Find the Best १४ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutधारा १४४ क्या है, १४वीं शताब्दी in english, र लव एक ट १४३ इन ह द, दर्द भरी शायरी इन हिंदी १४०, 'शायरी दर्द भरी ज़िन्दगी हिंदी १४०',
PURAN SINGH CHILWAL
🥀सच कड़वा ही होता हैं 🥀 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 🥀धोखा साथ चलने वाले ही🥀 🥀देते हैं ये कल भी सच था🥀 🥀और आज भी सच है🥀 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 🥀बात बुरी लगे तो🥀 🥀 दो तरह से सोचो🥀 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 ©PURAN SINGH CHILWAL #१४ यदि कोई इंसान बहुत जरूरी है 🌷 तो उसे बात को भूल जाओ और अगर बात बहुत जरूरी है 🌷 तो उस इंसान को भूल जाओ
#१४ यदि कोई इंसान बहुत जरूरी है 🌷 तो उसे बात को भूल जाओ और अगर बात बहुत जरूरी है 🌷 तो उस इंसान को भूल जाओ
read moreNarendra Yogi
#घर पर रहें #बार बार हाथ धोतें रहें #अनावश्यक वस्तुओं को ना छुएं #मुंह पर मास्क लगाए रखें # नित्य ७५ मिनट ॐ का दीर्घ गुंजन करें #सात्विक हल्का अल्प आहार करें #लंबे समय तक टिकाऊ अनाजों का उपयोग करें #किसी भी संक्रमित के संपर्क में आने पर विषय को गंभीरता से लें डॉक्टर की सलाह जरूर लें #१४ दिन खुद को अकेला करलें #ध्यान और आसन नियमित करें #ऋषियों के अद्भुत किस्से कहानियों का पठन पाठन करें। बस देश जल्द ही इस संकट से जीत रहा है। #yoginarendra
yogesh atmaram ambawale
उंच उंच आकाशी उडू दोर तू पतंग मी. माझ्या संग तू आणि तुझ्या संग मी. प्रिय लेखकानों💕 मकरसंक्रात म्हटल तर पतंग पतंग पतंग... आजचा विषय आहे दोर तू पतंग मी... चला तर मग आज यावर कोलँब करा. #दोरतू हे टँग करायला विसरु नका.
प्रिय लेखकानों💕 मकरसंक्रात म्हटल तर पतंग पतंग पतंग... आजचा विषय आहे दोर तू पतंग मी... चला तर मग आज यावर कोलँब करा. #दोरतू हे टँग करायला विसरु नका.
read moreDeepali Mestry
गुंफलेल्या या स्वरांचे गीत तू होशील का या गीताचा साज लेऊन सांग तू येशील का शब्दवेडी #१४/३६५
#१४/३६५
read moreDeepali Mestry
मौसम में आज़ नमी सी है रातभर आसमां भी रोया होगा अंजाम आखिर यही होना था उनकी याॅंदो का दरवाजा़ जो खुला छो़डा होगा शब्दवेडी #१४/३६५
#१४/३६५
read moreAnjali Jain
खूब धमाचौकड़ी मचाओ बच्चों! आसमाँ को सिर पे उठाओ बच्चों! धरती को बगल में दबाओ बच्चों! किताबें और मोबाइल हटाओ बच्चों! खूब हँसो और खिल खिलाओ बच्चों! नावें पानी में तिराओ बच्चों! खिलौने झोली में भर लाओ बच्चों! धूल में खूब नहाओ बच्चों! पानी के गुब्बारे उड़ाओ बच्चों! झूले को चाँद तक ले जाओ बच्चों! बचपन को बच्चे सा रचाओ बच्चों इस दुनिया को मासूमियत से सजाओ बच्चों! बालदिवस की ढ़ेर -ढ़ेर बधाई बच्चों!!! ©अंजलि जैन #ChildrensDay#१४.११.२०
#ChildrensDay#१४.११.२०
read moreAnjali Jain
अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों को गिनती, सब्जियों और फलों के नाम तक, रोजमर्रा की जरूरतों के शब्दों का ज्ञान हिंदी में न होना तो बहुत ही दुःख की बात है और, आज वे और उनके अभिभावक तक हिंदी के यशोगान और बधाइयाँ बाँटने में पीछे नहीं रहे होंगे!ऐसा झूठा दिखावा और आडंबर क्यों? चाहे कितनी ही भाषाएँ सीखें पर हिंदी सर्वोपरि और सर्व सम्मानित होनी ही चाहिए!वक्त बदलने वाले हम ही हैं!हमने ही अंग्रेजी को सिर पर बिठाया है अब हम ही हिंदी को भी सिर पर बिठायें, जन-जन के हृदय की भाषा बनाएं!आज माननीय मोदी जी के होते आमूल चूल बदलाव हो रहे हैं हिंदी भाषा के लिए भी हो जाएंगे...बस जनता का साथ चाहिए!!! #हिंदी को व्यवहार में लाएं....#१४.०९.२० #Hindidiwas
