Find the Best आठ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutआठवीं के, 'रामायण का आठवां भाग', आठवतात का, आठवणीची शायरी, आठवण शायरी,
Anupama Jha
आठ से पाँच की नौकरी कर बेटे की जिम्मेवारी निभाती है शाम को करना न देर बेटी माँ उसको ये याद दिलाती है #आठ #yqdidi
shayar HR
वक़्त में हमेशा सात के बाद आते हैं आठ माँ के दरबार मे जाते ही बढ़ जाते हैं ठाठ अपनी कलम से HR 1151 https://www.facebook.com/harshal123in #yqdidi #आठ #yqbaba #yqhindi #shayar_hr
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घड़ी की सुईयां तेज़ी से बढ़ रही थी। #षडयंत्र_के_आठ_अंक मत्स्य भोज की थी वो रात अंतिम बार, हुई क्या थी बात चले गए तुम उस रोज ऐसे देकर कैसा ह्रदयघात संवाद हुआ था कैसा उस दिन तिथि रही होगी वो सात किस शब्द से भेदा तूने तीर से ज्यादा चुभी थी बात वही तिथि फिर लौट आई माह बीते समय तिथि सब आठ फिर यादों ने घेरा मुझको जब टूटी थी अंतिम सांस उस दिन जाना अर्थ अनाथ जब छूटा अपनो का साथ भोर हुई तो लगी थी भीड भीड में दिखती अनेको ठाट तब से अब तक कहा नही कोई मेरा अब रहा नहीं राख बेच कर चुपड के चंदन कर रहे वो नंगा नाच समान अंक है सबमे आठ ग्रहप्रवेश की किश्तें आठ किलकारी की कीमत आठ कर कनक की पुट्टल आठ आज हो गए इनके ठाठ बन गए सब साहब लाट कुकर्म है किया जो सबने मरो प्यासे मिले न घाट #Sadharanmanushya ©#maxicandragon #षडयंत्र_के_आठ_अंक मत्स्य भोज की थी वो रात अंतिम बार, हुई क्या थी बात चले गए तुम उस रोज ऐसे देकर कैसा ह्रदयघात संवाद हुआ था कैसा उस दिन
#षडयंत्र_के_आठ_अंक मत्स्य भोज की थी वो रात अंतिम बार, हुई क्या थी बात चले गए तुम उस रोज ऐसे देकर कैसा ह्रदयघात संवाद हुआ था कैसा उस दिन
read moreC L Goswami
एक बार की बात है दो लकडहारे पेड़ काटने जाते थे एक चार घंटो तक पेड़ काटता और एक आठ घंटों तक लेकिन जो आठ घंटे पेड़ काटता था वो मुस्किल से एक पेड़ काटता और चार घंटे वाला उस से ज्यदा पेड़ काटता एक दिन आठ घंटे वाले ने छुप कर देखा की कसे करता वो इतना ज्याद काम तो क्या देखा की वो चार घंटे पेड़ काटता और चार घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करता था उसी तरह आप भी आपने दिमाक की धार को बनाने मे ज्यदा टाइम दे ना की रटा मारने पर और दिमाक की धार सोचने से लिखने से होती है c l goswami
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 2 – ग्रह-शान्ति 'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते
read moreRakesh Kumar Dogra
दो और दो चार होते हैं आठ और आठ सोलह, एक और एक दो नहीं दोनो होते हैं एक एक करके बारी बारी , भी एक नहीं होते हैं
Mularam Bana
*करगिल 👍विजय दिवस: 20 साल पहले आज के दिन 🇮🇳भारत ने सरहद पर छुड़ाए थे पाक के👊 छक्के* ''या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा या विजयश्री प्राप्त कर धरती का राज भोगेगा।'' गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पांव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। कृतज्ञ राष्ट्र भारत आज कारगिल पर विजय की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर सपूतों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था। 1998 की सर्द
*करगिल 👍विजय दिवस: 20 साल पहले आज के दिन 🇮🇳भारत ने सरहद पर छुड़ाए थे पाक के👊 छक्के* ''या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा या विजयश्री प्राप्त कर धरती का राज भोगेगा।'' गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पांव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। कृतज्ञ राष्ट्र भारत आज कारगिल पर विजय की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर सपूतों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था। 1998 की सर्द
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*करगिल 👍विजय दिवस: 20 साल पहले आज के दिन 🇮🇳भारत ने सरहद पर छुड़ाए थे पाक के👊 छक्के* ''या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा या विजयश्री प्राप्त कर धरती का राज भोगेगा।'' गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पांव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। कृतज्ञ राष्ट्र भारत आज कारगिल पर विजय की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर सपूतों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था। 1998 की सर्द
*करगिल 👍विजय दिवस: 20 साल पहले आज के दिन 🇮🇳भारत ने सरहद पर छुड़ाए थे पाक के👊 छक्के* ''या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा या विजयश्री प्राप्त कर धरती का राज भोगेगा।'' गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पांव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। कृतज्ञ राष्ट्र भारत आज कारगिल पर विजय की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर सपूतों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था। 1998 की सर्द
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 11 - वीरता का लोभ शरद् की सुहावनी ऋतु है। दो दिन से वर्षा नहीं हुई है। पृथ्वी गीली नहीं है; परंतु उसमें नमी है। आकाश में श्वेत कपोतों के समान मेघशिशु वायु के वाहनों पर बैठे दौड़-धूप का खेल खेल रहे हैं। सुनहली धूप उन्हें बार-बार प्रोत्साहित कर जाती है। पृथ्वी ने रंग-बिरंगे पुष्पों से अंकित नीली साड़ी पहन रखी है। पतिंगे के झुण्ड दरारों में से निकल कर आकाश में फैलते जा रहे हैं। आमोद और उत्साह के पीछे मृत्यु के काले भयानक हाथ भी छिपे हैं, इसका
read moreराजकिशोर मिश्र राज
चण्डिका === चण्डिका छंद या धरणी छंद में प्रत्येक चरण में १३ मात्राएँ होती है lप्रत्येक चरण में आठ ,पाँच पर यति अंत में चरणान्त रगण [२१२ आदि अंत गुरु मध्य लघु ] द्वय क्रमागत तुकांत होता है l =========================================== तेरह मात्रिक , चण्डिका l आठ पाँच यति , चण्डिका ll अंत रगण प्रिय चण्डिका , अनुपम छन्दस मंडिका ll ------------------------------------------------------------------------- निकुंज प्रबुद्ध वाहिनीl उत्कर्ष हर्ष दायिनी l माँ ज्ञान देवि शारदे l प्रभा सुधा से तार दे ll
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