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ADHURA MANN
जा रहे हो , कोई बात नहीं बस मेरे हिस्से की यादें मुझमें छोड़ जाना ताकि जिसकी गरमाहट से ये दिल ज़िन्दा रह सके।। #ताकि दिल ज़िन्दा रह सके#qdidi #collab#memo
Ek villain
भारतीय छात्रों के प्रयोजनों के साथ-साथ केंद्र सरकार को जिस बात का डर था वही हुआ और उस हमले में कर्नाटक के मेडिकल छात्र की असामयिक मौत से पूरा देश से हम हो गया है क्योंकि अभी भी बहुत से छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं जिनको स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार पूरी तत्परता के साथ ऑपरेशन दंगा को प्रभावी करने में जुटी पड़ी है और यही कारण है कि सरकार ने अपने चरण केंद्र मंत्री को लगा रखा है जो संबंधी देशों की सरकारों के साथ संपर्क में हैं जो बात कर कर यूक्रेन से भारतीय छात्र को निकलवाने में मदद करेंगे वहीं आज देश की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यहां पर शिक्षक काफी महंगी है और सीट काफी कम जिनके कारण यहां के छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन और भागते हैं यूक्रेन अमेरिका ब्रिटेन के अलावा भी अन्य देशों की तरह लोग शिक्षा के लिए जाते हैं जिससे कि उनका भविष्य अच्छा बन सके अगर किसी को अपने देश माफिया शिक्षा मिल जाए तो फिर भी स्थिति को अगर आज देश में छात्रों के लिए समुचित व्यवस्था होती तो देश के छात्रों को बम और गोली का डर नहीं लगता और ना ही सरकार को इतनी ज्यादा व्यवस्था करनी पड़ती तो उसके द्वारा यूक्रेन पर हमले के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया है ©Ek villain #ताकि छात्रों को विदेश ना जाना पड़े #MusicLove
#ताकि छात्रों को विदेश ना जाना पड़े #MusicLove
read moreAjamil vyas
कविता/अजामिल ताकि सनद रहे... लो रख लो मेरी डायरी इसमें वह सब कुछ है जो मैंने चाह कर भी तुमसे कभी नहीं कहा... जो नहीं कहा कभी तुम उसी अनकहे में हमेशा रहे मेरे साथ इस डायरी में है मेरी जिंदगी जो मैंने जी तुम्हारे होने न होने के बीच शब्दों में मिलूंगी मैं तुम्हें स्मृतियों की गलियों में भटकते , तुम्हारा पता तुम्ही से पूछते हुए... कहीं एकांत में सीढ़ियों पर बैठे तुम्हें देखते हुए जी भर... ये सनद है डायरी कोई पूछे तो कहना क़ि मैंने तुम्हे प्यार किया था एक तितली है इसमें रंगहीन , बुकमार्क की तरह मेरे कहने पर पकड़कर दी थी तुमने मुझे अब नहीं है यह भी मेरी तरह... अब नहीं हूं मैं तुम्हारे पास तुम्हारी यादों में रोते हुए इन्तज़ार करते हुए दरवाज़े पर। अब पढ़ोगे मुझे ? **अजामिल ©Ajamil vyas #ताकि सनद रहे... #WalkingInWoods
#ताकि सनद रहे... #WalkingInWoods
read moreतन्हा
इश्क है , तो कह दो ... ताकि बाद में अफसोस ना हो "कि".. इश्क दोनों को था और किसी ने जताया भी नहीं और यू सीन करके , मेरे मैसेज बार -बार बिना जवाब दिए तुम्हारा चले जाना..मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता गर कभी मैं चला जाऊंगा तो वापसी मुश्किल है फिर ...यह मत कहना, कि चले भी गए और बताया भी नहीं !! #लोग_क्या_कहेंगे_? #f4f #like #cmnt #share #इश्क है तो कह दो #ताकि बाद में #अफसोस ना हो #इश्क #दोनों को था और किसी ने #जताया भी नहीं और यू #सीन करके बार-बार #मैसेज चली जाती हो #अच्छा नहीं लगता मुझे फिर मैं चला #जाऊंगा तो यह मत #कहना कि चले भी गए और #बताया भी नहीं