#हिंदी को व्यवहार में लाएं....#१४.०९.२० #Hindidiwas
read moreAnjali Jain
बच्चों को अँग्रेजी माध्यम से पढ़ाने में हमें बहुत गर्व महसूस होता है भले ही उनकी लूट और शोषण से दिल ही दिल में तिलमिलाते रहते हैं और यदा कदा आवाज उठाते रहते हैं पर बहिष्कार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते!हमारे देश में हिंदी का ही साम्राज्य होगा, अगर जनता चाहे तो! बड़े-बड़े शोरूम, मॉल्स आदि में हिंदी में बातचीत की मांग करें, अगर उन्हें अपना कारोबार देखना होगा तो हिंदी को अपनाएंगे!तब निश्चित रूप से हिंदी चलन में होगी जैसे आज अंग्रेजी है, पर होता क्या है कि हम वहाँ अंग्रेजी सुनकर ,खुद को उनके अनुरूप बनाने की कोशिश करते हैं जबकि यह प्रयत्न उन्हें करना होगा! हम बचपन से स्कूल में अपने पाठ्यक्रम में हिंदी भाषा पर निबंध पढ़ते-लिखते आ रहे हैं फिर भी हमें हिंदी अच्छी क्यों नहीं लगती?मुझे तो पता नहीं क्यों ,शुरू से हिंदी विषय और हिंदी के शिक्षक बहुत ही अच्छे लगते रहे हैं और हिंदी पत्र पत्रिकाएं पढ़ना बहुत भाता रहा है!इसका मतलब यह नहीं कि अँग्रेजी कमज़ोर रही पर खुशी और आनंद हिंदी में ही मिलता रहा है जो आज भी कायम है! #हिंदी व्यवहार में लाएं...#१४.०९.२० #भाग 3 #Hindidiwas
#हिंदी व्यवहार में लाएं...#१४.०९.२० #भाग 3 #Hindidiwas
read moreAnjali Jain
जब हम स्वयं अपनी भाषा का आदर नहीं करेंगे, तब दूसरों से अपेक्षा क्यों ? वैसे कहने की आवश्यकता नहीं है कि हिंदी भाषा का विश्व में बोलबाला बढ़ता जा रहा है!चीनी भाषा के बाद दूसरे न. पर हिंदी ही है जिसका प्रयोग लोग करते हैं,लेकिन हिंदी हमारे भारत वर्ष की भाषा होने के बावजूद हमारे ही देश में दूसरे न. पर है!?! भारत में अंग्रेजी पढ़ने वाले बहुत हैं पर निश्चित रूप से घर-परिवार में बातचीत का माध्यम हिंदी ही है क्योंकि हमें अपनी भाषा में बात करके, अपनी भावनाएं व्यक्त करके आत्म संतोष मिलता है!अपनापन महसूस होता है लेकिन चूँकि हम भारतीयों में प्रदर्शन और दिखावे की आदत थोड़ी ज्यादा है जो यहाँ भी हावी है!हिंदी की अपेक्षा अंग्रेजी के व्यवहार में हमें अपना स्तर ज्यादा ऊँचा महसूस होता है इसलिए सभी पाश्चात्य तौर-तरीके अपनाने के बाद हिंदी का व्यवहार या हिंदी माध्यम से बच्चों को पढ़ाना एक पैबंद की तरह लगता है शायद #हिंदी को व्यवहार में लाएं....#१४.०९.२० भाग 2 #Hindidiwas
#हिंदी को व्यवहार में लाएं....#१४.०९.२० भाग 2 #Hindidiwas
read moreAnjali Jain
हिंदी दिवस पर दिन-भर ढ़ेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं इधर से उधर प्रेषित होती रही होंगी, आप सभी को बहुत- बहुत बधाइयाँ और शुभकानाएं कि हिंदी भाषा विश्व पटल पर महारानी बनकर चमके!! इस अवसर पर मैं इतना अनुरोध सभी से करना चाहूँगी,भले ही हमें हिंदी दिवस के बारे में सभी जानकारियां हैं, फिर भी हम सभी के मन-मंदिर में हिंदी उस तरह से प्रतिष्ठित नहीं है जिस तरह से अंग्रेजी!अगर हम सचमुच तहे दिल से हिन्दी से लगाव व सम्मान महसूस करते हैं तो हमें व्यवहार में और जन -जन के मन में इसे बिठाना होगा! जब हमसे कोई अंग्रेजी में बात करता है तो हम उस समय हीन भावना महसूस करने के स्थान पर आत्म विश्वास से कहें कि कृपया हिंदी में बात करें! अगर उसे हिंदी न जानने में कोई शर्म महसूस नहीं होती तो हमें अंग्रेजी न जानने की शर्मिंदगी क्यों? #हिंदी व्यवहार में लाएं...#१४.०९.२०#भाग 1 #Hindidiwas
#हिंदी व्यवहार में लाएं...#१४.०९.२०भाग 1 #Hindidiwas
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