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निगाहें और नशा सारे कायनात के #ख़ुमार हज़म हो गए, तेरे #अब्सार से लाचार मगर हम हो गए,, समेटे हुए ही थे, #नादान दिल के टुकड़े, जो तुम्हें देखा तो #इख़्तेयार कम हो गए,, ©Nishank Pandey #Nigaahein
Sanoj
इश्तिहार छपवा दो कि कोई मर रहा है उनकी खातिर, अब्सार तो नहीं मगर अखबार बहुत गहराई से पढ़ती है वो। -Minion'sSky #अब्सार-आँखें #dilkikalamse #minionlove #nojoto #irrfankhan
#अब्सार-आँखें #dilkikalamse #minionlove nojoto #irrfankhan
read moreSheetal_Gazta
_अब्सार(आँखे)_ अब्सार आईने सी है_ जो ख़ुदी का आदाब अमलन बयां कर जाती है।। #अब्सार(आँखे) . . . . #nojoto #eyes #mirror #shayari
Kh_Nazim
तेरी कमी मुझे अक्सर खलती रहती है, जब तू नहीं होती पास तो अब्सार नम रहती है। ज़ेहन ने चाहा की न लाऊ तुझे दिल के इतने पास पर तुझे देखने के लिए यह अब्रू तनी रहती है। चाहत तेरी कमी मुझे #अक्सर #खलती रहती है, जब तू नहीं होती पास तो #अब्सार #नम रहती है। #ज़ेहन ने चाहा की न #लाऊ तुझे दिल के इतने पास पर तुझे देखने के लिए यह #अब्रू #तनी रहती है। #khnazim
Beyond The Poetry
क्या कहेंगे लोग, ताल्लुकों में हमारे, शायद बाकी कुछ मुरव्वत आज भी है हमदर्दी उन्हें हमसे, हमें उनसे मुहब्बत आज भी है मुन्तज़िर इस दिल को, इन्तज़ार-ए-क़ुरबत आज भी है महफ़िलों में अक़्सर हमारी, होता उनका ज़िक्र आज भी है पता नहीं क्यों, कम्बख़्त हमें उनकी फ़िक्र आज भी है वस्ल की मैं क्या बात कहूँ, हमें तो ग़म-ए-हिज़्र आज भी है करता है मेरा पीछा, जैसे उनका कोई अक्स आज भी है तलाश में कारवाँ के भटकता, ये नादां शख्श आज भी है तन्हाइयों में अक़्सर गिरते, मेरे अब्सार से अश्क़ आज भी है बेदर्द हैं वो अब भी, लगता है उन्हें ख़ुद पर गुमाँ आज भी है ज़रा माफ़ करना, थोड़ी तल्ख़ ये हमारी जुबाँ आज भी है ज़रा गौर से देखो, उजड़ी बस्ती के कुछ बाक़ी निशां आज भी है इश्क़ के सूखते दरख़्त पर इक शाख़-ए-सब्ज़ आज भी है महज़ उनके ख़्यालों के सहारे दौड़ती, मेरी ये नब्ज़ आज भी है क़ाश वो मुक़म्मल करे, इंतज़ार में इक अधूरी नज़्म आज भी है वो बेख़बर तो नहीं लगते, शायद फ़ितरत से मग़रूर आज भी है और भला हम ठहरे, अपनी आदतों से मजबूर आज भी हैं इश्क़ की कहानियों में, हमारा ये क़िरदार मशहूर आज भी है जो किये थे फ़ैसले, लेकर उन्हें कुछ मलाल आज भी है क्यों हुए ये फासले, इन्हें लेकर कुछ सवाल आज भी है बावजूद आलम ये है, बदस्तूर आते उनके ख़्याल आज भी है यकीं मानों, दुआओं में मेरी उनका नाम शामिल आज भी है एक वो हैं, जो समझने में इस बात को नाक़ाबिल आज भी है वफ़ा की लहरों के भरोसे, प्यासा ये साहिल आज भी है बेशक़ वो ख़्वाब रहा अधूरा, लेक़िन ये इश्क़ मेरा मुकम्मल आज भी है उनकी यादों को समेटे, मेरी ओर चलती कुछ हवाऐं मुसलसल आज भी है लेकर उन्हें थी जो लिखी, याद आती हमें वो ग़ज़ल आज भी है ये दिल है बनाता उन हसीं लम्हातों की तस्वीर आज भी है दरअसल, ये है उन पर फ़िदा एक मुसव्विर आज भी है भले मैं अब उनका रांझा न सही, वो मेरी हीर आज भी है वो मेरी हीर आज भी है...वो मेरी हीर आज भी है © अमित पाराशर 'सरल' #आज_भी_है ताल्लुकों में हमारे, शायद बाकी कुछ मुरव्वत आज भी है हमदर्दी उन्हें हमसे, हमें उनसे मुहब्बत आज भी है मुन्तज़िर इस दिल को, इन्तज़ार-ए-क़ुरबत आज भी है महफ़िलों में अक़्सर हमारी, होता उनका ज़िक्र आज भी है पता नहीं क्यों, कम्बख़्त हमें उनकी फ़िक्र आज भी है
