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बेजुबान शायर shivkumar
दिल की बात दिल मे ही रह जाता ज़ैसे हँस के तू ना हँसा हो ज़ैसे ...... उम्र से लंबी सड़क पे चलते की सदा तूने सुनी हो ज़ैसे ...... अरमान जितने सजाये थे कभी वो आस दिल मेँ दबी हो ज़ैसे ...... देखने को तस्वीर हाथ मेँ याद कोई पुरानी ली हो ज़ैसे ...... रात के ख़ाली सन्नाटे मेँ साँस रुक रुक के चली हो ज़ैसे ...... वक़्त के बँद दरवाज़ों मेँ जाग के देर तक जगी हो ज़ैसे ...... दीपक से ले के कोई किताब तूनें रात भर पढ़ी हो ज़ैसे ...... ©Shivkumar #LongRoad #Nojoto #nojotohindi दिल की बात दिल मैँ मे ही रह जाता ज़ैसे हँस के तू ना हँसा हो ज़ैसे ...... उम्र से लंबी #सड़क पे चलते
#LongRoad #nojotohindi दिल की बात दिल मैँ मे ही रह जाता ज़ैसे हँस के तू ना हँसा हो ज़ैसे ...... उम्र से लंबी #सड़क पे चलते
read moreShubham Bhardwaj
सुनहरे ख्वाब हैं, आँखों में सजाये हैं। कैसे बतायें तेरे बिना, दर्द ही पाये हैं।। ©Shubham Bhardwaj #सुनहरे #ख्वाब #आँखों #में #सजाये
Somu
🥀💞💞यूं तो हर #पल तेरे होने का #अहसास है मुझे.....💞💞 💞💞फिर भी #उस_पल का #इंतेजार है मुझे...💞💞 🥀💞💞कभी तेरे #पहलू में कुछ मेरा भी #वक्त गुजरे.....💞💞 #सजाये हैं जो सपने ....💞💞 वो कभी #हकीकत में उतरे......🌹💞💞 ©Somu
तेजस
कुछ मीठे पल जो संग बिताए थे ले हाथों में हाथ सपने सजाये थे पर सपना कब अपना होता है? अपना भी होता एक आशियाना जो आता तुझे भी वफ़ा निभाना जिंदगी के तूने सपने दिखाए थे पर सपना कब अपना होता है? इश्क़ के तूने क्यूँ जगाये अरमाँ जब जाना था उजाड़ के जहाँ साथ मिल के सपने सजाये थे पर सपना कब अपना होता है?
rahul rajput
मुहब्बत मैं यूँही गुनगुनाये जा रहे है सपना उन्ही का दिल मे सजाये जा रहे है एक झटके में सब कुछ बरबाद हो गया जब कहा उन्होंने हम किसी और के लिए सजाये जा रहे है
Jiten rawat
दिलों में चिराग़ जलाये रखना, मेरे लबों पे हंसी सजाये रखना। इन हंसी की शाम ना हो कभी, ऐसी मुहब्बत तुम बनाये रखना। दिलों में #चिराग़ #जलाये रखना, मेरे #लबों पे #हंसी #सजाये #रखना। इन हंसी की #शाम ना हो कभी, ऐसी #मुहब्बत तुम #बनाये रखना। #nojotoshayri #nojotowriter #jitwnrawat
दिलों में #चिराग़ #जलाये रखना, मेरे #लबों पे #हंसी #सजाये रखना। इन हंसी की #शाम ना हो कभी, ऐसी #मुहब्बत तुम #बनाये रखना। #nojotoshayri #NojotoWriter #jitwnrawat
read moreBabita Gour
(क्या ये मेरा अधिकार नही?) कवि अपनी लिखी कविता का स्वामी बना बैठा है और चित्रकार अपनी मूरत में नीचे अपना नाम सजाये बैठा है क्या- बस एक मैं (नारी)ही हूँ बेबस जो अपनी उत्पत्ति पर तेरा (पिता)नाम सजाये बैठी हूँ जिसको सींचा, खून ,पसीने से उस पौधे को तेरे आँगन में लगाये बैठी हूँ मत ले परीक्षा हर बार मेरी सहनशीलता,मेरे ममत्व की अपनी अस्मिता को हर बार मैं ढाल बनाये बैठी हूँ अगर मैं हूँ सीता तो दुर्गा भी बन सकती हूँ हर पाखंड कलुषित विचारों का बध भी कर सकती हूँ मत ललकार मेरी छमता को मैं तेज़ पुंज बन सकती हूँ तेरे द्वारा मेरी अस्मिता पर लगे हर सवाल को पूर्ण दहन कर सकती हूँ (गहनता से सोच ले तू अब भी देरी नही हुई है इतनी भी तू निकल चुका है जो विचारों के गर्त की और आत्ममंथन से ये खाई पट भी सकती है।)।। (बबिता)
@veerrathore641
अब आ भी जाओ सजन की मैं आश लगाए बैठी हूँ देर हुई है तुम्हे जाने कितनी की मैं मेहंदी लगाये बैठी हूँ तुम आओगे तब देखना मैंअपनी गालियाँ सजाये बैठी हूँ। पल पल भागते इन लम्हों के साथ मैं ख़्वाब सजाये बैठी हूँ। अब आ भी जाओ सजन की मैं आश लगाए बैठी हूँ। साजन की बिरह में मैं रात को जगाए बैठी हूँ। कब आओगे तुम मैं पलके बिछाये बैठी हूँ।
साजन की बिरह में मैं रात को जगाए बैठी हूँ। कब आओगे तुम मैं पलके बिछाये बैठी हूँ।
read moreEron (Neha Sharma)
इंतज़ार ◆◆◆◆ एक दिया राह में जलाये बैठी हूँ। मैं इंतज़ार में पलके बिछाये बैठी हूँ। सुना है पसन्द है उसको भी लाज इसलिये घूंघट गिराये बैठी हूँ। इनायत उसकी किसी दिन तो होगी मैं दिल को अपने समझाये बैठी हूँ। कमबख्त इश्क़ है कि सुनता नही मैं धड़कनों को राह में सजाये बैठी हूँ। न होश है वक्त का न ख्याल है कुछ मैं कुछ यूँ होशो हवास गँवाये बैठी हूँ। न छोड़ती हूँ आस, न फिक्र है कोई भी मैं तसल्ली में दिल बहलाये बैठी हूँ। किसी दिन तो आएगा सितमगर महबूब मैं उस छलिया को दिल में बसाये बैठी हूँ। उतार दी है पायल बजने के डर से मैंने मैं फूलों से खुद को सजाये बैठी हूँ। अब होगयी देखो इंतज़ार की हद बेहद मैं पलकों को द्वार पर बिछाये बैठी हूँ। हर आने जाने वाले से पूछती हूँ पता इतना खुद को पागल बनाये बैठी हूँ। तरस गयी हूँ एक नज़र को तुम्हारी मैं इस प्रेम इश्क़ में खुद को छले बैठी हूँ। एक बार दीदार हो दौड़कर गले से लगा लूँ मैं खुद को इत्र से नहलाये बैठी हूँ। मेरे प्रेम की परीक्षा मत लेना कभी मैं रग रग में नाम तुम्हारा लिखवाये बैठी हूँ क्या पता कब छोडूं तन ये मिट्टी का मैं हर साँस पर नाम तुम्हारा गुदवाये बैठी हूँ। कुछ इस तरह से रूह में तुम्हे छुपाये बैठी हूँ। - नेहा शर्मा kanha prem 😘😍
kanha prem 😘😍
read moreShailendra Singh Yadav
एक ख्वाब सजाये बैठें हैं तुम्हें अपना बनाये बैठे हैं। तेरी जान को अपनी जान बनाए बैठे हैं। कभी तो मिल जाओगे अरमां सजाये बैठे हैं। शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी तुम्हे अपना बनाये बैठे हैं।
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी तुम्हे अपना बनाये बैठे हैं।
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