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Best विरुद्ध Shayari, Status, Quotes, Stories

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Gautam_Anand

अंधेरा उतना नहीं जितना दिखाया जा रहा है
हमें रौशनी के विरुद्ध भड़काया जा रहा है
जहाँ भी देखिये बेरंग दिखती है फ़िज़ाँ
बहारों का सब्र आजमाया जा रहा है
 #विरुद्ध #yqbaba #yqdidi

तुषार"आदित्य"

स्वार्थ के विरुद्ध होना। बस यही है बुद्ध होना। #swarth #स्वार्थ #विरुद्ध #बुद्ध #Budha

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स्वार्थ के विरुद्ध होना।
बस यही है बुद्ध होना। स्वार्थ के विरुद्ध होना।
बस यही है बुद्ध होना।
#swarth  #स्वार्थ #विरुद्ध #बुद्ध 
#budha

Author kunal

#कभीकभी खुद को पुरुष कहने में शर्मिंदगी महसूस होती है #सिर्फ जस्टिस का ट्रेंड चलाने से कुछ नहीं होगा गंदगी तो अंदर है इसे ख़तम करना होगा क्या लगता है ये बलात्कारी कैसे होते कैसे बनते है आपको पता इन्हें हम बनाते है किसी। चीज को जलाने के लिए छोटा सा चिंगारी सुलगाते है फिर धीरे धीरे वो आग का रूप ले लेती है अर्थात पोर्न वीडियो का इसमें अहम किरदार होता है लोग इतना मदहोश हो जाते है कि किसी रिश्ते को नहीं समझते बस डूबते जाते डूबते जाते है

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स्त्रीत्व से पौरुष है
स्त्रीत्व से ये सृष्टि
क्यूं शर्मशार कर रहे हो
क्यूं पौरुष तुम खुद को कह रहे
सम्मान नहीं श्रद्धा का भाव है नारी
क्यूं देवी को पूजते हो 
जब तुम पौरुष ही नहीं
क्यूं इसे तुम अपने अपवित्र लहू से रंग रहे 
क्यूं तुम खुद को इंशा कह रहे 
है शर्मशार मुक पौरुष कब तुम जगोगे
कब खुद की मर्यादा को पहचानोगे
कब स्त्री में भी खुद को देखोगे 
 संवेदनशील चीत्कार रही 
है पवित्र मर्यादा पुरुषोत्तम पौरुष तुम कब 
जागृत होगे 
😓😓😓😓😓😓😓😓😓😓😓😓
(कभी कभी खुद को पुरुष कहने पे शर्मिंदगी महसूस करता हूं) 😓😓😓😓😓😓😓😓 #कभीकभी खुद को पुरुष कहने में शर्मिंदगी महसूस होती है 
#सिर्फ जस्टिस का ट्रेंड चलाने से कुछ नहीं होगा 
गंदगी तो अंदर है इसे ख़तम करना होगा 
क्या लगता है ये बलात्कारी कैसे होते कैसे बनते है आपको पता
इन्हें हम बनाते है 
किसी। चीज को जलाने के लिए 
छोटा सा चिंगारी सुलगाते है फिर धीरे धीरे वो आग का रूप ले लेती है 
अर्थात पोर्न वीडियो का इसमें अहम किरदार होता है लोग इतना मदहोश हो जाते है कि किसी रिश्ते को नहीं समझते बस डूबते जाते डूबते जाते है

सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र

DASS BITTU KUMAR

ActorArmanAli 🥰minaक्षी goyaल 🥰 Saurabh Pandit Raghav Yadav 💐H@n$ik@💐 *🔆बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🔆* 🏛️ SATLOK ASHRAM BARWALA🏛️ 🏵️📞Contact me👇📞🏵️ 🚩08222880541*42*43*44*45🚩

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ankit saraswat

#जिंदगी एक युद्ध है

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#OpenPoetry जिंदगी एक युद्ध है,अपनों के ही विरुद्ध है,
हर कोई शत्रु यहाँ,हर कोई तो मित्र है,
हर कदम पे चाल है,हर पल नयी बिसात है,
हर कोई अभिमन्यू सा यहाँ एक जाल का शिकार है,
चेहरे पे चेहरा चढा,ये कैसा मायाजाल है,
हर चेहरे में शकुनी छिपा हर चेहरा खुद नकाब है,
हर चाल है बिकी हुई,खुद पासा भी गुलाम है,
कृष्ण या अर्जुन नहीं बस दुर्योधन का राज है,
राम राज्य कहीं नहीं,हर दिल में रावण राज है,
जिंदगी एक युद्ध है,अपनों के ही विरुद्ध है।।
सागर पे भी सेतु बाँधे वो राम सा अब बल कहाँ,
हनुमान भक्ति की बात छोडो हर दिल में भस्मासुर का वास है,
अर्जुन नहीं गर यहाँ तो कौन यहाँ द्रोणाचार्य है,
रक्त बीज हैं सभी यहाँ जिन्हे चण्ड़-मुण्ड़ का साथ है।
#अंकित सारस्वत# #जिंदगी एक युद्ध है

