Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best बूढ़े Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best बूढ़े Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutबूढ़े means in hindi, बूढ़े की, बूढ़े के पर्यायवाची, बूढ़े का हिन्दी अर्थ, बूढ़े का अर्थ,

  • 14 Followers
  • 126 Stories

दिनेश कुशभुवनपुरी

kumaarkikalamse

सेवा की भावना रखना, और सेवा करना बात अलग है,
घर के बूढ़े सदस्यों को भी, बच्चा ही समझना चाहिए!!  #kumaarsthought #समझनाचाहिए #बूढ़े #सेवा

Anuradha T Gautam 6280

read more

Kailash Bora

#बूढ़े व्यक्ति वो पोता# जैसा करोगे वैसा भरोगे

read more

Gulapsa khatoon

Vivek Singh

#बेशर्म #बनी इन #सड़कों पर आज #इंसानियत फिर से #रोई है, एक #मजबूर #पिता ने #बेटी की #लाश #बूढ़े कंधो पर ढोई है।

read more

Vivek Singh

न जाने कितने मकान #जमीदोंज हुए, भूल कर #अहमियत #बूढ़े नीव की। #शान से खड़े है वो #मकान आज भी, जहां होता है #सम्मान #हमेशा #बुजुर्गों का।। #samman #PoetInYou

read more
सम्मान हमेशा  न जाने कितने मकान जमीदोज हुए,
भूल कर अहमियत बूढ़े नीव की।
शान से खड़े है वो मकान आज भी,
जहां होता है सम्मान हमेशा बुजुर्गों का।।

©Vivek Singh न जाने कितने मकान #जमीदोंज  हुए,
भूल कर #अहमियत #बूढ़े नीव की।
#शान से खड़े है वो #मकान  आज भी,
जहां होता है #सम्मान #हमेशा  #बुजुर्गों का।।
#samman 
#PoetInYou

Tiwari Shiv

आज कल के बच्चे भी गज़ब ढा रहे हैं..#iitkavyanjali

read more
आज कल के बच्चे भी गज़ब ढा रहे हैं
बेटे होने का फर्ज़ क्या खूब निभा रहे हैं
बूढ़े बाप की तबियत क्या ख़राब हुई 
डॉ से पहले वकील बुला रहे हैं

वैसे तो मां बाप को पहचान नहीं रहे हैं
दौलत के नाम पर उन्हें अपना बता रहे हैं
उन्हें वो दो कौड़ी की दौलत क्या मिल गई
उन्हीं मां बाप को सर का बोझ बता रहे हैं
आज कल के बच्चे भी.........

बूढ़े बाप के फ़ैसले में उन्हें फरेब नज़र आ रहे हैं
वो दो कौड़ी की दौलत के लिए पंचायत बुला रहे हैं
मां बाप के दवा में थोड़े पैसे क्या खर्च कर दिए 
फिर उन्हीं मां बाप को अपना कर्जदार बता रहे हैं 
आज कल के बच्चे भी.........

महबूबा को बड़े बड़े होटलों में घुमा रहे हैं
उनको खुश रखना अपना फर्ज़ बता रहे हैं
बूढ़े मां बाप को दो वक्त की रोटी क्या दे दिए
जैसे लगता है कोई एहसान जता रहे हैं
आज कल के बच्चे भी........... आज कल के बच्चे भी गज़ब ढा रहे हैं..#iitkavyanjali

Md Adnan Rabbani

Adnan Rabbani's Shayari • इन #बूढ़े #आंखों ने #देखे हैं तारे हजार। बहुत से अच्छे बुरे नज़ारे हजार।। इनकी #इल्मियत का #इम्तिहान ना लेना। ये पढ़ लेते हैं अंदर की #पढ़ के सूरत - ए - अख्तियार।। In #Budhe #Ankhon Ne Dekhe Hain Tare Hajar Bahut Se Achche Bure Najare Hajar

read more
इन बूढ़े आंखों ने देखे हैं तारे हजार।
बहुत से अच्छे बुरे नज़ारे हजार।।

इनकी इल्मियत का इम्तिहान ना लेना।
ये पढ़ लेते हैं अंदर की पढ़ के सूरत - ए - अख्तियार।। 

