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Shubham Bhardwaj
ख्वाबों में आकर कौन, मुझको जगाया करे है। है कौन हुस्न परी जो दिल ही दिल में सताया करे है।। ©Shubham Bhardwaj #duniya #ख्वाब #में #आकर #कौन #मुझको #जगाया #करे #है
अविनाश पाल 'शून्य'
यूँ न पूँछा कर क्या हाल है मेरा ? तेरी हमदर्दियों नें कई रात जगाया है मुझे। #स्वरचित © #हाल #पूँछ #तेरी #हमदर्दियाँ #कई_रातों #जगाया #शून्य
Vishal
जब चाहा दरबार लगाया, जब चाहा हमकों भगाया, अच्छा हुआ इसी बहाने से, तुमने मेरे 'मैं' को जगाया। #दरबार #मैं #जगाया #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi
OMG INDIA WORLD
बहुत #बेचैन हूँ मैं 💟 तेरी #य़ादो ने #सताया है💖 #इश्क #आँखो मे देकर 💖 . ...................... #रात भर #जगाया हैँ 💗 ......................लगा के #आदत तुमारी जी💜 बस #इंतजार कराया है 💞 ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD बहुत #बेचैन हूँ मैं 💟 तेरी #य़ादो ने #सताया है💖 #इश्क #आँखो मे देकर 💖 . ...................... #रात भर #जगाया हैँ 💗 ......................लगा के #आदत तुमारी जी💜 बस #इंतजार कराया है 💞
Smarty Sachin
🍀🌹बहुत #बेचैन हूँ मैं तेरी #य़ादो ने #सताया है ⭐🌿 🍀🌹#इश्क #आँखो मे देकर . #रात भर #जगाया हैँ ⭐🌿 🍀🌹लगा के #आदत तुम्हारी बस #इंतेजार कराया है ⭐🌿। SACHIN ©Smarty Sachin #lovebond Vishnu Daksh gudiya Ram Bhajan Chauhan Monika Bhat Neeraj ♛
#lovebond Vishnu Daksh gudiya Ram Bhajan Chauhan Monika Bhat Neeraj ♛
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💕#ख्यालों में #आकर मुझे #सताया न #करो #जलता है ये #दिल #और #जलाया न करो #कभी तो #मिलने के लिए #तुम आ #जाओ इस #तरह #तन्हा मुझे #छोड़ #जाया न करो💕 💕तेरी #याद में #मुश्किल से #आँख #लगती है यूँ #ख्वाबों में #आक़र तुम #जगाया न करो #बहुत #इंतज़ार कर चुका हूँ मेरे #हमसफर किसी #और के लिए #मुझे #भुलाया न करो💕 ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 💕#ख्यालों में #आकर मुझे #सताया न #करो #जलता है ये #दिल #और #जलाया न करो #कभी तो मिलने के लिए तुम आ जाओ इस तरह तन्हा मुझे छोड़ जाया न करो💕 💕तेरी याद में मुश्किल से आँख लगती है यूँ ख्वाबों में आक़र तुम जगाया न करो बहुत इंतज़ार कर चुका हूँ मेरे हमसफर
हरीश वर्मा हरी बेचैन
दो महात्माओं का अवतरण दो अक्टूबर को हुआ!! सादगी सत्य अहिंसा के वो दूत थे! महामानव का अवतरण एक मोहन दास करम चन्द्र गांधी जी थे! दूजे लाल बहादुर शास्त्री जी थे!! एक ने सत़्य अहिंन्शा को गले से लगाया!! एक लगोटी एक धोती एक लाठी ले जी कर दिखाया! सत्य आग्रह ,सविनय अवज्ञा,अनशन का राह दिखाया! चला कर चरखा देश के स्वाभिमान को जगाया! गांव गांव हो अत्मनिर्भर स्वछता का राह दिखाया! कोई दुश्मन नहीं है जग में सादगी का बयार बहाया! कर के दाण्ड़ी यात्रा काले कानून को अंगूठा दिखाया! भारत छोड़ो, करो मरो का बुलंद नारा से देश को जगाया! छुआ छूत का कर के विरोध मानवता का मान बढाया! रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मत दे भगवान!! किर्तन प्रभु का मिल जुल कर गाया !! कभी महानायक ने पद को लिया नहीं! अपने लिये कभी एक पल जिया नहीं!! अंग्रेज तो मजबूर हुए देश से जाने के लिए! देश को अब तो आजाद होना ही था ! पर हिन्दू को मुस्लिम से,मुस्लिम को हिन्दू से बाट दिया! नेहरू और जिन्ना के जिद ने देश को बरबाद किया! बटवारा ने देश को टुकड़ों में बाट दिया! मारकाट से हो पीड़ित कलकत्ता में भूख हड़ताल किया! देश को गांधी ने बाटा यैसा क्यों कहते हो?? सच्चाई है कि गांधी पर लोगो ने घात पर प्रतिघात किया! अन्त में गोटसे की गोलि के प्रति हे राम का नाम लिया! अहिंन्सा के पुजारी को हिन्सा ने क्यो मार दिया?? येसे ही लाल बहादुर शास्त्री सादगी के मूरत थे!! धरती पूत्र थे कद के छोटे पर हिमालय से ऊंचे थे! साहस,सादगी,इमान ,आचरण से कभी ड़िगे नही!! सचिव,महासचिव,ग्रह मंत्री,रेल मंत्री,वाणिज्य मंत्री रहे! जननायक ने पद से स्वयं ,परिवार को कभी जोड़ा नहीं! देश को सर्वोपर रख कर देश भक्ती कभी छोड़ा नहीं! जीवन था बड़ी मुस्किलों में पर नैतिकता को छोड़ा नहीं! जय जवान जय किसान के पुजारी त्याग के मूरत रहे! महामानव भारत रत्नों को बारम्बार नमन है!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳✍️ हरीश वर्मा हरी बेचैन ८८४०८१२७१८ दो महात्माओं का अवतरण दो अक्टूबर को हुआ!! सादगी सत्य अहिंसा के वो दूत थे! महामानव का अवतरण एक मोहन दास करम चन्द्र गांधी जी थे! दूजे लाल बहादुर शास्त्री जी थे!! एक ने सत़्य अहिंन्शा को गले से लगाया!! एक लगोटी एक धोती एक लाठी ले जी कर दिखाया! सत्य आग्रह ,सविनय अवज्ञा,अनशन का राह दिखाया!
