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Mukesh Poonia
White हम अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे यदि हम उन सलाहो को माने जो हम दूसरों को देते हैं . ©Mukesh Poonia #Dosti हम अपने #जीवन में #अवश्य #सफल होंगे यदि हम उन #सलाहो को माने जो हम #दूसरों को देते हैं
Shubham Bhardwaj
आकाश की ऊँचाई अवश्य छूना । कदमों की जमीन को मत भूलना।। ©Shubham Bhardwaj #alone #आकाश #की #ऊँचाई #अवश्य #छूना #मगर #जमीन #नही
Deepak Kumar Katariya
Deepak Kumar Katariya
संसार उनके चरण अवश्य छूता है जिनका...!! #संसार #उनके #चरण #अवश्य #छूता #है #Shorts #Motivation #Motivationlines #d.K.K
read moreTrue path
#MythsAndFactsAbout_GodKabir #KabirPrakatDiwas 24 June मिथक कबीर परमेश्वर एक विधवा ब्राह्मणी से पैदा हुए। सच्चाई कबीर परमात्मा (कविर्देव) माता से जन्म लेकर नहीं आते। प्रमाण- ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 93 मंत्र 2 में प्रमाण है कि कबीर परमेश्वर माता से जन्म नहीं लेते।
read moreROHAN KUMAR SINGH
एक बार #लाँक_डाउन खत्म होने दो उसके बाद #एक_बार #अवश्य सोचेंगें आप #लोगों के बारें में #चिंता ना करें 😂😂😂😂
एक बार #लाँक_डाउन खत्म होने दो उसके बाद #एक_बार #अवश्य सोचेंगें आप #लोगों के बारें में #चिंता ना करें 😂😂😂😂
read moreकथायति
सवेरा सवेरा माने सिर्फ उजियारा की शुरुआत ही नहीं सवेरा माने अंधेरा का अंत भी होता है रावण की हंसी बस एक पल की है दूसरे ही पल श्री राम जी को आना है कठिनाई से मत घबराना है मन तू यह बात मान ले कुछ भी स्थिर नहीं यहां मन तू यह बात जान ले कष्ट है तो आनंद भी अवश्य है रात है तो सवेरा भी अवश्य है #सवेरा माने सिर्फ उजियारा की #शुरुआत ही नहीं सवेरा माने #अंधेरा का अंत भी होता है #रावण की #हंसी बस #एक #पल की है #दूसरे ही पल श्री राम जी को आना है #कठिनाई से #मत #घबराना है मन तू यह बात मान ले कुछ भी #स्थिर नहीं यहां मन तू यह #बात जान ले
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 3 – अकुतोभय हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!' वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही
read moreSatya Prakash Upadhyay
#DaughtersDay क्यों होतीं हैं बेटियां ख़ास? जब समाज प्रश्न ये करता है,तब समझो उनकी स्थिति दयनीय है। है अवतार जो सरस्वती लक्ष्मी शक्ति की वो तो बस वन्दनीय हैं।। बेटियों से आता संस्कार,संस्कृति की वो जननी है। जिस घर मे हों बेटियां शुभता अवश्य हीं होनी है।। पायलों की रुनझुन बोली हो या मीठी तोतली बोली हो। माँ के आंचल की भोली हो या भाई के सर की रोली हो।। बचपन की प्यारी होली हो या परिवार के साथ दीवाली हो। सब की आंखे नम हो जाती जब आंगन से उठती डोली हो। सब खुशियों की झोली है,रौनक की मानो टोली है। पिता के आंगन की लाडली वो,सब तनाव हटाने की गोली है।। बड़ी बेटी होती जिस घर में,छोटों को होता दूसरी माँ का एहसास। कितना भी कर लूं वर्णन नहीं बता सकता क्यों बेटियाँ होतीं हैं ख़ास।। क्यों होतीं हैं #बेटियां ख़ास? जब #समाज #प्रश्न ये करता है,तब #समझो उनकी #स्थिति #दयनीय है। है #अवतार जो #सरस्वती #लक्ष्मी #शक्ति की वो तो बस #वन्दनीय हैं।। बेटियों से आता #संस्कार,#संस्कृति की वो #जननी है। जिस #घर मे हों बेटियां #शुभता #अवश्य हीं होनी है।।