Find the Best चलाते Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutचलाते meaning in english, चलाते हो क्या, कंप्यूटर कैसे चलाते हैं, वाशिंग मशीन कैसे चलाते हैं, लट्टू कैसे चलाते हैं,
savitri mishra sdm
जीते जी जिससे जानते नहीं #चलाते हैं मार जाने के बाद ©savitri mishra sdm #लव #sdm
Swatantra Kumar
डर तो इतना है आजकल घर में भी हेलमेट पहन के घूम रहे हैं..... कार चलाते समय भी हेलमेट होना चाहिए अब बाइक चलाते समय भी सीट पर लगी होनी चाहिए... fine ka darr..🙄🙄
fine ka darr..🙄🙄
read moreAkanksha Jain
जिन्दगी को समय के साथ चलाते-चलाते अब थकान सी होती है जरूरते पूरी होती नही; और हम ख्वाहिशे सजा़ बैठे है! #nojoto #writingisessential #meramood #thoughts
nojoto #writingisessential #meramood #Thoughts
read morePoetry King
दुनिया में इस तरह से लोग सरकार चलाते थे, अपनी ताक़त से पूरा दयार नचाते थे, तारीख़ के पन्नों में थककर सोये हैं, जो अपने बाज़ुओं से कभी दीवार गिराते थे, वृद्धाश्रम में वो लोग भी क़ैद हैं, जो कभी अपना पूरा परिवार चलाते थे, अपने हुजरे में बैठें हैं चिराग़ों को बुझाकर, जो बच्चों संग हर एक त्योहार मनाते थे, वक़्त के साथ ढल गईं उनकी भी उम्रें, जो आईने के सामने घण्टों श्रृंगार कराते थे, उखड़ रहीं हैं उनकी क़ब्रों की ईंटें, जिनके नाम की लोग जय जयकार लगाते थे, वो लोग भी ख़ाक में मिल गये "शहनवाज़", जो घोड़ों पर बैठकर तलवार चलाते थे। (शहनवाज़ खान) #poetryking
AMR TR
साथ ना छोडेंगे तेरा, हर दम तेरे साथ रहेंगे। अगर इस जिंदगी को चलाते चलाते मौत भी आ जाए तो फिर भी तेरे पास रहेंगे। मत रोना तू मेरी मौत पर मत आंसू बहाना, अपने इस दर्द ए दिल का हाल किसी को भी मत बताना।। पूछे अगर तुमसे कोई हमारे बारे में तो एक बार मुस्करा देना, कसम है तुम्हें इस प्यार की हमारा नाम लेते ही आंसू मत बहा देना। कल भूल जाओगी तुम मुझे,ये सोचकर जिंदगी गुजार लेना। अपने नए जीवनसाथी के साथ नयी जिंदगी सवार लेना। मत रुट्टना तुम उससे, मत उसे सताना। बस तुमसे एक ही विनती है मेरी, बस उससे प्यार करना और हमे भूल जाना। और हमे भूल जाना ।। written by amarjeet tejrana #myfirstlove
कवि मनीष
सुना है जग को, तुम चलाते हो, जीवन का पहिया, तुम चलाते हो, जब भी आते हो तुम, साथ बहार आती है, गगन से आते हीं तेरे,
सुना है जग को, तुम चलाते हो, जीवन का पहिया, तुम चलाते हो, जब भी आते हो तुम, साथ बहार आती है, गगन से आते हीं तेरे,
read moreभगवान ukpedia
स्याही का रंग जरा जाना सा लगता है, वो लिखते है कि लहू जलाते है, इतना दर्द तो ज़ख्म भी नहीं देता, कलम चलाते है कि नश्तर चलाते है..! उनकी कलम में है वो दर्द जाना सा, मरहम लगाते है कि घाव दुखाते है..!
