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Best पुछा Shayari, Status, Quotes, Stories

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shahrana_andaj

#कुछ #दिनों से #पुछा #नहीं #उन्होंने #हाल मेरा। कुछ दिनों से #तबियत बिगड़ती ही जा रही।। #welove #Shahrana_andaj

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कुछ दिनों से पुछा नहीं उन्होंने हाल मेरा।
कुछ दिनों से तबियत बिगड़ती ही जा रही।।

©shahrana_andaj #कुछ #दिनों से #पुछा #नहीं #उन्होंने #हाल #मेरा।
कुछ दिनों से #तबियत बिगड़ती ही जा रही।।
#welove 
#Shahrana_andaj

PANKAJ KUMAR SINHA

मैं कौन

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        *???"मैं कौन"???* 
मैं कौन थी, कहां से आई
कैसे जन्म हुआ,कौन  जग से आई।
मैं पिता की लाडली, मां की दुलारी
दादी-नानी की सहेली, परिवार की राजकुमारी।
मुहल्ले की पहेली, सखियों की सवारी
मैं कौन थी, कहां से आई---
            मैं कौन थी, कहां से आई---
           थी भाई की लड़ाई, या दोस्तों की पिटाई
चाचा की चांटे,या पड़ोसियों की शिकायते।
फिर भी,, मैं पिता की लाडली, मां की दुलारी।
*मैंने पुछा मैं से---* 
मैं कौन थी, कहां से आई---
मैं कौन थी, कहां से आई
कि एक दिन...
लाडली बड़ी हो गई
किसी की नजरों को भा गई
राजकुमार के नजरों में छा गई
खो गई सारी चतुराई
बड़ी हो गई,आपकी दुलारी
छा गये  नयनों में सुनहरे सपने-
भविष्य में लगे पंख फड़फड़ाने
सारगोशी कि कानों ने
मैं कौन थी, कहां से आई---
मैं कौन थी, कहां से आई---
पिता और मां खुश थे
मैं भी खुश थी, नया नया अहसास था
कि कोई और हमें देख रहा है,
कहीं दूर , नेपथ्य से, भविष्य में।
ये क्या???
पापा और मां के नयनों में
एक-एक कतरा था आंसु के--
लुढ़का तो लुढ़कते चला गया
तीनों लिपटकर रोए ,,,देर तक
मैंने फिर से, पुछा मैं से---
मैं कौन थी, कहां से आई---
मैं कौन थी, कहां से आई---
अंधेरे में आवाज़ गूंजी, गूंजी तक....
*मैं हूं बेटी,मैं हूं बेटी,मैं हूं बेटी,* मैं कौन

Mangesh Dongre (Prem)

सुबह के 8 बज ही रहे थे के मोबाईल का अलार्म चालू हो गया । आवाज ईतना तेज था की कानों के पर्दे जैसे फटे जा रहे थे । 😫 उसे बंद करके प्रेम फिरसे सो गया के अचानक उसे याद आया के आज से तो उसके कॉलेज की एग्जाम Start हो रही है । जैसे तैसे उठकर वो 9:30 तक कॉलेज पहुँचा तबतक एग्जाम चालू हो गयी थी ।🙄 भागते भागते वो Exam Hall में पहुँचा और अपनी Seat के पास जाकर अचानक से ऱुक गया । वाह, क्या नजारा था ।😍 आज पहली बार उन जैसे Single लौंडो के बगल में 1st Year की लडकिया बैठी थी,😎 जो कभी Cu

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Story No.: 01

Supriya सुबह के 8 बज ही रहे थे के मोबाईल का अलार्म चालू हो गया । आवाज ईतना तेज था की कानों के पर्दे जैसे फटे जा रहे थे । 😫 उसे बंद करके प्रेम फिरसे सो गया के अचानक उसे याद आया के आज से तो उसके कॉलेज  की एग्जाम Start हो रही है । जैसे तैसे उठकर वो 9:30 तक कॉलेज पहुँचा तबतक एग्जाम चालू हो गयी थी ।🙄 भागते भागते वो Exam Hall में पहुँचा और अपनी Seat के पास जाकर अचानक से ऱुक गया । वाह, क्या नजारा था ।😍 
                          आज पहली बार उन जैसे Single लौंडो के बगल में 1st Year की लडकिया बैठी थी,😎 जो कभी Cu