kishan mahant
खुद को बेहेतर बनाने के लिए मै मेरे निदा करने वालो को सुनता हूं के वो किया बोल रहे है ताकि मै अपने गलतियों को सुधारने की कोशिश करता हूं ताकि कुछ बेहेतर कर सकू मै और आप भी कुछ ऐसा ही करे तो आप भी बेहेतर कर पायेंगे #अपनी गलती को निदा का से सुनो
#अपनी गलती को निदा का से सुनो
read morePrakash Singh
हम मंजिल के तलाश में भटक रहे..। बस इस आस में.. कल बेहतर हो... लड़ रहे है खुद से.. सपने बुन रहे है.. ताकि कल बेहतर हो... हौसलों में उड़ान हो. इस जहाँ में अपनी अलग पहचान हो.. हौंसले टूटे नहीं... सपने रूठे नहीं... अपने छूटे नहीं... संघर्षशील हूँ ताकि कल बेहतर हो....। ये जहाँ तो रब ने बनाया है... हमें तो सींचना है... सँवारना है.. अपने किस्मत के लकीरो को...! मैं कमजोर ना रहूँ...। इसलिए..... वक्त को ताकतवर... बना रहा हूँ....। लक्ष्य को हर हाल में.. हासिल करना है... कल क्या होगा.... ये सोच कर नहीं डरना है... राह में आये... मुसीबतों से डटकर लड़ना है..। कल बेहतर हो... इसलिये अपने पथ पे अडिग हूँ.. सफलता का परचम... मुझे इस जहाँ में.... हर हाल में लहराना है...। बिना रुके बिना थके.... अपनी मंजिल को पाना है..। इसलिये अपने अपने पथ पे अग्रसर हूँ... ताकि.. कल बेहतर हो....॥ प्रकाश सिंह भूमिहार..... #better प्रकाश सिंह।।
#better प्रकाश सिंह।।
read moreJay Krishan Kumar
गाँधी - शास्त्री --------------- नमन है इन दो महान विभूतियों को जिनकी यादों का जश्न आज संपूर्ण राष्ट्र ही नहीं विश्व के ज्यादातर देश भी मना रहे हैं । अच्छे-अच्छे संवाद कार्यक्रम और यादगार लम्हों को संवारने का सिलसिला जारी है , परंतु क्यों .. क्यों हम इतना सम्मान कर रहे हैं इनका ... क्यों हम इतनी तन्मयता से पूज रहे हैं उन्हें ... इसे लोग या तो समझते नहीं या समझना ही नहीं चाहते ..। हम उन महान व्यक्तियों को नहीं उनके व्यक्तित्व और व्यवहार को याद कर रहे हैं ... परंतु ..कौन....कौन है जो अनुसरण कर रहा है उन्हें ... उन्हें बस अपनी पहचान बनाने के लिए खुद से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ... ताकि लोग कहे कि उन्होंने गाँधी को इतना सम्मान दिया ..तो ... गाँधी उनकी पहचान बन जाएंगे ... गाँधी का महत्व हर व्यक्ति बस उस तरह देना चाहता है ...जैसे नोट पर छपे होने की वजह से नोट असली होता है ... । शास्त्री जी की सरलता , खुद्दारी और ईमानदारी का अनुसरण कौन करके घूम रहा है यहां ... चोला-टोपी तक की साम्यता सबको भाती है पर आत्मा में बसी रहती मक्कारी है ... मतलब बाहरी और प्रतिरूप सबको बनना भाता है परंतु ... आत्मा ना बदलने की विडंबना भारी है । गाँधी जी को तो सबसे अधिक फायदे की वस्तु समझ लोग भुनाने में लगे हैं ...। मैं यह नहीं कहता कि उनकी यादों में जश्न ना हो , उनकी प्रतिमाओं को