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Aur Kya Kahen
(इंसान से अच्छी दोस्ती तो इनकी) ... इंसान को चाहने से अच्छा है.. इन हवाओं में बसी खुशबू से दोस्ती कर लो..साहब.. कम से कम ये.. किसी के भरोसे को तो नहीं बहकर ले जाती... चैन से सोने तो देती हैं.. और देखिए ना ,जहां हिम्मत हार रहा होता है कोई.. ये जिंदगी बनकर साथ निभाती छोड़ती नहीं हैं.. इनको अमीरी और गरीबी..के रिश्तों में कोई दरार करना तो नहीं आता.. ©Aur Kya Kahen #safar #इनकी दोस्ती इन्सान से बेहतर है सहाब....
Manish Raaj
इनकी उम्मीद ______ मोहब्बत, भरोसा, वफ़ा, क़द्र और तारीफ़ जहाँ इनकी उम्मीद होती है ये वहीँ नहीं मिलते मनीष राज ©Manish Raaj #इनकी उम्मीद
#इनकी उम्मीद
read moreRamkishor Azad
उनकी मुस्कान का तो हर कोई दीवाना है, चाहत की दुनियां का तो वो नगमा पुराना है! प्यार के वक्त को हर किसी ने अभी तक नहीं जाना है, रोशनी मोहब्बत का वो उजाला है जो अंधेरों को मिटाता है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #इनकी #चाहत रखी है #दिल में #प्यार हमारा है #R #जया_किशोरी_जी #चाहता #उजाला_हो_मुकद्दर_में_आप_के_इतना #viral #Shayar♡Dil☆Poetry wall पूजा उदेशी Miss poojanshi aryanshi_sharma Anshu writer
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read moreOMG INDIA WORLD
,☘🔶उफ्फ इन #तन्हाइयों से मैं भी परेशान हो चुकी हूं बड़ी बेकरारी से #दिल को हमसफ़र की तलाश है। *************************************** 🍀🔶ऐ अजनबी #मुसाफिर तेरे नसीब में क्या लिखा है तुम्हारी #दीदार से मेरे दिल में जागी छोटी आस है। ================================ 🍀🔶कोशिश कर के देख शायद पढ़ ले मेरी #आंखों में बिना हमसफर के ये जिंदगी कितनी तन्हा #उदास है। ××××××××××××××××××××××××××××××××××× 🍀🔶जिंदगी के चंद लम्हे साथ गुजारने की तमन्ना है मेरी तेरी पनाहों में थम जाए जो #आंसुओं की बरसात है। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ 🍀🔶जान लो हुस्न #इज़हार ए मोहब्बत करने से डरती हैं मेरा दिल भी तो दिल है #इनकी भी कुछ तो प्यास है। 🔶🌿🔶🌿🔶🌿🔶🌿🔶🌿🔶🌿🔶🌿🔶 ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD ,☘🔶उफ्फ इन #तन्हाइयों से मैं भी परेशान हो चुकी हूं बड़ी बेकरारी से #दिल को हमसफ़र की तलाश है। *************************************** 🍀🔶ऐ अजनबी #मुसाफिर तेरे नसीब में क्या लिखा है तुम्हारी #दीदार से मेरे दिल में जागी छोटी आस है। ================================
#OMGINDIAWORLD ,☘🔶उफ्फ इन #तन्हाइयों से मैं भी परेशान हो चुकी हूं बड़ी बेकरारी से #दिल को हमसफ़र की तलाश है। *************************************** 🍀🔶ऐ अजनबी #मुसाफिर तेरे नसीब में क्या लिखा है तुम्हारी #दीदार से मेरे दिल में जागी छोटी आस है। ================================
read moreShahzada Khurram
आज 2 अक्टूबर है मतलब गांधी जयंती,आज के दिन पूरे देश में पूरे हर्ष उल्लास के साथ इस दिन को पर्व की तरह मनाया जाता है,सरकार गांधी जी की प्रतिमा पर फूल माला पहनाती है और छाती चौड़ी कर के ख़ुद को गांधी का सबसे बड़ा हमनवा बताती है,चलिये अच्छा है, वैसे भी अभी गांधी के विचारों को अपनाने की आवश्यकता है,लेकिन रुकिए, गांधी जी को याद तो सभी करते हैं,लेकिन किया आपको पता है के गांधी को महात्मा बनाने में किस व्यक्ति का अहम् योगदान है? कौन था वह जिसने करमचंद की जीवन बचायी? कौन था वह साहसी इंसान जिसने अंग्रेजों के आगे घुटने नहीं टेके? जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ #बत्तख़_मियां की, तो मेरा सवाल