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Pushpa Sharma "कृtt¥"
White राम और रावण ने हमें मिलकर समझाया, पाप- पुण्य से चाहे कितना भी बलवान हो, टकराया तो ख़ुद को मिट्टी में मिला पाया। ©Pushpa Sharma "कृtt¥" #Dussehra #पापपुण्य #बलवान #धरती #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर्स
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read moreबेजुबान शायर shivkumar
White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar #मौसम Sethi Ji Bhanu Priya Kshitija Sana naaz puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख ये #हरियाली । गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला की प्याली ।
Rakesh frnds4ever
White अ:- क्या हाल है !!?!!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, जिंदगी भी जी का जंजाल है, बवाल ही बवाल हैं, शरीर केवल हाड़ मांस का कंकाल है....) ब:- क्या चल रहा है आज कल!!!??!! मैं:- ,,,,,,,कुछ नहीं,,,,, ((सब थम गया है, ये धरती ,अंबर ,पहाड़, हवाएं, नदी झरने ताल पोखर,,, ये शरीर , इसकी नलिकाएं, अवनालिकाएं, धमनियां, रक्त प्रवाह, हाड़ मांस गुर्दे दिल फेफड़े ,,,सब का सब___ जैसे जर गया है,,, दिल दिमाग मन चित सब _____जैसे जम गया है,,, ((घूटन में दम तोड़ती, तड़पती बस टूटी फूटी सांसे चल रही हैं....))) ©Rakesh frnds4ever #हाल_बेहाल अ:- #क्या हाल है!??!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, #जिंदगी भी जी का #जंजाल है,बवाल ही बवाल हैं, शरीर केवल हाड़ मांस का #कंकाल है....) ब:- क्या चल रहा है आज कल!!!??!! मैं:- ,,,,,,,कुछ नहीं,,,,,
#हाल_बेहाल अ:- #क्या हाल है!??!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, #जिंदगी भी जी का #जंजाल है,बवाल ही बवाल हैं, शरीर केवल हाड़ मांस का #कंकाल है....) ब:- क्या चल रहा है आज कल!!!??!! मैं:- ,,,,,,,कुछ नहीं,,,,,
read morePushpa Sharma "कृtt¥"
White चाँद से कुछ ऐसा दिखता है नज़ारा, नीली से धरती और अंबर है प्यारा। ©Pushpa Sharma "कृtt¥" #International_Day_Of_Peace #अम्बरसे #धरती #नज़ारा #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर
वंदना ....
White आज इस सांझ के साथ कुछ पल रहने दो ये डूबता हुआ सूरज कुछ कह रहा है ..................... कहने दो सबको देख रंग बदलते, पर सूरज हमेशा अटल रहा अपनी नित्य जीवन पे सुबह आना शाम को ढलना बिना किसी उम्मीद, ...................... अहंकार से सृष्टि को नया चेतना, जीवन प्रदान करना सोचा क्या रिश्ता होगा धरती से सूरज का ठीक वैसे ही लगा एक पिता का पुत्री सा ©वंदना .... #सूरजनेसिखाया #धरती 😇🤗🙏🌿
#सूरजनेसिखाया #धरती 😇🤗🙏🌿
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White " बरसात का मौसम जब भी आती है " बरसात का मौसम जब भी आती है, वो ढेरो खुशिया लाती है । ये प्यासी धरती की वो प्यास बुझाती है, मिटटी की भीनी सुगंध को फैलाती है । ये अकाश कि उस भीषण गर्मी से बचाती है, वो शीतलता हमें दे जाती है । मुसलाधार प्रहारों से पतझड़ को भागाती है, ये बहारो का मौसम लाती है । चारो ओर हरियाली फैलाती है, नदियों का पानी को बढाती है । तालाबो को भर सी जाती है बारिश के चलते ही खेती हो पाती है । किसानो के होठो पे प्यारी मुस्कान ये लाती है, रिमझिम फुहारों से सुखा मिटाती है । मोरो को नचाती है पहाड़ो में फूल खिलाती है । बीजो से नए पौधे उगाती है। बरसात का मौसम जब भी आती है ” ©बेजुबान शायर shivkumar #rainy_season #rainy #बरसात #बारिश #बारिशकीबूंदे " बरसात का #मौसम जब भी आती है " बरसात का मौसम जब भी आती है,
#rainy_season #rainy #बरसात #बारिश #बारिशकीबूंदे " बरसात का #मौसम जब भी आती है " बरसात का मौसम जब भी आती है,
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White गूंज उठे ये कुंजर भी , इन कलियों में पंखुड़ियां खिल सी आयी हैं । जीवन में अमृत बरसाने को, ये बारिश की बूंदें धरती पे उतर आयीं है ।। ये नन्हे नन्हे पेड़- पौधों से, उन जंगल में हरियाली सी खिलती है । लाल पीली कोंपल से, ये जीवन की छटा निराली सी होती है ।। वृक्षों की महिमा निराली , प्रकृति भी इन वृक्षों से जब सजती है। मोरों की कूंक और चिड़ियों की चहचहाहट, इन वनों में जब ये गूंजती है ।। वर्षा ऋतु भी अच्छी होती , जहां इन वृक्षों की अधिकता होती है । धरती रेगिस्तान बन सकती है , जहां इन वृक्षों की न्यूनता होती है ।। वन क्षेत्र के संरक्षक बनकर, वनों का महत्व समझाते रहते थे ।। जो धरा वृक्ष विहीन हो जाये तो , वहां ये धरती बंजर हो जाते थे ।। अच्छी उपजाऊ धरती में भी , बिन वृक्षों के कंगाली छा जाती है।। धरती को हमको बचाना है , इस धरा पर खूब वृक्ष लगाना है । आओ हम सब वृक्ष लगाएं , जीवन में हरियाली की खुशियां लाए । घर घर में छोटे छोटे पौधे लगाकर, उस घर संसार को उपवन बनाएं ।। ©बेजुबान शायर shivkumar #cg_forest #Forest #Nojoto गूंज उठे ये कुंजर भी , इन कलियों में पंखुड़ियां खिल सी आयी हैं । जीवन में अमृत बरसाने को, ये बारिश की बूंदें #धरती पे उतर आयीं है ।।
#cg_forest #Forest गूंज उठे ये कुंजर भी , इन कलियों में पंखुड़ियां खिल सी आयी हैं । जीवन में अमृत बरसाने को, ये बारिश की बूंदें #धरती पे उतर आयीं है ।।
read morepuja udeshi
Black ये पावन धरती का सम्मान करो इसके जीवो की रक्षा करो पेड़, पशु,पक्षी, वन जीव हमारी शान है इनका भक्षक ना बनो इस से सब कुछ पाया है अनाज फल, सोना चांदी, तेल लेना ही जाना है देना नहीं ऐसा ना करो...... ©PФФJД ЦDΞSHI #धरती
Godambari Negi
White धरती ही पहली माता है। जन्मों का इससे नाता है। भोजन पानी हमको देती, यह जीवन की सुख दाता है। ©Godambari Negi #धरती