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Saurav Sachan
आदमी बगल वाली गिफ्ट सेंटर की दुकान में चला गया और निधी मेरे सामने खड़ी हो गई और थोड़ा पास आकर बोली "तो फिर..... मैंने आंखें साइकिल के पैडल की तरफ करके हडबडाी में कहा "तो फिर क्या.... वो गिफ्ट सेंटर की दुकान की ओर देख कर मेरे और करीब अाकर फुससुसा कर बोली " मेरा दोस्त बनो गे ....... मैं जब तक कुछ बोलता तब तक वो आदमी गिफ्ट पैक करा कर बाहक आ गया अब मेरी हलत ऐसे थी जैसे पुलिस को देखकर चोर की होती है खैर उधर से आवाज आई "निधी बेटे ....गिफ्ट पैक होगया घर चले वो बोली "जी पापा और चली गई मैंने मन में बुदबुदाते हुये कहा "आच्छा है बला टली ...... इन सबके बीच मै ये भूल गया था कि मेरा रूम मेट भी मेरे साथ था जो सब कुछ देख रहा था कुछ देर तक वो हसा और फिर बोलो " सही है बे एक दम मस्त है मैं थोडा उससे गुस्से में बोला "मुझे क्या कैसी भी हो हम लखनऊ सिर्फ पढाई करने आये हैं और सिर्फ पढाई ही करे गे ये सब करने के लिए तो सारी उम्र पडी हैं अब वो थोडा चिडाते हुये बोला " दोनो साथ में पढ लेना निधी भी तो सेकेंड रैंकर हैं मेरा मतलब वो आग्रेजी में क्या कहते हैं...... मैं -ग्रुप स्टडी .वो -हा वही ग्रुप स्टडी मैं -अच्छा ....... वो -क्या? नही कुछ नहीं मैं -अब उसकी टॉग खीचते हुये" होस्टल चले या फिर यही ग्रुप स्टडी करे अब मैं मन ही मन सोचने लगा ये लड़की क्या सबसे दोस्ती कर लेती है तो फिर इसके दोस्त कितने होगे दोस्त सिर्फ लडकिया हो गी या फिर लडके भी...... खैर मुझे इससे क्या मगर न चाहते हुये भी मेरे मन में बस उसी का ख्याल आ रहा था ये बस कोइ झूठी हकीकत थी या फिर मैं भी निधी का दोस्त बनना चाहता था? thrird part #LOVECYCLE-3 #sayriwale #hindiwriting #lovestory
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read morePravin Kumar
एक लड़की थी। बहुत ही खूबसूरत। जितनी वह सुंदर थी, उतनी ही ईमानदार। न किसे से झूठ बोलना, न फालतू की बातें करना। अब अपने काम से काम। उसी क्लास में एक लड़का था। वह मन ही मन उससे बहुत प्यार करता था। लड़का अक्सर उसके छोटे-मोटे काम कर दिया करता था। बदले में जब लड़की मुस्करा कर थैंक्यू कहती थी, तो लड़के की खुशी की सीमा नहीं रहती थी। एक बार की बात है। दोनों लोग साथ-साथ घर जा रहे थे। तभी जोरदार बारिश होने लगी। दोनों ने एक पेड़ के नीचे शरण ली। पेड़ बहुत छोटा था, बूंदू छन-छन कर उससे नीचे आ रही थीं। ऐसे में बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आ गये। लड़की को इतने करीब पाकर लड़का अपने जज्बातों पर काबू न रख सका। उसके लड़की को प्रजोज कर दिया। लड़की भी मन ही मन चाहती थी, इसलिए वह भी राजी हो गयी। और इस तरह दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। एक बार की बात है लड़की उसी पेड़ ने नीचे लड़के का इंतजार कर रही थी। लड़का बहुत देर से आया। उसे देखकर लड़की नाराजगी से बोली, 'तुम इतनी देर से क्यों आए? मेरी तो जान ही निकल गयी थी।'