Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best रेशे Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best रेशे Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutजांतव रेशे क्या है, पटसन के रेशे से बनी डोरी, शण के रेशे, आहारी रेशे, जांतव रेशे,

  • 8 Followers
  • 43 Stories

@yaadenyaadaatihain

दांतों में फंसे #आम के रेशे सा है इश्क़ तेरा,
रह रह कर ध्यान बस तेरी ओर ही जाता है..! ❤️ #दांतों #में #फंसे #आम #के #रेशे #सा #है #इश्क़ #तेरा,
#रह #रह #कर #ध्यान #बस #तेरी ओर #ही #जाता #है..! ❤️

Pravin Kumar

read more
Safar एक नौजवान अपने बूढ़े मां-बाप के साथ किसी महंगे होटल में खाना खाने गया- मां बाप तो नहीं जानते थे, लेकिन बेटे की ख्वाहिश थी कि वो उन्हे किसी महंगे होटल में ज़रूर खाना खिलाएगा, इसलिए उसने अपनी पहली तन्ख्वाह मिलने की खुशी में मां बाप जैसी अज़ीम हस्तियों के साथ शहर के महंगे होटल में लंच करने का प्रोग्राम बनाया-

                     बाप को रेशे (जिससे बदन कांपता रहता है) की बीमारी थी,उसका जिस्म हर लम्हा कंपकंपाहट में रहता था, और ज़ईफा मां को दोनों आंखों से कम दिखाई देता था- ये शख्स अपनी खस्ताहाली और बूढ़े मां-बाप के हमराह जब होटल में दाखिल हुआ तो वहां मौजूद अमीर लोगों ने सर से पैर तक उन तीनों को यूं अजीब व गरीब नज़रों से देखा जैसे वो गलती से वहां आ गए हों-

                      खाना खाने के लिए बेटा अपने मां बाप के दरमियान बैठ गया- वो एक निवाला अपनी ज़ईफा मां के मुंह में डालता और दूसरा निवाला बूढ़े बाप के मुंह में- खाने के दौरान कभी कभी रेशे की बीमारी के बाइस बाप का चेहरा हिल जाता तो रोटी और सालन के ज़र्रे बाप के चेहरे और कपड़ों पर गिर जाते- यही हालत मां के साथ भी थी,वो जैसे ही मां के चेहरे के पास निवाला ले जाता तो नज़र की कमी के बाइस वो अनजाने में इधर उधर देखती तो उसके भी मुंह और कपड़ों पर खाने के दाग पड़ जाते थे-

                         इर्द गिर्द बैठे लोग जो पहले ही उन्हे हक़ीर निगाहों से देख रहे थे,वो और भी मुंह चिढ़ाने लगे कि "खाना खाने की तमीज़ नहीं है और इतने महंगे होटल में आ जाते हैं-!" बेटा अपने मां बाप की बीमारी और मजबूरी पर आंखों में आंसू छुपाए, चेहरे पर मुस्कराहट सजाए- इर्द गिर्द के माहौल को नज़र अंदाज़ करते हुए,एक इबादत समझते हुए उन्हे खाना खिलाता रहा- खाने के बाद वो मां बाप को बड़ी इज़्ज़त व एहतराम से वॉश बेसिन के पास ले गया, वहां अपने हाथों से उनके चेहरे साफ किए,कपड़ों पर पड़े दाग धोए और जब वो उन्हें सहारा देते हुए बाहर की जानिब जाने लगा तो पीछे से होटल के मैनेजर ने आवाज़ दी और कहा:

"बेटा ! तुम हम सबके लिए एक क़ीमती चीज़ यहां छोड़े जा रहे हो-!"

उस नौजवान ने हैरानगी से पलट कर पूछा : " क्या चीज़-?"

मैनेजर अपनी ऐनक उतार कर आंसू पोंछते हुए बोला-!

