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Dr.sandeep singh
मत ढूंढो मुझे दुनिया की तन्हाई में, सर्दी बहुत है मैं तो हूं अपनी रज़ाई में । .⭕⭕⭕⭕. ©Dr Sandeep Singh #Nojoto #जाड़े #सर्दी #Winter Pragati Rk Rawat Swati Mungal dhyan mira Pragati Jain Monika rathee poonam_singla
S ANSHUL'यायावर'
जाड़े का मौसम आया है, हवाएं सर्द साथ लाया है। बर्फबारी,ओला वृष्टि, कहीं कहीं समुंदर भी जम आया है। अलाव और अंगीठी का वक़्त आया है, कहीं रजाई तो कहीं कम्बल निकल आया है। सूरज भी अब करता है आंख मिचौली, चांदनी रातों का अब समां आया है। जाड़े का.... पत्तों पर ओस की बूंदे दुबके बैठी है, कहीं टहनियों पर बर्फ जमी बैठी है। बदन पर दुशाला ओढ़े, गर्म प्यालों का मौसम आया है। जाड़े का... गर्म लिबास ,गर्म अहसास, गर्म दस्तानों का मौसम आया है। जाड़े का... ' यायावर ' क्या तुम्हारा भी किसी पर, दिल आया है? जाड़े का .... दोस्त यारों संग गपशपों का दौर आया है। जाड़े का... धरती को देने ठंडक देखों, ठंड का यह मौसम आया है। #नोंजोटो #nojohindi #जाड़े का मौसम #Winter
#नोंजोटो #nojohindi #जाड़े का मौसम #Winter
read moreSurya Kant Tripathi
नश्तर सी चुभती हैं🥵 जाड़े की ये सर्द हवाएंँ ऽगर तुम छू लो बदन मेरा घड़ी भर आराम आ जाए #जाड़े की हवा
#जाड़े की हवा
read moreVijay Singh
सक्षम सिंह राठौर हठ कर बैठा चांद 1 दिन माता से यह बोला सिलवा दो मां मुझे उनका मोटा एक दुगोला सर सर चलती हवा रात भर जाड़े से मैं मरता हूं ठिठुर ठिठुर कर किसी तरह से यात्रा पूरी करता हूं आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का अगर ना हो तो ला दो कुर्ता भाड़े का कभी एक अंगूर भर छोटा कभी एक फुट मोटा घटता बढ़ता रोज किसी दिन हो जाता है छोटा
सक्षम सिंह राठौर हठ कर बैठा चांद 1 दिन माता से यह बोला सिलवा दो मां मुझे उनका मोटा एक दुगोला सर सर चलती हवा रात भर जाड़े से मैं मरता हूं ठिठुर ठिठुर कर किसी तरह से यात्रा पूरी करता हूं आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का अगर ना हो तो ला दो कुर्ता भाड़े का कभी एक अंगूर भर छोटा कभी एक फुट मोटा घटता बढ़ता रोज किसी दिन हो जाता है छोटा
read moreHarshu
#Jaruraten keemat bdal deti hain, #जाड़े m pyaare kapde, garmi m #बोरी lgte hain.... #keemat
संजय श्रीवास्तव
रुई जैसी लड़की ------------------------------------------------------------------- तुम अलग ही थी रूई के फाहे जैसी, चाह कर भी स्पर्श करने का साहस नही कर पाया जाड़े का मौसम छत पर उतरती टुकडा़ टुकडा़ धूप, और तेरी गेसूओं का घना साया शाम के धुंधलके में पीछे से अचानक गूंजती तुम्हारी खिलखिलाहट , और शजर से उड़ते परिंदो की चहचहाहट यही कुछ #मीठे मीठे पल , तुमसे जो मैने पायी है तनहाई में इन्ही से तो मैने अपनी , महफिल सजायी है। तुम्हें खबर ही नही छूये बगैर ही , तुमको समेट लेता हूँ हर जाड़े में तुम्हें रजाई बना कर खुद से लपेट लेता हूँ । संजय श्रीवास्तव रुई जैसी लड़की
रुई जैसी लड़की
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