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धर्मेश राजपूत
White जाने क्यों रूठ गई है सदायें मेरे आँगन की में भोर होने तक देहरी पर खड़ी रहती हूँ ©धर्मेश राजपूत विधवा #Nojoto #YourQuoteAndMine #writer #DJ #nojotostar #विधवा #नारी #nojohindi #singleboy #wordporn Lalit Saxena puja udeshi Sharma_N Sm@rty divi p@ndey(good bye nojoto) Anshu writer लव स्टोरी लव शायरी हिंदी में लव स्टेटस लव कोट्स शायरी लव रोमांटिक
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read moreधर्मेश राजपूत
इजाजत हो तो फिर से तेरी सूनी मांग भर दूँ क्या जो बाकी है मेरी जिंदगी सारि तेरे नाम कर दूं क्या तेरे पतझड़ से जीवन को सावन की मल्हार दे दूं क्या तेरी सुनी कलाइयों को चूड़ियों का बाजार दे दूँ क्या तेरी पाकीज़गी पर उठाते है सवाल कुछ लोग यहां तू कहे तो इनको को में तेरे दिल का हाल दे दूं क्या तेरे बेजुबां दर्दो की कहानी भला कौन समझेगा यहां गर इजाजत हो तो तेरे दर्दो को जरा सी चाल दे दूं क्या
read moreRavindra Singh
क्यूँ छीन लेता है, सुहाग स्त्रियों के… हे परमात्मा तू तो दया का सागर है , फिर बता तू क्यूँ कभी-कभी निर्दयी हो जाता है । क्यूँ छीन लेता है, सुहाग उन स्त्रियों के, जिनका जीवन सही से, शुरू भी नहीं हुआ होता है । अगर नहीं पता तो देख, कभी झाँककर उनके सूने दिल में , फफक-फफककर, रो रातों को , ये कितने तकिये भिगोता है । जो उनके अपने हैं , वो घर बैठें तो नुख़राने लगते हैं , अगर जाये बाहर नौकरी करने, तो आरोप ग़लत लगाने लगते हैं । उनकी चाह सजने-सँवरने की, मन से जैसे मिट-सी जाती है , वो बहुत कुछ रखती हैं अरमान दिल में, मगर बिन साजन कह नहीं पाती हैं । अब वो एक माँ भी हैं , तो टूटा हुआ नहीं देख सकती अपने बच्चों के ह्रदय को , वो दिलाती हैं दिलासा उन्हें, पिता नहीं हैं उनके तो क्या हुआ , माँ के साथ-साथ , वो पिता का भी फ़र्ज़ अदा करेंगी । नहीं हटेंगी पीछे कैसे भी हालात हों, उनकी परवरिश के लिए , वो जीवन की हर चुनौती से लड़ेंगी । माना तू रखता होगा हिसाब-किताब , पिछले जन्म के कर्मों का, लेकिन कैसे करें यक़ीन तुझ पर, तू क्यूँ एक जन्म का हिसाब, उसी जन्म में नहीं करवाता है । हे परमात्मा तू तो दया का सागर है , फिर बता तू क्यूँ कभी-कभी निर्दयी हो जाता है । ©Ravindra Singh #विधवानारी #विधवा ये पंक्तियाँ लिखी है मैंने एक उस स्त्री को ध्यान में रखते हुए जिसकी उम्र लगभग ३५ वर्ष रही होगी, उसकी ५ बेटियाँ है उसके पति की कैंसर से मृत्यु हो गई है कुछ साल पहले , उसने दूसरी शादी नहीं की ये सोचकर कहीं उसकी बेटियों की ज़िंदगी बर्बाद न हो जाए । उसका दर्द बहुत गहरा है मगर वो खुलकर रो भी नहीं सकती सिर्फ़ इस वजह से कि कहीं उसकी बेटियाँ कमजोर न पड़ जाए । ऐसी इस संसार में न जाने कितनी औरतें हैं जिनके पति के जाने के बाद घुट-घुट कर अपना सारा जीवन गुज़ारती हैं । ये पंक्तियाँ मैंने उ
