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Ajay Amitabh Suman

Ajay Amitabh Suman

Ajay Amitabh Suman

Ajay Amitabh Suman

मान गए भई पलटूराम #राजनीति #सत्ता #पलटूराम #व्ययंग #Politics #satire #opportunism #Cheater इस सृष्टि में बदलाहटपन स्वाभाविक है। लेकिन इस बदलाहटपन में भी एक नियमितता है। एक नियत समय पर हीं दिन आता है, रात होती है। एक नियत समय पर हीं मौसम बदलते हैं। क्या हो अगर दिन रात में बदलने लगे? समुद्र सारे नियमों को ताक पर रखकर धरती पर उमड़ने को उतारू हो जाए? सीधी सी बात है , अनिश्चितता का माहौल बन जायेगा l भारतीय राजनीति में कुछ इसी तरह की अनिश्चितता का माहौल बनने लगा है। माना कि राजनीति में स्थाई मित्र

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Ajay Amitabh Suman

#राजनीति #सत्ता #पलटूराम #व्ययंग #Politics #satire #opportunism #Cheater इस सृष्टि में बदलाहटपन स्वाभाविक है। लेकिन इस बदलाहटपन में भी एक नियमितता है। एक नियत समय पर हीं दिन आता है, रात होती है। एक नियत समय पर हीं मौसम बदलते हैं। क्या हो अगर दिन रात में बदलने लगे? समुद्र सारे नियमों को ताक पर रखकर धरती पर उमड़ने को उतारू हो जाए? सीधी सी बात है , अनिश्चितता का माहौल बन जायेगा l भारतीय राजनीति में कुछ इसी तरह की अनिश्चितता का माहौल बनने लगा है। माना कि राजनीति में स्थाई मित्र और स्थाई शत्रु नहीं

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©Ajay Amitabh Suman #राजनीति #सत्ता #पलटूराम #व्ययंग #Politics #Satire #opportunism #cheater 

इस सृष्टि में बदलाहटपन स्वाभाविक है। लेकिन इस बदलाहटपन में भी एक नियमितता है। एक नियत समय पर हीं दिन आता है, रात होती है। एक नियत समय पर हीं मौसम बदलते हैं। क्या हो अगर दिन रात में बदलने लगे? समुद्र सारे नियमों को ताक पर रखकर धरती पर उमड़ने को उतारू हो जाए? सीधी सी बात है , अनिश्चितता का माहौल बन जायेगा l भारतीय राजनीति में कुछ इसी तरह की अनिश्चितता का माहौल बनने लगा है। माना कि राजनीति में स्थाई मित्र और स्थाई शत्रु नहीं

संदीप दहिया

शियास्त के गुलीस्ताँ में फूल जैसा दिखता था वो शजर, घर मे ले आया तो मिट्टी को लहू लुहान कर दिया उसने।।
वो जो बड़े अदब से बैठा था बाजार के अंदर किसान बन कर के, जब आढ़त में लगा तो खेतों को श्मशान कर दिया उसने।।
सफेदपोश शख़्स जो आया था  नजर चुनावी मेले में हाथ जोड़े हुए, फिर मिला तो अहसानो को बस जान पहचान कर दिया उसने।। #मौकापरस्ती #opportunism


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