यह सुनकर लडका बोला, 'जानेमन, मैं तुमसे दूर कहां गया था, मैं तो तुम्हारे दिल में ही रहता हूं। तुम्हें यकीन न हो तो अपने दिन से पूछ लो।' लड़के की इस प्यारी सी बात को सुनकर अपना सारा गुस्सा भुल गयी और वह दौड़ कर लड़के से लिपट गयी। एक दिन दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे बातें कर रहे थें। लड़की पेड़ के सहारे बैठी थी अैर लड़का उसकी गोद में सर रख कर लेटा हुआ था। तभी लड़की बोली, ''जानू, अब तुम्हारी जुदाई मुझसे बर्दाश्त नहीं होती। तुम्हारे बिना एक पल भी मुझे 100 साल के बराबर लगता है। तुम मुझसे शादी कर लो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।'' लडके ने झट से लड़की के मुंह पर अपना हाथ रख दिया और बोला, ''मेरी जान, ऐसी बात मत किया करो, अगर तुम्हें कुछ हो गया, तो मैं कैसे जिंदा रहूंगा।'' फिर वह कुछ सोचता हुआ बोला, ''तुम चिंता मत करो, मैं जल्द ही अपने घर वालों से बात करूंगा।'' धीरे-धीरे काफी समय बीत गया। एक दिन की बात है। दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। उस समय लड़के का चेहरा उतरा हुआ था। लड़की के पूछने पर वह रूआंसा होकर बोला, ''जान, मैंने अपने घर वालों को बहुत समझाया, पर वे हमारी शादी के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने मेरी शादी कहीं और तक कर दी है।'' यह सुन कर लड़की का कलेजा फट पड़ा। उसका मन हुआ कि वह जोर-जोर से रोए। लेकिन उसने अपने जज्बात पर काबू पा लिये और बोली, ''मैं तुमसे सच्चा प्यार किया है, मैं तुम्हें कभी भुला नहीं सकती।'' 'प्लीज मुझे माफ कर देना..!'' लड़का धीरे से बाेला, वैसे अगर तुम चाहो, तो हम हम हमेशा अच्छे दोस्त रह सकते हैं।'' लडकी यह सुन कर ज़ार-ज़ार रोने लगी। लड़के ने उसे समझाया और फिर दोनों लोग रोते हुए अपने-अपने घर चले गये। देखते ही देखते लड़के की शादी का दिन आ गया। लड़के को यकीन था कि उसकी शादी में उसकी दोस्त जरूर आएगी। पर ऐसा नहीं हुआ। हां, लड़की का भेजा हुआ एक गिफ्ट पैक उसे ज़रूर मिला। लड़के ने कांपते हांथों से उसे खोला। उसे देखते ही वह बेहोश हो गया। गिफ्ट पैक में और कुछ नहीं खून से लथपथ लड़की का दिल रखा हुआ था। और साथ ही में थी एक चिट्ठी, जिसमें लिखा हुआ था- अरे पागल, अपना दिल तो लेते जा वरना अपनी पत्नि को क्या देगा। दोस्तो, किसी के लिए मोहब्बत टाइमपास होती है और किसी के लिए जिंदगी से बढ़कर। अगर किसी से मोहब्बत करना, तो उसे ताे उसे ताउम्र निभाना भी। वर्ना क्या पता आपका हाल भी ऐसा ही हो जाए, जो उस दिन के बाद न तो जी सका और न ही मर सका। उसकी सारी जिंदगी पछतावे और अफसोस में घुट-घुटकर कटती रही।
Vicky Raj
आज का ज्ञान मैं कुछ दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने गया। हमने बहुत कुछ वेटर से ओडर किया । हमने उस खाने में से कुछ खाना ही खाया था बाकी मेरे दोस्त ने उस खाने को फेंकने को बोला वेटर उस खाने उठाने लगा मैंने उसे बोला भाई ऐसा कर इस सारे खाने को पैक कर दे। वेटर बोला साहब इस खाने को आप क्या करेंगे यतो सारा खाना खराब हो गया है मैं ने उसे बोला क्या वापसी किसी दूसरे को यह खाना खिलाया गया क्या। वो चुप हो गया और बोला ठीक है साहब मैं अभी इस खाने को पैक करता हूं। मेरे सारे दोस्त बोलें भाई इस खाने को तुम क्या करोगे मैं उस टाइम कुछ नहीं बोला मेरे दोस्त मेरा मजाक बना रहे थे। जब हम वापिस आने पर मैने गाड़ी साइड में लगाईं और उस खाने को निकाल कर मैंने उन गरीब बच्चों को वो खाना दिया बच्चे खान देखकर बहुत खुश हुऐ । बच्चे खाना ऐसे खारे थे जैसे मानो उन बच्चों ने कुछ दिनों से खाना नहीं खाया मैंने उन बच्चों की आंखों में जो खुशी देखी ।