Kamal Pandey

महंगा सौदा था !! कि खून का बदला जिन्दगीयो ने चुकाया!
न मौलवी मरा न पन्डित, सारा खून यहाँ अपनो ने बहाया! 
पन्डित अपनी पोथी भुला, मौल्वी अपनी टोपी भुला,
लगा ताले मंदिर मस्ज़िद को ठिकाना बना,सारा अस्ला यही से आया! 
न नाम पुछा न काम पुछा,उस रात मधहोश मौत ने बेइन्तेहा कोहराम मचाया !
महंगा सौदा था कि खून का बदला जिन्दगीयो ने चुकाया!
-To be continued
-Mannn Se #riots#dange#hindu#muslim#brotherhood#fight#savehumanity#humanfirst

ShyamShonkyJNV

अब मेरा हाल दुसरों से पुछा जाता है , अब मेरा हाल दुसरों से पुछा जाता है , बस यही दर्दे दिल को रुलाता है ।। शायरी विचार Prinal Royal Darpana Singh Ekta Kumari Meenu Kumari Sujata Rani

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रिश्तों में दरार अब मेरा हाल दुसरों से पुछा जाता है ,
अब मेरा हाल दुसरों से पुछा जाता है ,
बस यही दर्दे दिल को रुलाता है ।। अब मेरा हाल दुसरों से पुछा जाता है ,
अब मेरा हाल दुसरों से पुछा जाता है ,
बस यही दर्दे दिल को रुलाता है ।।
#शायरी #विचार Prinal Royal Darpana Singh Ekta Kumari Meenu Kumari Sujata Rani

Sony Rani Raikot

Sony

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मेरा दिल तोड़कर, दिल का हाल पुछा उसने ।मेरा हमदर्द बनकर , दिल का हर राज पुछा उसने। मेरे दिल को दर्द देकर,दिल के दर्द का कारण पूछा  उसने । मेरी जिन्दगी मिटाकर, जिन्दगी मिटाने वाले का नाम पुछा उसने।
Sony Sony

shayar

हम तो जी रहे थे उनका #नाम लेकर, वो गुज़रते थे हमारा #सलाम लेकर, कल वो कह गये #भुला दो हुमको, हमने #पुछा कैसे!!!! वो चले गये हाथो मे #जाम देकर…sad #Love #ekshayar nojoto #ds

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2 Years of Nojoto हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हुमको,
हमने पुछा कैसे!!!!
वो चले गये हाथो मे जाम देकर… हम तो जी रहे थे उनका #नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा #सलाम लेकर,
कल वो कह गये #भुला दो हुमको,
हमने #पुछा कैसे!!!!
वो चले गये हाथो मे #जाम देकर…#sad #love #ekshayar #nojoto #dS

The Social Word

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कल रास्ते मे कुछ महिलाएं जाती हुई दिखी 
मेने पुछा कहाँ चली 
बोली- मैं ज्यादा रहती कहां हूं, 
लोग मुझे एक दिन के लिये ही बुलाते हैं 
अब आऊंगी 26 जनवरी को । बाय ✋🏻 
मेने नाम पुछा 
बोलीं - सबका नाम देशभक्ति है।
#नि:शब्द

Geeta Panjwani

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बचपन और पहला दोस्त मिट्टी की चार ईंटे ।।
यंहा वंहा से चुनकर लाया हुआ 
पेपर कागज कचरे सा -);;
ये थी मेरी रसोई घर ।
बहुतछोटी थी मैं बहुत ज्यादा 
3 या 4 कक्षा में ।।
एक खुला सा बडा मैदान था घर के सामने 
कुछ दिनो से बंजारे रहने आए थे यंहा ।।
कुठ नया बन रहा था उसी के मजदूर थे ।।
रोज देखती थी उनकी औरते और मर्द साथ काम पे निकल जाते थे ।।
उनके बच्चे मिट्टी मे खेलते रहते थे ।।मौज से मजे से ।।

ये सब रोज का था ईसलिए आम लगता था 
एक दिन बहुत मायूस दिखे  वो बच्चे ।।
खेल भी नही रहे थे ।।
मुझे न बचपन से ही हर बात जान ने का बडा 
शौक रहता है ।।
पुछ लिया मैने 
" ऑए तूम क्यु दुखी हो ।।खेलो न खेल क्यु नही रहे ??
गरीब बेचार चुप रहे ।।जवाब न दिया ।।
"बाड में जाओ "कहकर 
मैं निकल गई ।।।
पर मुझे चैन न आया ।।।क्यूकि रो रहे थे यार दो तीन छोटे छोटे बच्चे ।।
अब मैं अपने असली रूप में आ गई और गुस्से से पुछा ।
"बताते हो के नही "??। नही तो कल ही तूम लोगो को भगा देंगे यंहा से देख लेना ।।मेरे प्पा सेकर्टरी है 
सोसायटी के हमारा ही राज चलता है ।।""

