Find the Best नित्य Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutनित्य देवी कौन है, नित्यानंद जी महाराज की आरती, नित्यानंद महाराज की वाणी, नित्यानंद की वाणी, नित्यानंद की पुस्तक,
Shubham Bhardwaj
White गरम हवाओं से बचकर रहना, करना इतना काम। लू से छुटकारा मिले,जब खाया जाये नित्य एक आम।। ©Shubham Bhardwaj #mango_tree #काम ##नित्य #आम #लूं #छुटकारा #मिल
Ghumnam Gautam
कहो न तुम ये क्या करती हो नित्य नवीन लगा करती हो मैं केवल प्रेम किया करता हूँ लेकिन तुम पूजा करती हो चमकीले नैनों से कह दो― किसकी राह तका करती हो? ©Ghumnam Gautam #नित्य #पूजा #नैन #राह #ghumnamgautam
#नित्य #पूजा #नैन #राह #ghumnamgautam
read moreDileep Bhope
उठवू नकोच आता कुणाला शक्तीमान अंधारात लोपले अनंत सारे शोधीत येण्याआधी उद्या कोणी उगवेल नित्य तो, पुन्हा सुटेल पहाट वारे ©Dileep Bhope #नित्य
Vivek Vishu
#ये_हिंद_हमारी_माँ_और_माँ_का_तो_प्राण_है_हिन्दी l जिसके कारण हमे मिला रस्खान, जिनके बेटे तुलसी कबीर जैसे महान, जिसने दिया दिनकर, विद्यापति और प्रेमचंद विद्वान जिनके बिना दुनिया रहता विवेकानंद से अनजान, जिनका दुलारा कुमार विश्वास वर्तमान, जिसने सिखा दिया दुनिया को हिन्दी जुबान जिसने दुनिया को कराया माँ से पहचान, जिसने बढ़ा दिया दुनिया में माँ का मान, माँ के ऐसे बेटों को कोटि कोटि प्रणाम🙏 जैसे तानसेन का तो हर तान है हिन्दी, जैसे हर महान का तो पहचान है हिन्दी #ये_हिंद_हमारी_माँ_और_माँ_का_तो_प्राण_है_हिन्दी ll जिसने हमे सिखाया, हर सभ्यता का सम्मान करना पर, दिल में अपनी संस्कृती रखाना l आदमी से मानव बनना, फूलों से नित्य हंसना और, भवरों से नित्य गाना l विविधता में मिलकर रहना और, आपस में प्यार करना l दुनिया को अपना कहना और, अपनों का सम्मान करना l Hi , Hello से नमस्ते कहना और, और बड़ों का पैर छूना l फटी जींस में भी दिल में प्रेम भाव रखाना और, बटन खुले कमीज़ में में भी तमीज रहना l जैसे हर जुबान का तो लगाम है हिन्दी l #ये_हिंद_हमारी_माँ_और_माँ_का_तो_प्राण_है_हिन्दी ll #हिन्दी
Kranti Thakur
जीवन एक अत्यंत दुष्कर मार्ग जहाँ कठनाइयों के उबार खाबड़ गढ्ढे और उन गड्ढों पर अन्धकार रूपी पानी जो नित्य फैलता जा रहा अनंत दुरी तक जिसमे साँप और बिछुओं ने जमा लिया है डेरा वो प्रकाश जो कल तक मार्ग दिखाया करता था वह निरंतर सिमटता जा रहा एक दायरे में वो दायरा जो शुक्ष्म होता जा रहा है नित्य निरंतर के जैसे उसे भी जल्दी हो बुझ जाने की जैसे इस क्षण में मेरा अंतर्मन जो विचार शून्यता के उस स्तर पर प्रवेश कर चुका है जहाँ ना तो आगे जाने की बेसब्री है और ना ही संघर्ष करने का हौशला उस बुझते हुए प्रकाश पुँज की तरह ये जीवन ये दुर्गम मार्ग और अन्धकार भरे पानी इन सबके बीच अपने अंतर्मन को खंगालता अपने आप को टटोलता निराशा से भरा नितांत एकाकी मैं और मेरा संघर्ष विराम।। - क्रांति #जीवन
KK Mishra
