Find the Best जाने Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutहै मगर जाने का नहीं गाना, है मगर जाने का नहीं सॉन्ग, है मगर जाने का नहीं, हो जाती है मगर जाने का, है मगर जाने का नाही,
Avni Saraff
जाने क्या बात है, उद्वेलित रहता है धीर गंभीर सागर इतना औ प्रफुल्लित कल कल, छल छल बहती रहती क्यूं नदियां ©Avni Saraff #जाने क्या बात है Aryan Ved Mugdha's poetry
#जाने क्या बात है Aryan Ved Mugdha's poetry
read moreKRISHNA
White #अपनी बाहों में मुझे #बिखर जाने #दो #सांसों से #अपनी मुझे महक #जाने दो, #दिल बेचैन है #कबसे इस प्यार के #लिए, #आज तो सीने में #अपने मुझे उतर #जाने दो ©KRISHNA #Sad_Status
वंदना ....
Heer
किताबें बड़ी हसरत लिए बंद अलमारी के शीशों से झांकती किताबें, सोचती होगी पहले जिनसे रोज़ होती थी बातें, अब तो महीनों होती नही मुलाक़ातें। जो रातें गुजरती थी अक्सर साथ में, आज वो कटती है computer के साथ में, देख बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें क्योंकि, उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है। जो किस्से कहानियां वो सुनाती थीं, battery जिनकी कभी न खत्म होती थी, वो झलक अब नजर कही आती नही, रिश्ते रह गए उजड़े उजड़े, घर हो गया अब खाली खाली। जुबां पर ज़ायका आता था जो एक अल्फाज़ निकलता था, अब उँगली click करने से बस एक झपकी गुज़रती है, बहुत कुछ तबाह हो गया और बचा है वो परदे पर खुलता चला जाता है। किताबों से जो काटी जाती थी राते सीने से लिपटे हुए गुजरते थी जो रातें, कभी गोदी में तो कभी घुटनों के बल बैठ पढ़ते थे, कभी अजीब सी सूरत बनाकर मुस्कुराया करते थे, सजदे में कभी छूते थे जबीं से, जाने कहा को गया वो सुकून Robot के इस जहान में। बहुत कुछ नया मिला और मिलता रहेगा मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और उनकी महक, किताब माँगने के बहाने जो रिश्ते बनते थे वो को गए कहीं, वो जाने अब कहा होंगे...!! जानबूझ कर किताब को गिरकर उठाने के बहाने, उसे देखना जाने अब कहा होगा...!! किताबों के साथ के वो रिश्ते दोस्ती सब जाने कहा खो गई, आयेगी या नहीं लौट कर...!! ©Heer #BooksBestFriends #जाने कहां खो गई वो किताबों के संग की यारी
#BooksBestFriends #जाने कहां खो गई वो किताबों के संग की यारी
read moreHeer
कुछ अनकही कहानियां मेरी जाने कहा को गई है, उस पल के अल्फाज थे जो आज याद न आते है। उस वक्त के विचार फिर से आज कैसे याद आयेंगे, जो बीत रही थी मुझ पर तब ही वो लिख पाएंगे। जाने कहा गई मेरी कुछ अनकही सी कहानियां, भीतर की वेदना को समक्ष आपके लाती थी जो, दर्द अपना बांटकर खुद को हल्का पाती थी मैं। जाने कहा गई वो अनकही कहानियां मेरी....!!! 😔 Alfazii 🖊️💙 ©Heer #Sad_Status #जाने कहा गई #अनकही कहानियां
#Sad_Status #जाने कहा गई #अनकही कहानियां
read moreArjun Rawat पार्थ
चले जाने दो उन्हें किसी और की बाहों में,, जो इतनी मुहोबत के बाद मेरा न हुवा,, किसी और का क्या होगा,, ©Arjun Singh #जाने वाले को मत रोको
#जाने वाले को मत रोको
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White गहराई से समझ लो इस जिंदगी की हकीक़त को, जो आए है उसे आने दो, जो जा रहा है तुम उसे जाने दो ❤️✨ ©Shivkumar #sad_shayari #SAD #sad_feeling #sad_emotional_shayries #sad😊 #Nojoto गहराई से समझ लो इस #जिंदगी की #हकीक़त को, जो आए है उसे #आने दो, जो जा रहा है तुम उसे #जाने दो ❤️✨
#sad_shayari #SAD #sad_feeling #sad_emotional_shayries #SAD😊 गहराई से समझ लो इस #जिंदगी की #हकीक़त को, जो आए है उसे #आने दो, जो जा रहा है तुम उसे #जाने दो ❤️✨
read moreनीति.......
जाने क्यूं लोग अपनी संस्कृति भुलाए जा रहे हैं दूसरे धर्मों को अपनाए जा रहे हैं। माना इज्जत करनी चाहिए हर धर्म की पर अपना धर्म भूल क्यूं बाकी सब धर्मों में घुसे जा रहे हैं। क्या अपने बाप को बाप बोलने में शर्म आ रही है जो दूसरे के बाप को अपना बाप बुलाए जा रहे हैं। बुरा लगे तो माफ करना यारो बस बताना इतना था जितने भी और धर्मों में घुस चुके थे आज वही लोग अपनी करनी पर पछताए जा रहे हैं। आज वही अपनी करनी पर पछताए जा रहे हैं।। ©नीति....... #जाने #क्यूं सुनहरे पल ख्वाहिश _writes Megha Prince_" अल्फाज़" Niaa_choubey #शुन्य राणा saini गरूड़ा दुर्लभ "दर्शन" Satyam Singh
नीति.......
झूठ इतना बलवान हो चुका है सच ने तो जैसे अपना दम ही घोंट लिया। झूठा सही बनकर लोगों की भीड़ में होता है और सच्चा वो भुगतता है जो उसने किया या ना किया। झूटों ने लाख इल्जाम दे डाले और हमने हंसते हंसते अपनी झोली में सब लिया जिसने जो दिया। पर जो अपने हुआ करते थे पूछते तो हमसे जरा जो इल्जाम हमारे सर है वो हमने किया या नहीं किया। ©नीति....... #ना #जाने #हमने #क्या #किया Megha #शुन्य राणा ख्वाहिश _writes Prince_" अल्फाज़" सुनहरे पल Niaa_choubey saini गरूड़ा दुर्लभ "दर्शन" Satyam Singh