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"सनातन योद्धा"
#जय #श्री #राम #मित्रों #यह #पोस्ट सभी मित्र पढ़े बहुत जरूरी है ... सभी #गुरुजनों और #बड़े #भाइयों के #मार्गदर्शन मैं कुछ #महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आप लोगों के समक्ष हाजिर हुए हैं जो की गली में कुछ करने और #सफलतापूर्वक #स्ट्राइक करने से संबंधित हैं साथ-साथ #अपनी #सुरक्षा भी कैसे करें? #गुरुजनों के अनुसार #स्ट्राइक करने के #5 #महत्वपूर्ण #चरण होते हैं 1- #पहला #चरण - पहले चरण में हम #सुनियोजित , #सुसज्जित ,#सुव्यस्थित होकर गली का तथा लक्ष्य की #निगरानी करते है इसमें हम योजना बनाते हैं कि उसके #किस #पोस्ट पर #किस समय #किस ढंग से #हमला होगा और गली में पिलाई करने का समय और कितनी देर तक करनी है ये निर्धारित कर लेते है इस चरण में हम सामग्री तथा आधुनिक हथियारों की भी व्यवस्था करने लगते हैं और लगातार सारे साथियों के संपर्क में रहते हैं #2 - #दूसरा #चरण --- इस चरण में हम आधुनिक हथियार तथा सामग्री को स्टोर रूम में इकट्ठा कर लेते हैं और लक्ष्य की लगातार निगरानी करते रहते हैं तथा साथियों के संपर्क में बने रहते हैं और गली मैं कूच करने की सूचनाओं को रिसीव करते हैं और और कूच करने के लिए खुद को तैयार रखते हैं #3 _ #तीसरा #चरण -- #स्ट्राइक की ₹दृष्टि से यह #सबसे #महत्वपूर्ण चरणों में से एक है इस चरण में हम आदेश मिलते ही तुरंत कूच कर जाते हैं अपने लक्ष्य की ओर, अपने गली की ओर और स्ट्राइक का सबसे महत्वपूर्ण पहला कदम उठाते हैं उस झांटू आत्मा की आईडी का रिपोर्ट करना सर्जिकल स्ट्राइक की दृष्टि से यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है बिना इसके स्ट्राइक कोई फायदा नहीं होगी इसी चरण में हम अपनी प्रोफाइल को लॉक कर लेते है और सारी सुरक्षा संबंधित प्राइवेसी एक्टिव कर देते है #Note- जिन भाईयो को अपनी प्रोफाइल पर ताला लगाना नहीं आता कल बताया जाएगा यह काम आप पहले चरण में या गली में कूच करने से पहले ही कर सकते है #Note_ ज्यादा तर मित्र सबसे पहले ही गली में कूच कर कॉमेंट बॉक्स में गली चौड़ा करने में जुट जाते यह तरीका ठीक नहीं है इसी चरण में हम #आईडी की रिपोर्ट मारने के साथ साथ उस #पोस्ट की रिपोर्ट मारते जो हमारा टारगेट थी जिस गली का परिमाप बढ़ाना था इसी चरण में हम आईडी रिपोर्ट का #स्क्रीन शॉट और पोस्ट रिपोर्ट का स्क्रीन शॉट लेकर स्टोर रूम में जमा कर लेते है #Note- जो भाई आईडी की और पोस्ट की रिपोर्ट करना नहीं जानते कल आपको पोस्ट के जरिए ट्रेंड किया जाएगा इसी चरण में #हथियार और राहत #सामग्री स्टोर रूम से दरवाजे पर ले आते है और फायरिंग के लिए पूर्णतया तैयार हो जाते है ! #4- #चौथा #चरण --- इस चरण में हम पूरी सेना के साथ एक साथ ,एक समय में, गली में यानी कॉमेंट बॉक्स में कूच करते है और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी आधुनिक हथियारों का प्रयोग कर बम वर्षा करने लगते है बिना जवाबी फायरिंग की परवाह करते हुए और अपनी साथी भाई वह क्या कर रहे है बिना इसकी परवाह के ..... सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक दो फायिरिंग से कुछ नहीं होगा कम से कम आंख मूंदकर अंधाधुंध 30 राउंड फायरिंग की जरुरत होती है #जब हम एक साथ अचानक ता बड़ तोड़ पिलाई करेंगे तो उस पोस्ट के ब्लास्ट होने के साथ उनकी गान भी ब्लास्ट हो जाएगी ..... और आधुनिक हथियार फोटो कॉमेंट और झांटू आत्मा का गली में नाम मेंशन। कर फायरिंग करना ज्यादा बेहतर बनाएगा आपके ऑपरेशन पेलाई को #5 #पांचवा और #अंतिम #चरण -- इस चरण में हम उस झांटू आत्मा की आईडी को ब्लॉक कर वापस अपने वतन की और लौट आते और वापस आते वक़्त आने भाईयो की तरफ ध्यान देते कौन भाई यहां से कूच किया था और रास्ता भटक गया इसका भी ख्याल करते है और अंत वतन वापस आकर स्क्रीन शॉट डाल कर जय श्री राम का पावन नाम लेते हुए अगली गली की खोज में निकल पड़ते है #Note_--- किसी भाई को यह post ना समझ आई हो तो इनबॉक्स में संपर्क करें #जय #श्री #राम #मित्रो 🙏🙏🙏 #जय #हिन्दू #राष्ट्र 🚩🚩🚩🚩🚩🚩 #Silence
pandeysatyam999
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
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*🙏🏻❤❤ हरि ऊँ ❤❤🙏🏻* *देवभूमि के 27 दिवसीय यात्रा के अध्ययन के बाद * 1- *लेख में यदि कोई उर्दू का शब्द किसी के संग्यान में आये तो अवश्य अवगत कीजिएगा, क्योंकि लेखक भारतीय है, व भारत की राजभाषा हिन्दी है* 2- *लेखों पर किसी की पसन्द या ना पसन्द की भ्रामकता अथवा आशा से सदैव दूर रहने का प्रयत्न भी रहता है, पाठक पढ़ सकें, आत्मसात कर सकें, नया भारत के निर्माण में सहयोग कर सकें, इतना ही पर्याप्त है* 3- *कितनी अवैग्यानिक बात है कि जिन नव युवतियों व नव युवकों के पास शिक्षा के ढेरों प्रमाण पत्र व दस्तावेज हैं- वे, ग्रामीण समाज व वातावरण में, वैग्यानिक दृष्टिहीन, अशिक्षित, अनपढ़, सामाजिकहींन, अविकसित मानसिकता, प्रगतिहीन रिश्ते-नातों की रूढ़ीवादी बेडि़यों में बुरे ढंग से बांधा गया है, वे क्यों बंधे हैं, क्या विवशता है, ऐसे कारण भी ढूंढ़ने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ !!! यदि कोई पूछे तो अवश्य बता सकूंगा, लेकिन यहां अभिव्यक्त नहीं कर सकूंगा। 4- यह दल, जिसका वर्तमान नाम - *माँ हम सदैव तेरी ऋणी* हैं, व्हट्सअप पर बनाया गया है, जिसमें सिर्फ गांव के ही 60 सदस्य तक हैं, जिसमें बहुएं, बेटियां, नवयुवक व हम जैसे नादान भी विद्यमान हैं* यह दल ग्राम- राजबगटी, पत्रालय- नन्दप्रयाग, जिला - चमोली, उत्तराखंड, (नया भारत) की शिक्षित बेटियों, शिक्षित बहुओं एवं नयी शिक्षित पीढ़ी को अर्पित है, अन्य पाठक इस लेख से प्रभावित होते हों, एवं आवश्यक लाभ लेना चाहें तो तहदिल से स्वीकार्य है, वे और दलों पर भी बांट सकते हैं, 5- *जैसा कि हमने अतीत में देखा, समझा व अनुभव किया है कि पहाडी़ नारी को भी विकसित समाजों की तरह समय के साथ कदम से कदम मिलाने की आवश्यकता है, लेकिन उन्हें वैग्यानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करना होगा, हर रूढिवादी बातों व परम्पराओं पर अपने ग्यानचक्षुओं से समझना होगा, हां, यदि कोई इन्टर नैट (आन्तरिक जाल) का अच्छा अनुभवी है, तो उनका स्वागत है, इन्टरनेट, आज की *मौलिक आवश्यकताओं* में से एक है* 6- *यदि कोई असामाजिक व अवसंवैधानिक साइटों पर हैं तो उन्हें वहीं से ग्यान प्राप्त हो सकेगा, सबकुछ देखकर घृणा आएगा, विछन आयेगी, आत्मग्लानि होगी, तब वे जो सकारात्मक रास्ता चुनेंगे, उस पर मजबूती से चलना सीख जाएंगे, क्योंकि जिसने बुराई को समझ लिया, देख लिया, उसके बाद ही वह उचित व आवश्यक मार्ग के महत्व को जान पाएगा, यह कहा जाए कि कल्याण के द्वार तब ही खुलेंगे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी, लेकिन लेखक आन्तरिक जाल की गलत साइटों पर जाने की वकालत नहीं कर सकता, जिसने अपने लक्ष्य पहले ही निर्धारित कर लिए हैं, उन्हें कोई नहीं भटका सकता है, लेकिन गलत स्टैंड पर न जाए तो अच्छा है, व यदि चला गया तो, जानकारी हासिल करने तक की पढ़ाई अवश्य की जानी चाहिए, वहीं नहीं समा जाना है, वहीं नहीं चिपके रहना है, क्योंकि जीवन यात्रा में सम्मानजनक वातावरण अनुभव करने के लिए बहुत कुछ जानने-सीखने की आवश्यकता होती है* 7- *वैसे आन्तरिक जाल (इन्टरनेट) पर विलक्षण ग्यान का भण्डार है वशर्ते हमें इसका सही उपयोग करना आता हो, यदि हमारे मन में कोई जिग्यासा, बात या भ्रम है, तो तत्काल गूगल (Google) पर सर्च (ढू़ंढ़) कर उचित जानकारी लेते हुए, अपना ग्यान बढा़ सकते हैं, भ्रम या सन्देह को तत्काल दूर कर सकते हैं, अपने साथ वालों या बच्चों का उचित मार्ग-दर्शन कर सकते हैं* 8- *आप अच्छी व प्रखर बुद्धि व समझ के होते हुए भी यदि धन के अभाव, पिछड़े सामाजिक परिवेश या पिछड़ी धारणाओं, अवैग्यानिक मान्यताओं से घिरे समाज में जन्म लेने के कारण जो इच्छाएं, चाहत एवं महत्वकाक्षाएं पूर्ण न कर सके थे, उन्हें अपने बच्चों के माध्यम से तैयार कर, उनके रुप में, वही सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं, वशर्तें उन पर धन लगाना होगा, यदि आप छोटी आय के चलते, मिट्टी का ढेर (जमीन), पत्थरों का ढेर (मकान-दुकान) के चक्कर में उलझ गये तो आपके कल्पनाओं व महत्वकाक्षाओं की भैंस पानी में भी जा सकती है, आपकी कल्पनाएं, गौते लगाती नजर आ सकती है* 9- *इसलिये अपनी प्रारम्भिक आवश्यकता, मिट्टी का ढेर (जमीन), ईंट-पत्थररों का ढे़र (मकान-दुकान) न बनाए, इन पर अनमोल व कीमती धन व्यय न करें। आपकी प्रथम आवश्यकता, बच्चों के उचित संस्कार, शिक्षा, संगत व समाज होनी चाहिए, डीएनए को सुधार सकना आपके हाथों में नहीं है, इसके लिए एक सफल आध्यात्मिक गुरु की शरण में जाना होगा, बताई गयी बातों को आत्मसात करना होगा, ध्यान साधना के माध्यम से अन्तर में जमे हुए, जन्म-जन्मों के करकट व कूड़े को नष्ट करना होगा, बच्चों में बचपन से ही आध्यात्मिक संस्कार भरने होंगे* वैग्यानिक दृष्टिकोण के बीज बोने होंगे, तब जाकर आगे की पीढि़यों में कूडा़-कबाड़ जमा नहीं होगा, अन्यथा परमांत्मा के नाम पर, पौंगा-पण्डितों के कहने पर, 3 वर्ष, 5 वर्ष, 7 वर्ष, 12 वर्ष में कुछ पशुओं, जीवों व बकरियाँ की हत्या कर इतराते रहोगे, हाथ कुछ नहीं लगेगा, ऐसे दुष्कर्म कृत्य से अथवा करवाने से पीढि़यों के सुकर्मों में भी पाप व कुकर्मों का कुनमोल भण्डार भरते रहोगे* 10- *जिसके पास जिग्यासा है, मेहनत करने का मादा है, कुछ कर सकने की उर्जा सक्रिय होती है, ग्यान की प्यास है, कुछ कर गुजरने की मन्शा है, तो, आपको कोई नहीं रोक सकता है, जीवन यापन करने व सफलता हासिल करने के लिए आपको किसी पहचान, पद अथवा दिखावे की कभी आवश्यकता नहीं पड़ती है, यह भी आवश्यक नहीं कि उनके पास कोई सरकारी पद हो, जादा धन, वेतन या पैंशन पाता हो, सफलता का सम्बन्ध एक विचार, एक जिग्यासा, एक कल्पना व उस पर कड़ी मेहनत करने से उत्पन्न होगी* 11- *मेहनत, सच्ची लगन, प्रत्येक से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार, हृदय में विनम्रता, सत्य का आचरण, स्वयं का सम्मान, आत्मीय सम्मान, उत्पन्न करना होगा, वशर्तें कोई पूर्वाग्रहों से पीड़ित न हो, रुपयावाद या भौतिकवाद से पीड़ित न हो, जो स्वयं को सम्मान देता हो वह दूसरों को सम्मान क्यों नहीं देगा, लेकिन स्वाभिमान व अंहकार में अन्तर करना होगा, यदि किसी को लगता है कि वह बहुत कुछ जानता है, तो वह गिरने की कगार पर है, ऐसा व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ पाता है, क्योंकि ऐसा समझना आत्मग्लानि का कारण है, कुकर्मों की अधिकता से, बदनामी से, असफलता से घिरा व्यक्ति अहंकार का शिकार हो जाता है, यह समझ लें कि- धन, पद, भौतिक सुख-सुविधाएं ये सभी जीवन यापन के साधन मात्र हैं, इनकी उपलब्धता या अधिकता कभी भी यह सिद्ध नहीं करती कि आप प्रखर बुद्धि के हैं, क्योंकि ग्यान का सम्बन्ध भौतिक वासनाओं से नहीं है, वासनापूर्ति, इन्द्रियों की शिथिलता तक समाप्त न होने वाली अपूर्ण तृप्ति से है, सच्चे आनन्द व आत्मीय सुख से इनका कोई मेल नहीं है* 12- *यदि जीवन में सुखी रहना चाहते हैं व जीवन यात्रा का आनन्द लेना चाहते हैं तो, अपने हृदय को सरल, निष्कपट, निश्छल, स्वच्छ व पवित्र रखना होगा, विनम्र व कृतग्य बनने का निरन्तर प्रयत्न करना होगा, बुरी संगत से मस्तिष्क को दूर रखना होगा, अन्यथा भौतिकवाद से परिपूर्ण होने पर भी कभी आत्मसुख व सच्ची अनुभूति नहीं हो सकेगी, हमें अपने भीतर से उत्पन्न सकारात्मक उर्जा से सक्रिय रहना होगा, स्वयं की समझ से प्रेरित होते होना होगा, संवैधानिक लाभ व ग्यान के कार्यों हेतु स्वयं को उकसाना होगा* 13- *दूसरे हमारे बारे में क्या राय रखते हैं या हमारे बारे में क्या सोचते या समझते हैं, क्या बदनामी देते हैं, ऐसी बातों पर कभी भी ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, नाहीं किसी से भिड़ने की आवश्यकता है, बस स्वयं को उन्नति के पथ पर धकेलते रहना है, समय लग सकता है, गिरने से बचना होगा, यदि आप असफल लोगों या नादानों की बातों पर अपना बुरा कर बैठे तो आप आगे नहीं चल पाएंगे, वे गिरे हुए लोग ऐसा ही चाहते हैं कि अमुक व्यक्ति कब हमसे उलझे, व कब इसे अपने लिए खोदे हुए खड्डे में खींच चलें, इसलिये स्वयं भी बचें व आसनों को भी बचाते चलें, समाज को भी बचाएं, आगे एक सुनहरा भविष्य आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, दुष्ट भावनाएं हमारे अन्दर कभी भी सच्चा सुख व आनन्द उत्पन्न नहीं होने देती* 14- *आज के रुपयावाद व भौतिकवाद युग में, हर मानव अपने को ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति अनुभव कर रहा है जो अच्छी बात है व होनी भी चाहिए, लेकिन यह समझ कि दूसरे उससे आगे न बढ़ें, उससे अधिक समझदार न हों, ऐसी भावना व समझ जिसके अन्दर भी उत्पन्न होगी वह दूसरों को कम समझने या आंकने की बीमारी होगी, यह एक निश्चित व कड़वा सत्य है कि उस पिण्ड, शारीरिक ढांचे, मन्दबुद्धि को, सबसे अधिक सीखने व सुधार करने की आवश्यकता होगी* 15- *हर योग्य अभिभावक, जिसे यह पता नहीं कि ये इन्टरनेट, व्हट्सअप, फेसबुक या अन्य आन्तरिक जाल सामग्री क्या है, या इसका क्या उपयोग है, तो वह अपनी आज की वैग्यानिक सोच वाली पीढ़ी का मार्ग दर्शन नहीं कर सकता है, यदि वह यह सब जानता है तो वह किसी भी स्कूल, कालेज, या आजकल के प्रचलन जैसे- प्राइवेट, अंग्रेजी अथवा कान्वेंट स्कूलों में पढ़ने वाली पीढ़ी को भले-बुरे का ग्यान बता सकता है, उसकी गतिविधियों पर नजर रख सकता है, समय रहते उन्हें उचित मार्गदर्शन कर सकता है कि उसके लिए क्या अच्छा या बुरा है*। 16- *एक महत्वपूर्ण बात यह है कि, दल (group) पर दूसरे क्या सामग्री प्रेषित करते या भेजते हैं अथवा क्यों भेजते हैं, अथवा क्यों लिखते हैं, हम सभी को अपनी विकसित समझ के अनुसार समझना व आंकलन करना होता है, यदि आपको अच्छा लगता है तो अवश्य अपनाए, यदि नहीं तो नकार दें, बस किसी से भिड़ने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि अपनी-अपनी समझ का एक दायरा होता है, कुछ लोग एक निश्चित दायरे से ऊपर नहीं सोच, समझ या देख पाते हैं* 17- *सरल हृदयी बनकर, सकारात्मक दृष्टि से हर बात के मौलिक तथ्य सामने आ जाते हैं, ऐसा करने से हम आवश्यक दृष्टि प्राप्त कर लेते हैं, हमें उचित ग्यान प्राप्त हो सकता है, यदि हमारा अपरिपक्व मस्तिष्क किसी बात को खराब समझ रहा है तो इसमें हमारी समझ में भी कमी हो सकती है, क्योंकि हम उसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि हमने अपने मन में उस बात के नकारात्मक तथ्य संजोए हुए हैं, हमारे पास उस सम्बन्ध में गलत अनुभव हो सकते हैं, जिस कारण हमें कुछ गलत प्रतीत होता है, नैट पर बंटने वाली सामग्री या चीजों में सिर्फ ग्यान व संदेश छुपा होता है, हमारी समझ, दृष्टिकोण व अनुभव उसे खराब या अच्छा समझ सकती है, जबकि कोई भी ग्यान अच्छा या खराब नहीं होता है, ग्यान सिर्फ ग्यान होता है, हमारी समझ या दृष्टिकोण में खराबी हो सकती है*। 18- *हम परम पिता परमात्मा व जगत जननी माँ से विनम्रता पूर्वक प्रार्थना करते हैं कि हमारे गांव की बेटियां, बहुएं व बालक खूब शिक्षित हों, ग्यानवान हों, बाल बच्चे होने के बाद भी पढ़ना बन्द ना करें, अपने रुचि के बिषयों पर पीएचडी कर सकें, डाक्टर की उपाधि लें, अपने शौधों से समाज व हम सभी को लाभ पहुंचाएं, लेकिन प्रमाण पत्रों व ग्यान के बीच के अन्तर को भी समझ सकें, यह समझना भी आवश्यक है कि दस्तावेज हासिल करने से कुछ नहीं होने वाला है, प्रमाण पत्रों का महत्व सिर्फ प्रवेश तक मान्य होता है, उसके बाद इनका महत्व राख के बराबर है, ध्यान रहे, प्रमाण पत्रों को नष्ट किया जा सकता है, लेकिन ग्यान को कभी नहीं, ग्यान ही प्रकाश है, परमाँत्माँ है, मौक्ष का आधार है, संसार पर विजय पाना है तो स्वयं को हराना सीखना होगा, स्वयं से जीत जाने पर ही संसार नतमस्तक होना चाहेगा* 19- *सदस्यों से विशेष* हां, दल पर कुछ भी सामग्री प्रेषित करने वाले महानुभावों से विनम्रता व प्रेमपूर्वक निवेदन है कि वे जिन संदेशों को स्वयं न पढ़ते हैं, न समझ सकते हों, उन्हें *इस दल पर प्रेषित करने में संकोच अवश्य कीजिएगा, कई बार समझदार समझे जाने वाले सज्जनों ने गहरी गलतियां की हैं, या तो उन्होंने स्वयं नहीं पढा़ या समझा, या उनकी समझ के दायरे की पकड़ में ऐसे बिन्दु न आ सके, जिसके कारण पीठ पीछे उनकी बुद्धि पर खूब चर्चा हुई, बात का बतंगड़ बना, स्वस्थ रहें, मस्त रहें, उचित समझ विकसित कीजिएगा, बुराई बुरी हो सकती हैं, लेकिन हम यदि उन्नति करने के इच्छुक हैं, तो हमें बुरा न बनकर, अपना नजरिया बदलना ही होगा, तभी समय को पकड़ कर उसके साथ चला जा सकता है, अन्यथा समय ने कई भंयकरों को विलुप्त होते देखा है। 