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Shashank Rastogi
वो भी एक वक्त था जब वक्त हमारा था आज कही थम सा गया है ना जाने कौन सी भूली बिसरी यादों की ठंड मैं कही जम सा गया है #वक्त #यादें #जम #थम
OMG INDIA WORLD
#RIPMilkhaSingh 🌩️🌧️ए #बारिश जरा थम के #बरस जब मेरा #यार आ जाए तो #जम के बरस☔️ 💝 पहले न #बरस कि वो आ #ना सकें,फिर इतना #_बरस कि वो #जा ना सकें 😘😘 ©OMG INDIA WORLD 🌩️🌧️ए #बारिश जरा थम के #बरस जब मेरा #यार आ जाए तो #जम के बरस☔️ 💝 पहले न #बरस कि वो आ #ना सकें,फिर इतना #_बरस कि वो #जा ना सकें 😘😘 #OMGINDIAWORLD
Viren Bhabhr
#पगली?? तुझे?? #याद करने? में #सुबह से? #रात ?हो जाती ☺हे केसे बताऊँ ??♂इस #सर्दी के ☃कारण ?तेरी यादें ?दिल में❤ #जम सी❄ जाती ?हे ? 😍🥰😍🥰🙃😂
😍🥰😍🥰🙃😂
read moreshabbir safri
કેહવું ઘણું ઘણું છે जन्नत ke आरज़ू है के उसे प्यासे aaker मिले, और मे आबे जम जम से उसकी प्यास बुजादू, प्यार
प्यार
read morePrashant Mishra
अतीत के पन्ने कई अरसे हो गए , खुद से गुफ़्तगू किये हुए। थक गया हूँ जिंदगी की इस भाग दौड़ में ।। सोचा अतीत के पन्ने पलट, मुस्कुरा दूं अपनी कामयाबी पे। कमबख्त़ सुर्ख पड़े पन्ने भी उल्टा मुस्करने लगे मुझ पे।। इन बोझिल आंखों से पलटने लगा में पन्ने अतीत के। जैसे कोई सूखे दरख़्त की ठूठ चुभने लगी जिस्म में।। धूल जम चुकी है उन कामयाबी के पन्नो पर या धूल जम चुकी है आज मेरे मन के कोनो पर पता ही न चला कि इस कामयाबी की दौड़ में छूटते गए रिश्ते। वरना कामयाबी का हाथ छोड़ रिश्तों का दामन पकड लेता। रह गया हूँ अकेले आज जिंदगी के इस अंधेरे में। कब मिलेगा उजाला सोचता फिर रिश्तों के सवेरे मे।। काश लौट जाऊँ फिर अतीत के पन्नो में। फिर लौट जाऊं जब खुशियां थी अपनो में।। - प्रशांत मिश्रा अतीत के पन्ने। .. (अल्फ़ाज़ .. मेरे दिल से)
अतीत के पन्ने। .. (अल्फ़ाज़ .. मेरे दिल से)
read moreविशाल मुंतज़िर
ज़रा मेरे लब से अपने लब नजदीक तो लाओ, तुम्हारी तिश्नगी को अबे जम जम न मिल जाये तो कहना ! (विशाल) Bina Babi Deepika Dubey Namita Writer Navneet Sarada Badrinath Kumar
Bina Babi Deepika Dubey Namita Writer Navneet Sarada Badrinath Kumar
read moreखामोशी और दस्तक
बूढी औरत -न्यायपालीका ..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै कार चलाना सीख ही रही थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट
..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै कार चलाना सीख ही रही थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट
read moreMajlas Khan
बारिश एहसास की जमीं पे,तुम बरसे हो थम-थम के । बादल से गिरती कुछ बूंदों से,जरा कम-कम से। जिस्मो-जान भी तरबतर हो मन के आंगन का, रिमझिम बूंदों से बरसो तुम ,गोया जम-जम के। #बारिश
✍🏼एहसासे सागर
एक स्याह रात.....पहाड़ो से झाँकता मद्धिम सा चाँद....एक लाल कश्मीरी शॉल में हम तुम.....जलता अलाव.....मेरे काँधे पर तेरा सर....आंखे मूंदे.... उस भीगी रात को ख़ुद में जज़्ब करती हमारी ये आख़िरी मुलाक़ात..... ज़िन्दगी इसके बाद भी बदस्तुर चलती रहेगी....लाखों अनजान से मैं टकरूँगा.....हज़ारों से होगी तुम्हारी भी मुलाकातें.... लेक़िन ये लम्हा अटक जएगा.... दिल की किसी गहराई में उतर कर....बैठ जायेगा.... जम जएगा...और आहिस्ता आहिस्ता इस पर वक़्त की काई जम जयेगी..... वादा करोगी तुम की ताउम्र याद रखोगी मुझकों.... और बातों का सिलसिला कभी नहीं थमने दोगी.....ले आँखो में नमी अपने हमसफ़र का हाथ थाम चल दोगी....उसके साथ नए सपनों में रंग भरोगी.....मैं यूँ ही तुम्हारे रंग में रंगा....मलंग बना फिरूँगा....और मेरे संग बिताएं लम्हे...मेरा प्यार....सब एक दिन बेमानी हो जाएगा वास्ते तुम्हारे...अपना हर वादा भूल जाओगी.....तोड़ दोगी..... मेरे लिए हर एहसास तुम ख़ुद से बाहर फेंक दोगी.... क्योंकि वो मर चुके होंगे.....और अब तुमकों उनकी रत्ती मात्र भी ज़रूरत नहीं....इत्तफ़ाक़ से मैं जान चुका होऊँगा इस सच को.....क्योकि एहसासों की ही तो डोर बंधी थी हम दोनों में....तुम्हारे अंदर से फेंके गए वो मरे हुए एहसास मुझ तक तो आ ही जायेंगे.....और तुम अपनी उस रंगीन दुनिया में मशगूल....ये भूल चुकी होगी कि किसी की साँसे ही ले आयी थी तुम.....और मैं....फ़िर भी इस लम्हें को जी रहा होऊँगा.....तुम्हारे ही संग....ऐसे ही.....एक स्याह रात में(✍🏼 एहसासे सागर 29/7/19 10:54 A.M.) #akhirimulakaat #story_by_me
M Shubham
तेरे होठों पे खुशियों की बर्फ जम जाए मेरे लिए तेरा दिल थोड़ा तो पिघल जाए #तेरे #होठों पे #खुशियों की #बर्फ #जम जाए #मेरे लिए #तेरा #दिल #थोड़ा तो #पिघल जाए #Quotes #Stories #Shayari #Romantic #Love #Heart #SnowFall #Rain #NojotoHindi #Happiness #Sight