Find the Best वीं Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about14 वीं शताब्दी के कवि, 6 वीं का रिजल्ट 2020, 6 वीं का रिजल्ट 2019, 20 वीं पुण्यतिथि पर, 6 वीं क्लास,
Nitish Sagar
Kaksha gyarvi ka koi kissa batao yaar क्या किस्सा कहूं मै.... हाई स्कूल से 10 वीं करने के बाद 11 वीं करने कालेज गया... पहले ही दिन से लड़किया मुझपे लाइन मारने लग गई लेकिन मैं भी आपकी तरह सख्त लौंडा था, वहां पिघला नही, लेकिन नही पिघलने की सजा अभी तक मिल रही है मुझे, अभी तक single हूं यार.... 😔😔😔😔 #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #nojotocomedy #comedy #joke #ZakirKhan #SakhLaunda #KakshaGyarvi Satyaprem Internet Jockey @j_$tyle Anu Rameswari Mishra
#Nojoto #nojotohindi #Nojotocomedy #Comedy #joke #ZakirKhan #SakhLaunda #KakshaGyarvi Satyaprem Internet Jockey @j_$tyle Anu Rameswari Mishra
read moreNitish Sagar
चाय, दोस्ती और प्यार part 2 story read in caption👇 #NojotoQuote पीछे की कहानी part 1 में पढ़ें। काजल - सही कहा आपने हम दोनों तो पड़ोसी हुए, वैसे आप करते क्या हैं??? दीपक ने जवाब दिया- जी मैं अभी पढ़ाई ही कर रहा हूं, B.com 2nd yera में। तो तुरंत काजल ने कहा अरे वाह क्या बात है मैं भी B.A 2nd year की छात्रा हूं।और साथ ही साथ BPSC की तैयारी भी कर रही हूं। और आप बताओ आप भी तैयार वैयारी कर रहे हैं कि नही किसी चीज की या कंपनी ही खोलना है। और थोड़ा मुस्कुराई। जी हां, b.com के साथ साथ bank की तैयारी भी कर रहा हूं ऐसा दीपक ने कहा। कुछ देर बाद फिर दीपक ने कहा- एक बात
पीछे की कहानी part 1 में पढ़ें। काजल - सही कहा आपने हम दोनों तो पड़ोसी हुए, वैसे आप करते क्या हैं??? दीपक ने जवाब दिया- जी मैं अभी पढ़ाई ही कर रहा हूं, B.com 2nd yera में। तो तुरंत काजल ने कहा अरे वाह क्या बात है मैं भी B.A 2nd year की छात्रा हूं।और साथ ही साथ BPSC की तैयारी भी कर रही हूं। और आप बताओ आप भी तैयार वैयारी कर रहे हैं कि नही किसी चीज की या कंपनी ही खोलना है। और थोड़ा मुस्कुराई। जी हां, b.com के साथ साथ bank की तैयारी भी कर रहा हूं ऐसा दीपक ने कहा। कुछ देर बाद फिर दीपक ने कहा- एक बात
read moreChandan Kumar
आज बहुत दिनो बाद पुरानी इंग्लिश की वो Notebook खोली तो वो गुज़रा हुआ लम्हा आंखो मे फिर से उतर आया .और पूरा शरीर काँप सी गया और आंखो से अश्क टपकने लगे .... बात 9 वीं के बाद 10 वीं की है ....school की पहली क्लास थी मै काफ़ी दूर से cycle से school जाता था । .. Class मे entry करते ही मेरे friends चिल्लाये अबे तेरी चैन खुली है ! मै क्या करता झटके से ध्यान किया ... फिर उन्होने दुबारा से बोला अबे यार bag की chain...... फिर पुरी class हँसने लगी ...........और कोई मुस्करा रहा था तो वो थी भावना .... मैने
read moreछगन कुमावत "लाड़ला"
स्कूली बातें ... पार्ट - ।। हार का ठीकरा , बच्चों के सर - लाखाराम नमस्कार! स्कूली बातें पार्ट- ।। में आपका स्वागत है । 12 वीं में मेरा परिणाम 10 वीं के मुकाबले कम बने , हाँलाकि यह मेरे जिन्दगी की हार नहीं है लेकिन कमजोरी जरूर हैं क्योंकि इस साल में मुझे जिन चीजों से रूबरू होना था उनसे नहीं करवाया गया बल्कि सिर्फ उसका आभास करवाया गया । हमारा रिवाज यही हो चुका है कि हम अपने बच्चों का परीक्षा परिणाम हमेशा 80-90 % के अंकों में देखना चाहते हैं जो जरूरी नहीं है लेकिन गैर जरूरी भी नहीं । निजी विद्यालय भी यही पैन्तरा अपनाते हैं पिछले सालों के परिणाम के आधार पर नये ब
नमस्कार! स्कूली बातें पार्ट- ।। में आपका स्वागत है । 12 वीं में मेरा परिणाम 10 वीं के मुकाबले कम बने , हाँलाकि यह मेरे जिन्दगी की हार नहीं है लेकिन कमजोरी जरूर हैं क्योंकि इस साल में मुझे जिन चीजों से रूबरू होना था उनसे नहीं करवाया गया बल्कि सिर्फ उसका आभास करवाया गया । हमारा रिवाज यही हो चुका है कि हम अपने बच्चों का परीक्षा परिणाम हमेशा 80-90 % के अंकों में देखना चाहते हैं जो जरूरी नहीं है लेकिन गैर जरूरी भी नहीं । निजी विद्यालय भी यही पैन्तरा अपनाते हैं पिछले सालों के परिणाम के आधार पर नये ब
read moreछगन कुमावत "लाड़ला"
मेरी स्कूली बातें ... (Part - 1) "सच ,वो होता है , जो सब से हजम नी होता ।" - लाखा राम © झीलें जितनी मनमोहक जान पड़ती हैं बाहर से , अन्दर से वास्तव में उतनी होती नहीं है । उसका पेंदा दलदली होता है जिसे पार पाना बड़ा ही मुश्किल है । हमारे निजी विद्यालय वैसे ही दलदल है और मैं जिस विद्यालय में पढ़ा वह तो बहुत ही गहरा दलदल हैं । मेरे परिजनों ने 5 वीं कक्षा के लिए मेरे मुहल्ले के ही एक निजी विद्यालय में प्रवेश दिलवाया जहाँ से इस साल 12 वीं करने के बाद निकला । उसी समय की दास्ताँ __ यह विद्यालय नया-नया ही खुला था तो शुरूआत में ठीक था पढाई में भी एवं रवैये में भी । फिर ज्यों-ज्यों बच्चों की
झीलें जितनी मनमोहक जान पड़ती हैं बाहर से , अन्दर से वास्तव में उतनी होती नहीं है । उसका पेंदा दलदली होता है जिसे पार पाना बड़ा ही मुश्किल है । हमारे निजी विद्यालय वैसे ही दलदल है और मैं जिस विद्यालय में पढ़ा वह तो बहुत ही गहरा दलदल हैं । मेरे परिजनों ने 5 वीं कक्षा के लिए मेरे मुहल्ले के ही एक निजी विद्यालय में प्रवेश दिलवाया जहाँ से इस साल 12 वीं करने के बाद निकला । उसी समय की दास्ताँ __ यह विद्यालय नया-नया ही खुला था तो शुरूआत में ठीक था पढाई में भी एवं रवैये में भी । फिर ज्यों-ज्यों बच्चों की
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited