Find the Best किस्म Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutकिस्मत क्या है, अपनी अपनी किस्मत है, किस्मी चॉकलेट कैसे बनती है, सबकी किस्मत बदलती है, किस्मों meaning in hindi,
Sonu Sharma
💢सुना है कि.... 💢 #मोहब्बत की दुनिया में हर #किस्म के दर्द की #दवा मिलती है !💢 💢है कोई ऐसा #हकीम जो #तरसती निगाहों का #इलाज़ कर दे !,,.????💢 ©Sonu sharma #darkness
unknown
किताबें तो हर #किस्म की पसन्द है हमें मगर दिल के करीब बस वहीं इक #किताब है जिसमें सुलझे उलझकर के कई #मर्तबा जिसमें रखा हुआ तुम्हारे हाथ का #गुलाब है @@@@ जिसके हर एक #पन्ने पर है नाम तुम्हारा जिसमें लिखा मेरे हर सवाल का #जवाब है उन बीतीं हुई बातों के #किस्से है जिसमें जिसमें मेरी मोहब्बत का हर एक #हिसाब है ©Nishank Pandey #Books
VishwanathAvi..
कोशिश में लगा है ये दिल जिसे पाने के लिए, किस्मत में लिखा ना है उसे पाना हमारे लिए। वक़्त की गाड़ी बढ़ती जा रही है हमे लहूलुहान किए, और वो दुल्हन सी सज रही है,किसी ओर के घर जाने के लिए। #अधूरापन #इश्क़ #वक़्त #किस्म #Stories #Poem #NojotoShayari
Akashdeep Kumar
जरूरत सहारे के अक्सर कदम लड़खड़ाये कमियां किस्म किस्म की थी पहचान नही पाए इक तेरी खामोशी इधर बेबस हम बहुत संभाले तब जब सांस हुए हमसे पराये
Pooja Yadav shawak
किस्म किस्म के लोग जँहा में किस्म किस्म की बात कोई मनभर खाये खिंढाये कोई दाने दाने को करें विलाप #crowd
Saurabh Tripathi
देखने और हाल पूछने आते है लोग मेरा, कहते हैं इस किस्म का इश्क जल्दी कहाँ होता है। #love #किस्म #हाल #life #forever #me #nojoto
Gokul Tapadiya
यूरोप में डिलीवरी के समय उस औरत का पति उसके पास होता है और कमरे में एक या दो नर्सें होती हैं किसी तरह की दवा नहीं दी जाती... औरत दर्द की वजह से चीखती-चिल्लाती है मगर नर्स उसे सब्र करने को कहती है और 99% डिलीवरी नार्मल की जाती है ना डिलीवरी से पहले दवा दी जाती है और ना बाद में किसी किस्म का टीका भी नहीं लगाया जाता औरत को हौसला होता है कि उसका पति उसके पास खड़ा हुआ है, उसका हाथ पकड़े हुए है। डिलीवरी के बाद बच्चे की नाल कैंची से उस औरत का पति ही काटता है और बच्चे को औरत के जिस्म से डायरेक्ट बगैर कपड़े के लगाया जाता है ताकि बच्चा टेंपरेचर मेंटेन कर ले। बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाने को कहा जाता है और जच्चा- बच्चा दोनों को किसी किस्म की दवाई नहीं दी जाती । बस एक सुरक्षा टीका जो पैदाइश के फौरन बाद बच्चे को लगाया जाता है। पहले दिन से बच्चे की पैदाइश तक सब फ्री होता है और डिलीवरी के फौरन बाद बच्चे की परवरिश के पैसे मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन सभी देशों में ऐसा नहीं है । भारत में लेडी डॉक्टरडिलीवरी के लिए आती हैं और औरत के घरवालों से पहले ही कह देती हैं कि आपकी बेटी बहन या पत्नी की पहली प्रेगनेंसी है उसका काफी केस खराब है, जान जाने का खतरा है। ऑपरेशन से डिलीवरी करनी पड़ेगी । 99 परसेंट डॉक्टर की कोशिश होती है कि बच्चे ऑपरेशन से ही पैदा हो और जानबूझकर नॉर्मल डिलीवरी को भी ऑपरेशन का रूप बना देते हैं। डिलीवरी से पहले और बाद में झोली भर-भर कर दवाईयां दी जाती हैं। डिलीवरी के वक्त औरत का पति तो दूर की बात है, औरत के माँ या बहन को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं होती एक नई पहल एक शुरुआत
Raj Sargam
"काश कि आँखों के बाज़ार में आँसुओं की किस्में मिल जाती ये जो कुछ लोग आँसुओं की नदी बहाने का ढोंग करते हैं, कम से कम पहचान में तो आते " #Merikalamserajsargam#nojotoHindi#आँसू#किस्म#ढोंग#पहचान
DOOBATE ALFAAZ
तुझे किस किस्म का इश्क़ है रूह का इश्क़ है या जिस्म का इश्क़ है ज़ज़्बातो का इश्क़ है या बस रातों का इश्क़ है दूरियों का इश्क़ है या बस मुलाकातों का इश्क़ है मेरी यादों का इश्क़ है या बस कुछ बातों का इश्क़ है तुझे किस किस्म का इश्क़ है रूह का इश्क़ है या जिस्म का इश्क़ है words by-doobate alfaaz #NojotoQuote #nojoto#alfaaz#shayari#love#pyaar#poetry#latest#lafz#doobatealfaaz words by-doobate alfaaz
Sumit Upadhyay
दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है। दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है।
दो किस्म के लोग है इस टाइम समाज मे जो खूब लाइम लाइट में है। पहले वो जो धर्म के ठेकेदार बने घूमते हैं और दूसरे वो जो धर्म की इज्जत उतारने में व्यस्त रहते हैं। दोनों किस्म के लोगों की एक ही बीमारी है कि "धर्म से कोसों दूर है। बस बकैती करके 4 ठेलुओं को पीछे लगाकर सब नेता बनने की फिराक में रहते हैं और गाहे बगाहे ये तरकीब काम भी कर जाती है।
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