#आज_भी_है ताल्लुकों में हमारे, शायद बाकी कुछ मुरव्वत आज भी है हमदर्दी उन्हें हमसे, हमें उनसे मुहब्बत आज भी है मुन्तज़िर इस दिल को, इन्तज़ार-ए-क़ुरबत आज भी है महफ़िलों में अक़्सर हमारी, होता उनका ज़िक्र आज भी है पता नहीं क्यों, कम्बख़्त हमें उनकी फ़िक्र आज भी है
read moresakshi haldankar
आपके उत्रति से हम अनुप्रेरित इस कदर हुए, हमारे तरफ उटने वाले हर उंगली को वृद्धि का रास्ता बना गए , अदम से अदीब बन गए ! अब्सार में अबस थी, अब आसिम से आसान हो गई ! अदम - अस्तित्वहीन, अदीब - जानकर अब्सार में -आंखो में, अबस -बेकार आसिम - पापी ! अनुप्रेरित
अनुप्रेरित
read moresamandar Speaks
जबसे तुम्हारा दरशन मिला है. बेचैनियों मे करार आगया है पागल हुई थी रुसवा हुई थी सबकी नजर मे अब्तर हुई थी मेरे राम आये ईशाद आगया है बेचैनियों मे करार आगया हैं जबसे...............। बेचैनियों मे.........। लोगो ने अपने घरो से निकाला त्यक्ता कहा और नजर से उतारा मिला है सहारा अब्सार आ गया है बेचैनियों मे करार आगया है जबसे............। बेचैनियों ..........।। उम्मीदों के दामन मे पल रही थी उफ्ताद ए तपीश मे जल रही थी बरसी है आँखे गुलजार आगया है बेचैनियों मे करार आ गया है जबसे..............। बेचैनियो ............।। .......राजीव......... अब्तर-=मुल्यहीन ईशाद=पथ प्रदर्शन अब्सार.. आँखें #NojotoQuote
✍️✍️रंजीत कुमार '
तेरा चेहरा ही है मेरे लिए सारा संसार, मेरा क़रार तो है तेरी अब्सार । न करना गफलत से भी, इख्लास से ख्व़ार, तेरे बिन जिन्दगी है सिर्फ गम़गुस्सार।। 🖋️🖋️रंजीत कुमार क़रार = विश्राम अब्सार = आँखे इख्लास = प्रेम ख्व़ार = निर्धन गम़गुस्सार = दिलासा देने वाली। #NojotoQuote love #meri_baten_rk #love #bewafa
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read moreTwinkle Karmakar
तमन्ना हैं वो मेरी,मैं उनके जैसा दुजां क्यों ढूँढने जाऊँ, परीवशता (सुंदरता) को बयां कर सकूँ, मैं ऐसे लफ्ज़ कहाँ से लाऊँ.. गंभीर, शांत चेहरे के पीछे, चंचल सा चित्त हैं, मैं सबको कैसे यह बताऊँ क़ल्ब(दिल) चोर मुस्कान हैं उनकी, उस गिरां(बहुमूल्य) मुस्कान को बयां कर सकूँ, मैं ऐसे लफ्ज़ कहाँ से लाऊँ.. अब्सार(आँखे) हैं जाज़िब(मनमोहक) उनकी, उन अब्सार के ख़ु़मार(नशे) से निकल ना पाऊँ, उस गुल(गुलाब) से परीवश चहेरे को, अपनी कलम से बयां कर सकूँ,, मैं ऐसे लफ्ज़ कहाँ से लाऊँ..
Naveen Kumar
#Nojoto #दोस्त #दुःख #अब्सार #नियाज़ #NaveenKumar
#दोस्त #दुःख #अब्सार #नियाज़ #NaveenKumar
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