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Best नयनों Shayari, Status, Quotes, Stories

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शिवानन्द

#नयनों के खेल में....वह हरबार #जीत रही थी। हाथ जो थामा मैंने..वह #हार कर बाहों में सिमट रही थी। #इश्क़ #रातकाअफ़साना #yqbaba #yqdidi #yqquotes

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नयनों के खेल में....वह हरबार जीत रही थी।
हाथ जो थामा मैंने..वह हार कर बाहों में सिमट रही थी।
~~शिवानन्द #नयनों के खेल में....वह हरबार #जीत रही थी।
हाथ जो थामा मैंने..वह #हार कर बाहों में सिमट रही थी।
#इश्क़
#रातकाअफ़साना #yqbaba #yqdidi #yqquotes

शिवानन्द

#यादों की रहमत से.... #ख्वाबों का दीप जलें। निंदों की सहमत में #नयनों की #रात ढलें। #रातकाअफ़साना YourQuote Didi #yqbaba #yqdidi #yqquotes

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यादों की रहमत से....
ख्वाबों का दीप जलें।
निंदों की सहमत में
नयनों की सांस चलें। #यादों की रहमत से....
#ख्वाबों का दीप जलें।
निंदों की सहमत में
#नयनों की #रात ढलें। 
#रातकाअफ़साना   
YourQuote Didi #yqbaba #yqdidi #yqquotes

शिवानन्द

#इश्क़ में #दिल को न होश है। #नयनों की इश्क़ वाली चाल देख, 👇 #धड़कने भी चल रही ख़ामोश है। #नमस्ते_इंडिया #yqbaba #yqdidi #yqquotes

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इश्क़ में दिल को न होश है।
नयनों की इश्क़ वाली चाल देख,
👇
धड़कने भी चल रही ख़ामोश है। #इश्क़ में #दिल को न होश है।
#नयनों की इश्क़ वाली चाल देख,
👇
#धड़कने भी चल रही ख़ामोश है।
#नमस्ते_इंडिया   #yqbaba #yqdidi
#yqquotes

शिवानन्द

#दिल टूटा मेरा तो क्या हुआ, कुछ दरारें उनके दिल पर भी तों आयी होगी। #वफाओं की कुछ यादें ही सही, #नयनों का #काजल उनके गालों तक बहायी होगी। #नदान_परिंदा #yqbaba #yqdidi #yqwriters

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दिल टूटा मेरा तो क्या हुआ,
कुछ दरारें उनके दिल पर भी तों आयी होगी।
वफाओं की कुछ यादें ही सही,
नयनों का काजल उनके गालों तक बहायी होगी। #दिल टूटा मेरा तो क्या हुआ,
कुछ दरारें उनके दिल पर भी तों आयी होगी।
#वफाओं की कुछ यादें ही सही,
#नयनों का #काजल उनके गालों तक बहायी होगी।
#नदान_परिंदा #yqbaba #yqdidi #yqwriters

sunita parjapat

#नयनों में अश्रु है मेरे #inspirational

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Gulapsa khatoon

#नयनों की बातnojotoshayrilovepoem #उस दिन जो मेरे नयना तुमसे टकराए थे हम तुम से कुछ कह कर भी कह ना पाए थे नयनों से हुई थी शुरुआत ना जाने फिर क्यूं आई हिज़्र की रात बिखरी थी कुछ इस तरह सब-ए-गम भी साथ रोया मेरा सपनों में भी तू ने मुझसे मुंह फेरा

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✍️ लिकेश ठाकुर

तेरे नयनों पर किया भरोसा, दोनों ही झूठे निकले। लबों की हो गयी धोखेबाज़ी, सपनें भी कोरे निकले। फ़िदा हुये तेरे हँसने पर, चेहरे के भाव नकली निकले। अश्कों से बहती हुयी धारा, ग़म हवाओं से गैर निकले।।

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तेरे नयनों पर किया भरोसा,
दोनों ही झूठे निकले।
लबों की हो गयी धोखेबाज़ी,
सपनें भी कोरे निकले।
फ़िदा हुये तेरे हँसने पर,
चेहरे के भाव नकली निकले।
अश्कों से बहती हुयी धारा,
ग़म हवाओं से गैर निकले।।
तेरे नयनों पर किया भरोसा,
दोनों ही झूठे निकले।। तेरे नयनों पर किया भरोसा,
दोनों ही झूठे निकले।
लबों की हो गयी धोखेबाज़ी,
सपनें भी कोरे निकले।
फ़िदा हुये तेरे हँसने पर,
चेहरे के भाव नकली निकले।
अश्कों से बहती हुयी धारा,
ग़म हवाओं से गैर निकले।।

PANKAJ KUMAR SINHA

मैं कौन

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        *???"मैं कौन"???* 
मैं कौन थी, कहां से आई
कैसे जन्म हुआ,कौन  जग से आई।
मैं पिता की लाडली, मां की दुलारी
दादी-नानी की सहेली, परिवार की राजकुमारी।
मुहल्ले की पहेली, सखियों की सवारी
मैं कौन थी, कहां से आई---
            मैं कौन थी, कहां से आई---
           थी भाई की लड़ाई, या दोस्तों की पिटाई
चाचा की चांटे,या पड़ोसियों की शिकायते।
फिर भी,, मैं पिता की लाडली, मां की दुलारी।
*मैंने पुछा मैं से---* 
मैं कौन थी, कहां से आई---
मैं कौन थी, कहां से आई
कि एक दिन...
लाडली बड़ी हो गई
किसी की नजरों को भा गई
राजकुमार के नजरों में छा गई
खो गई सारी चतुराई
बड़ी हो गई,आपकी दुलारी
छा गये  नयनों में सुनहरे सपने-
भविष्य में लगे पंख फड़फड़ाने
सारगोशी कि कानों ने
मैं कौन थी, कहां से आई---
मैं कौन थी, कहां से आई---
पिता और मां खुश थे
मैं भी खुश थी, नया नया अहसास था
कि कोई और हमें देख रहा है,
कहीं दूर , नेपथ्य से, भविष्य में।
ये क्या???
पापा और मां के नयनों में
एक-एक कतरा था आंसु के--
लुढ़का तो लुढ़कते चला गया
तीनों लिपटकर रोए ,,,देर तक
मैंने फिर से, पुछा मैं से---
मैं कौन थी, कहां से आई---
मैं कौन थी, कहां से आई---
अंधेरे में आवाज़ गूंजी, गूंजी तक....
*मैं हूं बेटी,मैं हूं बेटी,मैं हूं बेटी,* मैं कौन

Satendra Sharma

❤️❤️

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ठहरीं पलकें, विस्मित नयन झांकते तुझे-मुझे, 
एक दूजे को, जीवन भर के लिए मांगते तुझे-मुझे। 
कहे प्रेम का अनुराग, बसकर नयनों में तेरे-मेरे, 
अनुरोध नयनों का, समर्पित होना है तुझे-मुझे।।

                           ......सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' ❤️❤️

Vidyan Verma

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अभी तो मौसम बरसात का हैl बरसात तो होने दीजिए । 
 नशा मौहब्बत का चढ़ा है 
 मोहब्बत तो होने दीजिए ।  
अभी तो नयन मिले है l
नयनों को नयनों के जाम पीने तो दीजिए ।
 बे - जुबा है मोहब्बत बयां तो होने दीजिए l ।
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