मैं बहुत खुश हुआ और उन की मां ने दुआ भी दी मेरे दोस्त यह सब देख रहें थे और मेरे पास आकर मेरे गले लग गये और सोरी भी बोलने लगे। मैने उन समझा की यदि मैं उस खाने को वैसे ही छोड़ देता तो वह वेटर उस खाने को कह तो उसे फैंक देता या उसी खाने को किसी दूसरे व्यक्ति को देता इसलिए मैं उस खाने को लेकर आया । इन बच्चों को देखो यह कितने खुश हैं। मेरे सारे दोस्त बोले हम भी ऐसा ही करेंगे । खाने की इज्जत करो
खाने की इज्जत करो
read moreBinny Suryavanshi
#एक लव स्टोरी agr apke pass 2 mint h toek jarur pade 🌻🌸🌺👈👈👈👈👈 एक लड़की थी। बहुत ही खूबसूरत। जितनी वह सुंदर थी, उतनी ही ईमानदार। न किसी से झूठ बोलना, न किसी से फालतू की बातें करना। बस अपने काम
#एक लव स्टोरी agr apke pass 2 mint h toek jarur pade 🌻🌸🌺👈👈👈👈👈 एक लड़की थी। बहुत ही खूबसूरत। जितनी वह सुंदर थी, उतनी ही ईमानदार। न किसी से झूठ बोलना, न किसी से फालतू की बातें करना। बस अपने काम
read moreShashi Nandan
बेटी बचाओ "ब्रेक-अप, बेटी और समाज" व्यथा- दिल टूट गया तो रोता है, लड़कियों को कोसता है उनको गाली, बद-दुआएं देता है और खुद को चोट पहुंचाता है सपने सारे टूटते देखता है बहते आँशु रोक नहीं पाता है उसकी याद में जीता-मरता है पैक पे पैक लगाता है भूलने की कोशिश करता है, लेकिन भूल नहीं पाता है।।-2 व्यंग--- यह गलती उनकी नहीं हमारी है, इसमें पूर्वजो की नादानी है लड़की की जनसंख्या में कमी है क्योंकि बेवकूफ़ी हमारी, पुरानी है लड़कियों की कमी ना होती तो लड़के कभी अकेले ना होते लड़कियां भरपूर होती तो दहेज की जरूरत ना पड़ती शहनाई हर किसी के लिए बजता , कोई कुँवारा नहीं मरता।।-2 व्यथा-- एक भाई दिल टूटने का गम झेल रहा है, दूसरा दिल जुड़ने का उत्सव मना रहा है एक पैक पे पैक लगाए जा रहा है, दूसरा पार्टी पे पार्टी दिए जा रहा है एक गम रूपी सागर में डूबे जा रहा है, दूसरा प्यार के तंरग-पट्टी पर मजे ले रहा है ब्रेकअप-हूकअप के चक्कर में जिंदगी उलझाए जा रहा है समाज की रूढ़िवादी परम्पराओं के दल-दल में फंसे जा रहा है, फंसे जा रहा है।।-2 व्यंग--- कमबख्त इन नादान भारतीयों को कौन समझाए, बेटियाँ जन्म लेंगी तभी तो रहेंगी,बढ़ेंगी,पढ़ेंगी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ मत लगाओ, इसे साकार कर रूढ़िवादी परम्पराओं को लताड़ भगाओ घर-परिवार,समाज, देश सब का भला हो जाएगा, किसी का बेटा किसी के याद से बच जाएगा ना ब्रेकअप का डर ना हीं पैचअप की चिन्ता होगी, एक जाएगी दूसरी आएगी सिलसिला यूँ हीं जारी रहेगी, सिलसिला यूँ हीं जारी रहेगी, सिलसिला यूँ हीं जारी रहेगी । Shashi N Ahishu बेटी, समाज और ब्रेकअप #बेटीबचाओ #बेटीसमाजऔरब्रेकअप #shashiNshishupoetry #समाज #ब्रेकअप #breakup #betisamajaurbreakup Sadanand Mandal Bharti Kumari Preeti Shah Bijay Dutta Divya Joshi
बेटी, समाज और ब्रेकअप #बेटीबचाओ #बेटीसमाजऔरब्रेकअप #shashiNshishupoetry #समाज #ब्रेकअप #BreakUp #betisamajaurbreakup Sadanand Mandal Bharti Kumari Preeti Shah Bijay Dutta Divya Joshi