दो महात्माओं का अवतरण दो अक्टूबर को हुआ!! सादगी सत्य अहिंसा के वो दूत थे! महामानव का अवतरण एक मोहन दास करम चन्द्र गांधी जी थे! दूजे लाल बहादुर शास्त्री जी थे!! एक ने सत़्य अहिंन्शा को गले से लगाया!! एक लगोटी एक धोती एक लाठी ले जी कर दिखाया! सत्य आग्रह ,सविनय अवज्ञा,अनशन का राह दिखाया!
read moreAkshay Rajput
मैं सुबह जागा नही हूँ जगाया गया हूँ इन समुद्र की लहरों ने रफ्तार से भागती भिडो ने समय के बदलाव ने अपने सपनो के ख्याल ने समय के गुम सुम सवाल ने झिझोड़ कर मुजे उठाया गया है मैं सुबह जागा नही हुन मुजे जगाया गया है माँ की बाते पिता की डांट कहते हे बेटा समल कर रहना इस जंजाल में । मैं सब भुल गया इन भेड़ियों की चाल में जैसे फस गया अर्जुन चक्रव्युह के जाल में। ये बाते मेरे दिमाक को सुना सुनाकर मुझे भीड़ में भगति है। भीड़ में भी डरे सहमे मायूस निराश हारा हुआ चेहरा इस भीड़ का बोहोत डराता है। पर एक नन्नी बची की मुस्कान देख मेरा ख्वाब फिर जाग जाता है ।क्योंकि मैं जागा नही हूँ मुझे जगाया गया है चिलम की जलन ने शराब की अगन ने गुट के की तलब ने गलियों के चलन ने इन सबके कर्म से फिर लोगो को कीचड़ में डाला गया है।। यहाँ कोइ कमल किचड़ में खुद से खिलता नही बल्कि उसे खिलाया गया है मैं सुबह जगा नही मुझे....। उनके प्यार के अहसास ने जैसे कृष्णा राधा के विश्वाश में राम ने सीता के साथ वनवास में जैसे सुदामा का अपने मित्र के प्यार मै जैसे खुदा का नाम लोगो की नमाज़ में ऐसे में भी मिलना चाहता हूं उससे उसके विश्वास में पर ये उसके दिल ने समझा नही उसे समझाया गया है यह सब देखा नहीं है बस हमे दिखाया गया है जगाना कोन चाहता था किताबों में कैद उन इतिहास की रूह को लेकीन उन्हें पड़ कर उन्हें जगाया गया है मैं जगा नहीं हूँ मुझे जगाया गया है 13Akshay 13Akshay
13Akshay
read more✍ अमितेश निषाद
जाने कितनी रात जगाया उनको खुद तन्हा हो कर तन्हा पाया उनको बातों बातों में रात बीत जाती थी जाने कितने पहर जगाया उनको शाम ढलते उनकी बांहों में थे हम उनकी यादों ने बहुत सताया हमको रातों को अक्सर उनका तारे गिनना तारों की बातों में हम ने बहकाया उनको वो भी कम न थे गिरा के जुल्फे जुल्फों बीच बहकाया हमको जाते जाते इक वादा था उनका सुनो प्रिये मर कर भी भूलेंगे ना तुझको ये दुनिया भी याद रखेगी सदा कुछ ऐस इश्क़ किये थे तुझको ✍ अमितेश निषाद ( सुमित ) जाने कितनी रात जगाया उनको खुद तन्हा हो कर तन्हा पाया उनको बातों बातों में रात बीत जाती थी जाने कितने पहर जगाया उनको शाम ढलते उनकी बांहों में थे हम उनकी यादों ने बहुत सताया हमको
जाने कितनी रात जगाया उनको खुद तन्हा हो कर तन्हा पाया उनको बातों बातों में रात बीत जाती थी जाने कितने पहर जगाया उनको शाम ढलते उनकी बांहों में थे हम उनकी यादों ने बहुत सताया हमको
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