20- *हे माँ, अपनी कोशिस रहती है कि सभी आपस में जुड़े रहें, प्रेम पूर्वक रहें, लेकिन हमारे पास ऐसी कोई घुट्टी भी नहीं कि जो आपको पिला दी जाए व आप दल (ग्रुप) पर नियमित बने रहें, हम किसी को कौन सी घुट्टी पिलाएं, ताकि लोग प्रत्येक को उसी रुप में स्वीकार कर सकें, जिस रुप में वह है, अनपढो़ वाली समझ व रास्ते पर चलने से आप शिक्षित व संस्कारी कैसे समझे जा सकते हैं* 21- *हे माँ, यदि हम अपने लोगों को (वैश्विक मानव समाज) अपने गांव, क्षेत्र, देश व विश्व वासियों के साथ ही एक साथ, मिलकर नहीं रह सकते हैं, तो निश्चित ही हमें बहुत कुछ जानने, सीखने व समझने की आवश्यकता है, हमें स्वयं में बहुत बड़े बदलाव लाने की आवश्यकता है, कुछ खराबी लोगों में नहीं, हमारी समझ में भी हो सकती है, हमारे संस्कारों में हो सकती है, हमारे ग्यान में हो सकती है, हमारे समझने व अनुभव करने के ढंग में हो सकती है, हमारे सामाजिक, जीवन, शिक्षा, ग्यान, एवं हमारे अभिभावकों द्वारा न सीखे होने के ढंग में हो सकती है, 22- *निम्नतर समाजों में कभी भी यह नहीं सिखाया जाता कि अमुक व्यक्ति अच्छा है, उससे लाभ लेना सीख लो, यह नहीं सिखाया जाता उसमें ये या ऐसी अच्छाई हैं, इसलिये वह सफल हुआ है, सफल व्यक्ति की सारी कमियां या खामियाँ बाहर करने लगेंगे, सिर्फ हम ही अच्छे हैं यह संस्कार व सिखलाई दी जाती है, हमारे आज के अजीब वर्तमान का कारण ऐसी ही बातें हैं, अविकसित समाज ऐसी ही चर्चा करते पाए जाते हैं, ऐसा सुनने वाले भी अपने अन्दर ऐसी बात संरछित कर अपना भविष्य भी बहुत उच्चता तक नहीं ले जा पाते, क्योंकि हम किसी को समझने का प्रयास ही नहीं करते हैं, व्यक्तित्व निर्माण के महत्व को हम समझते ही नहीं हैं, हमें सिखाया ही नहीं गया है, हम समझना ही नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने भी पशु प्रवृति में ही जीवन यापन कर लिया है, और हम भी अपने बच्चों के लिए बहुत प्रयासरत नहीं हैं, निम्नता, हमारे चिन्तन, मंथन, व बातों को समझने के ढंग में है, क्योंकि हमारा समाज अभी बहुत पिछड़ा हुआ है, हमें दुनिया के विकसित वंशजों व समाजों के साथ चलने में अभी बहुत बड़ी तपस्या की आवश्यकता है।* 23- *चाहे हमने कितना भी भौतिक विकास कर लिया हो, हम कितने भी आधुनिक सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हो गये हों, इनका महत्व तब तक रिक्त से भी निम्न्वत है, जब तक कि हमने आत्मिक व बौद्धिक विकास नहीं कर लिया, जब तक हमने सभी को उसी रुप में स्वीकार करना न सीख लिया, यदि हमने स्वयं को सुधारना सीख लिया तो अवश्य ही एक स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु प्रयास प्रारम्भ हो चुका होगा, पहले स्वयं, फिर परिवार, फिर समाज की कडी़-ऋंखला हमारे अन्दर, इसी जन्म में, जीते जी, स्वर्ग का निर्माण किया जा सकता है, तभी एक दिन हम मोक्ष के लिए मार्ग तैयार कर सकेंगे, जन्म-जन्मान्तरों से पीढ़ी दर पीढ़ी, हमारे अन्दर जो कूडा़-कबाड़, वैचारिक गन्दगी भरी पडी़ है, उसे हटाने हेतु नियमित प्रयत्न करना होगा, तब जाकर कहीं मानसिक व बौद्धिक उच्चता व उन्नति की और बढ़ सकेंगे, जहां ग्यान होगा वहां विनम्रता जागेगी, उसका प्रयोग व प्रभाव दिखेगा, विकास की अवधारणा जागेगी, अग्यान्ता का उन्मूलन होगा, लेकिन जहां अहंकार जागेगा वहां विनाश ही होगा, विनाश चाहे शरीर का हो, बुद्धि का हो, भावनाओं का हो, संवेदनाओं का हो, अउन्नति तो का कष्ट तो मस्तिष्क को ही होगा। 24- *हे माँ, सत्संग का अर्थ भजन-कृतन, हो-हल्ला नहीं है, इसका अर्थ अपने दिल, दिमाग, हृदय, मस्तिष्क, आचरण को सत्य के साथ स्थापित करना होता है, यहीं से शान्ति पथ व आत्मिक सुख के द्वार खुलते हैं, कई लोग यह समझते हैं कि उन्होंने परमात्मा की प्रतिमा या कागजी छवि, फोटो के आगे धूप- अगरबत्ती जलाकर, घन्डोली हिलाकर, शंख पे फूंक मारकर, थोड़ी देर आंखें बन्द कर *माँ जगत जननी* व *हरि ऊँ* पर कितना बड़ा अहसान कर लिया है, इन्हें खरीद लिया है, जबकि ये सब क्रियाएं प्रारम्भिक चरण हैं, आध्यात्मिक मार्ग की प्रथम सीढ़ी हैं, अभिभावकों द्वारा बचपन में दिये जाने वाले संस्कार हैं। क्या पूरी उम्र ऐसा ही करते रहेंगें, क्या इसमें आगे भी कुछ किया जाना होगा, तो सुनिए, जी हां, आगे ही सब कुछ है, पीछे सिर्फ बुनियाद होती है*। 25- *हे माँ, यदि किसी को ऐसा प्रतीत होता है कि मैं हमेशा ही पाप मार्ग पर चलूं व मेरे मरने के बाद गरुड़ पुराण करने, अमुक या निश्चित व्यापारिक केन्द्रों या स्थानों पर पिण्ड भरने, कथा-पाठ करने, करवाने से मुक्ति या मोक्ष मिल जाएगा, तो वे अपने जन्म-जात संस्कारों से ये बात जड़ से निकाल दें, अध्यात्मिक व्यवस्था में ऐसी कोई विद्या या विग्यान नहीं है कि आत्मां या प्राण को किसी युद्धक, लड़ाकू मिसाइल, राकेट की तरह जब चाहा, मनचाहे ग्रह या लोक में प्रक्षेपित कर लिया जाए, नहीं !!! यह सब एक षड़यंत्र का हिस्सा है, व्यापार का हिस्सा है, अग्यान्ता में रखने का गहरा षड़यंत्र है, जिस दिन आपका तीसरा नेत्र खुलेगा, उस दिन पश्चयताप के लिए भी समय न होगा* 26- *हे माँ, यदि कोई पाठक इन्हें पढ़ता है व उसे ऐसा प्रतीत होता है कि ये बातें उसे चुभ रही हैं, दिल को किसी भी रुप में प्रभावित कर रही हैं, तो निश्चित ही इन बातों के साथ सत्य में स्थिर होकर अपने अन्तर की आवाज से मिलान करें, न कि जैसा बामण जी ने बताया। माँ, ऐसा नहीं कहती कि धर्म-कर्म के कार्य गलत हैं, अवश्य किए जाने चाहिए, लेकिन इन सबसे पहले हमारा आचरण ठीक कराने की आवश्यकता है, सबसे प्रेम करने की आवश्यकता है, मिल-जुल कर रहने की आवश्यकता है, भाई-बन्धुओं की त्रुटियों को नजर अन्दाज करने की आवश्यकता है, सभी को प्रेमपूर्वक सुधारने की आवश्यकता है*। 27- *हे मां, बहू के रुप में नारियां दूसरे घरों से आईं होती हैं, वे अपने मायके के लिए बहुत स्वार्थी हो जाती हैं, ससुराल में एक ही दिन बज्रपात हो जाए वे बिल्कुल भी विचलित नहीं हो सकती हैं, लेकिन मायके में बिल्ला भी बीमार हो जाए तो यह घटना संसार की सबसे बड़ी घटना समझती है, वे भाइयों में फूट डाल सकती हैं, लेकिन उन नामर्दों को समझना होगा कि खून का रिश्ता व धन खर्च कर बनाये गये रिश्ते में किसको महत्व दिया जाना चाहिए, जो इन बातों का पालन कर सकता है तो उसकी पीढि़यां इससे लाभान्वित अवश्य होंगी, अन्यथा पशु व मानव में सिर्फ शारीरिक बनावट का अन्तर है, सामाजिकता व मानवीय गुण एकत्रित करने के बाद ही कोई पशु इस स्तर से ऊपर उठता है, जागृत होकर सामाजिक पशु याने मानव की श्रेणी में आंका जाने लगता है।* *!!! दया रहे !!!* *धन्यवाद* jaiveersinghr52@gmail.com jvs9366@gmail.com *🙏🏻❤❤ जै माँ ❤❤🙏🏻* ।। शून्य से अनन्त की ओर ।।
।। शून्य से अनन्त की ओर ।।
read moreश्रीजी इंदौर श्रीजी भक्ति
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर शुक्रवार सुबह गड़ीसर चौराहे से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद सुंदरकांड पाठ तथा महाप्रसादी का आयोजन किया गया। रात्रि में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हनुमान मंदिर परिसर को भव्य आकर्षक लाइटिंग व पुष्पों से सजाया गया। इसके साथ ही भगवान हनुमान व रामदरबार में पुष्पों से मनमोहक शृंगार भी किया गया। हनुमान प्रतिमा पर आकर्षक बागा भी धारण करवाया गया। सुबह से ही हनुमान भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में देखने को मिली। दिनभर हुए धार्मिक आयोजनों में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ भी किया। शोभायात्रा में हनुमानगढ़ के आए बैंड, सजे धजे घोड़े, ऊंट एवं विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियां सम्मिलित रहीं, जो शहरभर में आकर्षण का केंद्र रहीं। शोभायात्रा में विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं तथा युवकों ने भी सहयोग दिया। शोभायात्रा गडीसर चौराहे से आरंभ होकर आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक से हनुमान चौराहे होती हुई मंदिर स्थल तक पहुंची। यहां विभिन्न झांकियों में भाग लेने वाले बालक बालिकाओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंदिर में यज्ञ हवन तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। पुजारी किशनलाल शर्मा ने बताया कि 8 बजे महाआरती के बाद सुंदरकांड पाठ आयोजन किया गया। उसके बाद महाप्रसादी रामरसोड़ा का आयोजन किया गया। इस दौरान संपूर्ण दिवस विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन हुए। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा का शहर भर में जगह-जगह स्वागत किया गया। शोभायात्रा का शहर के मुख्य मार्गों पर विभिन्न समाजों के लोगों द्वारा स्वागत कर पुष्प वर्षा की गई। इसके साथ ही शोभायात्रा के स्वागत के लिए मुख्य स्थानों पर आकर्षक रंगोलियां बनाकर स्वागत किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर गजटेड हनुमान मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर अमनचैन व खुशहाली की कामना की। सुबह से ही हनुमान भक्तों की रेलमपेल मंदिर में लगी रही। वहीं शाम होते ही गजटेड हनुमान मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ने लगा। शाम को श्री गजटेड हनुमान मंदिर में भव्य भजन संध्या हुई। इसमें भजन कलाकारों ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हनुमान जयंती के अवसर पर शहर स्थित सभी हनुमान मंदिरों में दिनभर धार्मिक कार्यक्रम हुए। हनुमान चौराहे पर स्थित हनुमान मंदिर में सुबह हनुमान प्रतिमा पर भव्य बागा धारण करवाया गया, वहीं शाम को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। धर्म.समाज जैसलमेर. गजटेड हनुमान मंदिर में शाम काे अायाेजित महाअारती में उमड़ी श्रद्धालुअाें की भीड़। पोकरण. हनुमानजी की प्रसादी के लिए बनाया रोट। हनुमान प्रतिमा पर चढ़ाया 615 किलाे का रोट पोकरण | हनुमान जयंती पर सालमसागर तालाब पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में शहर का मुख्य समारोह आयोजित हुआ। सुबह से देर शाम तक जहां कई धार्मिक कार्यक्रम हुए, वहीं श्रद्धालुओं तथा जनसहयोग से बनाए गए 615 किलो के विशाल रोट का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी हरिवंश दवे ने बताया कि जयंती महोत्सव के तहत शास्त्रोक्त विधि-विधान के अनुसार हनुमान लला क जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर में सुबह आचार्यों के सान्निध्य में हनुमान प्रतिमा पर तेल व सिंदूर अर्पित किया गया। आचार्य पं. अजय व्यास व गिरीराज पुरोहित ने मुख्य यजमान ज्योतिष व्यास व रुद्रीपाठियों द्वारा शिव के अवतार हनुमान का रुद्राभिषेक संपन्न कराया। इस अवसर पर वेदपाठियों में मांगीलाल ओझा, नंदकिशोर दवे, नवल जोशी, राजा पुरोहित भी मौजूद रहे। संकटमोचन हनुमान मंदिर में श्रद्धालु द्वारा आकर्षक रोशनी से सजाया गया। इसके साथ ही हनुमान प्रतिमा का विभिन्न पुष्पों से शृंगार किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों की कड़ी में शुक्रवार की दोपहर को संकटमोचन हनुमान मंदिर परिसर में सुंदरकांड मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुए, साथ ही पोकरण के सेलवी गांव में सिद्धपीठ कदलीवन धाम में सुबह 10.30 बजे से श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड के पाठ किए। शाम को 5 बजे फलसूंड रोड स्थित महारथी मारुती सेवा सदन में सुंदरकांड के पाठ हुए। इसमें स्थानीय व आस-पास क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद छप्पनभोग की प्रसादी व भजन संध्या का आयोजन किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर पारंगत कारीगरों द्वारा बनाया गया 615 किलो रोट के हनुमान प्रतिमा को प्रसाद चढ़ाने के पश्चात प्रसादी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न मोहल्लों से सभी समुदायों ने हनुमान मंदिर में दर्शनों के पश्चात महाप्रसादी में प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। हनुमान जयंती समारोह के तहत ग्राम पंचायत डिडाणिया के बाबूपुरा गांव के राम दरबार हनुमान मंदिर के नवनिर्मित मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जसराज माली ने बताया कि बाबूपुरा गांव में नवनिर्मित मंदिर में रामदरबार और हनुमान की नवनिर्मित मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान महंत प्रतापपुरी महाराज के साथ-साथ संत नारायणदास महाराज, संत अभय साहेब, संत धीरजपुरी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सुबह 9 बजे कस्बे में कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बालिकाएं मंगल कलश शिरोधार्य कर शोभायात्रा में शामिल हुई, वहीं अभिजीत मुहूर्त में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा व शिखर पूजन किया गया। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव-ढाणियों में इन दिनों हनुमान जयंती पर भारीभरकम रोट चढ़ाने का क्रेज बढ़ने लगा है, कहीं 400 किलो तो कहीं 600 किलो का रोट तैयार कर हनुमान प्रतिमा के समक्ष भोग लगाया गया है। आटे के भारी भरकम रोट बनाने के लिए पोकरण शहर काफी विख्यात रहा है। विशेषकर हनुमान मंदिरों में प्रसादी के रूप में 51, 101, 201 व 501 किलो आटे के अखंड रोट चढ़ाए जाते रहे हैं। अंगारों पर खड़ा रखकर बनाते है यह रोट अखंडित रोट निर्माण की कला में पारंगत चिरंजीलाल गुचिया उर्फ लाल भा ने बताया कि इस रोट निर्माण में चार दिनों के समय लगता है। जिसके साथ ही आटे को पकाने के लिए अंगारों पर खड़ा रहना पड़ता है। साथ ही लकड़ी, फावड़े तथा अन्य सामान से अंगारों को उठाकर रोटे के चारों ओर डालना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई बार रोट निर्माण के दौरान सहकर्मी घायल भी हो जाते हैं, लेकिन रोट पकाने के लिए इन छोटे-मोटे घावों को दरकिनार करना पड़ता है। अन्यथा आटे तथा अन्य सामग्री से बनने वाला यह रोट कच्चा रह जाता है। शहर के अधिकतर हनुमान मंदिरों में रोट चढ़ाए गए। जिसमें शहर के सालमसागर तालाब स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में 613 किलो का रोट तैयार किया गया, जिसमें 225 किलो आटा के साथ साथ 130 किलो दूध, 80 किलो शक्कर, 150 किलो घी, 30 किलो मेवा का उपयोग लिया गया। इसके साथ ही बांकना हनुमान मंदिर में हनुमान प्रतिमा को 521 किलो रोटे का भोग लगाया गया। इसमें 221 किलो आटा, 80 किलो शक्कर, 100 किलो दूध, 120 किलो घी डालकर तैयार किया गया। हनुमान प्रतिमा पर चढ़ाया 615 किलाे का रोट पोकरण | हनुमान जयंती पर सालमसागर तालाब पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में शहर का मुख्य समारोह आयोजित हुआ। सुबह से देर शाम तक जहां कई धार्मिक कार्यक्रम हुए, वहीं श्रद्धालुओं तथा जनसहयोग से बनाए गए 615 किलो के विशाल रोट का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी हरिवंश दवे ने बताया कि जयंती महोत्सव के तहत शास्त्रोक्त विधि-विधान के अनुसार हनुमान लला क जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर में सुबह आचार्यों के सान्निध्य में हनुमान प्रतिमा पर तेल व सिंदूर अर्पित किया गया। आचार्य पं. अजय व्यास व गिरीराज पुरोहित ने मुख्य यजमान ज्योतिष व्यास व रुद्रीपाठियों द्वारा शिव के अवतार हनुमान का रुद्राभिषेक संपन्न कराया। इस अवसर पर वेदपाठियों में मांगीलाल ओझा, नंदकिशोर दवे, नवल जोशी, राजा पुरोहित भी मौजूद रहे। संकटमोचन हनुमान मंदिर में श्रद्धालु द्वारा आकर्षक रोशनी से सजाया गया। इसके साथ ही हनुमान प्रतिमा का विभिन्न पुष्पों से शृंगार किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों की कड़ी में शुक्रवार की दोपहर को संकटमोचन हनुमान मंदिर परिसर में सुंदरकांड मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुए, साथ ही पोकरण के सेलवी गांव में सिद्धपीठ कदलीवन धाम में सुबह 10.30 बजे से श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड के पाठ किए। शाम को 5 बजे फलसूंड रोड स्थित महारथी मारुती सेवा सदन में सुंदरकांड के पाठ हुए। इसमें स्थानीय व आस-पास क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद छप्पनभोग की प्रसादी व भजन संध्या का आयोजन किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर पारंगत कारीगरों द्वारा बनाया गया 615 किलो रोट के हनुमान प्रतिमा को प्रसाद चढ़ाने के पश्चात प्रसादी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न मोहल्लों से सभी समुदायों ने हनुमान मंदिर में दर्शनों के पश्चात महाप्रसादी में प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। हनुमान जयंती समारोह के तहत ग्राम पंचायत डिडाणिया के बाबूपुरा गांव के राम दरबार हनुमान मंदिर के नवनिर्मित मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जसराज माली ने बताया कि बाबूपुरा गांव में नवनिर्मित मंदिर में रामदरबार और हनुमान की नवनिर्मित मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान महंत प्रतापपुरी महाराज के साथ-साथ संत नारायणदास महाराज, संत अभय साहेब, संत धीरजपुरी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सुबह 9 बजे कस्बे में कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बालिकाएं मंगल कलश शिरोधार्य कर शोभायात्रा में शामिल हुई, वहीं अभिजीत मुहूर्त में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा व शिखर पूजन किया गया। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव-ढाणियों में इन दिनों हनुमान जयंती पर भारीभरकम रोट चढ़ाने का क्रेज बढ़ने लगा है, कहीं 400 किलो तो कहीं 600 किलो का रोट तैयार कर हनुमान प्रतिमा के समक्ष भोग लगाया गया है। आटे के भारी भरकम रोट बनाने के लिए पोकरण शहर काफी विख्यात रहा है। विशेषकर हनुमान मंदिरों में प्रसादी के रूप में 51, 101, 201 व 501 किलो आटे के अखंड रोट चढ़ाए जाते रहे हैं। अंगारों पर खड़ा रखकर बनाते है यह रोट अखंडित रोट निर्माण की कला में पारंगत चिरंजीलाल गुचिया उर्फ लाल भा ने बताया कि इस रोट निर्माण में चार दिनों के समय लगता है। जिसके साथ ही आटे को पकाने के लिए अंगारों पर खड़ा रहना पड़ता है। साथ ही लकड़ी, फावड़े तथा अन्य सामान से अंगारों को उठाकर रोटे के चारों ओर डालना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई बार रोट निर्माण के दौरान सहकर्मी घायल भी हो जाते हैं, लेकिन रोट पकाने के लिए इन छोटे-मोटे घावों को दरकिनार करना पड़ता है। अन्यथा आटे तथा अन्य सामग्री से बनने वाला यह रोट कच्चा रह जाता है। शहर के अधिकतर हनुमान मंदिरों में रोट चढ़ाए गए। जिसमें शहर के सालमसागर तालाब स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में 613 किलो का रोट तैयार किया गया, जिसमें 225 किलो आटा के साथ साथ 130 किलो दूध, 80 किलो शक्कर, 150 किलो घी, 30 किलो मेवा का उपयोग लिया गया। इसके साथ ही बांकना हनुमान मंदिर में हनुमान प्रतिमा को 521 किलो रोटे का भोग लगाया गया। इसमें 221 किलो आटा, 80 किलो शक्कर, 100 किलो दूध, 120 किलो घी डालकर तैयार किया गया। धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गज हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...श्री भक्ति इंदौर 9826241004
श्रीजी इंदौर श्रीजी भक्ति
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई।
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई।
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श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई।
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई।
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 13 - राजसी श्रद्धा 'भारत की जनसंख्या बराबर बढ़ती जा रही है। इस बढती हुई जनसंख्या को भोजन देने की समस्या कम विकट नहीॆं है।' मैं यात्रा कर रहा था रेल के द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में। उसमें एक स्वच्छ खद्दरधारी पुरुष सामने की बैठक पर विराजमान थे और बड़े उत्साह से वे अपने पास बैठे एक दूसरे सज्जन को समझा रहे थे कि अन्न उत्पादन के लिए सरकार की क्या-क्या योजना है। 'आप बुरा न मानें तो मैं एक घटना सुनाऊँ।' एक गरिक वस्त्रधारी सन्यासी बीच में बोल उठ
read moreपंकज मौर्य
: चोर कौन है और ईमानदार कौन है ? इसे पढ़े ! : पेंशन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे अब में घर जाकर देता हूँ ।। फिर भी बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : 500 रूपये मात्र में बिजली का कनेक्शन लेकर बोलते हो BJP ने क्या किया है ।।। : मिस कॉल मारते थे दोगले ।। अब विडियो कॉल करते है बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर हजारों लाखों लुटाते थे । अब भामाशाह योजना से फ्री में हर प्रकार का इलाज हो रहा है पर दोगले बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : धुंए से आंखे खराब हो गयी थी ।। अब गैस सिलेंडर मिले है सभी परिवारों को ।। पर बोलेंगे BJP ने क्या किया है ।। : सड़कों पर साधन से तो क्या पैदल चलने से दूभर हो जाता था अब मलाई जैसी सड़कों पर चलते हो ।। बोलते हो BJP ने क्या किया है ।। कांग्रेश राज में आंतकवादी ताज होटल तक आ जाते थे ।। अब उनके ही घरों में घुसकर मारते है ।। बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : पहले मूलनिवास और जाति प्रमाण पत्र के लिए तहसीलों के चक्कर काटने पड़ते थे ।। अब ये सुविधा ईमित्र पर हो गयी खुद के गांव में । कहीं भी नही जाना नही पड़ता ।। बोलते है BJP ने क्या किया है : 8 रुपये में भरपेट खाना खाकर बोलते हो ।। BJP ने क्या किया है : 95 का मोबाइल लेकर बोलते है BJP ने क्या किया है पहले राशन डीलर अपनी खाद्य सामग्री डकार जाते थे ।। ओर अब फिंगरप्रिंट से फर्जीवाड़ा बन्द हो गया है ।। हमारे हक की सामग्री सिर्फ हमे ही मिलती है बोलते है BJP ने क्या किया है #राजस्थान में 8₹ में भर पेट खाना 95 का मोबाईल घर शौचालय और #भामाशाह_योजना का लाभ उठाकर कहतें हैं 5 साल में BJP ने क्या किया है : सोनिया गांधी विश्व की चौथी सबसे अमीर राजनेता है पर चोर तो मोदी है😆😆 : चंद्रबाबू नायडू के 3 साल के पोते की संपत्ति 18.71 करोड़ है पर चोर तो मोदी है 😜😜 : मोदी 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद खुद का एक घर नही बना सके और अखिलेश यादव एक बार ही मुख्यमंत्री होने के बाद लखनऊ में 300 करोड़ का होटल बनवा रहे है ..पर चोर तो मोदी है🤪🤪😆 : मायावती के पास 4785 करोड़ की संपत्ति है पर चोर तो मोदी है😆😆 कुछ लोग तो इसे शेयर तो दूर पढ़ेंगे भी नहीं, यह भी एक सत्य है ! मोदी सरकार के साढ़े चार सालों में विकास पैदा हुआ या नहीं, और हुआ तो कितना हुआ.?? यह अलग बात है, लेकिन एक भी अफजल पैदा नहीं होने दिया गया ! यही है अच्छे दिन ! साल भर में 676 आतंकवादी ठोकने के बाद, मोदी जी ने कहा, आओ बात करते हैं ! इसी को कहते हैं बातचीत का माहौल बनाना ! आतंकवादी खत्म हो रहे है, कांग्रेस परेशान हैं 😬 कांग्रेस खत्म हो रही है, आतंकवादी परेशान हैं ! 🙄 ये रिश्ता क्या कहलाता है.??? हिजबुल चीफ कश्मीरी आंतकवादी सैयद सलाउद्दीन जिसके 12 बच्चे हैं ! सभी को कांग्रेस के शासनकाल में सरकारी नौकरियां मिल गई थी ! 😖😖 मोदी सरकार में 4 बर्खास्त हुए 3 सस्पेंड और 2 को NIA ने गिरफ्तार किया है ! आखिर कब तक.?? आलू, टमाटर, दाल, डीजल, पेट्रोल के लिए वोट करते रहोगे.?? अभी भी समय है अपने धर्म व अपने देश के लिए वोट कर लो, क्योंकि धर्म बचेगा तभी देश बचेगा ! 