In Budhe Ankhon Ne Dekhe Hain Tare Hajar
Bahut Se Achche Bure Najare Hajar

Inki iImiyat Ka Imtehan Na Lena
Ye Padh Lete hai ander ki padh ke surat -e - akhteyar Adnan Rabbani's Shayari • इन #बूढ़े #आंखों ने #देखे हैं तारे #हजार।
बहुत से अच्छे बुरे नज़ारे हजार।।

इनकी #इल्मियत का #इम्तिहान ना लेना।
ये पढ़ लेते हैं अंदर की #पढ़ के सूरत - ए - #अख्तियार।। 

In #Budhe #Ankhon Ne Dekhe Hain Tare Hajar
Bahut Se Achche Bure Najare Hajar

Pravin Kumar

read more
Safar एक नौजवान अपने बूढ़े मां-बाप के साथ किसी महंगे होटल में खाना खाने गया- मां बाप तो नहीं जानते थे, लेकिन बेटे की ख्वाहिश थी कि वो उन्हे किसी महंगे होटल में ज़रूर खाना खिलाएगा, इसलिए उसने अपनी पहली तन्ख्वाह मिलने की खुशी में मां बाप जैसी अज़ीम हस्तियों के साथ शहर के महंगे होटल में लंच करने का प्रोग्राम बनाया-

                     बाप को रेशे (जिससे बदन कांपता रहता है) की बीमारी थी,उसका जिस्म हर लम्हा कंपकंपाहट में रहता था, और ज़ईफा मां को दोनों आंखों से कम दिखाई देता था- ये शख्स अपनी खस्ताहाली और बूढ़े मां-बाप के हमराह जब होटल में दाखिल हुआ तो वहां मौजूद अमीर लोगों ने सर से पैर तक उन तीनों को यूं अजीब व गरीब नज़रों से देखा जैसे वो गलती से वहां आ गए हों-

                      खाना खाने के लिए बेटा अपने मां बाप के दरमियान बैठ गया- वो एक निवाला अपनी ज़ईफा मां के मुंह में डालता और दूसरा निवाला बूढ़े बाप के मुंह में- खाने के दौरान कभी कभी रेशे की बीमारी के बाइस बाप का चेहरा हिल जाता तो रोटी और सालन के ज़र्रे बाप के चेहरे और कपड़ों पर गिर जाते- यही हालत मां के साथ भी थी,वो जैसे ही मां के चेहरे के पास निवाला ले जाता तो नज़र की कमी के बाइस वो अनजाने में इधर उधर देखती तो उसके भी मुंह और कपड़ों पर खाने के दाग पड़ जाते थे-

                         इर्द गिर्द बैठे लोग जो पहले ही उन्हे हक़ीर निगाहों से देख रहे थे,वो और भी मुंह चिढ़ाने लगे कि "खाना खाने की तमीज़ नहीं है और इतने महंगे होटल में आ जाते हैं-!" बेटा अपने मां बाप की बीमारी और मजबूरी पर आंखों में आंसू छुपाए, चेहरे पर मुस्कराहट सजाए- इर्द गिर्द के माहौल को नज़र अंदाज़ करते हुए,एक इबादत समझते हुए उन्हे खाना खिलाता रहा- खाने के बाद वो मां बाप को बड़ी इज़्ज़त व एहतराम से वॉश बेसिन के पास ले गया, वहां अपने हाथों से उनके चेहरे साफ किए,कपड़ों पर पड़े दाग धोए और जब वो उन्हें सहारा देते हुए बाहर की जानिब जाने लगा तो पीछे से होटल के मैनेजर ने आवाज़ दी और कहा:

"बेटा ! तुम हम सबके लिए एक क़ीमती चीज़ यहां छोड़े जा रहे हो-!"

उस नौजवान ने हैरानगी से पलट कर पूछा : " क्या चीज़-?"

मैनेजर अपनी ऐनक उतार कर आंसू पोंछते हुए बोला-!

*#नौजवान_बच्चों_के_लिए_सबक़*
*#और_बूढ़े_मां_बाप_के_लिए_उम्मीद_!*
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile