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Amit Singhal "Aseemit"
देश को आज़ादी दिलाने में, न जाने कितने लोगों का खून बहा है। सैंकड़ों देशभक्तों के दिलों में, अपने देश से प्यार का जुनून रहा है। ©Amit Singhal "Aseemit" #देश #को #आज़ादी #दिलाने
आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"
अपने भारत के कौशल का , अभिमान दिखाने आया हूँ। मै तुम्हें जगाने आया हूँ , मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। इस भारत में रहने वालों, कुछ काम करो, कुछ नाम करो। जिसने तुमको है जान दिया , उस भारत का सम्मान करो।। किस शोक में जन तुम डूबे हो, किस मार्ग को हो तुम भूल गए। उस मार्ग-राह के दर्शन का सम्मार्ग दिखाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। जब थे बजरंगी भूल गए , अपने उड़ने के कौशल को। तब दूजे ने ही था जन को, स्मरण कराया था उनको।। तुममें भी तो कुछ कमियाँ है, कुछ सामाजिक, कुछ नैतिक है। अब मैं भी उन सब कमियों पर , तुम्हें जीत दिलाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। तुम्हें अपने भारत की खातिर, जो कुछ भी हो वह कार्य करो। कुछ दान करो, कुछ मान करो, कुछ तो वतन का सम्मान करो।। देश की खातिर जो कुछ भी हो सके, आज वो कर दो तुम। मै बस तुमको , बस इतना ही, स्मरण दिलाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। तुम तो खुद को ही भूल गए, तुम मुरलीधर की बंशी हो। तुम्हारे याद करो , खुद को पहचानो, तुम भी भारतवंशी हो।। तुमको भी भारत की खातिर, कुछ-बहुत बहाना शोणित है। उस भारतवंशी गरिमा को, मै फिर धधकाने आया हूँ।। मै तुम्हें जगाने आया हूँ, मै तुम्हें जगाने आया हूँ।। जय हिन्द, जय भारत।। वन्दे मातरम्।। इन्कलाब जिन्दाबाद।।। #आशुतोष_हिन्दुस्तानी,#हिन्दुस्तानी,#wake_up_india,#जागो_भारत,#Ashutosh_hindustani,#indian,#ashutosh_indian
ashish jangid
*शिक्षक दिवस* *शिक्षक* कौन है...? नाचीज़ को नायाब बनानें वाले दानिश का भंडार दिलाने वाले। अन्धकार को प्रकाश बनाने वाले। है गुरु तस्लीम आपकी करता हूँ, इस जग को ज्ञान दिलाने वाले। -आशीष जांगिड़
Jiten rawat
" सावन मे तुझे प्रेयसी कुछ याद दिलाने आया हूँ " Read in Caption.. तेरी बाहों में आज फिर से सिमटने आया हूँ, जो याद नही तुझे,मगर मुझे याद है वो सब कुछ, तुम बारिश की बूंदों से भीगती थी मेरे संग, उसी बूंदों से भीगोने आया हूँ। जो याद नही है तुझे सावन में प्रेयसी वो याद दिलाने आया हूँ। आँगन में तेरे बारिश के तेज धार में
तेरी बाहों में आज फिर से सिमटने आया हूँ, जो याद नही तुझे,मगर मुझे याद है वो सब कुछ, तुम बारिश की बूंदों से भीगती थी मेरे संग, उसी बूंदों से भीगोने आया हूँ। जो याद नही है तुझे सावन में प्रेयसी वो याद दिलाने आया हूँ। आँगन में तेरे बारिश के तेज धार में
read moreSudeep Keshri✍️✍️
पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! पता नहीं कहां चले जा रहे हैं ! काश कोई मिल जाए रोकने वाली , मुझे समझने और समझाने वाली, मेरी गलतियों का एहसास दिलाने वाली , जरूरत पड़ने पर डांटने वाली , मेरे नखरो को उठाने वाली , मुझ पर अपना हक जताने वाली, मुझे अपना अभिमान समझने वाली , अपने चेहरे के जुल्फों से सुकून दिलाने वाली , अपने मुस्कान से थकान मिटाने वाली, अपने शब्दों के जादू से तीर चलाने वाली , अपने मासूम चेहरे से मुझे रिझाने वाली , अपने सांवले रंग से मदहोश करने वाली , अपने आंखों से जादू चलाने वाली , अपने बदन की खुशबू से मुझे महकने वाली, अपने चेहरे के भाव से सुकून दिलाने वाली, अपनी भावनाओं को ना बोल कर भी बताने वाली, और भी बहुत कुछ और भी बहुत कुछ, पता नहीं कहां चले जा रहे हैं! बस मिल जाए, मुझको मेरी मंजिल तक पहुंचाने वाली! पता नहीं कहां चले जा रहे हैं! काश कोई मिल जाए रोकने वाली मुझे समझने और समझाने वाली मेरी #गलतियों का एहसास दिलाने वाली जरूरत पड़ने पर #डांटने वाली मेरे #नखरो को उठाने वाली मुझ पर अपना #हक जताने वाली मुझे अपना #अभिमान समझने वाली