Religion भरी जवानी आज तरुण, छोड़ रहे हैं साथकराह रही इंसानियत, चीत्कार चहुंओर धर्म हमारे मौन से, सत्ता का नहीं ठौरकोई कहे अल्लाह बड़े, कोई कहे श्रीराम कोई कहे ईसा सही, कोई कहे सतनामकहीं धर्म के नाम पर, दहक रही बंदूक कहीं धर्म के नाम पर, भरी हुई संदूकआज धर्म के मर्म को, समझ रहा है कौन कांव-कांव कौवा करे, कोयल बैठी मौनहम सबको दो हाथ मिले, करने को सद्काम एक हाथ से जेब भरी, एक हाथ में जामनाम नहीं ले राम का, तब भी होंगे काम रावण की गर राह चला, तब बिगड़ेंगे कामरावण की गर राह चला, तब नहीं मिलेंगे राम मात-पिता जिनके नहीं, उनके भी हैं नामकलयुग में है कर्म बड़ा, नहीं किसी का नाम अमन-चैन कायम रहे, तभी धर्म का मोलपूजा-पाठ-ओ-अजान सब, वरना खाली बोल वरना मत्था टेकना, बस बच्चों का खेलउम्र शूल की सदा बड़ी, फूलों की कुछ पल महक फूल की और कम, किसका है ये छलधर्म वृक्ष का वही बड़ा, नित्य खिलें नए फूल फूल झरें इकसाथ गर, नित्य चुभेंगे शूल।
ऋषिराज शास्त्री
🔥 ओ३म् 🔥 नित्य करने योग्य तीन काम― श्रेष्ठ ग्रन्थों का अध्ययन, ईश्वर का ध्यान, निज दोषों का चिन्तन नित्य करो।
Amit Gupta
*तस्वीर जम्मू कश्मीर की* हां मैं निसंदेह मानता हूं यहां की हसीं वादियों में बसी है मुहब्बत, मगर ये भी तो ज्ञात हो यहीं नित्य पनपते हैं लोगों में बेहिसाब नफरत । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं, कश्मीर की धरती पर पसरा है जन्नत का मंजर, पर यह भी तो सर्वविदित हो कि यहीं चलती है नित्य खूनी खंजर । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं, है यहां झीलों के सीने में लिपटे बहारें, पर क्या यह सच नहीं यहीं से उठती है ताबूत लिपटे तिरंगे से सैनिकों की हमारें । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं यही झिलमिलाती है झीलों की कनक सी जेवर, मगर ये भी तो ज्ञात हो कि यहीं होते हैं अक्सर लोगो के हिंसक तेवर । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं यहां कुदरत भी करती है इसकी इबादत, मगर ये भी तो दृष्टांत हो यहीं अकसर होती है सैनिकों कि शहादत । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? अमित गुप्ता पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
read moreAmit Gupta
*तस्वीर जम्मू कश्मीर की* हां मैं निसंदेह मानता हूं यहां की हसीं वादियों में बसी है मुहब्बत, मगर ये भी तो ज्ञात हो यहीं नित्य पनपते हैं लोगों में बेहिसाब नफरत । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं, कश्मीर की धरती पर पसरा है जन्नत का मंजर, पर यह भी तो सर्वविदित हो कि यहीं चलती है नित्य खूनी खंजर । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं, है यहां झीलों के सीने में लिपटे बहारें, पर क्या यह सच नहीं यहीं से उठती है ताबूत लिपटे तिरंगे से सैनिकों की हमारें । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं यही झिलमिलाती है झीलों की कनक सी जेवर, मगर ये भी तो ज्ञात हो कि यहीं होते हैं अक्सर लोगो के हिंसक तेवर । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? हां मैं निसंदेह मानता हूं यहां कुदरत भी करती है इसकी इबादत, मगर ये भी तो दृष्टांत हो यहीं अकसर होती है सैनिकों कि शहादत । आखिर कब तलक लिखी जाएंगी सौन्दर्य कविताएं जम्मू कश्मीर की, आखिर कब तलक दिखाएंगे हम एक ही पहलू इसके तस्वीर की ? अमित गुप्ता पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
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