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Mukesh Poonia
ईमानदारी बहुत महंगा उपहार है। इसकी घटिया लोगों से उम्मीद मत करो। वॉरेन बफेट . ©Mukesh Poonia #tanha #ईमानदारी बहुत #महंगा #उपहार है। इसकी #घटिया #लोगों से #उम्मीद मत करो। वॉरेन बफेट
Sonam Jain
भले ही कितना ही ''कीमती'' लिबास पहन लो, लेकिन एक बात ध्यान रखना #घटिया किरदार कभी छुपता नहीं… ©Sonam Jain #sadquotes
KhaultiSyahi
आदमी या औरत की सोच से उसकी औकात का पता चल जाता है! उसेक अच्छे कपड़े और अच्छी गाड़ी और बांग्ला भी मिल जाय चूहे को चिंदी मिले वैसे वो सबके सामने उन्हे चमकते ही रहेंगे ! माल पानी मिलने से खून नहीं बदलता ! वो घटिया का घटिया ही बना रहेगा मरने तक ! ©KhaultiSyahi #KapilSharma #घटिया #लोग #shittypeople always remain shitty. no use trying to change the. #khaultisyahi #lifeexperience #truth is fuck them !
#KapilSharma #घटिया #लोग #shittypeople always remain shitty. no use trying to change the. #khaultisyahi #lifeexperience #Truth is fuck them !
read moreFunny Singh🐼
YQ का आया घटिया अपडेट..!! . Notification नहीं आने से लोगों की खुशी में हुई भारी गिरावट। जल्द ही बाबा और दीदी प्रेस-कांफ्रेंस कर सफाई देंगें। 😝😝😝😝😝😝😝😝😝 #yqupdate #घटिया #yqbaba #yqdidi #funny #notification #funnysingh #joke
#yqupdate #घटिया #yqbaba #yqdidi #Funny #notification #funnysingh #joke
read morekavi Dhananjay (dhanuj) Sankpal
. . ©Dhananjay(dhanuj) Sankpal #लिबास #किरदार #घटिया #शायरी #धनूज
Silent Shayar
महलों में सोने वालों तुम झोपड़ी का दर्द क्या जानो,,, अरमां बह जाते हैं पानी में किस कदर तुम क्या जानो,,, दाने दाने को तरस जाते तुम्हें दाना खिलाने वाले,,, मेहनत किसान का बहता है किस कदर तुम क्या जानो,,, #Kisan #Dard #गरीबी #बाढ़ #bihar #SAD #badpolitics #घटिया #राजनीति #flood Shushil Sharma रोहित तिवारी । Author shivam kumar mishra ImRaN ShAmSi
prash नायक
त्यांना वाटतं मला त्रास होत नाही,😕 खैर...👍 गोष्ट जास्त का वाढवायची नाही होत तर नाही होत😏 #घटिया लोग
#घटिया लोग
read moreRohit Goswami
मैं तेरी मोहब्बत में, कवियो! तुमने परफेक्शन की हवस में एक कविता दस बार लिखी और नौ पन्ने फ़ाड़ के फेंके। ये पन्ने भी किसी पेड़ की मौत का हासिल थे। यह जुमला कितना घटिया सच होगा कि पेड़ पर कविता लिखने वाले कवि ने कभी पेड़ नहीं लगाया, दरअसल उसे पेड़ नहीं पेड़ की कविता से प्यार था कि उसे प्यार से नहीं प्यार की कविता से मतलब था। घटिया कवियों को चाहिए कि वे कागज के बजाय मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करें अपनी कसरत के लिए। आखिर कितना खराब है यह कारण कि पेड़ शहीद हों घटिया कविताओं के लिए। मेट्रो का शेड इससे कहीं महान कारण है तुमने तो बहुत टुच्चे कारणों से पेड़ काटे हैं। तुमने अपनी प्रेमिकाओं को गुलाब के फूल भेंट किये हैं। याद है न! ― रचित दीक्षित || हिंदीजगत
abhisri095
मेरा ख़्वाब था ,यहाँ पढ़ने का... पता अब चला , कितना घटिया ख़्वाब था मेरा।। #घटिया-#ख़्वाब ...