैसी छाई ये #बहार है दिल ये क्यों बेकरार है रैना जागे , क्यों भागे मन नैना बरसे यूं तरसे ये मन खाली खाली सा ये तन बदन

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अदनासा-

Shubham Bhardwaj

A@

#बरखा रानी

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kumaarkikalamse

तेरी इन नन्ही उँगलियों की छुअन, कर दे मेरा तन-मन पावन, तुझसे मिलती नयी उमंग नयी तरंग, तुझसे मेरी ज़िन्दगी में रंग ही रंग, तुझसे मेरी पहली बरखा, तुझमें खुशबू गीली मिट्टी की, तुझसे पूरी होती मेरी जिंदगी, मेरा गुरूर मेरा सूरूर सब तू, तू ही तू!

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तेरी इन नन्ही उँगलियों की छुअन, 
कर दे मेरा तन-मन पावन, 
तुझसे मिलती नयी उमंग नयी तरंग, 
तुझसे मेरी ज़िन्दगी में रंग ही रंग, 
तुझसे मेरी पहली बरखा, 
तुझमें खुशबू गीली मिट्टी की, 
तुझसे पूरी होती मेरी जिंदगी, 
मेरा गुरूर मेरा सूरूर सब तू, तू ही तू! 




 तेरी इन नन्ही उँगलियों की छुअन, 
कर दे मेरा तन-मन पावन, 
तुझसे मिलती नयी उमंग नयी तरंग, 
तुझसे मेरी ज़िन्दगी में रंग ही रंग, 
तुझसे मेरी पहली बरखा, 
तुझमें खुशबू गीली मिट्टी की, 
तुझसे पूरी होती मेरी जिंदगी, 
मेरा गुरूर मेरा सूरूर सब तू, तू ही तू!

nojotouser5592564591

#बरखा न आये...
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं अब 
मैंने अपने सारे दर्द डायरी के हवाले कर दिया है 
वो दर्द जो बेहिसाब सा है 
ताकि तुम्हारे नैनो में बरखा न आये...
©vs_three_dots_nar #yqbaba #yqdidi #vikasshyamle 
#yqhindi #yqvikasshyamle #yqbindu  #diarylove

राघव रमण

#बरखा

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झहरैत पैनक एक अछार
डुमि गेल खेत आ खरिहान
पोखैर इनार सबतरि भरलै
हवा बसातक करू गुणगान

©Raghav Raman #बरखा

Sangeeta Verma

अंबर कहे बादल से,तू शोर न मचाया कर
बरसना है तो बरस खाली गर्जन न सुनाया कर,

हरे भरे  खेतों की आभा, खो सी गई है,
कल-कल करती नदियां, सुखी हो सी गई है,

ऐसे तो अकाल का,प्रकोप भड़क जाएगा,
समय पे न बरसेगा तो, कौन तुझे अपनाएगा,

सूखे दरख़्तों से घोंसले उजड़ जायेंगे,
जग की न्यारी लाली में, पंछी कलरव कैसे गाएंगे,

भारत सोने की चिड़िया है, ये मंत्र यही दर्शाता है,
धरती सोना उगलेगी, जब बादल जल बरसाता है,

लगता है तुम दूरगामी देशों के हो चुके हो,
या शहर की चकाचौंध में, तुम भी खो चुके हो,

धरा वियोगी हो गई है, मुरझाई सी सो गई है
शीतल बरखा की बूंदों से,मिलन की आस में खो गई है,

एक किसान का मकान, कर्ज और लगान बाकी है,
बरस जाओ बादल, एक इम्तिहान अभी बाकी है ,

संगीता वर्मा ✍️✍️

©Sangeeta Verma #tree #बादल #बरखा
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