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Best सवर्ण Shayari, Status, Quotes, Stories

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Nisheeth pandey

तुम्हारा प्यार
 आरक्षण सा 
सरल  ....
मेरा प्यार 
कमबख्त सवर्ण सा 
जटिल और कठिन ...... 

🤔निशीथ🤔 #तुम्हारा #प्यार #आरक्षण सा #सरल  ....
#मेरा_प्यार #कमबख्त #सवर्ण सा #जटिल और #कठिन ...... 

🤔🤔🤔

ओमेन्द्र ठाकुर

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किसी सवर्ण ने कभी नहीं लगाए देश विरोधी नारे 

भारत में एक तबका ऐसा हैं, जिसे दलित के नाम से जाना जाता है। इनके शोषण का आरोप सवर्णों पर लगता रहा है। इनके उत्थान के लिए देश में कई कानून भी बने हैं, लेकिन देश के विरोध में जब जब नारेबाजी हुई उसमे ये ही शोषित शामिल रहे। चाहें वो कन्हैया कुमार हो या कोई अन्य। अगर ये लोग देश के विरोध में आवाज बुलंद कर सकते हैं तो शोषित कैसे हैं? आज तक किसी भी मजहब के किसी सवर्ण ने ऐसा नहीं किया।

Deepak Sharma

true lines

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. *नए अछूत* 

हमको देखो हम सवर्ण हैं
भारत माँ के पूत हैं,
लेकिन दुःख है अब भारत में,
हम सब 'नए अछूत' हैं;

सारे नियम सभी कानूनों ने,
हमको ही मारा है;
भारत का निर्माता देखो,
अपने घर में हारा है;
नहीं हमारे लिए नौकरी,
नहीं सीट विद्यालय में;
ना अपनी कोई सुनवाई,
संसद में, न्यायालय में;
हम भविष्य थे भारत माँ के,
आज बने हम भूत हैं;
बेहद दुःख है अब भारत में;
हम सब 'नए अछूत' हैं;

'दलित' महज़ आरोप लगा दे,
हमें जेल में जाना है;
हम-निर्दोष, नहीं हैं दोषी,
ये सबूत भी लाना है;
हम जिनको सत्ता में लाये,
छुरा उन्हींने भोंका है,
काले कानूनों की भट्ठी,
में हम सब को झोंका है;
किसको चुनें, किन्हें हम मत दें?
सारे ही यमदूत हैं;
बेहद दुःख है अब भारत में;
हम सब 'नए अछूत' हैं;

प्राण त्यागते हैं सीमा पर,
लड़ कर मरते हम ही हैं;
अपनी मेधा से भारत की,
सेवा करते हम ही हैं;
हर सवर्ण इस भारत माँ का,
एक अनमोल नगीना है;
अपने तो बच्चे बच्चे का,
छप्पन इंची सीना है;
भस्म हमारी महाकाल से,
लिपटी हुई भभूत है;
लेकिन दुःख है अब भारत में,
हम सब 'नए अछूत' हैं..

देकर खून पसीना अपना,
इस गुलशन को सींचा है;
डूबा देश रसातल में जब,
हमने बाहर खींचा है;
हमने ही भारत भूमि में,
धर्म-ध्वजा लहराई है;
सोच हमारी नभ को चूमे
बातों में गहराई है; 
हम हैं त्यागी,हम बैरागी,
हम ही तो अवधूत हैं;
बेहद दुःख है अब भारत में,
हम सब 'नए अछूत' है
*समस्त सवर्ण समाज के सभ्य बंधुओ को समर्पित*क्रपा करके इस कविता को बिना परिवर्तित किये अपने सभी लोगों को पोस्ट जरूर करें 🙏 true lines

SHIVENDRA TRIVEDI

विनाश का, कुरुपतम ,, . रुप मैं कहूँ इसे! सुपथ्य हेतु आप के लिए, . जिसे चुना गया!! जमी है तलहटी में जिसके , . लाशे हैं सवर्ण की , राज कि समाज कि, . हैं निम्नतम सि सोंच जो,

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विनाश का, कुरुपतम ,,
.         रुप मैं कहूँ इसे!
सुपथ्य हेतु आप के लिए,
.        जिसे चुना गया!!
जमी है तलहटी में जिसके ,
.       लाशे हैं सवर्ण की ,
राज कि समाज कि,
.      हैं निम्नतम सि सोंच जो,


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