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Best खड़ी Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best खड़ी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutचुपचाप खड़ी है फैसले की घड़ी, चुपचाप क्यों खड़ी है गाना, खंबे जैसी खड़ी है, मीराबाई एकली खड़ी है, थे दिल्ली में आगरा खड़ी हो बना,

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Amitkhanna Askhanna

Sad 😭 shayari😭

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ᵃʸᵃⁿˢʰ ᵐᵃᵘʳʸᵃ♥️

#WinterFog

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भीड़ में #खड़ा होना #मकसद नहीं है #मेरा बल्कि #भीड़ #जिसके लिए #खड़ी है वो #बनना है  !! 𝐌𝐮𝐣𝐡𝐞 !!
     
   !!  𝐋𝐎𝐕𝐄 𝐘𝐎𝐔 𝐌𝐘 𝐀𝐋𝐋 𝐅𝐑𝐈𝐄𝐍𝐃𝐒 !

©Ansh Verma #WinterFog

विरला'P@वन'

माँ तो माँ है, उनकी महिमा अपरंपार है,अपने बच्चों का करती सदा ही बेड़ापार है। 🙏 #maa#navratri#IndianFestival#lovefestivals

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नींद में मैं था, सपना था और सामने खड़ी मुस्कुराती मौत थी, 
मौत की क्या मज़ाल थी, 
सपने में भी जब साया बनकर साथ जो खड़ी मेरी माँ थी। माँ तो माँ है, उनकी महिमा अपरंपार है,अपने बच्चों का करती सदा ही बेड़ापार है। 🙏
#maa#navratri#indianfestival#lovefestivals

Ramveer Gangwar

चुप चाप  खड़ी  हो  तुमको  सुनने  का मन करता है
उस पार  खड़ी  हो  हाथ पकड़ने  का  मन  करता है
जो साथ निभाओ जनम जनम का कह देना प्रियवर
तुमसे  अब  हर  बन्धन  में  बंधने  का  मन करता है


©रामवीर सिंह "गंगवार" #ramveersingh #ramveersinghgangwar #ramveergangwar #love

s....ishu

nojoto hindisadreality of todayplz respect girls

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जो कल तक थी अठखेलियों से भरी पड़ी
आज क्यों है निशब्द मौन सी खड़ी

जिसकी खिलखिलाती हसी से खुशनुमा माहौल बन जाता था
आज खुद क्यों वो मायूस उदास है खड़ी






ना समझे कोई उसके अंदर की पीड़ा बस बातें करे है बड़ी बड़ी
उसकी कोमल सी काया क्यों अब है मुरझाई पड़ी

जब पूछा मैंने गले से मुझे लगा के फफक कर वो रो पड़ी
कहने लगी जिसे कहती है दुनिया महान वो शिक्षक लूटे है उसकी अस्मत घड़ी घड़ी
सुनकर उसके अंदर की पीड़ा मानो मै भी बस मौन खड़ी
चाहे हो वो मामा फूफा या हो शिक्षक कोई जो करे ऐसी घिनौनी हरकत उसे मिले सजा कड़ी से कड़ी।🙏🙏🙏 #nojoto hindi#sad#reality of today#plz respect girls

Rana Hijab

मां मैं तेरे आंगन की थी फुलझड़ी, द्वार पे थी जब मैं खड़ी धीरे से इक झोंका आया , चंद लमहों में मैने ख़ुद को अंधेरे में पाया, मैं चीखी थी, चिल्लाई थी, मां तू कहती थी कि ख़ुदा हर तरफ है , तो क्यों उस दिन वह भी मुझे बचा न पाया ? मां मैं तो तेरी लाडली थी, फिर कैसे हो गई मैं तुझसे दूर? तू ही बता क्या था मेरा कुसूर? मां तूने कल हाथों से सिले थे जो कपड़े तार तार हो गए , मैं तो छोटी सी कली थी , जिस पर कितने वार हो गए , नन्हें पौधे सी खड़ी थी अकेली , झोंकों ने मुझे किया मजबूर , मां तू ही बता क्या था मेरा कुसूर? मां तुझे कैसे आएगी मेरे बिना नींद , भैया बाबा  घर में सब कैसे मनाएंगे ईद? बाबा किसे देंगे ईदी , उन्होंने ने तो अपनी लाडली ही खो दी , मैं थी मासूम मैं जो गई चला गया तेरे घर का नूर, बाबा तू ही बता क्या था मेरा कुसूर? इंसानियत से इंसाफ मांगती हूं ,आवाज़ को उठना होगा  , मैं हर मर्यादा लांघती हूं , अलविदा मैं तो थी बेकसूर , हैवानियत ने किया मुझे सबसे दूर ए-दुनिया तू बताना ज़रूर आख़िर क्या था मेरा कसूर!!?? #justiceforrapevictims #justiceforgirls  #stopit #girlsrblessingsofgod #society #shame #justice #raiseurvoice

V gujral

#Gujral #all #Stories #Motivation 🔥😊🙏

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Gujral🔥 


मेरे अकेलेपन की कहानी शायद ज्यादा बड़ी नही है 

 आपके पास जो भीड़ खड़ी है वो किसी मतलब से 

खड़ी है! #Gujral #Nojoto #All #stories #Motivation 🔥😊🙏

Kapil Sharma

ज़िन्दगी तबाही के मोड़ पे खड़ी है छोड़ कर गयी थी जहाँ से ये अब भी वही खड़ी है!! ❤

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ये ज़िन्दगी तबाही के मोड़ पे खड़ी है 
मुड सके ना जहाँ से कोइ उस मोड़ पे खड़ी है 
आ थाम ले हाथ अब भी मेरा 
जहाँ छोड़ कर गयी थी तुम ये ज़िन्दगी अब भी वही खड़ी है!! ज़िन्दगी तबाही के मोड़ पे खड़ी है 
छोड़ कर गयी थी जहाँ से ये अब भी वही खड़ी है!! ❤

जगदीश

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मासूम जिंदगी चौराहे पर लाचार खड़ी थी।
कपड़ों में लिये पैबंद वो तार तार खड़ी थी।

अर्पित अज्ञात

चांद है वो या की अर्पित अज्ञात

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क्या इसकी उपमा दे दूं,ये किसकी सानी लगती है
दूर खड़ी वह बच्ची,कुछ जानी पहचानी लगती है

पापा का अनमोल रतन मां की आंखों का तारा है
किससे मैं तुलना कर दूं,वह सूरज चांद सितारा है

गर में इसको चांद कहूं,तो यह झूठी तारीफ लगे
चांद लाग लेकर बैठ,ये सूरत मासूम सरीफ लगे

यदि इसको तारा ख दूं ,तो तारे टूटा करते है
इस चेहरे के आगे तो,सौ सूरज रूठा करते हैं

छोटी बाहों के घेरे में उसकी मां घूमा करती है
बाप बैठ जाता है तो वह,माथा चूमा करती है

वैसे तो वह कोई शहजादी सी लगती है
पर जब माथा चूमे ,तब दादी सी लगती है

मेरी नजरों में वह एक फूल नहीं है, चमन लगे
जो हर एक जगह फैला है,वह विस्तारित गगन लगे

ईश्वर का अनमोल रतन,अनमोल निशानी लगती है
दूर खड़ी वह बच्ची,कुछ जानी पहचानी लगती है
अर्पित अज्ञात

 चांद है वो या की
अर्पित अज्ञात
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