#विधवानारी #विधवा ये पंक्तियाँ लिखी है मैंने एक उस स्त्री को ध्यान में रखते हुए जिसकी उम्र लगभग ३५ वर्ष रही होगी, उसकी ५ बेटियाँ है उसके पति की कैंसर से मृत्यु हो गई है कुछ साल पहले , उसने दूसरी शादी नहीं की ये सोचकर कहीं उसकी बेटियों की ज़िंदगी बर्बाद न हो जाए । उसका दर्द बहुत गहरा है मगर वो खुलकर रो भी नहीं सकती सिर्फ़ इस वजह से कि कहीं उसकी बेटियाँ कमजोर न पड़ जाए । ऐसी इस संसार में न जाने कितनी औरतें हैं जिनके पति के जाने के बाद घुट-घुट कर अपना सारा जीवन गुज़ारती हैं । ये पंक्तियाँ मैंने उ
read moreI_surbhiladha
कसूर न है उसका विधवा हो जाना, शादी के बाद उसके मायके में भी कोई जगह नहीं, क्योंकि बिना पति के उसे अब कोई पूछता भी नहीं।। माना की वह इतनी पढ़ी-लिखी नहीं है फिर भी वह ... अपने बच्चों के लिए किसी के घर में काम करके भी पैसे जोड़ ही लेती है , कोई मिल जाए तुमको कभी " ए -दुनिया - वालो" घाव भर न सको उसके तो घाव कभी हरे भी न करना..।। ©I_surbhiladha #सुरभी_लड्डा #विधवा #widow #life #nojato #isurbhiladha #Zindagi #paisa
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read more#काव्यार्पण
यह विधवा गूंगी है क्या?? #विधवा #नारी #Kavyarpan nojoto #BoloDilSe love #Karwachauth -hardik Mahajan PRIYANKA GUPTA(gudiya) #शुन्य राणा Jazbaati Shayar harsha mishra R Ojha ANOOP PANDEY अब्र (Abr) Gautam @_सुहाना सफर_@ (Mukesh) RJ09 बदनाम Haal E Dil Sircastic Saurabh Kattar sanatani**Dipa sahu** शिवोम उपाध्याय Anshu writer Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Prince_" अल्फाज़" विवेक ठाकुर "शाद" Shripnya Pandey
read moreShivangi
सौभाग्य क्या छीना मुझसे रंग छिन गया श्रृंगार छिन गया नाम छिन गया संसार छिन गया हो गई मैं अब अपशगुनी, नाम दे दिया विधवा दे दिया सफेद रंग जो अब ना रही मैं सधवा छीन गया हक मुझसे रंगों में रंग जाने का भर के मांग में सिंदूर सुहागन कहलाने का शुभ काम में जा नहीं सकती अच्छा खाना खा नहीं सकती पैर में रंग लगा नहीं सकती हाथ में मेहंदी रचा नहीं सकती शेष भाग अनुशीर्षक में 👇- #paidstory मांग में कुमकुम नहीं न बिंदी मैं लगाती हूं आंखों के काजल को अब आंसू से मिटाती हूं दुनिया के नजरों में अब बेचारी बन गई दया की पात्र और दर्द की भागीदारी बन गई।। जो दिख गई सुबह तो खरी खोटी मुझे सुनाते हैं
#paidstory मांग में कुमकुम नहीं न बिंदी मैं लगाती हूं आंखों के काजल को अब आंसू से मिटाती हूं दुनिया के नजरों में अब बेचारी बन गई दया की पात्र और दर्द की भागीदारी बन गई।। जो दिख गई सुबह तो खरी खोटी मुझे सुनाते हैं
read moreCM Chaitanyaa
