Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best manjla Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best manjla Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutmanjla meaning in hindi, falling in love with a leo man, i love my man quotes and sayings, 10 signs of true love from a man, i know in my heart that man is good quote,

  • 1 Followers
  • 4 Stories

Peeyush Umarav

विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को । जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

read more
 विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को
उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को
कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को
कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को ।

जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से
पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को
मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

Peeyush Umarav

विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को । जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

read more
 विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को
उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को
कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को
कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को ।

जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से
पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को
मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

Peeyush Umarav

विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को । जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

read more
 विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को
उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को
कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को
कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को ।

जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से
पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को
मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

Peeyush Umarav

विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को । जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को

read more
 विलंभ अभी हुआ नहीं, लक्ष्य की प्राप्ति को
उठा पग बना डगर, विजय के एहसास को
कल मिली पराजय, क्यूं बनी है व्यथा आज को
कर फिर एक कोशिश, विजय उन्माद को ।

जीव जीवित कर्म से, निश्छल मन विश्वास से
पाप की तो व्यथा निराली, जीता सिर्फ स्वार्थ को
मन में रख लक्ष्य अडिग, सरयू भी निगलती पहाड़ को


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile