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Shubham Bhardwaj
घर में बजती है किलकारी, जब होती है संतान। माँ बाप के सपनों का वह बन जाते हैं अरमान।। बच्चों के लालन पालन में वो जीवन अर्पित कर देते हैं। अंत समय जब आता है खो जाता है उनका सम्मान।। बृद्धाश्रम और बेरुखी यही जीवन रह जाता है । श्राद्ध कर्म की बंदिश में पंडित को देते हैं पकवान।। जीते जी का रिश्ता क्यों बच्चे निभा नही पाते हैं। जीते जी मृत्यु देकर क्यों बच्चे करते हैं अपमान।। ©Shubham Bhardwaj #Aansu #घर #में #बजती #है #किलकारी #जब #होती #संतान
Dr Manju Juneja
दूर बजती कहीं शहनाई है.. मैं ,कोरा कागज़ और मेरी तन्हाई है। ©Dr Manju Juneja #दूर #बजती #कहीं #शहनाईहै #मैं #कोराकाग़ज़ #मेरी #तन्हाई #nojotoenglish #Merekhyaal
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read moreअर्पित तिवारी अज्ञात
अलविदा मोहब्बत इशारों पर कहीं बजती कोई,हम धुन से नहीं थे हां हम तुमसे नहीं थे मेरा यकीं मेरे साथ है पहचान तुम्हारे पास है तुम्हे जिद है शिखर पे जाने की, और हमको साहिल की तलाश है बेवजह तुम दुआ में ना रखो हमें यूं भी हवा में ना रखो फरेबी इश्क में,हम गुम से नहीं थे हां,हम तुमसे नहीं थे इशारों पर कहीं बजती कोई,हम धुन से नहीं थे #AlvidaMohabbat अर्पित कुमार तिवारी
#AlvidaMohabbat अर्पित कुमार तिवारी
read moreNeha Sharma
बचपन और लंच ब्रेक स्कूल की वो घंटी बजती। छोड़ के बस्ते सब बाहर को भगती। तीस मिनट का ब्रेक था आता भाग के मुन्ना टिफिन लाता। आचार रोटी को महक थी भाती तू क्या लाया और तू टिफिन क्यों है छुपाती। मां देती खर्ची दो रुपए थी कुछ खा लेना बेटा ऐसे थी कहती। दो रुपए का क्रीम रोल था आता दोस्तो मैं उसको भी बाटा जाता। खेलने की बारी जब आती दाम तू देगा मै कच्ची घोड़ी हूं भाई। मिट्टी का फिर घर बनाते ये रास्ता घर का ..फिर वहां नदी बहाते। भाग के खेलते पकड़म पकड़ाई फिर घंटी बजती भागो गणित की मैडम है आई। बचपन का लंच ब्रेक अब कहा मिलता है हसने को तो मिलता पर स्कूल नहीं मिलता। अलंकृता #lunchbreak#nojoto#memories# Shruti Deshraj Wadi Soniya Kumari Kanchan Balwan Chauhan Parveen
#lunchbreaknojoto#Memories# Shruti Deshraj Wadi Soniya Kumari Kanchan Balwan Chauhan Parveen
read morePuja Shaw
फ़ोन पहले घंटी बजती तो खुश हो कहते, देखो कौन आया और अब घंटी बजती है, तो सब पूछते है किसने याद किया,किसका फ़ोन आया।। #फ़ोन #WOD #nojotohindi #nojotoquotes
#फ़ोन WOD #nojotohindi s
read more@nil J@in R@J
Toh MAai Naachu भगवान भी #हैरान हैं..कि😱😵 इतनी #घण्टिया🔔तो ⛺ मंदिरो की भी नहीं #बजती.. जितनी #ladki की Entry पर #Boys के #Dil की बजती हैं !!Ufffff 😍🙈🙈😛😝🤦♀️🙆♀️ #KuchKuchHotaHai.... 😩😱🙄😝Dra diyaaaa reee #NojotoQuote
Vijay Kumar Sharma
स्त्री तेरी क्यों यही कहानी ? क्यों अस्तित्व की है यह पहचान पुरानी ? यूँ तो परिवार के अस्तित्व की पहचान है तू
read moreAltaf Husain
मुझे नहीं लगता कि, मर्दों के अंदर अब स्त्रियों के प्रति सम्मान बची है। और सुभाष से मेरा रिश्ता टूटने का कारण यही था, कहती हुयी नीलम की आंखें भर आई। पर ताली तो एक हाथ से थोड़ी ना बजती है, कहीं ना कहीं...... चंदा की बातों को बीच में काटते हुए नीलम बोली, जब एक हाथ के उगंलिया बंद पड़ी हो ना तो ताली नही बजती...सुभाष का मेरे प्रति कोई सम्मान नहीं था, फिर तलाक लेने के अलावा कोई उपाय नहीं था मेरे पास। चंदा हंसते हुए बोली, स्त्रियों के सम्मान, वो भी मर्दों से.. नीलम! "हम गुलाब के पेड़ हैं, और यह जिस्म ग
मुझे नहीं लगता कि, मर्दों के अंदर अब स्त्रियों के प्रति सम्मान बची है। और सुभाष से मेरा रिश्ता टूटने का कारण यही था, कहती हुयी नीलम की आंखें भर आई। पर ताली तो एक हाथ से थोड़ी ना बजती है, कहीं ना कहीं...... चंदा की बातों को बीच में काटते हुए नीलम बोली, जब एक हाथ के उगंलिया बंद पड़ी हो ना तो ताली नही बजती...सुभाष का मेरे प्रति कोई सम्मान नहीं था, फिर तलाक लेने के अलावा कोई उपाय नहीं था मेरे पास। चंदा हंसते हुए बोली, स्त्रियों के सम्मान, वो भी मर्दों से.. नीलम! "हम गुलाब के पेड़ हैं, और यह जिस्म ग
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 67 - मनुहार 'दादा, तू आज उदास क्यों है?' श्यामसुंदर आया और बड़े भाई का हाथ अपने हाथ में लेकर पास बैठ गया है। 'तू खेलता तो है नहीं।' 'कनूं तू खेल। मेरा जी खेलने को नहीं होता।' आज दाऊ गुमसुम बैठा है। पता नहीं किसकी व्यथा ने इसे क्षुब्ध किया है आज। 'मैं नाचूं? देखेगा तू?' मोहन देखता है कि आज हठ करने से कोई लाभ नहीं। कहने से दाऊ खेलने भी लगे तो ऐसे बेमन के खेलने में भला, क्या आनंद आना है।
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