बिंदी उतरने के साथ ही उतर जाता है, उसका जीवन भी बस बिंदी होने से, ही तो जीवित रहती है एक स्त्री ! #बिंदी #विधवा #yqdidi #yqhindi #life #poetry #sadquotes #yqbaba
Poonam Ritu Sen
तुम चलो साथ मेरे या छोड़ दो मेरे हिस्से में तन्हाई, अब तुम्हारी नहीं है जरूरत मुझे,मेरी परछाईं.. Performed this piece in Your Quote open mic volume 5 Raipur तुम चलो साथ मेरे या छोड़ दो मेरे हिस्से में तन्हाई, अब तुम्हारी नहीं है जरूरत मुझे,मेरी परछाईं.. 1. एक लड़की रात को दफ्तर से घर अकेले जाते हुए परछाईं के लिये कहती है- डर के साये में चल रही थी रात के अंधेरे में,सुनी सड़कों में खामोश गलियों में,अनजाने राहों में
तुम चलो साथ मेरे या छोड़ दो मेरे हिस्से में तन्हाई, अब तुम्हारी नहीं है जरूरत मुझे,मेरी परछाईं.. 1. एक लड़की रात को दफ्तर से घर अकेले जाते हुए परछाईं के लिये कहती है- डर के साये में चल रही थी रात के अंधेरे में,सुनी सड़कों में खामोश गलियों में,अनजाने राहों में
read moreKrish Vj
ग़ज़ल:_ विधवा आह!आह! करती रही वो 'ज़िन्दगी' ने ना तरस खाया चिंतित मन बेचारा उसका, कहा उसने यूँ सुकून पाया छिन गई माथे की बिंदिया, रंग लाल, सफ़ेद हो आया वक़्त का सितम कहूँ? इसे मैं या कहूँ कर्मों का साया अपशकुनी,डायन और कुल नाशीनी यही नाम है पाया अश्क मोती बन झलकते रहें, कौन! इन्हें है पोंछ पाया आया बसंत बन पतझड़ यूँ, पिया मुखड़ा देख ना पाया बर्बाद हुई, लाचार हुई, सफ़र में ही हमसफ़र खो आया विधवा हूँ, कुछ नहीं मैं कर सकती,'ज्ञान' सबने सुनाया सिमट गई 'ज़िंदगी' अँधेरों संग, उजाला भी दूर लौटाया कवि सम्मेलन 3 चतुर्थ ग़ज़ल:_ विधवा #kkकविसम्मेलन #kkकविसम्मेलन3 #kk_krishna_prem #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #विधवा #collabwithकोराकाग़ज़ #अल्फाज_ए_कृष्णा
कवि सम्मेलन 3 चतुर्थ ग़ज़ल:_ विधवा #KKकविसम्मेलन #KKकविसम्मेलन3 #kk_krishna_prem #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #विधवा #collabwithकोराकाग़ज़ #अल्फाज_ए_कृष्णा
read morepooja d
विधवापण माझ्याच नशिबी का??? ( Read in caption) नक्की वाचा आणि आवडल्यास comment आणि तुमचं मत कळवा.. विधवापण माझ्याच नशिबी का, मरण कुणाला कधी चुकलं आहे का?? त्याच्या मरणाची शिक्षा मला का?? माझा शृंगार ओरबाडण्याचा अधिकार तुम्हाला आहे का?? कुंकवाचा अधिकार लग्नानंतरच नाही भेटला का म्हणून तुम्ही पुसून टाकला??? नवरा गेल्यावर शृंगार नको म्हणे बायको मेल्यावर पुरुषाला कोणती बंधन असे???
विधवापण माझ्याच नशिबी का, मरण कुणाला कधी चुकलं आहे का?? त्याच्या मरणाची शिक्षा मला का?? माझा शृंगार ओरबाडण्याचा अधिकार तुम्हाला आहे का?? कुंकवाचा अधिकार लग्नानंतरच नाही भेटला का म्हणून तुम्ही पुसून टाकला??? नवरा गेल्यावर शृंगार नको म्हणे बायको मेल्यावर पुरुषाला कोणती बंधन असे???
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