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Best तट Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ujjawal Abhishek

जीवन की धारा में  बहते जाना
नही कोई किंचित संकट है ।
अगर कहीं ठहर गए  तो
याद रहे तट बड़ा विकट है। #जीवन #तट #विकट

Ananya Singh

पृथ्वी बैठीं तट पर 
सोच रही थी खिन्न में, 
क्या बचाउ और क्या बह जाने दूं 
अपने इस रोष निर्झर में...  #रोष #निर्झर #दिलकीबात #उदास_मन #तट

Ghumnam Gautam

Vaibhav Kumresh

इन #अंखियन से बहते आँसू क्या तेरे #तट तक जाते हैं, क्या तुझे मेरी पीर सुनाते हैं, तुझ बिन #व्याकुल हुए नैना, तुझ बिन #आकुल है चैना, फिर क्यों तू मुझसे मिलने आता नहीं है| फिर क्यों तू मुझे पास बुलाता नहीं है||

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इन अंखियन  से बहते आँसू 
क्या तेरे तट तक जाते हैं,
क्या तुझे मेरी पीर सुनाते हैं,
तुझ बिन व्याकुल हुए नैना,
तुझ बिन आकुल है चैना,
फिर क्यों तू मुझसे मिलने आता नहीं है|
फिर क्यों तू मुझे पास बुलाता नहीं है||

©Vaibhav Kumresh इन #अंखियन  से बहते आँसू 
क्या तेरे #तट तक जाते हैं,
क्या तुझे मेरी पीर सुनाते हैं,
तुझ बिन #व्याकुल हुए नैना,
तुझ बिन #आकुल है चैना,
फिर क्यों तू मुझसे मिलने आता नहीं है|
फिर क्यों तू मुझे पास बुलाता नहीं है||

#maxicandragon

जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से चूक हो गई जरा सी के रंग कफन का क्या? वो दफन कर आए खुद को कफन केसरी रंग से #saazish #साजिश #तट #लाशें #yamuna #Sadharanmanushya

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जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से 
खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से 

चूक हो गई  जरा सी के रंग कफन का क्या? 
वो दफन कर आए खुद को  कफन केसरी रंग से 

#Saazish #साजिश #तट #लाशें #Yamuna
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से 
खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से 

चूक हो गई  जरा सी के रंग कफन का क्या? 
वो दफन कर आए खुद को  कफन केसरी रंग से 

#Saazish #साजिश #तट #लाशें #Yamuna
#Sadharanmanushya

#maxicandragon

जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से चूक हो गई जरा सी के रंग कफन का क्या? वो दफन कर आए खुद को कफन केसरी रंग से #saazish #साजिश #तट #लाशें #Sadharanmanushya

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जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से 
खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से 
चूक हो गई  जरा सी के रंग कफन का क्या? 
वो दफन कर आए खुद को  कफन केसरी रंग से 

#Saazish #साजिश #तट #लाशें
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon जालसाज़ी का पैंतरा भी वो न खेल सके ढंग से 
खोद लाए अब्दुल खुद को खोद खुद की कब्र से 
चूक हो गई  जरा सी के रंग कफन का क्या? 
वो दफन कर आए खुद को  कफन केसरी रंग से 

#Saazish #साजिश #तट #लाशें
#Sadharanmanushya

Mujaheed Jamadar

माना कि मुश्किल है
मगर ये इम्तिहान तो हमे देना होगा

जिंदगी ने एक कठिन प्रश्न पुछा है
मगर इसका उत्तर तो हमे खोजना होगा

यूँ कशती को मचधार में छोड़ना तो उचित नही
इसे तट की और तो लेजाना होगा

ये वीपीदा हमने स्वयम बुलाई है 
अब पीठ दिखा ने का क्या लाभ
अब हमें भी हमारा सर्वक्षेष्ठ करना होगा

अगर लक्ष्य को पाना है
तो अपना सर्वस्व त्याग
हर कठिनाई को निडरता से लड़ना होगा #कशती #मुश्किल #प्रश्न #उत्तर #लक्ष्य #त्याग #तट #लाभ #इम्तिहान #जिंदगी

Umang Awasthi

one of my favourite poems 😇

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जिस तट पर प्यास बुझाने से, अपमान प्यास का होता हो,
उस तट पर प्यास बुझाने से,
प्यासा मर जाना अच्छा है।।
-- Buddhisen sharma one of my favourite poems 😇

सुरेन्द्र कुमार शर्मा

तट से तट तक मैं गया, जब लहरों के पार। जान सका हूँ मैं तभी, इस जीवन का सार।। ✍©सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा

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तट से तट तक मैं गया,  जब लहरों के पार। 
जान सका हूँ मैं तभी, इस जीवन का सार।। 
✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा तट से तट तक मैं गया,  जब लहरों के पार। 
जान सका हूँ मैं तभी, इस जीवन का सार।। 
✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा

आयुष पंचोली

जो काल , जो चीज घटित हो गई उसकी बातें करना, उस पर शोध करना, और उससे सम्बंधित निष्कर्ष पर पहुचना तो बहुत आसान हैं। मगर जो हुआ ही नही उसके बारे मे , आने वाले कल के बारे मे कैसे जाना जायें इसका कोई विकल्प विज्ञान के पास मौजूद नही हैं। मगर आध्यात्म ध्यान और योग के माध्यम से भविष्य को जानने का उदाहरण कई बार पेश कर चुका हैं। अब अगर उसे कल्पना भी माने तो भी एक प्रकार से वही काल्पनिक सोच जब तक तथ्योके साथ घटित होती हुई दिखती हैं, तो फिर उस आध्यात्म के उस शोध पर विश्वास होने लगता हैं की हाँ, शायद ऐसा हो

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कलयुग का अन्त और कल्की अवतार। जो काल , जो चीज घटित हो गई उसकी बातें करना, उस पर शोध करना, और उससे सम्बंधित निष्कर्ष पर पहुचना तो बहुत आसान हैं। मगर जो हुआ ही नही उसके बारे मे , आने वाले कल के बारे मे कैसे जाना जायें इसका कोई विकल्प विज्ञान के पास मौजूद नही हैं। मगर आध्यात्म ध्यान और योग के माध्यम से भविष्य को जानने का उदाहरण कई बार पेश कर चुका हैं। अब अगर उसे कल्पना भी माने तो भी एक प्रकार से वही काल्पनिक सोच जब तक तथ्योके साथ घटित होती हुई दिखती हैं, तो फिर उस आध्यात्म के उस शोध पर विश्वास होने लगता हैं की हाँ, शायद ऐसा हो
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