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BANDHETIYA OFFICIAL
White गोदी में बैठे बच्चों को लगता है, पापा जल्दी-जल्दी कुर्सी पर बैठें तो अपना खेल जारी रहे -- अक्कड़ -बक्कड़ -बम्बे -बो ... पर पापा हैं कि खोज रहे बैसाखी दो😂😂 ©BANDHETIYA OFFICIAL #गोदी
अदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C2SOWaLPCeb/?igsh=eXV0NjQ1eW1vZnM3 #हिंदी #चतुर्थस्तंभ #पत्रकार #दलाल #गोदी #गोदी_मीडिया #बेशर्मी #Instagram #Facebook #अदनासा
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विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtu.be/YY-hLNY66ks?si=CbdWmUb2Q14fwSQD #भारत #हिंदी #गोदी #गोदी_मीडिया #राजनीति #लोकतंत्र #व्यंग्य #Instagram #Facebook #अदनासा
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विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार 💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C1O015_P5Pg/?igsh=MXhyazFmMDRkZHg0Zw== #हिंदी #गोदी #गोदी_मीडिया #चतुर्थस्तंभ #पत्रकारिता #एंकर #Instagram #Facebook #अदनासा
read moresonali
तेरी ही #गोदी में बीता बचपन तुमसे ही है दिल की #धडकन इस #रिश्ते को माँ कहते है पर मेरे लिए तो भगवान# है तू ©Deepak Kashyap Kashyap #sadquotes #Nojoto #maa
Raju 7256093980
तुम तेरे आंगन की वो धूप, ढलने लगी है तेरे चाँद की रोशनी, धटने लगी है तेरा चेहरा यादो से, अब मिटने लगा है।
read moreBabloo Patuwasia( kabeera)
क्यों ना थोड़ा सा उनका ख्याल भी किया जाए ।। जिन्होंने जिन्दगी भर हमारा ख्याल रखने की भागदौड़ में ख़ुद का ख्याल नहीं रखा। चख सकते थे जिन्दगी का वो हर स्वाद मगर हमारी जिंदगी में मीठास भरने के लिए ना खट्टा ना मीठा चखा। चलो आज उन्हें कुछ टेस्टी खिलाते है। जो सुलाते रहे हमें अपनी गोदी में। चलो आज उन्हें अपनी गोदी में सुलाते है।। चलो आज उन्हें 55 में बचपन का एहसास दिलाते हैं। ख़ुद बड़े होकर बच्चा उन्हें बनाते है।।।।।।।।।। thanks maa Baba......... #nozoto #मां #बाबा Internet Jockey Sana Kapoor Sagar Kumar Pooja Goyal Suman Lata
Raushan Ram
एक गुजारिश माँ से.... ................................. माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! माँ पता है मुझको, मेरी फ़िकर हमेशा तु करती है. अब करता ना हूँ कोई नखरे ,जो मिलता है सो खाता हूँ, कई रात तो माँ अब मैं भुखे ही सो जाता हूँ! लोगों से मिला है मुझे बहुत ही प्यार, पर किया ना कोई तुझसा दुलार! माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! पास बिठा के माँ मुझको बचपन कि वो लोरी सुना, जानी-अनजानी मुझको फ़िरसे भुतों वाली काहानी सुना! मन करता है डर छुप जाऊँ जाके तेरी आँचल में, माँ आज भी मुझको आता याद तेरा वो सिक्का है, बिन माँगे ही कहती थी, यहाँ पैसा ये किसका है! माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! माँ खा लुँगा अब वो भी खीर, जो नखरे में ना खाता था, अच्छा ना है ये कह कर गुस्से से मैं सो जाता था! फ़िर नखरे उठा कर तु मेरी बड़े प्यार से खिलाती थी, बस आखिर बार है ये कह कर, खिलाते ही तु रहती थी! माँ मुझको वापस घर ले बुला, गोदी मे मुझको फिर से सुला! एक गुजारिश माँ से
एक गुजारिश माँ से
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