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Shashi Bhushan Mishra
White थोड़ा मैं सोना चाहूँगा, स्वप्न बीज बोना चाहूँगा, उम्र क़ैद से मिली रिहाई, तेरा मैं होना चाहूँगा, काँधे पर सिर रखके पारो, जी भरकर रोना चाहूँगा, अंग संग होकर प्रेमी के, मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा, महाकुंभ में पाप जहां का, गंगा में धोना चाहूँगा, नफ़रत की दीवार तोड़कर, दिल में इक कोना चाहूँगा, कजरारे नैनों का 'गुंजन', फिर जादू-टोना चाहूँगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#
#स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#
read moreकवि अरुण द्विवेदी अनन्त
नयन हमारे ख्वाब तुम्हारे सुंदर स्वप्न सलोने से। जीवन में सब शुभ मंगल है एक तुम्हारे होने से। सिर्फ तुम्हारा नेह चरण रज पाकर मैं आनंदित हूं, कुछ पाने की चाह नहीं पर डरता है मन खोने से। ©कवि अरुण द्विवेदी अनन्त #नयन #ख्वाब #सुंदर #स्वप्न #सलोने #जीवन #शुभ #मंगल #नेह #चरण
Dr Usha Kiran
स्वप्न वह सुरमई सा अधखुली पलकों का दूर कहीं अंबर के उस पार मुस्काया था एक चाँद जैसे घुँघरू बंध गए हों दिशाओं के। लाज खींच गई थी पूरब की कनपटियों तक। उस सिंदूरी अंबर में दौड़ता मेरा स्वप्न तारों की झुरमुट से करता सरगोशियाँ कभी निहारिकाओं के संग खिलखिलाता खींचता चाँदनी को अपनी अंजुरी में कभी सांसों में भरता रजनीगंधा की भीनी सी महक। टोहता कभी भोर की किरण को फिर रश्मियों के संग खुलता मेरे अन्तर में रेशमी गाँठ की तरह। साँझ के ढलते ही खींच कर लाता चांँद को बालकनी के बीच और फिर वहीं टिका देता अधर में स्थिर! तब निहारता मन मुग्ध नयन सम्मुख मेरे मेरा स्वप्न वह …..! ©Dr Usha Kiran #स्वप्न वह
#स्वप्न वह
read moreBalwant Mehta
स्वप्न डराने लगते हैं, रात के साए में, अँधेरे की गहराई में, हर चीरा बन जाता है डरावना। पर जब सूरज की किरणें छू जाती हैं, उस स्वप्न को, अंधेरे का भय पिघल जाता है, और सच्चाई की रोशनी चमक आती है। स्वप्नों के भय को पार करने के लिए, हमें अपने दिल की आवाज़ को सुनना होता है, और उसका साथ देकर, सपनों की दुनिया को जीना होता है। ©Balwant Mehta #DREAM #स्वप्न
मुसाफिर
इन चिड़ियों के आसमां को अपना क्या कहें। ढूंढ़ता मैं अपने स्वप्न के जहा को मैं स्वयं को भूलते जा रहा हूं। ©मुसाफिर #स्वप्न
Shashi Bhushan Mishra
विघ्न बाधाएँ बहुत रहती हैं सबके रहगुज़र में, किंतु मंज़िल तक पहुँच पाते जो रहते हैं सफर में, खेल किस्मत का अजूबा समझ में आता नहीं है, डूब जाती कश्तियाँ कई बार फँसकर ही भँवर में, मुक़म्मल हो जायेगी एकदिन कहानी ज़िन्दगी की, मज़ा तो तब है अगर मिसरा हो जीवन का बहर में, है यही दस्तूर दुनिया का न थमती है न रुकती, मगर यूँही भागती फिरती हरेक शय इस शहर में, जरूरत से जुड़ा नाता सिमट जाएगा किसी दिन, भरोसा कब तलक होगा प्यार के मीठे जहर में, कठिन है ताउम्र अनुशासन में बँधना राह चलना, यदि न हो संकल्प दृढ़ फिर झूलता रहता अधर में, स्वप्न कर साकार पर किरदार रख उम्दा हमेशा, कर्म का लेखा कभी मिटता नहीं गुंजन दहर में, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #स्वप्न कर साकार#
#स्वप्न कर साकार#
read moreअदनासा-
घर-घर एवं हर पथ पर भिक्षा हेतु याचना करते हुए नारी नर किन्नर एवं बालक का मार्मिक दृश्यमान है ऐसे ढेरों प्रत्यक्ष को प्रमाणित करते प्रमाण होते हुए विश्वगुरु के स्वप्न को साकार देखना व्यंग्य समान है ©अदनासा- #हिंदी #याचना #दृश्य #व्यंग्य #विश्वगुरू #स्वप्न #Instagram #Pinterest #Facebook #अदनासा
Ghumnam Gautam
अभिशापित आघातों से ज़हर बुझी कुछ बातों से निष्प्राण पड़े हैं मेरे स्वप्न― पिछली पन्द्रह रातों से ©Ghumnam Gautam #निष्प्राण #स्वप्न #अभिशापित #आघात #ज़हर #ghumnamgautam
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read moreDharmendra Gopatwar
📖 स्वप्न ..✍️ स्वप्न..! उघड्या डोळ्याने बघतो रोज मी एकांत आणि मैफिलीत .. सुर्यफुलाच्या फुललेल्या स्मित-हास्यात तर कधी चांदणी चंद्र रात्री निद्रेत .. तरुण तेज मोहक प्रकाशात तर कधी .., काळया कुट्ट अंधारात वरून तेज वर्षेत ; स्वप्न माझे दिवा शोधते.. स्वप्न बंद डोळ्यात ; घिरट्या घेत वाट शोधते .. स्वप्न मध रसाळ डोळ्यात खेळे स्वप्न सावली परी पाठलाग करी निराशेचा चा डंख ; भावनांना सुन्न करी .. स्वप्न असे जीच्या विरहाने कंठ दाटून येई .. स्वप्न जिच्या प्रतीक्षेत ; मन व्याकूळ होई.. स्वप्न हृदयाला क्षणसुखाचा ओलावा देई , पापणीला क्षणात कोरडे करी . . अंतर्मनात स्वप्नाच्या विरह वेदना अशी ही थैमान घाली - वादळ निर्माण करी समुद्री लाट्यां प्रती वारंवार आघात करी.. हि स्वप्न - माझ्या वर्चस्व आणि अस्तित्वाशी लढ़त असताना ; माझ्याशी आव्हाण करतात .. कधी एकांतात त्याच्याशी करार करीत .. तर कधी मैफिलीत याच्याशी सुसवांद करित ; त्याच्यासी मैत्री करितो..मी ! स्वप्न जरी छळीले मला उघड्या डोळ्यांनी रोज बघतो मी. 📖 Dharmendra Gopatwar🔖 ©Dharmendra Gopatwar #Swapna#marathi#kavita#Sunrise #Swapn #motivation #स्वप्न