फूल मालाएं पहना कर सम्मान ना किया जाए ... परंतु हमारी सच्ची श्रध्दा उनके विचारों , उनके व्यवहारों , उनकी ईमानदारी , उनकी कर्मठता सबसे बड़ी उनकी आत्मीयता का अनुसरण करना होगा ... हम अपने जीवन जीने के तरीकों , क्रियाकलापों में उन्हें शामिल करें ... ताकि बिना दिखाने के प्रयत्न किए ही वो हममें ... हम सभी में दिखे ... हममें उनका व्यक्तित्व परिलक्षित हो ... हम उनकी पहचान बनें । हर वर्ष हम उन्हें याद करते हैं श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हैं ... परंतु समाज में व्याप्त कुरीतियां .. असमानता .. छीना झपटी ... भ्रष्टाचार सब बस बढ़ता ही जा रहा है ... उन्हीं की तस्वीरे टंगी होती है दीवारों पर जिसके नीचे उन्ही के विचारों सिद्धांतो और संस्कारों की हत्या की जाती है हर बार सरेआम ... आखिर फिर क्या अर्थ रह जाता है ... उनकी तस्वीर टांगने की ...अब तो यह हाल हो गया है उन महान विभूतियों की ..... जो ईमानदारी की पहचान रहे ..उन्हें ही बेईमानों ने अपनी चौकीदारी पर लगा लिया ... और फिर 2 october या विभिन्न संबन्धित तिथियों को उन्हीं की मूरत साफ कर फूल मालाएं चढ़ा अपने कर्तव्य की पूर्ति समझ लेते हैं । क्या इतना सा महत्व रह गया है गाँधी , शास्त्री या ऐसे असंख्य महान विभूतियों का हमारे लिए ? आज सभी अपने fb , whatsapp , insta के साथ ही अपने - अपने प्रतिष्ठानों में गांधी को उनके कहे शब्दों को याद कर रहे हैं ... करना चाहिए ... परंतु हे महा-मानव यदि सच में तुम्हारे हृदय में उनके लिए सम्मान है तो उन्हें अपने आचरण में उतारने का प्रयत्न करो । # जय कृष्ण कुमार 9162439176 #गाँधी - शास्त्री
#गाँधी - शास्त्री
read moreWriter Vikas Aznabi
सफर ए मंजिल...... जल्दी सोता हूं, ताकि तेरे ख्वाब देख सकूं........ फिर सुबह जल्दी उठ जाता हूं, ताकि तुझे मुकम्मल कर सकूं.......... -------------/!/------------ - विकास ✍️ #मंजिल #AS
संतोष यादव
मोहब्बत है क्या चीज़ 4 कदम से दो लोग बढ़ते जा रहे है।दो हाथ बंधे है दो खुले। पाव के नीचे की सड़क चल रही है। धड़कन में जो बाते हो रहीं है,वो दोनो समझ तो रहे है लेकिन सुन नहीं रही और दोनों की आंखें देख तो दुनिया को रही पर दिख वही रहा है जिसके हाथ में उंगली फसी है,काश सरकार के पास मोहबत के लिए भी कोई फंड होता, लाभ सबसे ज़्यादा हमें मिलता, मोहब्बत भी तो ज़्यादा है,और अगर मोहब्बत के हिसाब से सरकार बनती, तो रक्षा मंत्रालय में लेता ताकि मोहब्बत से 35ए और 370हटा सकु,ताकि कोई भी कहीं भी मोहब्बत कर सके,पागल..हम प्रेम में या पॉलिटिक्स में..कहीं नहीं है हम तो मोहब्बत में है कहीं मिले कौन सा चालान काटेगा, चलो अब शाम हुई, अंधेरे को दीदार करने दो। ✍️ संतोष यादव सरकार में मोहब्बत होना।♥
सरकार में मोहब्बत होना।♥
read moreAnuj Ray
" ताकि .दिल जिंदा रहे" मेरा भरोसा नहीं, हवा का एक झोंका हूं बुझा चिराग हूं ,रोशनी का एक धोखा हूं मुझे समेट ले आंचल में, एक पल के लिए मैं बिखर जाऊं, "ताकि दिल जिंदा रहे. ताकि दिल जिंदा रहे
ताकि दिल जिंदा रहे
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