Bharat Bhushan Jha"Bharat"

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वो देश के विरुद्ध हैं तभी तो रुद्र क्रुद्ध हैं।
हों विचार शुद्ध जो तो ना कहीं भी युद्ध हैं।
भ्रात तुम रखो ही नींव हों विचार शुद्व की-
हैं विचार ही गलत जो नीति के विरुद्ध हैं।।

भारत भूषण झा "भरत"

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

                                               फिर दोनो घंटो बैठे युंही अलक मलक की बातें करते रहे!यह प्यार है हीं ऐसी चीज,जो इसान को शब्दो की रचणा करना सीखला देता है!समय की शीमा खत्म हो जाती है,लेकिन खत्म नही होता है,तो प्रेमी हृदय मे समाया हुआ शब्द! जो होठो से भी वयां होता है!आँखो से भी वयां होता है!जो भी हो,मोहब्बत है,बहुत जानदार चीज!                                              दिल्ली का पाश इलाका!भारतीय जनतांत्रीक गटबंधन का मुख्यालय!रात के दस बज चुके थे!पुरा हीं मुख्यालय रौशनी से नहाया हुआ थ

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                                               फिर दोनो घंटो बैठे युंही अलक मलक की बातें करते रहे!यह प्यार है हीं ऐसी चीज,जो इसान को शब्दो की रचणा करना सीखला देता है!समय की शीमा खत्म हो जाती है,लेकिन खत्म नही होता है,तो प्रेमी हृदय मे समाया हुआ शब्द! जो होठो से भी वयां होता है!आँखो से भी वयां होता है!जो भी हो,मोहब्बत है,बहुत जानदार चीज!
                                             दिल्ली का पाश इलाका!भारतीय जनतांत्रीक गटबंधन का मुख्यालय!रात के दस बज चुके थे!पुरा हीं मुख्यालय रौशनी से नहाया हुआ थ

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे! लेकिन सरकार ने तो जानेमाने अधिवक्ता मधुर सहाय को चुना है!राजीव विचलीत होकर बोला! तो इसमे चिंता की कोई बात नही है!सरकार का नैतीक दाईत्व है कि वो अपना पक्छ दावे के साथ रख्खे!फिर तो यह पहला कदम है!अभी तो हमे बहुत से रुकावटो को झेलना है!त्यागी साहव गंभीर होकर बोले! यस अंकल,आपका कहना विल्कुल ठीक है!अभी हीं हमने हार मान लिया,तो आगे का डगर काफी मुश्किल होगा!सम्यक ढृढता से बोला! हां मै यही बोल रहा हूं!आप लोग निश्चिंत होकर आम चुनाव की तैयारी करें!मै कोर्ट की प

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होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे!
लेकिन सरकार ने तो जानेमाने अधिवक्ता मधुर सहाय को चुना है!राजीव विचलीत होकर बोला!
तो इसमे चिंता की कोई बात नही है!सरकार का नैतीक दाईत्व है कि वो अपना पक्छ दावे के साथ रख्खे!फिर तो यह पहला कदम है!अभी तो हमे बहुत से रुकावटो को झेलना है!त्यागी साहव गंभीर होकर बोले!
यस अंकल,आपका कहना विल्कुल ठीक है!अभी हीं हमने हार मान लिया,तो आगे का डगर काफी मुश्किल होगा!सम्यक ढृढता से बोला!
हां मै यही बोल रहा हूं!आप लोग निश्चिंत होकर आम चुनाव की तैयारी करें!मै कोर्ट की प

Atul Sharma

✨*"सुविचार"*✨ ✨*"Date-11/6/19"*✨ ..... ✨*"Day-Tuesday"*✨ .....

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✨*"सुविचार"*✨
✨*"Date-11/6/19"*✨ .....
✨*"Day-Tuesday"*✨ .....


"मछली"🐠... "जल" की "रानी" कहते हैं... "धाराओं" के बीच जीने वाली "सहस्त्र" प्रकार की "मछलीयां" होती हैं
किन्तु सारी "मछलीयो" में एक समानता अवश्य होती हैं
जानते हैं वो क्या है?
वो ये कि "मरी" हुई मछली "धारा" के साथ बह जाती है, वहीं "जीवित मछली" उस धारा के विरुद्ध "तैर" 🏊 सकने में "सक्षम" होती है,
तो "प्रेरणा" लिजिए... उस "मछली" 🐠 से जो "कठिनाईयों" के "विरुद्ध" खड़े होने का "साहस" रखती हैं, जो "धारा के विरुद्ध" जाने का निरंतर "प्रयास" करती रहती है
आप भी सुनिये अपने "ह्रदय" ❤ की "पुकार" को, सुनिए अपने "मन" की "पुकार" को, और "जीवनरुपी" "धारा" को "बाधा" नहीं, "लक्ष्य" बनाकर आगे बढ़िए...


Bý-Åťüľ Şhãřmå 🖊️🖋️✨✨ ✨*"सुविचार"*✨
✨*"Date-11/6/19"*✨ .....
✨*"Day-Tuesday"*✨ .....
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