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Bambhu Kumar (बम्भू)

थे यही #सावन के दिन हरखू गया था #हाट को सो रही #बूढ़ी ओसारे में बिछाए #खाट को #डूबती #सूरज की किरनें #खेलती थीं #रेत से घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से आ रही थी वह चली खोई हुई #जज्बात में क्या पता उसको कि कोई #भेड़िया है घात में

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2.
थे यही सावन के दिन हरखू गया था हाट को
सो रही बूढ़ी ओसारे में बिछाए खाट को

डूबती सूरज की किरनें खेलती थीं रेत से
घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से

आ रही थी वह चली खोई हुई जज्बात में
क्या पता उसको कि कोई भेड़िया है घात में

होनी से बेखबर कृष्णा बेख़बर राहों में थी
मोड़ पर घूमी तो देखा अजनबी बाहों में थी

चीख़ निकली भी तो होठों में ही घुट कर रह गई
छटपटाई पहले फिर ढीली पड़ी फिर ढह गई

दिन तो सरजू के कछारों में था कब का ढल गया
वासना की आग में कौमार्य उसका जल गया... थे यही #सावन के दिन हरखू गया था #हाट को
सो रही #बूढ़ी ओसारे में बिछाए #खाट को

#डूबती #सूरज की किरनें #खेलती थीं #रेत से
घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से

आ रही थी वह चली खोई हुई #जज्बात में
क्या पता उसको कि कोई #भेड़िया है घात में

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 73 - श्याम पहले जगा 'श्यामसुंदर। उठ लाल। देख तो कितना सवेरा हो गया। देख तेरा मयूर आंगन में कैसा नाच रहा है।' मैया बहुत धीरे-धीरे हाथ फेर रही है मोहन के शरीर पर। वह बार-बार रुक जाती है - अभी जगाये या न जगाये? किंतु देर होने पर यह ठिकाने से कलेऊ भी नहीं करता। एक ही शय्या पर नीलाम्बर ओढे दाऊ और पीतपट ओढे श्याम सो रहे हैं। मैया चाहती है कि अब दोनों पृथक सोना सीखें, पर कन्हाई को बड़े भाई के बिना नींद ही नहीं आती। 'देख तो कितनी देर से बेचारे ये नन्हें पक्षी तुझे पुकार रहे हैं। कितने

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|| श्री हरि: ||
73 - श्याम पहले जगा

'श्यामसुंदर। उठ लाल। देख तो कितना सवेरा हो गया। देख तेरा मयूर आंगन में कैसा नाच रहा है।' मैया बहुत धीरे-धीरे हाथ फेर रही है मोहन के शरीर पर। वह बार-बार रुक जाती है - अभी जगाये या न जगाये? किंतु देर होने पर यह ठिकाने से कलेऊ भी नहीं करता।

एक ही शय्या पर नीलाम्बर ओढे दाऊ और पीतपट ओढे श्याम सो रहे हैं। मैया चाहती है कि अब दोनों पृथक सोना सीखें, पर कन्हाई को बड़े भाई के बिना नींद ही नहीं आती।

'देख तो कितनी देर से बेचारे ये नन्हें पक्षी तुझे पुकार रहे हैं। कितने

Anil Siwach

40 - उत्सुकता || श्री हरि: ||

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40 - उत्सुकता 
 || श्री हरि: ||


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