*#नौजवान_बच्चों_के_लिए_सबक़*
*#और_बूढ़े_मां_बाप_के_लिए_उम्मीद_!*

Nishant Bhardwaj

आज फिर से "वही" कमिझ सिने से लगाई,
तो रेशे-रेशे से बस तेरी ही खुशबू आयी।। #nojotolove #nojotoshyari #nojotoishq #shayari #shayarilove #snehasahnt

कपिल

#मेरी कलम से###repost#mothers day ##

read more
माँ कहीं नजर ना लग जाये मुझको ,सबसे छुपकर बनवाया था
गले में ताबीज़ है मेरे ,माँ ने घबराकर पहनाया था!!
आशा थी माँ को काटेगा ये,मेरे सारे दुःख और क्लेश,,
नव चेतन ऊर्जा का ये करवा देगा तन मन में प्रवेश!!
विश्वास था ये या आडम्बर 
मन विचलित विस्मित था मेरा!!
क्या रेशम का अदना सा धागा लिख सकता है आज और कल मेरा,
पर क्या करता मेरे लिए तो प्यार था मेरी माँ का ये
धागे के रेशे रेशे में लिपटा दुलार था मेरी माँ का ये!!!!



©कपिल ##मेरी कलम से####repost##mothers day ##

Raj Sargam

ये रेशे धड़कनों के,हैं बड़े ही महीन
समझते बोली,होगा कौन इनसे ज़हीन
रब्ब की नेमत है,जो ये आपस में जुड़े
लगता हरसू रिश्ता इनका ताज़ा तरीन। #MeriKalamSeRajSargam#nojotoHindi#रेशे#धड़कन#ज़हीन

Rohit Shaiv

#lover_with_sharp_mind Indu Madhu Kaur Pakhi Gupta Chhaiyya Dixit Ashh 😊

read more
जख्म दे भी गया, और हकीमों से मिलने भी ना दिया...
दिल तोड़ भी गया, और इक आह तक को निकलने भी ना दिया..
कितना साफ तरीका है उसके काम करने का...
बदन के रेशे रेशे को अलग कर गया, और सिलने भी ना दिया
                                                 - रोहित शैव #lover_with_sharp_mind Indu Madhu Kaur Pakhi Gupta Chhaiyya Dixit Ashh 😊

कपिल

मेरी कलम से

read more
कही नजर ना लग जाये मुझको,सबसे छुपकर बनवाया था
गले में ताबीज़ है मेरे,माँ ने घबराकर पहनाया था।
आशा थी माँ को काटेगा ये,मेरे सारे दुःख और क्लेश
नव चेतन ऊर्जा का ये करवा देगा तन मन में प्रवेश ।
विश्वास था ये या आडम्बर
मन विचलित विस्मित था मेरा
क्या रेशम का अदना सा धागा लिख सकता है आज और कल मेरा ।
पर क्या करता मेरे लिए तो प्यार था मेरी माँ का ये
धागे के रेशे रेशे में लिपटा दुलार था मेरी माँ का ये ।।

©कपिल मेरी कलम से

vishal gupta

#Nojoto #Poetry #Love #you #me #we #Soul गुठलियां गुठलियां भी कमाल होतीं हैं ख़ुद में कोई स्वाद हो न हो पर लिपटी होती हैं रस भरे, गूदेदार मुँह में धीरे धीरे घुलने वाले

read more
गुठलियां

गुठलियां भी कमाल होतीं हैं
ख़ुद में कोई स्वाद हो न हो
पर लिपटी होती हैं
रस भरे, गूदेदार 
मुँह में धीरे धीरे घुलने वाले
मीठे तत्व से
 #nojoto #poetry #love #you #me #we #soul
गुठलियां

गुठलियां भी कमाल होतीं हैं
ख़ुद में कोई स्वाद हो न हो
पर लिपटी होती हैं
रस भरे, गूदेदार 
मुँह में धीरे धीरे घुलने वाले


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile