Find the Best उठती Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutउठती है कसक आजा दिल करे, उठती है कसक दिल, उठती है नई सी हलचल, उठती है कसक आजा गाना, उठती है,
Dr Manju Juneja
कितना अच्छा होता अगर मैं कितना अच्छा होता अगर मैं सागर की लहरें होती कभी उठती सागर में तो कभी शांत होती कभी उथल पुथल करती सागर में तो सागर को भी बेचैन कर देती कभी टकराती साहिल से तो वापिस सागर में खो जाती कभी ऊंची उछाल लगाती सागर में तो कभी सागर में गुम हो जाती कभी पूछती सागर से की तू इतना गहरा क्यूँ है नदियाँ तो आकर मीठे पानी की मिलती है तुझमे पर ऐ सागर तू इतना खारा क्यूँ है कभी नापती सागर की थाह तो कभी साहिल पर लौट आती कितना अच्छा होता कि मैं सागर की लहर बन जाती निकलते सूरज की रश्मियों से मैं रेत के कणों संग चमचमाती ढलता सूरज तो मैं भी सागर में सो जाती ©Dr Manju Juneja #कितनाअच्छाहोता #लहर #सागर #साहिल #टकराती #कभी #उठती #poetery #nojotohindi #AdhureVakya
Ashish Kumar
तो सुनो! के तड़प उठती थी तो जो मेरी एक आह की अंगड़ाई से, के तड़प उठती थी............. नही पड़ता उसे कोई भी फर्क मेरी चीख या दुहाई से। #गुमशुदा Supriya Pandey Gaurav Kukreti LoVe YoU # Bhavana Pandey My_Words✍✍
#गुमशुदा Supriya Pandey Gaurav Kukreti LoVe YoU # Bhavana Pandey My_Words✍✍
read moreSUNIL MADAAN
महक उठती है मेरी तन्हाई जब तेरी यादों की मुरली मेरी साँसों ने बजाई चली आती है तूँ राधा बन के इस कान्हा के मन में बस तूँ ही है समाई महक उठती है मेरी तन्हाई जब-जब तूने अपनी पायल है छनकाई चले आते हैं सुरों से भरे गीत मेरे मेरी हर धुन में बस तू ही तो है जो समाई महक उठती है मेरी तन्हाई जब तेरे प्यार की खूशबू है यूँ लहराई चली आती हैं बहारें इन फिज़ाओं में मेरी ज़िन्दगी में बहार बन के हो तुम यूँ समाई महक उठती है मेरी तन्हाई प्यारी सी तेरी बातें लगती हैं इतनी सुरीली कि खामोश निशा भी गूँजने यूँ लगती है जैसे बज रही हो चारों तरफ शहनाई Gori Anu Rathour Vaishali Chauhan Pari aggarwal Janet.H
Gori Anu Rathour Vaishali Chauhan Pari aggarwal Janet.H
read morePnkj Dixit
🌷 अभिलाषा 🌷 मन मोहक छवि प्यारी-प्यारी, कली के जैसी तुझमें यौवनता । पूर्णिमा शशि-सा धवल रूप, छुई-मुई - सी तुझमें कोमलता ।। उठती गिरती गंगा की लहरों ने, तुम से ही पाई नवयौवन धारा । उदास निराश मन हृदय में , तुम भर देती पूनम उजियारा ।। कोयल ने तुमसे सीखा होगा पंचम सुर में गाना । नवेली वधु ने सीखा है तुमसे , धीरे - धीरे शर्माना ।। तुम से ही मिला हिरनी की आंखों को काजल । तुम्हारी रसभरी वाणी से तैरते अंबर में बादल ।। जब अलक खोलकर लहराती हो , तब पवन झूम - झूम कर आता है । जब अलसाई अंगड़ाइयाँ लेती हो मधुमास बसंत वहीं रुक जाता है ।। झुक कर उठती पलकों में नक्षत्र सारे उतरकर आते है। तुम्हारी चाल देख कर ही मृगी - मयूर भी शरमाते है ।। जब मंद - मंद मुस्काती हो कमल - दल खिल जाते हैं । सुनकर के तुम्हारी हंसी भंवरे गुंजन करने आते हैं ।। उपवन में हिल-मिल सारे अनुपम प्रेम राग सुनाते हैं ।। अंग-अंग की मादकता से खेतों में सरसों लहराई है । छू कर तन तेरा पवन बावरी, प्रेम दूतिका प्रीत संदेशा लाई है ।। अहसास तुम्हारा ही पाकर, मन में जागी है जिज्ञासा । जीवन संगिनी बनकर आओ यही हृदय की अभिलाषा ।। कोटिक रति का सौंदर्य हरती ,मन मोहिनी प्यारी - प्यारी । अबके बरस कमल आँगन महकाओ ओ प्रियतमा प्यारी।। सुन कर कमल हृदय की पुकार ,मोहिनी लजाई शर्मायी । मन मन्दिर में कमल देव बिठाकर,कमल प्रीत धुनी रमायी।। २०/०९/२०१८ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 अभिलाषा 🌷 मन मोहक छवि प्यारी-प्यारी, कली के जैसी तुझमें यौवनता । पूर्णिमा शशि-सा धवल रूप, छुई-मुई - सी तुझमें कोमलता ।। उठती गिरती गंगा की लहरों ने,
🌷 अभिलाषा 🌷 मन मोहक छवि प्यारी-प्यारी, कली के जैसी तुझमें यौवनता । पूर्णिमा शशि-सा धवल रूप, छुई-मुई - सी तुझमें कोमलता ।। उठती गिरती गंगा की लहरों ने,
read moreNicky Shukla
उस,नज़र की भी जाने क्या बात थी गैरों के लिए झुकती,मेरी लिए उठती थी फर्क सोच का कहुँ,या अपने नज़रिए का वो जब जब उठती थी.... ये,,दिल तब तब बैठ जाता था - nickyshukla #nazar
kashish Gupta
अनकहे लफ्ज भी कुछ कमाल करते हैं,, निगाहें उठती नहीं थी जिनकी,,, वो भी ना जाने क्या क्या अब सवाल करते हैं शहर ये फुर्सत-ए-गुम है किसी पत्थर की हिफाजत में,,, जरा अंजान मंजर है मोहब्बत दर्द-ओ - गम की देखभाल करती है।।। निगाहें उठती नहीं थी जिनकी,,, वो भी ना जाने क्या क्या अब सवाल करते हैं।। कद्र इस वक़्त की कर लो ना फिर ये लौट कर आता,,,, जो बेकदरी से बिताते हैं फिर उम्रभर मलाल करते हैं।। निगाहें उठती नहीं थी जिनकी,,, वो भी ना जाने क्या क्या अब सवाल करते हैं नज़र सपनों पे जो रख्खो तो निगाह एक तारीख पर भी रखना,,,, निगाहें वक़्त पर करके लोग फैसले बेमिसाल करते हैं।।। निगाहें उठती नहीं थी जिनकी,,, वो भी ना जाने क्या क्या अब सवाल करते हैं सब्र अच्छा बहाना है दिल को सुकून दिलाने का,,, पर बेसब्रे लोग ही अक़्सर जुनून को पार करते हैं निगाहें उठती नहीं थी जिनकी,,, वो भी ना जाने क्या क्या अब सवाल करते हैं।।। ख़यालों में किसी के रहकर ना यूँ बर्बाद हो जाना,,,, जिनकी तुम जुस्तजू थे तब,,, अब ना वो तेरा ख्याल करते हैं।।। निगाहें उठती नहीं थी जिनकी,,, वो भी ना जाने क्या क्या अब सवाल करते हैं।।।
`sanju sharan
छत्तीस घंटे काव्या तेज़ तेज़ कदमों से ऑफिस जा रही थी तभी किसी के स्पर्श से चौक जाती हैं और एक भारी आवाज़ सुनकर पीछे मुड़ती है_"क्यों लेडी रावण डर गई। अचरज से देखती है ईशान को और कहती है। आप यहां? हा काव्या मेरी पोस्टिंग कोलकाता हो गई है और तुम कहां जा रही हो। सिर झुकाए हुए काव्या कहती है_मैं भी ऑफिस ही जा रही हूं बैंक में काम करती हूं।। चलिए अच्छी बात है पर क्या आपके शहर में दोस्तो की खैरियत पूछी नहीं जाती, केवल मै ही बोले जा रहा हूं और आप चुप हैं क्या आप मुझसे बातें नहीं क
read moreNetra Jha
**हर रोज़ खुद को मैं खुद से छुपाकर उठती हुं चेहरे पर मुस्कान को सजाकर उठती हुं बेटी हुं बहु हुं पत्नि हुं माँ हुं खुद को सब समझाकर उठती हुं ख़्वाब भरे हैं आँखों में मेरे ,मैं उन्हें तकिये के नीचे दबाकर उठती हुं कर्तव्य का ताज सजा रहता है मेरे दिमाग पर दिनभर के सारे काम की लिस्ट बनाकर उठती हुं निभाना पड़ेगा आख़िरी सांस तक गृहणी का कर्तव्य, खुद को ये समझाकर उठती हुं मेरे सपने सिर्फ मेरे अपने हैं इनको सबसे छुपाकर उठती हुं हर किसी को खुश रख सकुं इस आशा से चेहरे पर कई नक़ाब लगाकर उठती हुं**..!!NAJ📝 #NAJ
Avyaana
हिंदी में दहेज ,तो उर्दू में जहेज़ कहते है घृणित रीत है ये ऐसी,जिसमे बाप अपनी बेटे को बेच देते है। रीत है ये ऐसी,बेटी भी जाती है और पैसे भी जाते है न जाने बेटी वाले ये कैसी सजा पाते है करनी होती है बरसात पैसो की,तभी तो उठती है डोली एक लड़की की जाती है जब लड़की के पिता की जिंदगी की कमाई तब होती है, एक लड़की की विदाई लेने वाले की गर्दन है उठती,देने वालों की गर्दन है झुकती ये रीत है कैसी?आजतक मैं समझ न सकी दहेज लेने के बाद भी कुछ भुखों का पेट नही भरता घरेलू हिँसा और बहू को जिन्दा जला देंना भी उन्हें बिलकुल नही अखरता बेबसी नही समझते वो दानव, उस बाप की जिसने आग से झुलसी बेटी को फिर से एकबार आग दी कई कानून बने,कई बदलाव भी आये पर दहेज न ले,और न दे,ऐसे हालात न आये धारा304,406,498 भी हुए लागू पर दहेज लोभी अपने लोभ पर क्ऱ न सके काबू न जाने दहेज रूपी दानव की प्यास कब बुझेगी? कब शादी की पवित्र अग्नि में,इंसानियत नही दानवता जलेगी? #stopdowry#nojoto#nojotoहिन्दी Internet Jockey ਅਨੁਪਮਾ ਵਰਮਾ Aditya Suri Fateh Chauhan Aahna Verma
#stopdowrynojoto#nojotoहिन्दी Internet Jockey ਅਨੁਪਮਾ ਵਰਮਾ Aditya Suri Fateh Chauhan Aahna Verma
read moresavi
एहसास सांसे महक सी उठती हैं...और धड़कने कुछ बहक सी जाती हैं ये एहसास ही ऐसा हैं... तुम्हारा ज़ब भी छू लेते हो... फ़िर से जी उठती हूँ savideep #nojoto#nojotohindi#savi#u#r#my#heart