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lalitha sai
हे राधे..🌺 मैं तो तुझ में ही हूँ.. तुम्हारी राग के भाव बनकर.. तुम्हारे हर पल के सुकून के पल बनकर, हे राधे..🌺 मैं तो तुझ में ही हूँ.. तुम्हारी गीत के ताल बनकर.. तुम्हारे हर वक्त के तुम्हारे साथ बनकर..!! मेरे कान्हा...🌺 तेरे होने का एहसास हर पल मुझे होता हैं,जिससे पल-पल मेरा प्रेम तेरे प्रति बढ़ता जाता हैं, पर इस मन की एक लालसा हैं की कब होंगे दर्शन तेरे! कोई ना मेरे मनमोह,मैने तुमसे अनन्त प्रेम किया है कान्हा और तुम्हारे प्रेम ने मेरे प्रेम को अटल बना दिया हैं, इसलिये जितनी प्रतीक्षा करवानी हैं तुम्हे, उतनी ही कर वालो मुझसे, मैं इस जन्म तो क्या हर जन्मो में इसी प्रकार तुम्हारी राह निहारुँगी और अपने प्रेम से जीत लुँगी तुम्हे.... 🌺🌺 🌺⭐जय किशोरी माधव ⭐🌺
मेरे कान्हा...🌺 तेरे होने का एहसास हर पल मुझे होता हैं,जिससे पल-पल मेरा प्रेम तेरे प्रति बढ़ता जाता हैं, पर इस मन की एक लालसा हैं की कब होंगे दर्शन तेरे! कोई ना मेरे मनमोह,मैने तुमसे अनन्त प्रेम किया है कान्हा और तुम्हारे प्रेम ने मेरे प्रेम को अटल बना दिया हैं, इसलिये जितनी प्रतीक्षा करवानी हैं तुम्हे, उतनी ही कर वालो मुझसे, मैं इस जन्म तो क्या हर जन्मो में इसी प्रकार तुम्हारी राह निहारुँगी और अपने प्रेम से जीत लुँगी तुम्हे.... 🌺🌺 🌺⭐जय किशोरी माधव ⭐🌺
read moreUnconditiona L💓ve😉
माँ आपके ऊपर ही है अपनी दुःख की छतरी हटाओ और महसूस करो उनको... मेरी प्यारी आप तो ख़ुद पूरी जग की ममता से परिपूर्ण है न्यारी आपमें तो माँ गौरी बसें.. तो दुखी क्यों अपने दिल को मनाओ ख़ुश करो उनको.🥺🥺 मईया..मोरी हमसे अब न होगा 😔😔 चलो आओ साइड में.. फिर दोनों रोते है 😐❣️👸 एक जमाना था जब मै भी लाड़ली थी किसी की हर पल गोद बैठी उसी की बड़े प्यार से सहलाती वो सिर को मेरे पर मै ना जाती गोद सभी की । मेरे रोने बस से समझ जाती वो मुझे भूख लगी इतना कह कुछ खिलाती वो
एक जमाना था जब मै भी लाड़ली थी किसी की हर पल गोद बैठी उसी की बड़े प्यार से सहलाती वो सिर को मेरे पर मै ना जाती गोद सभी की । मेरे रोने बस से समझ जाती वो मुझे भूख लगी इतना कह कुछ खिलाती वो
read moreAnil Siwach
44 - दादा को बुलाऊं? || श्री हरि: || 'तू छोड़ दे मुझे।' आज यह नवनीत चोर पकड़ा गया है। अकेला आया था इस घर में। किंतु माखन अभी निकला नहीं था। दही मथते - मथते बीच में किसी काम से पात्र में ही मथानी छोड़कर गोपिका घर में चली गई और यह आ पहुंचा। गोपी ने लौटते ही इसे पात्र में हाथ डालते देख लिया और धीरे से पीछे आकर पकड़ लिया है इसका यह दही में डूबा दाहिना हाथ। 'तू मेरे घर में क्यों आया? मेरे मटके में हाथ क्यों डाला तूने?' गोपी भला ऐसे कैसे रोब में आ जाय? यह ढ़ाई वर्ष का कृष्ण उसके घर में चोरी करने
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