Words Of Mukul
काश मैं...🤔 (Read Caption) काश मैं मोबाइल होता, हर पल जेब और तेरे हाथ में रहता, रात में जब चलाते चलाते तू सो जाती तो मु पर गिरके धीरे से किस्सी कर लेता और सुबह उठ कर सबसे पहले तेरा दीदार करता 😛 काश कि मैं तेरा आइलाईनर होता और तू हर वक्त मुझे खुद से लगाये रहती काश कि मैं तेरा परछाई होता तु जहां जाती मैं तेरे साथ जाता... काश कि...!! 😘😘😘
काश मैं मोबाइल होता, हर पल जेब और तेरे हाथ में रहता, रात में जब चलाते चलाते तू सो जाती तो मु पर गिरके धीरे से किस्सी कर लेता और सुबह उठ कर सबसे पहले तेरा दीदार करता 😛 काश कि मैं तेरा आइलाईनर होता और तू हर वक्त मुझे खुद से लगाये रहती काश कि मैं तेरा परछाई होता तु जहां जाती मैं तेरे साथ जाता... काश कि...!! 😘😘😘
read moreSanjay Saw
#DearZindagi हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,पहला चरण कैंची और दूसरा चरण डंडा तीसरा चरण गद्दी........ तब साइकिल चलाना इतना आसान नहीं था क्योंकि तब घर में साइकिल बस पापा या चाचा चलाया करते थे तब साइकिल की ऊंचाई 24 इंच हुआ करती थी जो खड़े होने पर हमारे कंधे के बराबर आती थी ऐसी साइकिल से गद्दी चलाना मुनासिब नहीं होता था। "कैंची" वो कला होती थी जहां हम साइकिल के फ़्रेम में बने त्रिकोण के बीच घुस कर दोनो पैरों को दोनो पैडल पर रख कर चलाते थे। और जब हम ऐसे चलाते थे तो अपना सीना तान कर टेढ़ा होकर हैंडिल के पीछे से चेहरा बाहर निकाल लेते थे, और "क्लींङ क्लींङ" करके घंटी इसलिए बजाते थे ताकी लोग बाग़ देख सकें की लड़का साईकिल दौड़ा रहा है । आज की पीढ़ी इस "एडवेंचर" से मरहूम है उन्हे नही पता की आठ दस साल की उमर में 24 इंच की साइकिल चलाना "जहाज" उड़ाने जैसा होता था। हमने ना जाने कितने दफे अपने घुटने और मुंह तोड़वाए है और गज़ब की बात ये है कि तब दर्द भी नही होता था,गिरने के बाद चारो तरफ देख कर चुपचाप खड़े हो जाते थे अपना हाफ कच्छा पोंछते हुए। अब तकनीकी ने बहुत तरक्क़ी कर ली है पांच साल के होते ही बच्चे साइकिल चलाने लगते हैं वो भी बिना गिरे। दो दो फिट की साइकिल आ गयी है, और अमीरों के बच्चे तो अब सीधे गाड़ी चलाते हैं छोटी छोटी बाइक उपलब्ध हैं बाज़ार में । मगर आज के बच्चे कभी नहीं समझ पाएंगे कि उस छोटी सी उम्र में बड़ी साइकिल पर संतुलन बनाना जीवन की पहली सीख होती थी! "जिम्मेदारियों" की पहली कड़ी होती थी जहां आपको यह जिम्मेदारी दे दी जाती थी कि अब आप गेहूं पिसाने लायक हो गये हैं । इधर से चक्की तक साइकिल ढुगराते हुए जाइए और उधर से कैंची चलाते हुए घर वापस आइए ! और यकीन मानिए इस जिम्मेदारी को निभाने में खुशियां भी बड़ी गजब की होती थी। और ये भी सच है की हमारे बाद "कैंची" प्रथा विलुप्त हो गयी । हम लोग की दुनिया की आखिरी पीढ़ी हैं जिसने साइकिल चलाना तीन चरणों में सीखा ! पहला चरण कैंची दूसरा चरण डंडा तीसरा चरण गद्दी (फिर बादशाहों वाली फीलिंग्स)