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Mohan Somalkar
White आयुष्य जगतांना आयुष्य जगतांना आयुष्यच घेते परिक्षा मन आपले मजबूत ठेवा स्वतःला देऊ नका शिक्षा! आयुष्य जगतांना आयुष्याच्या वाटेवर काटे असतात त्या काट्यांना फुल बनवा जे असे करतात तेच खरे जीवन जगतात आयुष्य जगतांना डगमगून जाऊ नका! इथे प्रत्येक वळणावर मिळे धोकाच धोका! आयुष्य जगतांना मनात सकारात्मक विचार ठेवा! चाला आपल्या मर्जीनुसार करु नका कुणाचा हेवा! आयुष्याला द्या हसतमुखाने तोंड संघर्षाशिवाय जीवन नाही! तडजोड आयुष्यात करा अडचणीचा करा बिमोड मोहन सोमलकर नागपूर ©Mohan Somalkar #कविताई
कवि अनिल सिंह अल्प
देश की प्रतिभाओं का सम्मान भी जब हो नही राष्ट्र का अपने ही गौरव गान भी जब हो नही क्या हुआ इस मुल्क की आवोहवा क्या मर चुकी खोखले आदर्श हों ईमान भी जब हो नही ©कवि अनिल सिंह अल्प #कविताई
BANDHETIYA OFFICIAL
मरती मानवता के बीच नैतिकता बचाने की जद्दोजहद है, कहते हैं, भावना आहत हो रही है, कविता बचाने की जद्दोजहद है। धन्य तेरी भावना और धन्य तू हताहत, कविताई भी कबीरी की पाये न तुमसे राहत। ©BANDHETIYA OFFICIAL #कविताई गई ! #bestfrnds
#कविताई गई ! #bestfrnds
read moreAshutosh jain
एक कली मुझे उस रात मिली जिस रात मिली कुछ बात चली होठों पर मुस्कान अंखियों में सागर था सांवला तन था कोमल उसका मन था सपनो का संसार जीवन में उसके बसा था कहना था उसका .. है अंधेरा घनघोर ,कभी होगी भोर कब टूटेंगे बंधन और मचेगा शोर सबको अपना सगा माना किसी ने मुझे ना पहचाना प्यार और दुलार दिया ,बहनों ने नकार दिया पिता से थी आशा ,उनसे भी मिली निराशा मां से क्या कहूं वो तो खुद ही ठोकर खाई थी ना जाने क्यों ऐसी दुनिया उन्होंने बसाई थी चारदीवारी में घिरी डरी सी रहती आई हूं पता नही क्यूं में अब तक यह सहती आई हूं प्रण लिए बेड़ियां तोड़ दूंगी में घबराई हुई हूं ,ठुकराई हुई हूं लाचार नहीं हूं ,बेकार नहीं हूं थी वह मोम से गुडिया थमा दी गई उसे दुखों की पुडिया सुनकर उसकी व्यथा मैं क्या कहता खामोशी मेरे अंदर छाई है अब सुबह होने आई है आसमान में चिड़िया चहचहाई है कैसे बताऊं तू कितनी प्यारी है ,दुलारी है अबोध थे जो तुझे पहचान ना सके तुझे अपना मान ना सके मैंने तुम्हे पहचान लिया तुम्हे अपना मान लिया थाम ले मेरा हाथ , तू चल मेरे साथ कहीं दूर जहां तेरे मेरे सपने हो कुछ अपने हों , आ थाम ले मेरा हाथ तुम होगी साथ तो बनेगी बात एक कली मुझे उस रात मिली जिस रात मिली कुछ बात चली। ©Ashutosh jain एक कली ... एक कली मुझे उस रात मिली जिस रात मिली कुछ बात चली होठों पर मुस्कान अंखियों में सागर था सांवला तन था कोमल उसका मन था सपनो का संसार जीवन में उसके बसा था कहना था उसका ..
एक कली ... एक कली मुझे उस रात मिली जिस रात मिली कुछ बात चली होठों पर मुस्कान अंखियों में सागर था सांवला तन था कोमल उसका मन था सपनो का संसार जीवन में उसके बसा था कहना था उसका ..
read morekadamkl
न होगा कभी कलह,न होगी जरूरती सुलह प्रेम कि राह सुराह,सबको मेरी यही सलाह ।। ©Kumud Kadam #कविताई #poem #Hindi #hindi_poetry #Love #Krishna #Krishna #hindi_Dohe
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तेरे शहर में हर तरफ अब बुत ही बुत खड़े हैं - आदमी की शक्ल में! #आदमियत_की_खुराक @manas_pratyay #कविताई #कवितांश #आदमियत_की_खुराक © Ratan Kumar
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आता है वह हुल्लुक की तरह बेतरतीब-बेतहाशा-सरपट भगाते हुए- गुल कर दी गई बत्तियो के घुप्प अंधियारे में खदेड़-पिटते तुम्हें तब नजर आती हैं बस... मोबाइलों और सायरनों से कँप निकलती रौशनियों में वज्र-सी चमक-चमक उठती कहर-सी लाठियाँ - लहराती हवा में बिजली-सा तेज गेती-सा देती है तेज झटके ऐसे कि उद्घोषित हक-वो-हुकूक बा-आवाज़-बुलन्द हलक तक गटक, पड़ जाओ शिथिल, तुम पड़ जाओ मन्द... #protest_against_state_brutality @manas_pratyay #कविताई #कवितांश #सूरजमुखी_के_फूल © Ratan Kumar
#कविताई #कवितांश #सूरजमुखी_के_फूल © Ratan Kumar
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#कविताई#कवितांश#क्यों_देती_है_दस्तक © Ratan Kumar
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Challenge तब खटकती-सी आवाज़ वह- जब दूर जाती-सी लगी लगने बहुत जहीन ! लगा कहने दिल- बहुत हसीन ! यही वो आवाज़ गुमशुदा ? कि जुस्तुजू जिसकी की ताउम्र? हां, बीते जनम कई तलाश में जिसके मगर सुन... पुरसुकून सा आलम तो यह भी फिर तू क्यों देती है दस्तक! @manas_pratyay #कविताई #कवितांश #क्यों_देती_है_दस्तक © Ratan Kumar
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आता है जब, वह तेरे क़रीब... दस्तक! दरवाजे पर देता एक अचानक! कब से पड़ा बंद, पट दिल का... ? धी...मे से खुली किवाड़, खुलकर हुई फिर, कुछ बंद ऐसे - धड़ाक! धम्म! से धक् से धक् धक् -धकधक हुई तेज धड़कन दिल की गिरी हो दीवार दिल पर ही जैसे थोड़ी ही देर इन्तजार...बस। @manas_pratyay #कविताई #कवितांश #क्यों_देती_है_दस्तक © Ratan Kumar
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