मेरी धमकी काम कर गई ।।
" हमारी मां रोज हमारे लिए खाना बनाके जाती है 
रात को बारिश की वजह से सुबस चुला जला ही नही 
अब हमे बहौत भुख लगी है ।।।" 

है भगवान ।मैं भले कितनी भी शैतान थी बचपन में पर ईस तरह किसी को भुखा नही देख सकती थी ।।

" कौन कौन क्या लाएगा" 
मेरी टोली से पुछा ?? 
आता जाता हम मे से किसी को कुछ नही था 
पर तैयार सारे हो गए थे।।।

" मीना मैं आलू लेके आती हु ।तु 
पौंआ ले आ ।।सीमा राई और हरा धनिया ले आ
तेल मसाले सब एक एक लाओ ।।

मिट्टी की चार ईंट का चुल्हा ।।
थोडा सा गासलेट ।बहुत सारा 
कचरा ।घर के पेपर ।।।

मेरी अगवानी ।।।
तेल मे राई डाली ।।जल गई 
" अरे ईसने तो जला दिया "" उसने कहा 

"हा तो तू मत खाना" बोल दिया मैने  ।।मेरी हुशारी तो बचपन से ही 
सुबानअल्लाह है ।।

मुजे आज भी याद है ।।पुरे कच्चे थे आलू 
नमक थोडा ज्यादा था 
और ।।।
पौंआ नही ।।पुरे पौंआ का हलवा बनाया था मैने।
मुझे कूया पता पानी नही डलता ??

खैर साथ मे आलु भी उभाले ।।मैं 
टीम लीडर थी तो घर के सारे आलू उठा लायी थी ।।
हमने उनके साथ बैठकर थोडा थोडा खाया ।।
वो सचमुच बहुत भूखे थे यार ।।।
हाथ से भर भर के ईतना कच्चा पक्का 
खाना खा गए ।।।।

उनहोने खाना खाया 
और 
हम सभने मार मम्मी की ।।।
अरे हा ।।
सच्ची में ।।
हमारी सोसायटी "तारक महेता का उलटा 
चश्मा " जैसी थोडे ही थी ।।।
ईसलिए सबको मार मिली ।।
मुझे अपनी मम्मी की मार और बाकी सारी 
म्मियो की डांट ।।
After all leader जो ठहरे अपुन ।।

पहली रसोई पे हमेशा ।।
पारितोषक ।।या खरची मिले ।एसा जरूरी नही 
कभी कभी मार डांट भी मिलता है ।।
समझा ।।।

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

                                               फिर दोनो घंटो बैठे युंही अलक मलक की बातें करते रहे!यह प्यार है हीं ऐसी चीज,जो इसान को शब्दो की रचणा करना सीखला देता है!समय की शीमा खत्म हो जाती है,लेकिन खत्म नही होता है,तो प्रेमी हृदय मे समाया हुआ शब्द! जो होठो से भी वयां होता है!आँखो से भी वयां होता है!जो भी हो,मोहब्बत है,बहुत जानदार चीज!                                              दिल्ली का पाश इलाका!भारतीय जनतांत्रीक गटबंधन का मुख्यालय!रात के दस बज चुके थे!पुरा हीं मुख्यालय रौशनी से नहाया हुआ थ

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                                               फिर दोनो घंटो बैठे युंही अलक मलक की बातें करते रहे!यह प्यार है हीं ऐसी चीज,जो इसान को शब्दो की रचणा करना सीखला देता है!समय की शीमा खत्म हो जाती है,लेकिन खत्म नही होता है,तो प्रेमी हृदय मे समाया हुआ शब्द! जो होठो से भी वयां होता है!आँखो से भी वयां होता है!जो भी हो,मोहब्बत है,बहुत जानदार चीज!
                                             दिल्ली का पाश इलाका!भारतीय जनतांत्रीक गटबंधन का मुख्यालय!रात के दस बज चुके थे!पुरा हीं मुख्यालय रौशनी से नहाया हुआ थ
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