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'मनु' poetry -ek-khayaal
#sad_shayari #गुलज़ार #गुलज़ारसाहब #Gulzar #Poetry Love #शायरी Shayari #Poet #gulzarshayari
read moreGita Khanna
साहित्य, संगीत, कला की हर एक विधा में मां सरस्वती ने तुम पर अनुपम प्यार लुटाया है.. मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1964 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #collab #Your
मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1964 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your
read moreGumnaam
इश्क़ की स्याही में जब उतरे मोहब्बत के पैग़ाम जर्रा ज़र्रा भी सवर जाए जब जब आये गुलज़ार का नाम। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
read moreR Dubey
अगर खत्म भी कर दू मैं जसबातों का कैसे कर पाऊंगी दूर कर लूं उससे खुद को मैं मगर दिल कैसे रख पाऊंगी मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1964 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #collab #Your
मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1964 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your
read moreJuhi Grover
नाम उन का गुलज़ार है, बच्चों से जिनको बहुत प्यार है, गीतों से जिनके जहाँ में बहार है, जी हाँ, ये वही मशहूर गीतकार हैं। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
read moreShiwalika_SSS
अद्भुत अनोखा फ़नकार है, अतुल्य हुनर की भरमार है, उस सा ना कोई कलाकार है, नाम उसका गुलज़ार है..। शब्दों का जो भंडार है, विचारों की सीमा अपार है, अभिन्न उसकी रचनाओं के सुर, गुनगुनाता सारा संसार है..। सदियों में एक जो जन्म लेता है, ऐसा वो गीतकार हैं, नाम उनका गुलज़ार है...।। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
read moreShiwalika_SSS
अद्भुत अनोखा फ़नकार है, अतुल्य हुनर की भरमार है, उस सा ना कोई कलाकार है, नाम उसका गुलज़ार है..। शब्दों का जो भंडार है, विचारों की सीमा अपार है, अभिन्न उसकी रचनाओं के सुर, गुनगुनाता सारा संसार है..। सदियों में एक जो जन्म लेता है, ऐसा वो गीतकार हैं, नाम उनका गुलज़ार है...।। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
read moreShiwalika_SSS
अद्भुत अनोखा फ़नकार है, अतुल्य हुनर की भरमार है, उस सा ना कोई कलाकार है, नाम उसका गुलज़ार है....।। सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
सम्पूर्ण सिंह कालरा यानी गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, 18 अगस्त 1936 को हुआ था। अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत गीतकार के रूप में की इस के अतिरिक्त वे एक शायर, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ ऊर्दू में हैं, किंतु हिंदी और अंग्रेज़ी में भी लिखते रहे हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चु
read moreLokesh Mishra
ख्वाब में कुछ शायरी मैं हूं बुनता, जिंदगी के बागवान में, कड़वे अनुभवों को अल्फाजों से हूं सिलता, मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #collab #Your
मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your
read moreAnita Saini
बचपन में माँ का साया सर से छिन जाना देश विभाजन के कारण विस्थापित हो जाना आसान कहाँ होता है अपनी जड़ों से कट जाना कच्ची उम्र में ज़िंदगी के सारे सबक मिल जाना। नसीब नहीं होता गुलों को माली का मिल जाना वक़्त के थपेड़े खा कर भी गुलों का खिल जाना मुमकिन है मिस्त्री का यकायक भाग खुल जाना निरी तन्हाइयों की उपज रही कविता लिखा जाना लम्हों के शायर ने सीखा अशआरों में मिल जाना आसान नहीं था सम्पूर्ण सिंह से गुलज़ार हो जाना मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #collab #Your
मारूफ़ शायर-गीतकार, अफ़साना निगार व फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पाकिस्तान पंजाब के दीना प्रान्त में हुआ। उनका पूरा नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। मगर सारी दुनिया में गुलज़ार के नाम से जाने जाते हैं। उनके लिखे गीत इंसान के सूक्ष्म मनोभावों को एक अद्भुत भाषा में व्यक्त करते हैं। उनके डायलॉग्स और उनका निर्देशन सब भारतीय फ़िल्म इतिहास में अपनी मिसाल ख़ुद है। उनकी शायरी का स्वाद बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है। कौन नहीं होगा जो उनके लेखन से प्रभावित न हो। #गुलज़ारसाहब #Collab Your
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