है के किया ऐसे ही सम्मान के हक़दार यह व्यक्ति नहीं है? किया यही मान सम्मान इन्हें भी प्राप्त होता ह? किया सरकार इनकी जयंती वैसे ही मनाती है जैसे बापू की मनाई जाती है? अगर नहीं तो फिर गांधी जी की जयंती का ढकोसला बंद कीजिये, कियूं के गांधी जी पर यह एहसान है उस इंसान का, और रहती दुनिया तक यह एहसान रहेगा,अगर सरकार सच में गांधी जी को सम्मान देना चाहती है तो इनकी जान बचाने वाले #बत्तख़_मियां को भी सम्मान दिया जाए, यही मेरी अपील है, *Khurram Mallic* #gandhi #bapu #mahatma #battakhmiyan #گاندھی #بطخ #میاں
#Gandhi #Bapu #Mahatma #battakhmiyan #گاندھی #بطخ #میاں
read moreमलंग
सरकारी शिक्षक सोचते हैं सब, शिक्षक तो पढ़ाता होगा स्कूल जाकर सिर्फ ABCD कराता होगा। जिस दिन तुम उसका हाल जान जाओगे शिक्षा की बदहाली का राज जान जाओगे कभी दाल सब्जी, कभी चावल है उठाता कभी एम डी एम का ,है हिसाब लगाता कम हो गए डाकिये, पर इनकी डाक कम ना हुई घर घर जाकर भी , इनकी नाक कम ना हुई चुनाव आते ही , ये मतदान अधिकारी बन जाते हैं जब प्रिंसिपल ना हो तो , ये प्रभारी बन जाते हैं हरफनमौला किरदार है इनका, पर घमंड बिल्कुल नहीं ज्ञान के सागर हो जायें , पर पाखण्ड बिल्कुल नहीं। नित नित नए प्रयोग, इन पर ही किये जाते हैं नवाचार के बहाने रोज नए टिप्स दिये जाते हैं प्रयोगशाला नहीं उपकरण नहीं फिर भी प्रयोग कराना है अनुदान मद प्राप्ति से पहले ही, उसका उपभोग कराना है कभी बाबू कभी क्लर्क कभी चपरासी बन जाते हैं अपने विभाग के लिए तो ये जगदासी बन जाते हैं एम डी एम की थाली गिनकर भी, कभी ये बताते हैं एम डी एम की गैस भरने की, लाइन भी ये लगाते हैं ऑडिट के समय हर चीज का, हिसाब भी देना पड़ता है विद्यालय बिल्डिंग का तो इन्हें, टेंडर भी देना पड़ता है पढ़ लिखकर ठेकेदारी की, कला तो इनमें आई नहीं इंजीनियरिंग की डिग्री भी, इन्होंने कभी पाई नहीं पर शिक्षक बन अब हर चीज में, दिमाग लगाना पड़ता है शिक्षण को ताक पर रखकर अब,हर कार्य कराना पड़ता है फिर भी नजरों में सबके ये सिर्फ, हराम की ही खाते हैं औरों के लिए तो ये स्कूल में सिर्फ, आराम फरमाते हैं बच्चा लायक नहीं फिर भी पास करना है रेड एंट्री से इन्हें हर दम हर समय डरना है स्कूल ना आये बच्चा तो ,दोष इन पर ही मढ़ना है घर जाकर हर बच्चे के, फिर पैर इन्हें ही पड़ना है नित नए नए तुगलकी फरमान इन्हें ही सुनाये जाते हैं परीक्षा परिणाम बेहतर ना हो तो आरोप भी लगाये जाते हैं अभी दुर्गम के शिक्षक का तो,हाल तुम ना पूछो कैसे जिंदा है वो वहाँ, ये राज तुम ना पूछो अपने को दूसरी दुनिया का कभी वो पाता है जान हथेली पर रखकर भी वो स्कूल जाता है ऊपर से सरकार ने इस कदर रहम किये दुर्गम विद्यालय होकर भी सुगम कर दिए अब भले ना सब्जी मिले ना मिले यहाँ चावल ना नहाने को पानी मिले ना पोछने को टॉवल फिर भी सुगम की नौकरी ये कर रहे हैं दुर्गम जैसे सुगम में , ये मर रहे हैं फिर भी किंचित गम ना करते बाधा देख कभी ना डरते मिशन कोशिश तो अब आई है ये खुद कितने मिशन हैं करते अब शिक्षकों पर प्रयोग तुम बंद करो उलझाकर इनकी बुद्धि ना कुंद करो राष्ट्र निर्माता को राष्ट्र निर्माण करने दो बख्श दो इन्हें देश कल्याण करने दो शिक्षक को शिक्षण के काम में ही लगाओ इस डूबती व्यवस्था को कोई तो बचाओ वरना वो दिन दूर नहीं जब सरकारी स्कूल सब खाली होंगे ना रंग बिरंगे फूल कोई ना चौकीदार ना माली होंगे गरीब का जो भला करना है तो सरकारी स्कूल बचाना होगा गुरूओं को स्कूलों में सिर्फ पढ़ाना होगा यकीं मानो उस दिन इक नई भोर होगी शिक्षा और खुशहाली फिर चहुँ ओर होगी। रचयिता- -बलवन्त रौतेला रुद्रपुर