kashish Gupta
निकल रहे थे वक़्त के साथ माना तेरा जाना जरूरी था,, ,, पर कुछ छोड़ देते यहां भी तुझको मेरी याद दिलाने को।।। माना कि तेरा लौटना मुमकिन ना होगा फिर, पर झूठ ही कह जाते लौट आओगे मेरी खातिर, इतना ही काफी होता इन डूबती सासों को उम्मीद दिलाने को।।। ये यादें ये सपने और ये दुनियाँ सिर्फ मेरी तो नहीं थी फिर क्यूँ अकेले बुन रहा था मैं,,, ये राहें और ये मंजिल सिर्फ मेरी ही थी क्या,,,, क्यूँ इस पर अकेले चल रहा था मैं।।। तुम खड़े ही हो जाते मेरे सामने इतना ही काफी था मुझे मंजिल तुझ तक लाने को।।। ना वादे तुम करते ना दिल ऐसे रोता,,, ना यूं तुम मुकरते ना मैं टूटा होता,,,, ना दिन में यूँ मिलते ना शामें ही मरती,,, ना दिल ही लगाते ना दिल खाली होता,,,,, तोड़ना ही था तो बहुत कुछ था तेरे तोड़ जाने को।।। अखिर क्यूँ सबारा था ये घर हजारों टुकड़ों में तोड़ जाने को।।।। Internet Jockey Chirag Gouswami Savita Veer Danish Mehra Danvir Jaat
Internet Jockey Chirag Gouswami Savita Veer Danish Mehra Danvir Jaat
read moreRahul Naikodi (@classy.ink)
दोस्तों की भीड़ में कुछ चेहरे धुंधले हो चुके कुछ जाने पहचाने, तो कुछ अनजाने से हैं सब कुछ पा के भी तेरी कमी पूरी नहीं होगी लगता डर मुझे ये बात, बार बार दोहराने से हैं दोस्त ऐतराज़ तुझसे नहीं, तेरी मनमानी से हैं, तेरे दूर जाने से हैं तुम पूछते हो, मैं तुमसे बात क्यों नहीं करता अब तुम जा रहें हों हमेशा के लिए, ये पूरी कसरत दिल को समझाने से है मेरा हिस्सा भी तेरे साथ चला जाएगा यूं लगता है मुझे जिंदगी के बीतें पल, लगते कुछ मुझको वीराने से हैं दोस्त ऐतराज़ तुझसे नहीं, तेरी मनमानी से हैं, तेरे दूर जाने से हैं एक एक कर के सब ने बदल दिए कारवां तुम भी चल दिए, यही एहसास बस तुम्हें दिलाने से हैं तेरे बाद मेरा यहां अब कोई नहीं होगा, मेरी ख़ामोशी का कारण, बस तुझे ये याद दिलाने से है दोस्त ऐतराज़ तुझसे नहीं, तेरी मनमानी से हैं, तेरे दूर जाने से हैं तेरी मनमानी से हैं :)
तेरी मनमानी से हैं :)
read moreshweta singh
आज फिर से वो मौसम आ गया, मुझे तुम्हारी याद दिलाने, जब मैंने देखा था तुझे पहली बार, तेरे वो बारिश में भीगे हुए जुल्फें, आंखों की पलकों पे ओस सी वो बूंदे, धीमी सी उन होठ पर मुस्कुराहट, मुझे खींचे जा रही थी तेरे पास, आज फिर से वो मौसम आ गया, मुझे तुम्हारी याद दिलाने, जीने की एक नई वज़ह देने। #बारिश#बूंदे #हिंदी #कविता #याद
बारिशबूंदे हिंदी कविता याद
read moreddu
लबों पर मुस्कुराहट लाने वाले। किसी को याद दिलाने वाले। हर ज़ख़्म को भर जाने वाले। रूठे को मानने वाले। हर लफ्ज़ में अपना दर्द कह जाने वाले दिल में समा जाने वाले वफाओ का अहसास दिलाने वाले। अरिजीत के जैसे ही है उसके गाने एक बार सुनते ही दिल में बस जाने वाले। अरिजीत के गाने है दिल वाले my favourite#Arijit Singh# aise hai Arijit ke gane#
my favouriteArijit Singh# aise hai Arijit ke gane#
read moreविरोधी अभिमान्शु
समय आ गया है जब भूल जाऊँ मैं तुम्हें........! समय आ गया है जब भूल जाऊं मैं तुम्हें क्योंकि बर्फ की सफेद चादर में लिपटी ये सर्द रातें हैं मुझे मेरे अकेले होने का एहसास कराने लगी है......! क्योंकि अब हमारी पसंदीदा तकिया सिरहाने पर
समय आ गया है जब भूल जाऊं मैं तुम्हें क्योंकि बर्फ की सफेद चादर में लिपटी ये सर्द रातें हैं मुझे मेरे अकेले होने का एहसास कराने लगी है......! क्योंकि अब हमारी पसंदीदा तकिया सिरहाने पर
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