read moreKD
एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं। उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं। कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको एक आंख नहीं भाता। उसका नाम राजू था। राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आजाया करता है। उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान। । । व्याख्यान के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता। मिस के डाँटने पर वह चौंक कर उन्हें देखता तो लग जाता..मगर उसकी खाली खाली नज़रों से उन्हें साफ पता लगता रहता.कि राजू शारीरिक रूप से कक्षा में उपस्थित होने के बावजूद भी मानसिक रूप से गायब हे.धीरे धीरे मिस को राजू से नफरत सी होने लगी। क्लास में घुसते ही राजू मिस की आलोचना का निशाना बनने लगता। सब बुराई उदाहरण राजू के नाम पर किये जाते. बच्चे उस पर खिलखिला कर हंसते.और मिस उसको अपमानित कर के संतोष प्राप्त करतीं। राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था। मिस को वह एक बेजान पत्थर की तरह लगता जिसके अंदर महसूस नाम की कोई चीज नहीं थी। प्रत्येक डांट, व्यंग्य और सजा के जवाब में वह बस अपनी भावनाओं से खाली नज़रों से उन्हें देखा करता और सिर झुका लेता । मिस को अब इससे गंभीर चिढ़ हो चुकी थी। पहला सेमेस्टर समाप्त हो गया और रिपोर्ट बनाने का चरण आया तो मिस ने राजू की प्रगति रिपोर्ट में यह सब बुरी बातें लिख मारी । प्रगति रिपोर्ट माता पिता को दिखाने से पहले हेड मिसट्रेस के पास जाया करती थी। उन्होंने जब राजू की रिपोर्ट देखी तो मिस को बुला लिया। "मिस प्रगति रिपोर्ट में कुछ तो प्रगति भी लिखनी चाहिए। आपने तो जो कुछ लिखा है इससे राजू के पिता इससे बिल्कुल निराश हो जाएंगे।" "मैं माफी माँगती हूँ, लेकिन राजू एक बिल्कुल ही अशिष्ट और निकम्मा बच्चा है । मुझे नहीं लगता कि मैं उसकी प्रगति के बारे में कुछ लिख सकती हूँ। "मिस घृणित लहजे में बोलकर वहां से उठ आईं। हेड मिसट्रेस ने एक अजीब हरकत की। उन्होंने चपरासी के हाथ मिस की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रगति रिपोर्ट रखवा दी । अगले दिन मिस ने कक्षा में प्रवेश किया तो रिपोर्ट पर नजर पड़ी। पलट कर देखा तो पता लगा कि यह राजू की रिपोर्ट हैं। "पिछली कक्षाओं में भी उसने निश्चय ही यही गुल खिलाए होंगे।" उन्होंने सोचा और कक्षा 3 की रिपोर्ट खोली। रिपोर्ट में टिप्पणी पढ़कर उनकी आश्चर्य की कोई सीमा न रही जब उन्होंने देखा कि रिपोर्ट उसकी तारीफों से भरी पड़ी है। "राजू जैसा बुद्धिमान बच्चा मैंने आज तक नहीं देखा।" "बेहद संवेदनशील बच्चा है और अपने मित्रों और शिक्षक से बेहद लगाव रखता है।" " अंतिम सेमेस्टर में भी राजू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। "मिस ने अनिश्चित स्थिति में कक्षा 4 की रिपोर्ट खोली।" राजू ने अपनी मां की बीमारी का बेहद प्रभाव लिया। .उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। "" राजू की माँ को अंतिम चरण का कैंसर हुआ है। । घर पर उसका और कोई ध्यान रखनेवाला नहीं है.जिसका गहरा प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ा है। ""
एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं। उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं। कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको एक आंख नहीं भाता। उसका नाम राजू था। राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आजाया करता है। उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान। । । व्याख्यान के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता। मिस के डाँटने पर वह चौंक कर उन्हें देखता तो लग जाता..मगर उसकी खाली खाली नज़रों से उन्हें साफ पता लगता रहता.कि राजू शारीरिक रूप से कक्षा में उपस्थित होने के बावजूद भी मानसिक रूप से गायब हे.धीरे धीरे मिस को राजू से नफरत सी होने लगी। क्लास में घुसते ही राजू मिस की आलोचना का निशाना बनने लगता। सब बुराई उदाहरण राजू के नाम पर किये जाते. बच्चे उस पर खिलखिला कर हंसते.और मिस उसको अपमानित कर के संतोष प्राप्त करतीं। राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था। मिस को वह एक बेजान पत्थर की तरह लगता जिसके अंदर महसूस नाम की कोई चीज नहीं थी। प्रत्येक डांट, व्यंग्य और सजा के जवाब में वह बस अपनी भावनाओं से खाली नज़रों से उन्हें देखा करता और सिर झुका लेता । मिस को अब इससे गंभीर चिढ़ हो चुकी थी। पहला सेमेस्टर समाप्त हो गया और रिपोर्ट बनाने का चरण आया तो मिस ने राजू की प्रगति रिपोर्ट में यह सब बुरी बातें लिख मारी । प्रगति रिपोर्ट माता पिता को दिखाने से पहले हेड मिसट्रेस के पास जाया करती थी। उन्होंने जब राजू की रिपोर्ट देखी तो मिस को बुला लिया। "मिस प्रगति रिपोर्ट में कुछ तो प्रगति भी लिखनी चाहिए। आपने तो जो कुछ लिखा है इससे राजू के पिता इससे बिल्कुल निराश हो जाएंगे।" "मैं माफी माँगती हूँ, लेकिन राजू एक बिल्कुल ही अशिष्ट और निकम्मा बच्चा है । मुझे नहीं लगता कि मैं उसकी प्रगति के बारे में कुछ लिख सकती हूँ। "मिस घृणित लहजे में बोलकर वहां से उठ आईं। हेड मिसट्रेस ने एक अजीब हरकत की। उन्होंने चपरासी के हाथ मिस की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रगति रिपोर्ट रखवा दी । अगले दिन मिस ने कक्षा में प्रवेश किया तो रिपोर्ट पर नजर पड़ी। पलट कर देखा तो पता लगा कि यह राजू की रिपोर्ट हैं। "पिछली कक्षाओं में भी उसने निश्चय ही यही गुल खिलाए होंगे।" उन्होंने सोचा और कक्षा 3 की रिपोर्ट खोली। रिपोर्ट में टिप्पणी पढ़कर उनकी आश्चर्य की कोई सीमा न रही जब उन्होंने देखा कि रिपोर्ट उसकी तारीफों से भरी पड़ी है। "राजू जैसा बुद्धिमान बच्चा मैंने आज तक नहीं देखा।" "बेहद संवेदनशील बच्चा है और अपने मित्रों और शिक्षक से बेहद लगाव रखता है।" " अंतिम सेमेस्टर में भी राजू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। "मिस ने अनिश्चित स्थिति में कक्षा 4 की रिपोर्ट खोली।" राजू ने अपनी मां की बीमारी का बेहद प्रभाव लिया। .उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। "" राजू की माँ को अंतिम चरण का कैंसर हुआ है। । घर पर उसका और कोई ध्यान रखनेवाला नहीं है.जिसका गहरा प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ा है। ""
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