100 साल पुरानी पार्टी, आज किसी भी राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है ! और कितने अच्छे दिन चाहिये.?? मोदी जी ट्रंप, पुतिन, शिंजो आबे के साथ दोस्ती बढ़ा रहे हैं, और राहुल कन्हैया, हार्दिक और जिग्नेश के साथ ! औकात अपनी अपनी ! पहले आतंकवादी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में होटल ताज तक पहुँच जाते थे, अब कश्मीर भी पूरा पार नहीं कर पा रहे है, ये है नोटबंदी और 56 इंच का दम ! मेरा देश बदल रहा है ! 😊🤘 134 साल पुरानी कांग्रेस आज 26 साल के "हार्दिक" के चरणों में पड़ी हुई है, और कितने अच्छे दिन चाहिए.??? बुरा लगे तो मुंह धो लेना, अच्छे लगा हो तो आगे फॉरवर्ड कर देना ! सनातन हिन्दू धर्म व हिन्दू राष्ट्र हित में जारी....✍ 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
पंकज मौर्य
: चोर कौन है और ईमानदार कौन है ? इसे पढ़े ! : पेंशन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते थे अब में घर जाकर देता हूँ ।। फिर भी बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : 500 रूपये मात्र में बिजली का कनेक्शन लेकर बोलते हो BJP ने क्या किया है ।।। : मिस कॉल मारते थे दोगले ।। अब विडियो कॉल करते है बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर हजारों लाखों लुटाते थे । अब भामाशाह योजना से फ्री में हर प्रकार का इलाज हो रहा है पर दोगले बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : धुंए से आंखे खराब हो गयी थी ।। अब गैस सिलेंडर मिले है सभी परिवारों को ।। पर बोलेंगे BJP ने क्या किया है ।। : सड़कों पर साधन से तो क्या पैदल चलने से दूभर हो जाता था अब मलाई जैसी सड़कों पर चलते हो ।। बोलते हो BJP ने क्या किया है ।। कांग्रेश राज में आंतकवादी ताज होटल तक आ जाते थे ।। अब उनके ही घरों में घुसकर मारते है ।। बोलते है BJP ने क्या किया है ।। : पहले मूलनिवास और जाति प्रमाण पत्र के लिए तहसीलों के चक्कर काटने पड़ते थे ।। अब ये सुविधा ईमित्र पर हो गयी खुद के गांव में । कहीं भी नही जाना नही पड़ता ।। बोलते है BJP ने क्या किया है : 8 रुपये में भरपेट खाना खाकर बोलते हो ।। BJP ने क्या किया है : 95 का मोबाइल लेकर बोलते है BJP ने क्या किया है पहले राशन डीलर अपनी खाद्य सामग्री डकार जाते थे ।। ओर अब फिंगरप्रिंट से फर्जीवाड़ा बन्द हो गया है ।। हमारे हक की सामग्री सिर्फ हमे ही मिलती है बोलते है BJP ने क्या किया है #राजस्थान में 8₹ में भर पेट खाना 95 का मोबाईल घर शौचालय और #भामाशाह_योजना का लाभ उठाकर कहतें हैं 5 साल में BJP ने क्या किया है : सोनिया गांधी विश्व की चौथी सबसे अमीर राजनेता है पर चोर तो मोदी है😆😆 : चंद्रबाबू नायडू के 3 साल के पोते की संपत्ति 18.71 करोड़ है पर चोर तो मोदी है 😜😜 : मोदी 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद खुद का एक घर नही बना सके और अखिलेश यादव एक बार ही मुख्यमंत्री होने के बाद लखनऊ में 300 करोड़ का होटल बनवा रहे है ..पर चोर तो मोदी है🤪🤪😆 : मायावती के पास 4785 करोड़ की संपत्ति है पर चोर तो मोदी है😆😆 कुछ लोग तो इसे शेयर तो दूर पढ़ेंगे भी नहीं, यह भी एक सत्य है ! मोदी सरकार के साढ़े चार सालों में विकास पैदा हुआ या नहीं, और हुआ तो कितना हुआ.?? यह अलग बात है, लेकिन एक भी अफजल पैदा नहीं होने दिया गया ! यही है अच्छे दिन ! साल भर में 676 आतंकवादी ठोकने के बाद, मोदी जी ने कहा, आओ बात करते हैं ! इसी को कहते हैं बातचीत का माहौल बनाना ! आतंकवादी खत्म हो रहे है, कांग्रेस परेशान हैं 😬 कांग्रेस खत्म हो रही है, आतंकवादी परेशान हैं ! 🙄 ये रिश्ता क्या कहलाता है.??? हिजबुल चीफ कश्मीरी आंतकवादी सैयद सलाउद्दीन जिसके 12 बच्चे हैं ! सभी को कांग्रेस के शासनकाल में सरकारी नौकरियां मिल गई थी ! 😖😖 मोदी सरकार में 4 बर्खास्त हुए 3 सस्पेंड और 2 को NIA ने गिरफ्तार किया है ! आखिर कब तक.?? आलू, टमाटर, दाल, डीजल, पेट्रोल के लिए वोट करते रहोगे.?? अभी भी समय है अपने धर्म व अपने देश के लिए वोट कर लो, क्योंकि धर्म बचेगा तभी देश बचेगा ! 100 साल पुरानी पार्टी, आज किसी भी राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है ! और कितने अच्छे दिन चाहिये.?? मोदी जी ट्रंप, पुतिन, शिंजो आबे के साथ दोस्ती बढ़ा रहे हैं, और राहुल कन्हैया, हार्दिक और जिग्नेश के साथ ! औकात अपनी अपनी ! पहले आतंकवादी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में होटल ताज तक पहुँच जाते थे, अब कश्मीर भी पूरा पार नहीं कर पा रहे है, ये है नोटबंदी और 56 इंच का दम ! मेरा देश बदल रहा है ! 😊🤘 134 साल पुरानी कांग्रेस आज 26 साल के "हार्दिक" के चरणों में पड़ी हुई है, और कितने अच्छे दिन चाहिए.??? बुरा लगे तो मुंह धो लेना, अच्छे लगा हो तो आगे फॉरवर्ड कर देना ! सनातन हिन्दू धर्म व हिन्दू राष्ट्र हित में जारी....✍ 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Anil Siwach
।।श्री हरिः।। 33 - यह अर्चक कभी कोई ऋषि-मुनि वन में भी आ जाते हैं। वैसे नन्द भवन में तो ये आते ही रहते हैं। बाबा, मैया इन लोगों की बडी श्रद्धा से पूजा करते हैं। कन्हाई सम्भवतः यही देख-देखकर ऋषियों की अर्चा करना सीख गया है। कोई ऋषि वन में आ जायें तो यह चपल सहसा गम्भीर हो जाता है। सभी गोपकुमार श्रद्धालु हैं। ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने में उनकी सेवा-पूजा करने में सब उत्साह रखते हैं; किंतु यह काम कन्हाई से जैसा उत्तम बनता है, दूसरों से तो नहीं बनता। इसलिये ऐसे समय यह स्वयं अग्रणी बन जाता है। दाऊ द
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