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shah Talib Ahmed
Impossible हद से ज़्यादा ख्वाइशें अक्सर, आपको नाकाम करती है। वाहिद मुसलसल कोशिशें ही आपका नाम करती है। Shah Talib Ahmed #shahsahabpoetry #wahid #poetrybucket #musalsal #kamyabi #latenightaher
shah Talib Ahmed
क़ाश के इक दफ़ा वो भी हमकों जान लेते। वाहिद वो हमारी जान फ़क़त हम भी उनकी जान होते Shah Talib Ahmed #shahsahabpoetry #latenightwriter #poetrybucket #kaash
shah Talib Ahmed
ग़रीब रोटी ही नहीं, डाँट भी खा रहे है। वो सब फ़कीर नहीं है साहब। जिन्हें तुम खिला रहे या तुम्हारे दर पे मागने आ रहे है। Shah Talib Ahmed #shahsahabpoetry #poetrybucket #lockdown
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ज़ख्मी से वो मंज़र न पूछो । बेहद ख़ूबसूरत थी वो बाकी सब उसी खंज़र से पूछो। Shah Talib Ahmed #zakhm #women #shahsahabpoetry #poetrybucket #latenightpoetry
shah Talib Ahmed
थोड़ा वक़्त लगा मग़र मज़बूत बनाया है। मेरे मुनाफ़िक़ दंग रह गये ऐसा वजूद बनाया है। Shah Talib Ahmed #shahsahabpoetry #latenightpoetry #wajood #poetrybucket
shah Talib Ahmed
तेरी तस्वीर मिटा के हर जगह से सिर्फ़ निग़ाहों में पनाह दी है। तुझे तार्रुफ़ नहीं पसंद इसलिए अपने अक्स में जगह दी है। कहीं दीदार न कर ले कोई मेरे अक्स से तुझे ? मेने आईनों को चादर से ढके रहने की सज़ा दी है। Shah Talib Ahmed #tasveer #shahsahabpoetry #poetrybucket #latenightpoetry
shah Talib Ahmed
वो तलाशती है मुझे इस जहाँ में । बेख़बर जो है मेरा जहांन। Shah Talib Ahmed #jahan #shahsahabpoetry #latenightpoetry #poetrybucket
shah Talib Ahmed
ऐ शाम आज बेसबरी से तेरा इंतज़ार है। अर्से बाद मुख़ातिब होने वाला मेरा यार है। Shah Talib Ahmed #sham #shahsahabpoetry #poetrybucket #latenightpoetry
shah Talib Ahmed
मोहब्बत है इसलिये रज़ा देता हूँ। नहीं तो गलतियों की में सज़ा देता हूँ। इश्क़ के तार्रुफ़ में अज़ा देता हूँ। जो मुकम्मल ना हो उसको कज़ा कहता हूँ। तफशीश में होते है सब क्यों रोज़ उनकी गली में जमा होता हूँ। उन्हें क्या कहूँ के उसके लबों की लाली में बयां होता हूँ। Shah Talib Ahmed #yaad #shahsahabpoetry #poetrybucket #latenightpoetry
shah Talib Ahmed
ना हाल ? ना ख़याल ? आख़िर क्यों बदल गई आपकी चाल। यूँह तो हर रोज़ मचाती रहती हो बवाल। किसी बाहर वाले कि वज़ह से आया है जवाल। या किसी अपने ने किया कोई ग़लत सवाल। Shah Talib Ahmed #women #shahsahabpoetry #poetrybucket #latenightbucket