Find the Best नवजात Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutनवजात hindi word meaning, नवजात शिशु, लावारिस नवजात,
Rahul
आखिर क्यों नहीं आते #नवजात #बच्चों के आंखों से आंसू। #kuchhtofacthai #hindifacts #Facts
read moreखामोशी और दस्तक
बूढी औरत -न्यायपालीका ..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै कार चलाना सीख ही रही थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट
..दो साल पहले मेरी गाड़ी से एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था उस समय मै कार चलाना सीख ही रही थी , ज्यादा नुकसान भी नही हुअा था तो मामला निपटा लिया गया था पर ताकीद दे दी गईं थी की एक दो बार कोर्ट आना पड सकता है , मैं लगभग भूल ही चुकी थी सब पर दो साल के बाद कोर्ट से बुलावा आया और मै तय समय से कुछ पहले ही कोर्ट पहुच गयी और इंस्पेक्टर का इंतज़ार करने लगी ,मेरी नज़र पेड़ के नीचे बैठी एक महिला पर पड़ी ...काफ़ी बुजुर्ग थी फटे हुए कपड़े ..कमर झुकी हुई ..चेहरे पर झुर्रिंयाँ , आँखे अंदर तक धँसी हुई , टूट
read moreSabir Khan
पछतावा का सही अर्थ प्रायश्चित है, प्रायश्चित के पश्चात मनुष्य नवजात हो जाता है। नवजात अर्थात् हर दोष से पवित्र,,, प्रायश्चित
प्रायश्चित
read moreKumar.vikash18
हमारी बिटिया READ IN CAPTION 👇 हमारी बिटिया हर दिन की तरह आज भी तड़के मैं सैर पर निकला, और दिनों की तरह आज भी मेरी श्रीमती जी मेरे साथ ही थीं! हम दोनों का विगत कई वर्षों से सुबह की सैर का यह सिलसिला बदस्तूर जारी था! ठंडी गर्मी बरसात कोई भी मौसम
हमारी बिटिया हर दिन की तरह आज भी तड़के मैं सैर पर निकला, और दिनों की तरह आज भी मेरी श्रीमती जी मेरे साथ ही थीं! हम दोनों का विगत कई वर्षों से सुबह की सैर का यह सिलसिला बदस्तूर जारी था! ठंडी गर्मी बरसात कोई भी मौसम
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 14 - कोप या कृपा 'मातः!' बड़ा करुण स्वर था हिमभैरव का। यह उज्जवल वर्ण, स्वभाव से स्थिर-प्रशान्त, यदा-कदा ही क्रुद्ध होने वाला रुद्रगण बहुत कम बोलता है। बहुत कम अन्य गणों के सम्पर्क में आता है। उग्रता की अपेक्षा सौम्यता ही इसमें अधिक है। साम्बशिव की एकान्त सेवा और स्थिर आसन किंतु जब इसे क्रोध आता है - अन्ततः भैरव ही है, पूरा प्रलय उपस्थित कर देगा। किंतु आज यह बहुत ही व्यथित जान पड़ता है। 'तुम इतने कातर क्यों हो वत्स?' जगदम्बा शैलसुता ने अनुक
read moreAnil Siwach
।।श्री हरिः।। 48 - गौ-गणना आज गोपाष्टमी है। ब्रज में आज गौ-पूजा होती है। श्रीब्रजराज आज कन्हाई की वर्षगांठ के समान ही भद्र की वर्षगाँठ पूरे उत्साह से मनाते हैं और यह सब होता है मध्यान्ह तक। सब हो चुका है। अब तो सूर्यास्त से पूर्व गौ-गणना होनी है। सम्पूर्ण ब्रज आज सुसज्ज है। प्रत्येक वीथी और चतुरष्क सिञ्चित, उपलिप्त, नाना रंगों के मण्डलों से सुचित्रित है। स्थान-स्थान पर मुक्तालड़िओं से शोभित वितान तने हैं। स्थान-स्थान पर जलपूरित पूजित प्रदीप एवं आम्रपल्लव-सज्जित कलश रखे हैं। प्रत्येक द्वार कदली
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 10 - गाय ब्यायी 'मेरी पुनीता बच्चा देने वाली है।' तोक ने कहा। 'तुझे कैसे पता लगा?' कन्हाई ने तोक की ओर आश्चर्यपूर्वक देखा। तोक तो उससे छोटा है - सब सखाओं में छोटा है, इसे पता लग गया और श्याम को पता नहीं लगता। 'मैया कह रही थी।' तोक ने बतलाया - इसी से तो पुनीता को बाबा चरने नहीं जाने देते हैं।'
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited