Find the Best आशंका Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutको भी आशंका क्षेत्र हैं, छिपे होने की आशंका, आतंकी हमले की आशंका, हंगामे की आशंका, आशंका वीडियो एप्प डाउनलोड,
FAIZ 『A』LAM
युद्ध - देशों में तनाव पारस्परिक मतभेद की आढ़ में जो युद्ध का बिगुल बजाना चाहते हैं मनुष्यता को ताक पे रख के ये कैसा विश्व बनाना चाहते हैं? हठ छोड़ो , आपस में स्थिरता प्रदान करो अगर इतनी है इच्छा जंग की तो विकास की तर्ज पर फतह- ए- मैदान करो.. ऐसे जीत के मिलेगा क्या मनुष्य ही ना बचेंगे जब क्या ईश्वर ने दे दिया है तुम्हे पृथ्वी की सौंदर्यता खत्म करने का हक़? (caption भी देखें) #thought हाल ही में ईरान और अमेरिका के मध्यस्थ जो तनाव और विश्व युद्ध की आशंका जताई गई उससे प्रभावित होकर लिख दिया है ये , शुक्रिया #युद्ध #nojotonews #nojoto #चिंता #आशंका #मनुष्यता #appeal #danger indira Neeta Prakash Inner Voice anjali jain Pratibha Tiwari(smile)🙂
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 3 – अकुतोभय हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!' वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 3 – अकुतोभय हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!' वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही
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|| श्री हरि: || 10 - आर्त 'बाबूजी! आज तो आप कहीं न जायें।' कोई नीचे से गिड़गिड़ा रहा था। उसका लड़का बिमार था और उसकी दशा बिगड़ती जा रही थी। आज कम्पाउंडर आया नही था। अस्पताल बंद रखना कल शाम को निश्चित हो चुका था वृद्ध डाक्टर अपने मकान में ऊपरी तल्ले में बैठे अपनी लड़की से श्रीमद्भागवत का बंगला अनुवाद सुन रहे थे। 'मैं डाक्टर हूँ बेटी! स्निग्ध स्वर में उन्होंने कहा, 'मेरी आवश्यकता हिंदू-मूसलमान को समान रूप से है। कोई इस बुड्ढे को मारकर क्या पावेगा?' 'उत्तेजना मनुष्य को पिशाच बना देती है।' दूर से 'अ
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